Tuesday, September 23, 2025
Our people settled in Diglipur, Andmsm
डिगलीपुर Diglipur,अंडमान में भी हमारे लोगों का पुनर्वास हुआ
डिगलीपुर भारत के अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में उत्तरी अंडमान द्वीप पर स्थित एक शहर है। यह पोर्ट ब्लेयर से लगभग 298 किलोमीटर उत्तर में, एरियल खाड़ी के किनारे बसा है। डिगलीपुर अपने प्राकृतिक सौंदर्य जैसे कि रॉस और स्मिथ द्वीपसमूह, अल्फ्रेड गुफाएँ, मड ज्वालामुखी और सैडल पर्वत के लिए प्रसिद्ध है।
उत्तरी और मध्य अंडमान निकोबार द्वीप समूह में पहाड़ों और घने जंगलों के बीच पूर्वी बंगाल के विभाजनपीडित विस्थापितों को बसाया गया। सुनामी की जद में हैं ये द्वीप समूह।
As per the population census in 2011, the total number of households listed under Diglipur tehsil was 10,702.
दिनेशपुर हाईस्कूल में 1967 से 1970 तक मेरे अंतरंग मित्र थे विष्णु पद मंडल। जो दिनेशपुर से समुद्र लांघकर अंडमान के डिगलीपुर में बस गए।अस्सी या नब्बे के दशक में।तब मैं धनबाद में था या कोलकाता में,याद नहीं आ रहा।क्योंकि स्कूल के बाद नैनीताल पढ़ते वक्त उससे दिनेशपुर में मुलाकात हो जाती थी।धनबाद जाने के बाद उससे कभी मुलाकात नहीं हुई।
हमने मिलकर किशोरों की एक संस्था का गठन किया था। नवीन संघ उस संस्था का नाम था।तब हम सातवीं में पढ़ते थे,तब नवीन संघ का गठन हुआ।अध्यक्ष थे मेरे दिवंगत मित्र कृष्णपाद मंडल। उसके नेतृत्व में प्रायमरी में पढ़ते हुए बसंतीपुर में नवीन संघ बना था,जिसमें Nityanand Mandal की बड़ी भूमिका थी।बसंतीपुर में हमारे साथ के सभी लड़के नवीन संघ में शामिल थे। हाईस्कूल में इसे पूरे तराई में विस्तृत करने की योजना थी।
तराई नवीन संघ के दो उपाध्यक्ष थे विश्वेश्वर मंडल और विष्णुपद मंडल।कोषाध्यक्ष नित्यानंद थे। 1970 में जब हम आठवीं में थे तो छमाही की परीक्षा में बांग्ला का प्रश्नपत्र हिंदी देवनागरी लिपि में देने के विरुद्ध हमने हड़ताल कर दी थी। इस हड़ताल के नेतृत्व में मैं था।जिला परिषद संचालित इस स्कूल के संचालक मंडल में पिताजी पुलिनबाबू थे,जो हड़ताल के खिलाफ थे। मुझे उन्होंने त्याज्य पुत्र घोषित कर दिया।
मेरे सारे सहपाठी और सारे सीनियर मेरे साथ थे।विष्णुपद तब रात दिन मेरे साथ होते थे। क्योंकि तीन महीने तक मैं बसंतीपुर नहीं लौटा और हर रोज किसी न किसी दूसरे गांव में बिताता था।
इसी दौरान मैं राधाकांतपुर में विष्णु के ससुराल में भी रहा। उसका गांव मकरंदपुर में था।लेकिन वह बचपन में ही घर जमाई बनकर रहता था।
विष्णु राधाकांतपुर में पत्नी और बच्चों को छोड़कर अंडमान चला गया और वहां दूसरी शादी कर ली डिगलीपुर में।पति पत्नी दोनों ज्योतिषी हैं। उनकी कोई संतान नहीं है। हाल में पहली पत्नी के निधन के बाद वह दिनेशपुर लौटा।छह महीने रहा।कब आया,कब गया मालूम नहीं चला।इतने अरसे बाद आया और मुलाकात नहीं हुई। अफसोस।
Languages
Bengali is the most spoken language in Diglipur tehsil. As of 2011 census, Bengali is spoken as the first language by 72.05 per cent of the tehsil's population.
Largest language populations in Diglipur are:
Bengali 31,113
Sadri 4,189
Kurukh 1,622
Hindi 1,485
Telugu 1,335
Tamil 1,314
Malayalam 791
Kharia 473
Munda 332. [3]
विकिपीडिया के मुताबिक
Diglipur (sometimes spelled Diglipore) is the largest town of North Andaman Island, in the Andaman Archipelago, India. It is located on the southern side of Aerial Bay, at 43 metres (141 feet) above sea level, 298 kilometres (185 miles) north of Port Blair. It is crossed by the Kalpong River, the only river of the Andaman islands. Saddle Peak, the highest point in the archipelago,[2] lies about 10 km to the south. Diglipur is also a county (tehsil) of the North and Middle Andaman District of the Andaman and Nicobar Islands union territory. Its area is 884 km2, and its population was 42,877 people as of 2001.[2]
डिगलीपुर की प्रमुख विशेषताएँ:
भौगोलिक स्थिति: यह उत्तरी अंडमान द्वीप पर स्थित है और कलपोंग नदी यहाँ से गुजरती है, जो इस द्वीपसमूह की एकमात्र नदी है।
पर्यटन स्थल:
रॉस और स्मिथ द्वीपसमूह: ये दो द्वीप एक पतले रेत के टीले से जुड़े हुए हैं, जो देखने लायक एक जादुई नज़ारा है।
अल्फ्रेड गुफाएँ: ये चूना पत्थर की गुफाएँ हैं जहाँ खाद्य स्विफ्टलेट्स (एक प्रकार का पक्षी) अपने घोंसले बनाते हैं।
मड ज्वालामुखी: श्याम नगर में निष्क्रिय और सक्रिय मड ज्वालामुखी देखे जा सकते हैं।
सैडल पर्वत: अंडमान द्वीपसमूह की सबसे ऊँची चोटी, सैडल पर्वत डिगलीपुर के पास स्थित है।
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