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Sunday, May 12, 2013

त्रिपुरा में रोजवैली पर कार्रवाई से बंगाल,बिहार और झारखंड में हड़कंप

त्रिपुरा में रोजवैली पर कार्रवाई से बंगाल,बिहार और झारखंड में हड़कंप


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


त्रिपुरा में एक और चिटफंड कंपनी रोजवैली के खिलाफ जारी अभियान से बंगाल में ऐसी कंपनियों में हड़कंप मच गया है।रोजवैली के दो निदेशकों की गिरफ्तारी के बाद  फिर गोमती और सिपाहीजला जिलों में इसी कंपनी के दफ्तरों को सील कर दिया गया है।एजंटों ने अदालत में पेश कंपनी क अधिकारियों के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन किया।वहां स्थिति तनाव पूर्ण हो जाने की वजह से पश्चम त्रिपुरा जिले में निषेधाज्ञा जारी कर दी गयी है। मालूम हो कि कर्मचारी संगठनों की ओर से बंगाल के अखबारों में प्रकाशित विज्ञापनों में रोजवैली के बीस लाख फील्डवर्कर होने का दावा किया गाय है। ये बंगाल के अलावा उत्तर पूर्व राज्यों में सक्रिय हैं। गौरतलब है कि शारदा समूह के मात्र साढ़े तीन लाख एजंट बताये जाते हैं।देश के बाजार नियामक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कोलकाता की रोज वैली और कुछ अन्य गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को लोगों से जमा स्वीकार करने पर रोक लगा दी थी। रोज वैली वर्ष 1999 में एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में स्थापित हुई थी, जो कंपनी अधिनियम 1956 के तहत पंजीकृत है। यह कंपनी देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर हिस्से में सक्रिय है। यह कंपनी अस्पताल, फिल्म, होटल, मनोरंजन पार्को, रीयल एस्टेट और निर्माण, औद्योगिक उपक्रमों में सक्रियता के अलावा जमा स्वीकार करती है। पूरे त्रिपुरा में पिछले दो सप्ताह से गैर बैंकिंग कंपनियों के खिलाफ पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा छापे की कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान कई दस्तावेज और संपत्तियां जब्त की गई हैं। रोज वैली के दो अधिकारियों की गिरफ्तारी के साथ त्रिपुरा में 27 अप्रैल से अब तक पांच चिट फंड कंपनियों के नौ महत्वपूर्ण अधिकारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। गिरफ्तार अधिकारियों में एक महिला भी शामिल है। आगरतला में सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (सदर) माणिक लाल दास ने कहा, "रोज वैली के त्रिपुरा में स्थित मुख्य कार्यालय में शुक्रवार से शुरू हुई छापे की कार्रवाई अभी तक जारी है। पुलिस ने कंपनी के क्षेत्रीय निदेशक अशोक साहा और अगरतला कार्यालय के शाखा प्रबंधक अनुपम भट्टाचार्य को शुक्रवार रात गिरफ्तार कर लिया।" रोज वैली के अधिकारियों की गिरफ्तारी और इसके कार्यालय को सील किए जाने के बाद किसी भी अप्रिय स्थिति को टालने के लिए राजधानी में बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।


रोजवैली पर कार्रवाई से कोलकाता में टालीवूड में भारी बेचैनी पैदा हो गयी है। क्योंकि बांग्ला फिल्म उद्योग में इस कंपनी का भारी निवेश है। गौतम घोष द्वारा निर्देशित व पुरस्कृत फिल्म `मनेर मानुष' सुपरहिट है तो अब बाक्स आफिस पर दूसरी पुरस्कृत फिल्म कौशिक गांगुली द्वारा निर्देशित `शब्द' धूम मचा रही है। इस फिल्म में राइमा सेन की मुख्य भूमिका है।बांग्ला फिल्म उद्योग थर्रा रहा है। ऐसी कंपनियों ने जिन फिल्मों में पैसा लगाया था, वे लटकती दिख रही हैं।


