Sunday, 04 March 2012 17:41 |
नयी दिल्ली, चार मार्च (एजेंसी) उत्तर प्रदेश के सत्ता के गलियारों में नयी हवा बहने के आसार दिख रहे हैं। एग्जिट पोल की मानें तो इस बार ताज भी किसी और का होगा और सरकार भी किसी और की। नए चुनावी समीकरणों की आहट पाकर राजनीतिक दलों ने अपने अपने मोहरे भी बैठाना शुरू कर दिया है । कांग्रेसी नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने चुनाव के बाद बसपा से ही गठबंधन किए जाने की वकालत की है। |
टाइम्स नाउ ने ''पोल आफ पोल्स '' में बताया है कि सपा को 170 सीटें मिलेंगी जबकि बसपा को 98, भाजपा को 68 और कांग्रेस के हिस्से में 55 सीटें आएंगी। इसने अन्य को 12 सीटें जाने की भविष्यवाणी की है ।
टीवी सर्वेक्षणों के अनुसार , कांग्रेस को पंजाब, उत्तराखंड , मणिपुर में बढ़त मिलने की संभावना जतायी गयी है जबकि गोवा में एक टीवी चैनल ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के उच्च्पर भाजपा को बढ़त मिलने की बात कही है ।
उप्र के बारे में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने कहा , '' शुरू दिन से ही हम कह रहे हैं कि हम समाजवादी पार्टी को समर्थन नहीं देंगे । 2002 में हमारा बहुत बुरा अनुभव रहा था। हम फिर क्यों ऐसा करेंगे ।''
उनके पार्टी सहयोगी बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा , '' निजी रूप से , मैं सपा के मुकाबले बसपा को तरजीह दूंगा। मायावती ने कानपुर से ऐटा तक अराजकता को नियंत्रित किया है । ''उन्होंंने साथ ही कहा कि ये उनके निजी विचार हैं ।
उन्होंने कहा कि यदि उप्र में कोई गठबंधन सफल नहंी हो पाता है तो वह वहां राष्ट्रपति शासन की वकालत करेंगे ।
सपा पर हमला बोलते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा , '' उप्र की जनता ने जो 2002 Þ 07 में भुगता है वह उसे भूल नहंी सकती ।''
यह पूछे जाने पर कि एग्जिट पोल में दर्शायी गयी कांग्रेस की हालत के लिए क्या राहुल गांधी पर आरोप लगाया जाना चाहिए कांग्रेस महासचिव ने कहा , '' नेता एक रास्ता दिखा सकते हैं और उत्साह पैदा कर सकते हैं । उस उत्साह को वोटों में तब्दील करना संगठन का काम होता है ।''
त्रिशंकु विधानसभा के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा , '' हमने कभी नहीं कहा कि हम राष्ट्रपति शासन चाहते हैं । यदि हमें बहुमत नहीं मिला तो हम किसी अन्य पार्टी को समर्थन देने के बजाय विपक्ष में बैठेंगे । '' यह पूछे पर कि जीत के लिए कांग्रेस को वह कितनी सीटों की संभावना मानते हें , उन्होंने कहा , '' कम से कम सौ ।''
सपा के बहुमत हासिल नहीं करने पर रालोद के उसे समर्थन करने के बारे में किए गए सवाल पर रालोद प्रमुख अजित सिंह ने कहा , '' इसमें कोई सचाई नहीं है । यह पूरी तरह मनगढंत है । हमारा कांग्रेस के साथ गठबंधन है । हम जो भी करेंगे , कांग्रेस से विचार विमर्श करके ही करेंगे ।''
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