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Friday, March 16, 2012

बजट में आर्थिक सुधार की ओर कदम न उठाए जाने और उम्मीदों पर बजट खरा न उतरने से बाजार निराश

बजट में आर्थिक सुधार की ओर कदम न उठाए जाने  और  उम्मीदों पर बजट खरा न उतरने से बाजार निराश

पीएफ सूद में कटौती के बाद आयकर में मामूली राहत और बाकी टैक्स के बोझ से कुचले गये आम नौकरीपेशा लोगों को खुश करने की वित्तमंत्री की तरकीब भी फेल

मुंबई से  एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

आम मराठा मानुष और मुंबईकर ही नही बाकी देश के लोग भी महाशतक के जश्न में बजट के झटकों से उबरने की कोशिश कर रहे हैं।सचिन तेंडुलकर के ' महाशतक ' के पूरा होने पर उन्हें हर जगह से बधाइयां मिल रही हैं।आम आदमी को शुक्रवार को निराश होना पड़ा, जब केंद्र सरकार ने व्यक्तिगत आयकर में खास राहत नहीं दी और सेवा कर समेत विभिन्न करों में वृद्धि कर जनता पर 46 हजार करोड रुपए का अतिरिक्त बोझ लाद दिया। वहीं,
बजट में आर्थिक सुधार की ओर कदम न उठाए जाने  और  उम्मीदों पर बजट खरा न उतरने से बाजार निराश नजर आए।मल्टीब्रैंड रिटेल में एफडीआई, एविएशन सेक्टर में एफडीआई और वित्तीय घाटा कम करने पर ठोस कदम का ऐलान नहीं किया गया है। बाजार पर कुछ खास सकारात्मक प्रभाव डालने में बजट नाकाम रहा है। सेंसेक्स 210 अंक गिरकर 17466 और निफ्टी 63 अंक गिरकर 5318 पर बंद हुए।आज के कारोबार में बाजार में भारी उतार-चढ़ाव नजर आया। शुरुआती कारोबार में बाजार में तेजी आई। सेंसेक्स 100 अंक चढ़ा और निफ्टी 5400 के ऊपर चला गया।बजट की घोषणा के बाद असमंजस में दिखाई दिया। एसटीटी में कटौती बाजार के लिए अच्छी खबर रही। लेकिन सर्विस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी ने बाजार का मूड खराब किया।बजट ने बाजार को लाल निशान पर लाकर खड़ा कर दिया है। वहीं अब बाजार में तेजी के लिए बड़ा माध्यम नहीं दिखाई दे रहा है, ऐसे में एफआईआई पर बाजार की नजर होगी।शेयर बाजार के लिहाज से प्रणब बाबू ने इस बजट में कुछ खास नहीं किया। बाजार को उम्मीद की इस बजट में सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) को खत्म कर दिया जाएगा, लेकिन वित्त मंत्री ने उस में सिर्फ मामूली कमी की है। अब एसटीटी 0.1 फीसदी हो गई है।साथ ही डिलिवरी सौदो में एसटीटी को 20 फीसदी घटा दिया गया है। हालांकि बाजार को सबसे ज्यादा राहत इस बात से मिली है कि वित्त मंत्री ने थोड़ा व्यावहारिक होकर अगले साल के विनिवेश के लक्ष्य को घटा कर 30,000 करोड़ रुपये कर दिया है। इक्विटी मार्केट में निवेश बढ़ाने के लिए राजीव गांधी इक्विटी स्कीम का ऐलान किया गया है। स्कीम के तहत 10 लाख रुपये से कम आय वाले नए निवेशकों को 5 लाख रुपये तक के निवेश पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में 50 फीसदी की छूट मिलेगी। हालांकि इस स्कीम में 3 साल का लॉक इन पीरियड होगा।वहीं अप्रैल महीने में आरबीआई की पॉलिसी में प्रमुख दरों में कटोती की कोई उम्मीद नहीं लगती है।आशंका है कि  सरकार डीजल कीमतों में जल्द ही बढ़ोतरी करेगी।

