सबने हत्यारे की कहानी बतायी, मृतक अब भी गुमनाम हैं!
♦ क़ैस अज़ीमी
अफगानिस्तान के कंधार में एक दुष्ट अमरीकी सैनिक द्वारा अंधाधुंध गोली चलाये जाने की घटना (11 मार्च) के बाद ज्यादातर मीडिया ने, जिसमें हम (अल जजीरा) भी शामिल हैं, इसके 'घातक परिणामों' और अमरीका के साथ तनावपूर्ण संबंधों के और गंभीर होने पर ही अपना ध्यान रखा। मुख्यधारा के कई मीडिया संस्थाओं ने आरोपित सैनिक – जिसकी पहचान स्टॉफ सार्जेंट रॉबर्ट बेल्स के रूप में की गयी है – के बारे में छोटी-छोटी जानकारियां जुटाने में अपनी अधिकांश ऊर्जा लगायी। हमें यह भी पता है कि उसकी पत्नी छुट्टियों में कहां जाना चाहती थी, या उसने अपने निजी ब्लॉग पर क्या लिखा है।
लेकिन पीड़ित बस फुटनोट बन कर रह गये, एक गुमनाम फुटनोट। बस 16 की संख्या। किसी ने उनकी उम्र, उनके शौक, उनकी उम्मीदों के बारे में पूछने की जहमत नहीं उठायी। सबसे अफसोसनाक तो यह है कि किसी ने उनके नाम तक नहीं पूछे।
उनकी याद के सम्मान में, मैं उनका नाम लिखता हूं, और बहुत थोड़ा जो हम उनके बारे में जानते हैं : कि उनमें नौ बच्चे थे, तीन महिलाएं थीं।
मृतक
खुदादाद (मोहम्मद जुमा का पुत्र)
नजर मोहम्मद
पायेंदो
रुबीना
शातारिना (सुल्तान मोहम्मद की पुत्री)
जहरा (अब्दुल हामिद की पुत्री)
नाजिया (दोस्त मोहम्मद की पुत्री)
मासूमा (मोहम्मद वजीर की पुत्री)
फरीदा (मोहम्मद वजीर की पुत्री)
पलवाशा (मोहम्मद वजीर की पुत्री)
नबिया (मोहम्मद वजीर की पुत्री)
एस्मातुल्लाह (मोहम्मद वजीर की पुत्री)
फैजुल्लाह (मोहम्मद वजीर की पुत्र)
ईसा मोहम्मद (मोहम्मद हुसैन का पुत्र)
अख्तर मोहम्मद (मुराद अली का पुत्र)
…
घायल
मोहम्मद सादिक (मोहम्मद नईम का पुत्र)
परवीन
रफीउल्लाह
जरदाना
जुल्हेजा
…
(क़ैस अज़ीमी अल जजीरा के वरिष्ठ प्रोड्यूसर हैं। अंग्रेजी में लिखे गये इस नोट का अनुवाद प्रकाश के रे ने किया है।)
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