सुनील दत्त पांडेय देहरादून, 19 मार्च। आखिरकार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा केंद्रीय राज्यमंत्री हरीश रावत को मनाने में कामयाब हो ही गए। रावत और बहुगुणा के बीच शनिवार रात दो बजे समझौता वार्ता शुरू हुई जो रविवार दोपहर बाद खत्म हुई। यह समझौता वार्ता दो चरणों में हुई। रावत और बहुगुणा के बीच हुए समझौते के तहत रावत के रिश्तेदार और कुमाऊं के लोहाघाट विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक महेंद्र सिंह महरा राज्यसभा में भेजे जाएंगे। महरा सोमवार को देहरादून में बहुगुणा और रावत की मौजूदगी में राज्यसभा के लिए परचा भरेंगे। महरा एनडी तिवारी की सरकार में कृषि मंत्री थे। वे इस बार लोहाघाट से विधानसभा का चुनाव हार गए थे। बहुगुणा-रावत के बीच हुए समझौते के तहत उत्तराखंड कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष रावत का समर्थक बनेगा। सूत्रों के मुताबिक महेंद्र सिंह महरा या प्रदीप टमटा में से कोई एक प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष होगा। मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य को बहुगुणा सरकार में मंत्री बनाया जा रहा है। इससे लगता है कि अब संगठन हरीश रावत के कब्जे में रहेगा और राज्य सरकार की बागडोर विजय बहुगुणा के हाथ में रहेगी। समझौते के बाद बहुगुणा और रावत ने एक-दूसरे को अपना छोटा-बड़ा भाई बताया और मिलजुल कर काम करने की बात कही। आने वाला समय ही बताएगा कि इन दोनों की दोस्ती कितने दिन चलती है। इस समझौते के बीच सबसे ज्यादा घाटा सतपाल महाराज और नारायण दत्त तिवारी के गुट को होगा। तिवारी से सोनिया गांधी को बहुत परहेज है। तिवारी के भतीजे मनीष तिवारी और उनके पूर्व ओएसडी आर्येंद्र शर्मा विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। दोनों को तिवारी के दबाव में विधानसभा के टिकट दिए गए थे। तिवारी के दामाद नवप्रभाव विधानसभा चुनाव जीते हैं लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक नवप्रभात से विकास नगर विधानसभा क्षेत्र से इस्तीफा दिलवाकर इस सीट से विजय बहुगुणा चुनाव लडेंÞगे। नवप्रभात को राज्य योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। ॉ बहुगुणा-रावत के बीच हुए समझौते के तहत बहुगुणा मंत्रिमंडल में इंदिरा हृदयेश, प्रीतम सिंह, भुवन चंद्र खंडूड़ी को हराने वाले सुरेंद्र सिंह नेगी, सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत, यशपाल आर्य, बसपा के सुरेंद्र राकेश, निर्दलीय विधायकों में मंत्री प्रसाद नैथाणी, हरीश दुर्गापाल और उत्तराखंड क्रांति दल पंवार के प्रीतम सिंह पंवार को जगह दी जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष हरीश रावत गुट के विधायक दिनेश अग्रवाल को बनाए जाने की संभावना है। इस तरह बहुुगुणा मंत्रिमंडल में हरीश रावत गुट का पलड़ा भारी रहेगा। सोमवार को विजय बहुगुणा, हरीश रावत, सतपाल महाराज, इंदिरा हृदयेश दिल्ली से देहरादून पहुंचेंगे। बहुगुणा के साथ रावत का समझौता होने से दोनों ही नेताओें को राहत मिली है। |
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