Wednesday, 21 March 2012 15:25 |
नयी दिल्ली, 21 मार्च (एजेंसी) शहर में 28.65 और गांवों में 22.42 रूपए से अधिक रोज कमाने वालों को गरीबी रेखा से उच्च्पर मानने के योजना आयोग के नए मानदंड की आज विपक्षी के साथ सरकार के सहयोगी दलों ने कड़ी आलोचना की और सदन में इस बाबत वक्तव्य देने की मांग की। गरीबी के बारे में योजना आयोग के नये आंकड़ों पर जद यू, भाजपा सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी थी। सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा कि यह आंकड़े किस आधार पर जारी किये गये हैं पता नहीं। उन्होंने आंकड़ों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि लिखा...पढ़ी से वास्तविक आकलन नहीं होगा, इसके लिए दूर..दराज गांवों में जाकर हकीकत देखनी होगी। उन्होंने कहा, ''योजना आयोग में बैठे लोगों को नहीं पता कि जमीनी हकीकत क्या है। उन्होंने गांवों की हकीकत दिखाई जाए। वे एसी में बैठकर आंकड़े तैयार कर लेते हैं। लोगों को बिजली, शुद्ध पानी नहीं मिल रहा।'' मुलायम सिंह ने कहा कि योजना आयोग में बैठे लोग देश के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। अभी देश में बीपीएल को लेकर सर्वेक्षण पूरा भी नहीं हुआ तो यह रिपोर्ट किस आधार पर आई है। उन्होंने कहा, ''योजना आयोग में बैठे लोगों को निकालकर बाहर करिये।'' सपा अध्यक्ष ने कहा कि हम सरकार के खिलाफ नहीं लेकिन सरकार के गलत कार्यों के विरुद्ध हैं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि आपको हस्तक्षेप करना चाहिए और देश को, सरकार को धोखा देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। चर्चा के बीच में कांग्रेस की ओर से वी. अरुण कुमार ने योजना आयोग के आंकड़ों का बचाव करने का प्रयास किया लेकिन विपक्षी दलों के हंगामे के बीच वह अपनी बात ठीक से नहीं रख सके। कुमार ने कहा कि आंकड़े बदलना जरूरी है तो बदले जाएंगे और चर्चा पर ऐतराज नहीं लेकिन ऐसी धारणा मत बनाइए कि हम गरीबों के खिलाफ हैं। बसपा के डॉ बलिराम ने कहा कि योजना आयोग के उक्त मानक को सहीं मान लें तो देश में गरीब ही नहीं मिलेंगे। उन्होंने योजना आयोग की हाल ही में जारी रिपोर्ट को तत्काल वापस करने के साथ ही सदन में गरीबी के आंकड़ों पर चर्चा कराने की मांग की। माकपा नेता वासुदेव आचार्य ने योजना आयोग की रिपोर्ट की निंदा करते हुए कहा कि योजना आयोग के उपाध्यक्ष अपने आंकड़ों को जायज ठहरा रहे हैं, जिस पर सरकार को तत्काल ध्यान देना चाहिए। उन्होंने मोंटेक सिंह को हटाने की मांग की। बीजद के भर्तृहरि महताब ने योजना आयोग पर पूरे देश को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए सरकार से इस बाबत जल्दी से जल्दी स्पष्टीकरण की मांग की। भाकपा सदस्य प्रबोध पांडा ने कहा कि पूरा देश योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के बयान से नाराज हैं और ऐसा लगता है कि वह खुद को संसद से उच्च्पर मानते हैं। |
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