इसके साथ ही बंगाल और कोलकाता की पहचान रहे फुटबॉल की दुनिया में भी बवंडर मच गया है।बड़े क्लबों से प्रायोजक के तौर पर कोई न कोई चिटफंड कंपनी जुड़ी थी। अब शारदा समूह समेत विभिन्न कंपनियों की ओर से हजारों करोड़ के चिटफंड घोटाले के सामने आने के बाद ऐसी कंपनियां अपना हाथ खींच रही हैं।फिल्म उद्योग की तरह खेल जगत को भी अब प्रायोजकों का टोटा पड़ने का खतरा है।सबसे बड़ा नुकसान आईएफए लीग चैंपियन प्रयाग यूनाइटेड एससी को होना तय है। इस क्लब की मुख्य प्रायोजक चिटफंड कंपनी प्रयाग है।रोजवैली भी ईस्ट बंगाल के साथ जुड़ी है।शारदा समूह ने पिछले तीन साल में मोहन बागान में 1.8 करोड़ और ईस्ट बंगाल में साढ़े तीन करोड़ रुपए का निवेश किया था। शाहरुख खान आईपीएल फ्रैंचाइजी कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) के मालिकों में से एक हैं। इसकी प्रमुख प्रायोजक रोज वैली है। आईपीएल को भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों में प्रसिद्धि मिल गई है, जिससे इन ब्रांडों का दायरा बढ़ा है।  केकेआर का रोज वैली के साथ 5.5 करोड़ रुपये में 2 साल के लिए समझौता हुआ है। अगर सब कुछ सही चलता है तो उम्मीद की जा रही थी कि इस सौदे की अवधि अगले 2 साल के लिए और बढ़ जाएगी।लेकिन त्रिपुरा में हुए हादसे के बाद लगता है कि यह मामला भी खटाई में पड़ गया है।वहीं दूसरी ओर खान प्रयाग फिल्म सिटी के ब्रांड अंबेसडर भी हैं, जो प्रयाग समूह की परियोजना है। प्रयाग समूह अपनी ब्रांडिंग को लेकर खासा सक्रिय है, जिसका प्रचार खान करते नजर आते हैं। वहीं तारिका सोहा अली खान और उनकी मां शर्मिला टैगोर ने भी प्रयाग समूह के एक बिस्कुट के ब्रांड के प्रचार करेंगी।



गौरतलब है कि चिटफंड कंपनियों को लेकर बंगाल के विपरीत त्रिपुरा में कोई राजनीतिक विवाद न होने की वजह से इस धंधे के खिलाफ मुहिम तेज है। जबकि विपक्ष के नेताओं ने निवेशकों और एजंटों के हित देखने की मांग की है।पक्ष प्रतिपक्ष के बीच बंगाल की तरह दोषारोपण भी नहीं हो रहा है।रोज वैली के बिहार, झारखंड और ओडिशा में कार्यालयों के बंद होने और छापे की कार्रवाई से त्रिपुरा में एजेंटों में भय व्याप्त हो गया है।बंगालभर में रोजवैली के कार्यालयों पर प्रदर्शन हो रहे हैं तो बिहार , झारखंड और ओड़ीशा में भी जनरोष से रोजवैली के दफ्तरों को बचाना पुलिस के लिए सरदर्द साबित हो रहा है।दुर्गापुर शहर के सिटी सेंटर स्थित रोज वैली के कार्यालय में बुधवार की सुबह निवेशकों ने जमकर हंगामा किया और रुपया वापस लौटाने की मांग की। सूचना मिलने पर पुलिस ने पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया।कूचबिहार के बाद जलपाईगुड़ी शहरी क्षेत्र में सक्रिय ऐसी 33 संस्थाओं से लिखित रूप से कई स्पष्टीकरण मांगे गए हैं।इस सूची में रोज वैली, आइकोर, वैमेल ग्रुप, राहुल हाइ राइज, प्रयाग ग्रुप, एमपीएस जैसी संस्थाओं के नाम शामिल हैं।