उद्योग जगत ने वित्त वर्ष 2012-13 के बजट को निराशाजनक करार देते हुए कहा है कि इससे महंगाई बढ़ेगी और उपभोक्ता मांग प्रभावित होगी। उद्योग जगत ने कहा है कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बजट में अधिक कर जुटाने का प्रयास किया है और एक अवसर गंवा दिया है।इस बीच खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और रेल किराये में बढ़ोत्तरी पर मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार घटक दलों से विचार विमर्श करेगी और जब भी कोई कठोर निर्णय किया जायेगा, उन्हें साथ लिया जायेगा।मुखर्जी ने कहा कि कारपोरेट क्षेत्र के लिए यद्यपि कर दरें अपरिवर्तित हैं, लेकिन उन्होंने इस क्षेत्र के विस्तार के लिए धन की आसान उपलब्धता का भरोसा दिलाया। भले ही उन्होंने खास वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क दरें और सीमा शुल्क बढ़ा दी। मुखर्जी ने सेवा कर को मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है।उन्होंने सामाजिक कल्याण की योजनाओं व उद्योगों को लाभ पहुंचाने से लेकर राजकोषीय समेकन व क्षेत्र केंद्रित सुधारों जैसे कई प्रस्ताव गिनाए।मुखर्जी ने अपने भाषण की शुरुआत देश पर वैश्विक मंदी के कुप्रभाव से की, परंतु उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि सुधार के स्पष्ट संकेत हैं और 2012-13 में देश की विकास दर मौजूदा वित्त वर्ष के 6.9 प्रतिशत के मुकाबले 7.6 प्रतिशत होगी।

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने इसके पांच उद्देशय भी बताए। ये उद्देशय हैं:
1. घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार
2. निवेश में सुधार
3. विभिन्न क्षेत्रों में विकास की बाधाओं को दूर करना
4. 200 जिलों में कुपोषण की समस्या को दूर करना
5. सुशासन और काले धन के खिलाफ कदम

दूसरी तरफ पीएफ सूद में कटौती के बाद आयकर में मामूली राहत और बाकी टैक्स के बोझ से कुचले गये आम नौकरीपेशा लोगों को खुश करने की वित्तमंत्री की तरकीब भी फेल हो गई हैं।बजटीय प्रस्तावों से लोगों को व्यक्तिगत रूप से कुछ प्रत्यक्ष कर राहत मिलेगा, भले ही खाना-पीना, महंगी कारें खरीदना, हवाई यात्रा, कुछ पेशेवर सेवाओं का लाभ लेना और सोने के जेवरात खरीदना महंगा हो जाएगा। हकीकत तो यह है कि ज्यादा वेतन पाने वाले लोगों को टैक्स स्लैब में बदलाव का सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। 20 फीसदी टैक्स स्लैब की सीमा 8 लाख रुपये के बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई है। जिसका मतलब है 20000 रुपये की टैक्स बचत।बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ने और टैक्स स्लैब बदलने से छोड़ी राहत तो मिली है। लेकिन, सर्विस टैक्स और एक्साइज में बढ़ोतरी की वजह से चीजों के दाम बढ़ेंगे, जिससे घर का बजट डगमगा सकता है।आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने से पुरुषों को 2000 रुपये और महिलाओं को 1000 रुपये की बचत होगी। महिलाओं को अब अतिरिक्त टैक्स छूट नहीं मिलेगी।खास बात तो यह है कि आर्थिक सुधार लंबित जरूर है, पर देर सवेर उन पर अमल होने की तैयारी पूरी है। सिर्फ बाजार इस देरी और​ ​ राजनीतिक इच्छासक्ति के अभाव से सरकार से कोई उम्मीद नहीं रख पा रहा है। डीटीसी में प्रस्तावित कुछ मुद्दों को बजट में पेश करने के बाद अब वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी डायरेक्ट टैक्स कोड को पूरी तरह से अमल में लाना चाहते हैं। वित्त मंत्री ने इसी साल में डीटीसी को अमल में लाने पर जोर दिया है।प्रणव मुखर्जी का कहना है कि डीटीसी में प्रस्तावित आयकर की छूट के तहत ही टैक्स छूट का दायरा बढ़ाया गया है, ताकि डीटीसी लागू होने में आसानी होगी। वहीं डीटीसी के कुछ प्रस्तावों को इस बजट में शामिल किया गया है। संसदीय कमिटी ने डीटीसी पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। डीटीसी पर संसदीय कमिटी की रिपोर्ट इसी साल 9 मार्च को मिली है। अगर ये रिपोर्ट 3 महीने पहले मेरे आई होती बजट में डीटीसी लागू कर दिया जाता।प्रणव मुखर्जी का मानना है कि जीएसटी, डीटीसी लागू करने के लिए सभी पार्टियों की सहमति बेहद जरूरी है। लेकिन संवैधानिक संशोधनों के बिना जीएसटी को अमल में लाना मुमकिन नहीं है। यही वजह है कि जीएसटी लागू करने में देरी हो रही है।प्रणब मुखर्जी ने देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के स्पष्ट संकेतों के बीच सब्सिडी में कटौती करने, निवेश को बढ़ावा देने तथा सम्पूर्ण कर व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव की जरूरत पर जोर दिया। प्रणब ने कहा कि केन्द्र का कुल कर्ज जीडीपी का 45 प्रतिशत है। प्रतिभूति क्रय विक्रय कर की दर घटाई गई है। विदेश में रखी संपत्ति और दो लाख रुपये से अधिक के सोने चांदी की खरीद की जानकारी आयकर विभाग को देना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रत्यक्ष कर में रियायतों से 4500 करोड रुपये के राजस्व के नुकसान की जानकारी भी वित्त मंत्री ने दी।

