शिवसेना की चेतावनी: हिन्दुत्व से पीछे न हटे भाजपा

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह द्वारा यह कहे जाने पर कि अगला आम चुनाव भारतीय जनता पार्टी हिन्दुत्व के मुद्दे पर नहीं लड़ेगी, शिवसेना ने तगड़ा विरोध कर दिया है। राजनाथ सिंह के बयान की कटु आलोचना करते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा है कि "जनभावना का ख्याल करके भारतीय जनता पार्टी को हिन्दुओं की आवाज बुलंद करनी चाहिए।" सामना के संपादकीय में राजनाथ सिंह के उस बयान की आलोचना की गई है कि ''आगामी चुनाव हिन्दुत्व के मुद्दे पर नहीं लड़े जाएंगे। हिन्दुत्व अब प्रचार का मुद्दा नहीं है।"
अपने संपादकीय हिन्दुत्व छोड़ना आत्मघात में सामना लिखता है कि "भारतीय जनता पार्टी को एक बार दिल्ली की जो सत्ता मिली है तो सिर्फ हिन्दुत्व के चलते। हिन्दुत्व का त्याग करने के बाद जो नुकसान हुआ है तो उसकी क्षतिपूर्ति आज तक नहीं हो पाई है।" अपने संपादकीय में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सलाह देते हुए सामना लिखता है कि अगर आज की परिस्थिति में स्यंभू हिन्दू हितरक्षक धर्मनिर्पेक्षता का ताल मंजीरा पकड़ लेगें तो हिन्दुओं को अच्छा नहीं लगेगा।
भाजपा नेता और गुजरात के मुख्यमंत्री के धर्मनिर्पेक्ष होने की कवायद की भी शिवसेना ने आलोचना की है। नरेन्द्र मोदी को हिन्दुत्व की केमिकल फैक्टरी का निदेशक कहते हुए सामना अपने संपादकीय में लिखता है कि "यह वातावरण हिन्दुओं को निराश करनेवाला है। हर किसी को धर्मनिर्पेक्ष बनने की जल्दबाजी है।"
भाजपा अध्यक्ष द्वारा हिन्दुत्व का मुद्दा छोड़ने की बात पर शिवसेना का कहना है कि ऐसे वक्त में जब चुनाव सामने है और सबको हिन्दुत्व का महत्व समझाने का वक्त है तब मित्रदल भाजपा हिन्दुत्व की तलवार को म्यान में रखने की बात कर रही है।
धर्मनिर्पेक्षता को कांग्रेस का रोग बताते हुए सामना अपने संपादकीय में लिखता है कि कांग्रेस सहित सभी धर्मनिर्पेक्ष दल धर्म निर्पेक्षता के नाम पर मुसलमानों की दाढ़ी सहलाते हैं और हिन्दुओं को लात मारते हैं। सामना अपने संपादकीय में लिखता है कि हिन्दुत्व से दूर जाना धर्मनिर्पेक्षता का पासपोर्ट हो गया है।

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