वहीं झारखंड के घाटशिला में रोज वैली कार्यालय में अपने निवेश को वापस लेने शुक्रवार को निवेशकों की भीड़ जुटी।सैकड़ों की संख्या में निवेशक अपना पैसा लेने के लिए कार्यालय के बाहर कतार में लगे हुए थे।भीड़ पर काबू करने के लिए प्रबंधन द्वारा स्थानीय पुलिस का सहयोग लेना पड़ा। पुलिस द्वारा अनियंत्रित भीड़ को समझाते हुए कतार में लग कर निवेश वापसी आवेदन भरने को कहा गया। इसके बाद निवेशक कुछ शांत हुए और कतार में लग कर अपने निवेश किए राशि वापसी के लिए आवेदन जमा करने लगे।वहीं, मंगलम, जीएनटी, इक्विनॉक्स, शिशोर के खिलाफ अनुमंडल प्रशासन द्वारा छापामारी कर कागजात सही नहीं पाए जाने के विरोध में कंपनियों के कार्यालय को सील किए जाने और प्रबंधकों को जेल भेजे जाने से झारखंड में जमापूंजी चिटफंड कंपनियों के हवाले करनेवाले निवेशक परेशान हैं।बेनाचिति के सिटी सेंटर अंबूजा इलाके में स्थित रोज वैली नामक चिटफंड कंपनी के कार्यालय के समक्ष गुरुवार को निवेशकों ने जमकर हंगामा किया।


पटना में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ प्रशासन ने धर-पकड़ अभियान और तेज कर दिया है। शुक्रवार को पटना पुलिस ने रोज वैली के एकाउंट फ्रीज कर दिए जबकि अररिया में सैकड़ों लोगों को ठग चुके एक चिटफंड कंपनी के प्रबंध निदेशक और मार्केटिंग अफसर को गिरफ्तार किया गया। मोतिहारी में चार कंपनियों के खिलाफ चले अभियान में 41 लोग पुलिस की गिरफ्त में आए। राज्य प्रशासन ने सभी एसपी और डीएम को इस संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, जिसका असर दिख रहा है।पटना में  'रोज वैली होटल एंड इंटरटेनमेंट लिमिटेड' में गुरुवार को हुई छापेमारी के बाद शुक्रवार को पुलिस ने मनी लाउंड्री एक्ट के तहत कंपनी के दो बैंक एकाउंट को फ्रीज कर दिया है।अररिया में विश्वा एसीएमई के नाम से चल रहे चिटफंड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर विश्वनाथ राय एवं मार्केटिंग अफसर गणेश गिरी को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों संस्थान को बंद कर भागने की तैयारी में थे।


ओड़ीशा के सुंदरगढ़ जिले में चिट फंड कंपनियों के एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापामारी की गई एवं यहां से दस्तावेज व कंप्यूटर डाटा जब्त किये गये हैं।राउरकेला में शनिवार को  पुलिस ने सिविल टाउन के टीटी-6 स्थित चिटफंड कंपनी संचय के कार्यालय में छापामारी कर यहां से कंप्यूटर सीपीयू व अन्य सामग्रियां जब्त की। शुक्रवार को सेक्टर-7 थाना इलाके में चल रहे चिट फंड कंपनी मिलन ज्योति, झीरपानी थाना इलाके में चल रहे युनाइटेड इंडिया ग्रुप, उदितनगर थाना इलाके में माइक्रो फाइनेंस लिमिटेड, ब्राह्मणीतरंग थाना इलाके में डीपी फाइनेंस कार्पोरेशन इंडिया लिमिटेडट, राउरकेला मल्टि पर्पस को-आपरेटिव लिमिटेड, माइक्रो लीजिंग एंड फंडिंग लिमिटेड, लाठीकटा स्थित माइक्रो फाइनमेंस लिमिटेड, वणई स्थित माइक्रो फाइनेंस लिमिटेट, रोज वैली होटल एंड इन्वेसमेंट लिमिटेड, उड मेचुअल बेनिफिट लिमिटेड के कार्यालय पर छापामारी की।


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