नौकरीपेशा लोगों के लिए बुरी खबरें और भी हैं। 12 साल पहले 15 हजार रुपये तक के मेडिकल खर्चे पर टैक्स छूट दी गई थी। मेडिकल खर्चे इस बीच बेतहाशा बढ़ गए हैं, इसलिए उम्मीद थी कि यह सीमा बढ़ेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। काम की जगह पर आने-जाने के लिए 800 रुपये तक खर्च पर टैक्स छूट मिलती है। यह एक दशक से ज्यादा समय पहले तय किया गया था। इसे भी वित्त मंत्री नहीं बढ़ाया। रेल बजट में किराया बढ़ाकर विपक्षी व सहयोगी दलों के विरोध को झेलती हुई यूपीए सरकार ने अब ईपीएफ का ब्याज दर घटाकर श्रमिकों को परेशानी में डाल दिया है। केन्द्र सरकार के इस निर्णय से श्रमिक संगठनों में भी काफी आक्रोश व्याप्त है एवं श्रमिक संगठन केन्द्र सरकार के इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन करने की बात भी कह रहे हैं। पहले श्रमिकों को ईपीएफ पर साढ़े नौ फीसदी ब्याज मिलता था। अब उसे सवा आठ फीसदी कर दिया गया है।

विनिर्माण, बिजली और खनन सेक्टर को राहत और प्रोत्साहन के जरिए प्रमव बाबू ने बाजार को साधने की कोशिश जरूर की है। बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए उठाए गए कदम काफी अहम है। वहीं टैक्स फ्री इंफ्रा बॉन्ड्स की सीमा दोगुना करके 60,000 रुपये करना काफी सकारात्मक संकेत है।वहीं सरकार ने इस बजट में कैपिटल मार्केट की अहमियत को पहचाना है। हालांकि वित्तीय घाटा सरकार की कर्ज लेने की योजनाओं पर सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो सकता है। सोने के आयात पर सरकार ने ड्यूटी 2 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दी है। दरअसल आर्थिक मंदी के माहौल में बड़े पैमाने पर निवेशकों का पैसा सोने में जा रहा है। ऐसे में सोने की मांग बढ़ती जा रही है और मांग को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर सोने का आयात करना पड़ रहा है। लिहाजा इस साल देश से करीब 2.7 लाख करोड़ रुपये बाहर चला गया। इस चलन ने डॉलर के मुकाबले रुपये को भी काफी कमजोर कर दिया था। इससे चालू वित्तीय घाटा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में इस रकम को देश में रोकना सरकार की सबसे बड़ी चुनौती बन गई थी। सरकार का दावा है कि सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने से घरेलू बाजार समेत बैंकिंग सिस्टम में भी लिक्विडी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

