Palah Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

what mujib said

Jyothi Basu Is Dead

Unflinching Left firm on nuke deal

Jyoti Basu's Address on the Lok Sabha Elections 2009

Basu expresses shock over poll debacle

Jyoti Basu: The Pragmatist

Dr.BR Ambedkar

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Tuesday, May 14, 2013

हवाला मार्फत चिटफंड का पैसा पार, बदस्तूर जारी है कारोबार!

हवाला मार्फत चिटफंड का पैसा पार, बदस्तूर जारी है कारोबार!


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


प्रवर्तन निदेशालय शारदा फर्जीवाड़े मामले की जांच के सिलसिले में अदलात की शरण में जाना तय किया है। ईडी का आरोप है कि इस चिटफंड ​​कंपनी में जमा आम निवेशकों के सैकड़ों करोड़ रुपये हवाला के मार्फत खाड़ी देशों में स्तानांतरित हो गया है। इसी सिलसिले में तफतीश के लिए​​ विधाननगर  पुलिस कमिश्नरेट से ईडी ने जरुरी दस्तावेज मांगे, तो उसका आवेदन ठुकरा दिया गया। ईडी अधिकारियों का आरोप है कि राज्य सरकार जांच में कोई सहयोग नहीं कर रही है। जबकि सुदीप्त इस वक्त विधाननगर कमिश्नरेट पुलिस की हिफाजत में है। लिहाजा ईडी अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटायेगा।


समझा जाता है कि केंद्रीय वित्तमंत्रालय भी इस आर्थिक अपराध के बारे में सिलसिलेवार तरीके से जांच करने का निर्देश ईडी को जारी कर दिया है।प्रवर्तन निदेशालय को मनी लांड्रिंग कानून के तहत इस मामले में जांच करना चाहती है।प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के अनुसार वह कंपनी के कारोबार और शारदा समूह के अध्यक्ष सुदीप्त सेन ओर उनके करीबी सहायकों द्वारा व्यक्तिगत तौर पर किए गए लेन-देन और विभिन्न निवेश योजनाओं के जरिए समूह द्वारा किए गए कारोबारों की भी जांच करेगा ।कंपनी के खिलाफ निदेशालय के गुवाहाटी ऑफिस में मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कराया गया है। इससे पहले शारदा ग्रुप के खिलाफ पश्चिम बंगाल की पुलिस, सेबी, आयकर विभाग और कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय पहले से ही जांच कर रहा है।


मालूम हो कि ईडी की जांच टीम गुवाहाटी से कोलकाता आयी थी। अब संबावना है कि गुवाहाटी से ही सीबीआई टीम आ धमक सकती है किसी भी दिन!


अब  सीबीआई जांच के मामले में कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है। लेकिन ईढी की दलील है कि राज्य सरकार की ओर से अभी तक इस मामले में कोई एफआईआर तक दर्ज नहीं किया गयया है और न ही शारदा समूह की कोई संपत्ति जब्त की गयी है, जबकि पुलिस एक हजार करोड़ की संपत्ति का पता लगाने का दावा कर रही है। आज भी सुदीप्त सेन को लेकर पुलिस ने तलाशी अभियान जारी रखा।


सबसे खतरनाक है कि शारदा समूह के भंडाफोड़ के बावजूद, मुख्यमंत्री की चिटफंड में पैसा जमा न करने की सलाह के बावजूद, विभिन्न राज्यों में चिटफंड कार्यालयों को सील करने और गिरफ्तारियों के बावजूद बंगाल में इस वक्त छोटी बड़ी सैकड़ों चिटफंड फर्जी कंपनियों का कारोबार चल रहा है।अकेले मुर्शिदाबाद जिले में इस तरह २४६ कंपनियां सक्रिय हैं और उनपर को अंकुश नहीं है। पोंजी मार्फत रोजाना निवेश का सिलसिला बदस्तूर जारी है और राज्य सरकार ने इसे रोकने के लिए अबीतक कोई कदम नहीं उठाया है। जबकि इस सिलसिले में गठित श्यामल सेन जांच आयोग के सामने लाखों शिकायतें जमा हो गीय है। दूसरी तरफ रोज आत्महत्या की वारदातें हो रही हैं। चिटफंड कंपनियों से धोखा खाकर एजंटों , निवेशकों के अलावा छोटी कंपनियों के मालिक तक आत्महत्या कर रहे हैं। जनरोष की वजह से कानून और व्यवस्था का संकट खड़ा हुआ है। सरकार लाखों एजंटों को तो सुरक्षा दे नहीं सकती, लेकिन फौरन  फर्जी कंपनियों की ओर से बिना सेबी और रिजर्व बैंक के सर्टिफिकेट महज कंपनी कानून और ट्रेड लाइसंस के सहारे बाजार से धन वसूली का सिलसिला तो रोक सकती है!