फिक्की के अध्यक्ष आर वी कनोड़िया ने कहा कि इस बजट से अर्थव्यवस्था की रफ्तार नहीं बढ़ने वाली। वहीं सीआईआई के अध्यक्ष बी मुत्तुरमन ने कहा कि वह और अधिक की उम्मीद कर रहे थे और उत्पाद शुल्क आधारित प्रस्तावों से दाम और चढ़ेंगे। मुत्तुरमन ने कहा कि राजकोषीय घाटे को कम करने के कदम से अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।

सी के बिड़ला समूह के सिद्धार्थ बिड़ला ने कहा कि इस बजट ने मौका गंवा दिया। बायोकॉन की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने आशंका जताई कि बजट मुद्रास्फीतिक दबाव बढ़ाने वाला साबित होगा।

जे के समूह के हर्षपति सिंघानिया ने इसी तरह की राय जाहिर करते हुए कहा कि उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से महंगाई बढ़ेगी। नकदी की कमी से जूझ रही सरकार ने 2012-13 में 45,940 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अप्रत्यक्ष कर जुटाने का प्रस्ताव किया है। यह प्रस्ताव ऐसे समय किया गया है जब उद्योग जगत पहले से मांग की कमी से जूझ रहा है।

पेट्रोलियम उत्पादों पर सेस लगने की वजह से ऑयल एंड गैस शेयर टूटे। केर्न इंडिया, ओएनजीसी, ऑयल इंडिया, रिलायंस इंडस्ट्रीज 6-3.5 फीसदी गिरे।पावर उपकरणों के आयात पर ड्यूटी न बढ़ाए जाने की वजह से कैपिटल गुड्स और पावर शेयर 3 फीसदी कमजोर हुए। पीएसयू, मेटल, हेल्थकेयर, बैंक शेयर 2.5-2 फीसदी गिरे।रियल्टी, तकनीकी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स शेयरों में 1.25-0.5 फीसदी की गिरावट आई। आईटी शेयर सुस्ती पर बंद हुए।सन फार्मा 7 फीसदी टूटा है। जिंदल स्टील, एनटीपीसी, टाटा पावर, बीएचईएल, एलएंडटी, एसबीआई 4.25-3 फीसदी गिरे।हालांकि, एफएमसीजी शेयरों में 2 फीसदी की तेजी आई। डीजल गाड़ियों पर एक्साइज न बढ़ने से ऑटो शेयर हल्के चढ़े।साथ ही आईपीओ मार्केट में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी बढ़ाने के लिए भी वित्त मंत्री ने कदम उठाया है। अब 10 करोड़ रुपये से ज्यादा बड़े आईपीओ को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म लाना होगा। इससे देश के हर कोने से निवेशक आईपीओ में हिस्सा ले पाएंगे। सरकारी बैंकों को मदद करने के लिए वित्तमंत्री ने 15,800 करोड़ रुपये का निवेश करने का ऐलान किया है।मुश्किल में पड़े एयरलाइन सेक्टर की मदद के लिए वित्त मंत्री ने एफडीआई का ऐलान तो नहीं किया। लेकिन ये जरूर कहा कि एयरलाइन कंपनियों में 49 फीसदी विदेशी निवेश पर विचार जरूर चल रहा है। साथ ही उन्होंने एयरलाइंस को एक साल के लिए 100 करोड़ डॉलर ईसीबी के जरिए उठाने का प्रस्ताव दिया है।

बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए उठाए गए कदम काफी अहम है। वहीं टैक्स फ्री इंफ्रा बॉन्ड्स की सीमा दोगुना करके 60,000 रुपये करना काफी सकारात्मक संकेत है।

बजट में नेगेटिव लिस्ट में शामिल 17 सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं पर सर्विस टैक्स लगाए जाने का ऐलान किया गया है। इसका मतलब है ब्यूटी पार्लर, कूरियर जैसी सेवाएं महंगी होंगी।इसके अलावा सर्विस टैक्स को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया है। रेस्त्रां में खाना खाना हो या फिर हवाई सफर करना हो, सबके लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ेंगे।एक्साइज ड्यूटी भी 10 फीसदी से बढ़कर 12 फीसदी हो गई है। जिसके चलते ऑटो कंपनियों ने गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान भी करना शुरू कर दिया है। इंपोर्टेड गाड़ियों पर भी कस्टम ड्यूटी बढ़ा कर 24 फीसदी की गई है।हालांकि, सरकार ने पीक कस्टम ड्यूटी में बदलाव नहीं किया है। साथ ही, पावर प्लांट लगाने के लिए कस्टम ड्यूटी में 2 साल की छूट
दी गई है।फर्टिलाइजर प्लांट लगाने के लिए कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई है। माइनिंग और रेल उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी से घटकर 7.5 फीसदी हुई है। सड़क बनाने वाली मशीनरी पर कस्टम ड्यूटी पर भी छूट है।

कच्चे तेल पर सेस बढ़ने का असर कंपनियों पर पड़ेगा। बजट में उठाए गए इस कदम से  कंपनियों के मुनाफे में 6-8 फीसदी कमी आ सकती है। वहीं बजट में डीजल ड्यूटी पर कोई कदम नहीं उठाया गया है, जो कि महिंद्रा एंड महिंद्रा और मारुति सुजुकी जैसी ऑटो कंपनियों के लिए सकारात्मक संकेत है। वित्तीय वर्ष 2013 में 5.1 वित्तीय घाटे का लक्ष्य पहले से अनुमानित था।

आईटीसी 3.5 फीसदी और एमएंडएम 2.75 फीसदी मजबूत हुए। एचयूएल, मारुति सुजुकी, कोल इंडिया, एचडीएफसी, टीसीएस, विप्रो, डीएलएफ 0.5-0.2 फीसदी तेज हुए।छोटे और मझौले शेयरों में 1-0.7 फीसदी की गिरावट रही। छोटे शेयरों में डीएफएम फूड्स, शिववाणी ऑयल, स्पाइसजेट, मर्केटर लाइंस, उत्तम गाल्वा 9.25-5.85 फीसदी कमजोर हुए।

हफ्ते के कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में मामूली तेजी आई। हालांकि, छोटे-मझौले शेयरों में 0.5 फीसदी की गिरावट रही।बैंक, रियल्टी, पावर, हेल्थकेयर, आईटी, ऑयल एंड गैस 1-0.5 फीसदी गिरे। ऑटो, कैपिटल गुड्स, मेटल 1.5-0.5 फीसदी चढ़े।निफ्टी शेयरों में गेल, हिंडाल्को, आईटीसी, अंबुजा सीमेंट्स, मारुति सुजुकी 4.5-2.5 फीसदी तेज हुए। इप्का लैब, कर्नाटक बैंक, रोल्टा इंडिया, ऑर्किड केमिकल्स 5 फीसदी कमजोर हुए।

निवेशकों के लिए बजट में राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम का ऐलान किया गया है। स्कीम में 50000 रुपये तक के निवेश पर 50 फीसदी टैक्स छूट मिलेगी, हालांकि स्कीम में 3 साल का लॉक-इन पीरियड है।

सेविंग अकाउंट के 10000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स नहीं लगेगा। साथ ही, सिक्योरिटीज ट्रांसजैक्शन टैक्स में कटौती से निवेश की लागत भी कम होगी।

हिंदु अनडिवाइडेड फैमिली को दी गई पूंजी या प्रॉपर्टी पर टैक्स नहीं लगेगा। 5000 रुपये तक के हेल्थ चेकअप पर टैक्स डिडक्शन का फायदा दिया गया है।

सीनियर सिटीजंस के लिए चाहे टैक्स छूट न बढ़ाई गई हो, लेकिन एडवांस टैक्स न भरने की रियायत मिलने से उन्हें आसानी होगी।

हालांकि, अब प्रॉप्रटी बेचने पर टीडीएस लगेगा, अगर सौदा 50 लाख रुपये (शहरी इलाकों में) या 20 लाख रुपये (बाकी इलाकों) से ज्यादा का है।

बीमा पॉलिसी पर टैक्स छूट पाने के लिए पॉलिसी प्रीमियम
सम अश्योर्ड का 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। पहले ये 20 फीसदी था। इसके अलावा सिर्फ 10000 रुपये तक के नकद डोनेशन पर टैक्स छूट मिलेगी।

वित्त वर्ष 2013 में सरकार पर सब्सिडी बोझ की जबर्दस्त मार पड़ने वाली है। लेकिन सरकार ने अगले 3 साल में सब्सिडी को जीडीपी के 1.7 फीसदी के बराबर लाने का लक्ष्य तय किया है। वहीं वित्त वर्ष 2013 में सब्सिडी बोझ को जीडीपी के 2 फीसदी से कम रखने का लक्ष्य तय किया है।

वित्त वर्ष 2013 में सरकार पर कुल 77,784 करोड़ रुपये का सब्सिडी बोझ पड़ने वाला है। वहीं वित्त वर्ष 2013 में फर्टिलाइजर सब्सिडी के तौर पर सरकार पर 60,974 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। फूड सब्सिडी के तौर पर सरकार पर 75,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। इसके अलावा सरकार ने बाजार से 5.69 लाख करोड़ रुपये की उधारी लेने का फैसला किया है।

हालांकि वित्त वर्ष 2013 में अन्य दूरसंचार सेवाओं से सरकार को 58,217 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। वहीं वित्त वर्ष 2013 में स्पेक्ट्रम नीलामी से सरकार को 40,000 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल होगा। लिहाजा सरकार को हासिल होने वाले इस राजस्व से सब्सिडी का बोझ कुछ हद तक कम होगा।

गाड़ी खरीदने वालों के लिए बजट से निराशा हाथ लगी है।इस बार के बजट में शुल्क बढ़ाने के कारण कार खरीदना महंगा हो गया है। मारुति, सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और होंडा सिएल कार्स इंडिया अपनी कारों की कीमतें 70,000 रुपए तक बढ़ाने का फैसला किया है। एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी के चलते ऑटो कंपनियों को नुकसान होने का अनुमान है। लिहाजा मारुति सुजुकी और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी दिग्गज ऑटो कंपनियां अपने गाड़ियों के दाम में बढ़ोतरी करने वाले हैं। बजट में एक्साइज ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने का ऐलान हुआ है।

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने गाड़ियों की कीमतों में 4,000-35,000 रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। वहीं मारुति सुजुकी ने भी अपने सभी गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है।

महिंद्रा एंड महिंद्रा के पवन गोयनका (सदस्य, ग्रुप ऑफ एक्जिक्यूटिव बोर्ड) का का कहना है कि बजट में बड़ी कारों में एक्साइज ड्यटी बढ़ाने घोषणा की गई है। ऐसे में कंपनी ने गाड़ियों के दामों में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है।

पवन गोयनका के मुताबिक ऑटो कंपनियां पहले से मार्जिन के मोर्चे पर दबाव झेल रही है, ऐसे में एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी से कंपनियों के मार्जिन पर दबाव और बढ़ेगा।

पवन गोयनका का कहना है कि वित्त मंत्री द्वारा पेश किया बजट ग्रोथ के लिहाज से काफी सराकारात्मक है।