ईडी के मुताबिक जिस तरह से हवाला मार्फत निवेशकों का पैसा बाहर जा रहा है, किस किस को मुआवजा देगी सरकार?


देश में ना जाने कितनी ऐसी चिटफंड कंपनियां चल रही हैं, जो लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर उनकी मेहनत की कमाई लूट रही हैं । मगर बावजूद इसके इन कम्पनियों के संचालकों के लिए कभी कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है ।गुजरात के सूरत शहर में रहने वाले हजारों लोगों की मेहनत की कमाई एक ऐसी ही चिटफंड कंपनी लेकर रफूचक्कर हो गई है ।ग्रीन इंडिया परिवार नाम की इस कम्पनी का यह सिलसिला वर्ष २०१३ के फरवरी महीने तक चला उसके बाद कम्पनी के ऑफिस में ताला मारकर कर्मचारी रफूचक्कर हो गए। जब तक इस कम्पनी में निवेश करने वाले हजारों लोग खुद को ठगा हुआ महसूस करते तब तक काफी देर हो चुकी थी। अकेले सूरत से लोगों के पिछले ३ सालों में १५ करोड़ स्र्पए की ठगी करके कंपनी के कर्ताधर्ता फरार हो गए।


इसी बीच मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने प्रदेश में फैली चिट फंड कंपनियों की कार्यशैली और आम जनता को बेवकूफ बना कर उनकी गाढ़ी कमाई को लूटने को लेकर की गई तल्ख़ टिप्पणी के बाद भी सरकार और जांच एजेंसियां अभी तक किसी भी ठोस कार्रवाई पर नहीं पहुंची है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने इस मामलें की सीबीआई जांच के आदेश दिए लेकिन सीबीआई अभी तक इस मामले में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी है। आज हालात ये है कि मध्य प्रदेश के साथ ही ये कम्पनियां धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश में भी अपना चार सौ बीसी का धंधा फैला रही है।


मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने अपने एक आदेश में उन 33 कंपनियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए है लेकिन राज्यों की सरकारों में अपनी जड़े गहरी जमा चुकी इन कंपनियों और इनके मालिकानो की सेहत पर फिलहाल कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। हालात ये है की मध्य प्रदेश में सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा भी सरकारे में अपनी जड़े जमाये बैठे इन कंपनियों के मालिकानो और कंपनियों की कार्यशैली की जांच नहीं कर पाई जिसकी वजह समझ से परे है। लगातार शिकायतें मिलने के बाद ग्वालियर हाईकोर्ट ने इन कंपनियों की जांच करने के लिए सीबीआई की दिल्ली मुख्यालय स्थित कार्यालय को लिखा है|


सीबीआई की आर्थिक मामलों की जांच करने वाली शाखा नंबर 3 को स्थानांतरित कर दिया गया| आज हालत ये है कि ये शाखा भी कुछ ख़ास नहीं कर पाई । जांच ना होने की दिशा में कम्पनियां लगातार लोगो को चूना लगा रही है। साथ ही हर साल लाखों लोग इन कंपनियों द्वारा ठगे जा रहे है । मध्य प्रदेश से लगायत उत्तर प्रदेश में ऐसी 33 कंपनिया काम कर रही है जिनकी जांच के आदेश हाईकोर्ट ने दिए है लेकिन सीबीआई के साथ-साथ , लोकल पुलिस , साथ ही पैसे के मामले और लेनदेन पर नज़र रखने वाली RBI , निवेशको के हित पर नज़र रखने वाली सेबी , आयकर विभाग , वित्त मंत्रालय , प्रवर्तन निदेशालय शायद सहारा और

शारदा

जैसी कंपनियों में किये गए बड़े घोटाले का इंतज़ार कर रही है ।


No comments:

Post a Comment