बजट में एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी के ऐलान के बाद टाटा मोटर्स ने भी गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला किया है।

मर्सडीज बेंज ने भी अपनी गाड़ियों में 3 लाख रुपये तक की बढ़ोतरी करने का ऐलान कर दिया है। वहीं टोयोटा किर्लोस्कर ने अपनी गाड़ियों की कीमतों में 9.,500-80,000 रुपये बढ़ोतरी कर दी है।

बीडी सिगरेट के शौकीनों के लिए बुरी खबर है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने दोनों ही वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया है।मुखर्जी ने ऐलान किया कि मैं हाथ से बनी बीड़ियों पर बुनियादी उत्पाद शुल्क में सामान्य वृद्धि करते हुए आठ से दस रुपये प्रति हजार और मशीन से बनी बीड़ियों पर 19 से 21 रुपये प्रति हजार करने का प्रस्ताव करता हूं। उन्होंने कहा कि हर साल 20 लाख बीड़ियों तक निकासियों हेतु हाथ से बनी बीड़ियों को मौजूदा छूट बनी रहेगी।मुखर्जी ने मौजूदा विशिष्ट दरों में 10 प्रतिशत के यथामूल्य घटक को जोड़ते हुए 65 मिलीमीटर से बड़ी सिगरेटों पर बुनियादी उत्पाद शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव भी किया। यह सिगरेट के पैक पर छपे खुदरा बिक्री मूल्य के 50 प्रतिशत पर देय होगा।

प्रणब ने कहा कि कंपनियों के लिए 10 करोड रुपये या इससे अधिक के आईपीओ इलेक्ट्रानिक जरिये से लाने होंगे। उन्होंने कहा कि अंशधारक इलेक्ट्रानिक जरिये से ही वोटिंग कर सकेंगे। बजट सत्र में राष्ट्रीय आवास बैंक विधेयक, सिडबी संशोधन विधेयक, नाबार्ड संशोधन विधेयक पेश किये जाएंगे।
   
मुखर्जी ने कहा कि छोटे निवेशकों को शेयर निवेश पर आयकर में रियायत देने की नई योजना का प्रस्ताव भी किया गया है। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए वित्तीय होल्डिंग कंपनी बनाने का प्रस्ताव भी किया गया है।

वित्त मंत्री ने सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश से 2012-13 के दौरान 30 हजार करोड रुपये जुटाएगी। 70 हजार गांवों में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही ढाई करोड खाते चालू होंगे। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के नाम पर बचत योजना में 50 हजार रुपये तक के निवेश पर आयकर में रियायत दी जाएगी।

प्रणब ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के तहत 8800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास किया जाएगा। एयरलाइनें अपने रोजमर्रा के खर्च के लिए विदेश से कर्ज ले सकेंगी। 12वीं योजना के दौरान बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश बढकर होगा 50 लाख करोड रूपये होगा। इसमें से आधी रकम निजी क्षेत्र से आएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष के दौरान बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण बढाकर 60 हजार करोड रुपये करने के लिए सरकार कर मुक्त बांड दोगुने करेगी। इसके अलावा दो नये मेगा हथकरघा क्लस्टर आंध्र प्रदेश और झारखंड में स्थापित किये जाएंगे।

प्रणब ने कहा कि पूर्वी भारत में हरित क्रान्ति के कारण खरीफ सत्र में 70 लाख टन से अधिक धान की उपज हुई है। कृषि और सहकारिता क्षेत्र के बजट में 18 प्रतिशत बढोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि विदेशी एयरलाइनों को भारत में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कार्य करने की अनुमति देने के बारे में सक्रियता से विचार हो रहा है।
   
मुखर्जी ने कहा कि अगले पांच साल में भारत यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएगा। खेतीबाडी के लिए कर्ज 5.75 लाख करोड रुपये का लक्ष्य रख गया है, जो पिछली बार से एक लाख करोड रुपये अधिक है।
 

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