नयी दिल्ली, 14 मार्च (एजेंसी) भारतीय रेलवे की कुल आमदनी का एक-तिहाई हिस्सा कर्मचारियों के वेतन और भत्तों पर खर्च होता है। रेलवे की कमाई में 65 फीसद योगदान मालभाडे़ का रहता है। रेलवे को 2010-11 में प्रत्येक एक रुपये की आमदनी में से 65 पैसे माल भाडेÞ :मसलन कोयले जैसी वस्तुओं की ढुलाई: से मिले। यात्री टिकटों से उसकी आमदनी एक रुपये में 27 पैसे रही। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह एक रुपये में 26 पैसे थी। वर्ष 2010-11 के आंकड़ों के अनुसार, रेलवे को अपनी प्रत्येक एक रुपये की आमदनी में से 37 पैसे कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों पर जबकि 16 पैसे पेंशन कोष संबंधी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने को रखने पड़ते हैं। ईंधन पर रेलवे को प्रत्येक एक रुपये की आमदनी में से 17 पैसे खर्च करने पड़ते हैं। इसके अलावा अन्य छोटे मोटी जरूरतों पर रेलवे के 9 पैसे खर्च होते हैं।। रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने आज संसद में वित्त वर्ष 2012-13 का बजट पेश करते हुए मालभाड़ा आमदनी 30.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 89,339 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है। रेलवे ने 2012-13 में 102.5 करोड़ टन की माल ढुलाई का लक्ष्य रखा है, जो चालू साल के 97 करोड़ टन के संशोधित लक्ष्य से 5.5 करोड़ टन अधिक है। रेल मंत्री ने कहा कि रेलगाड़ियों की संख्या में बढ़ोतरी और अधिक बुकिंग से 2012-13 में रेल यात्रियों की संख्या में 5.4 प्रतिशत का इजाफा होगा। यात्रियों के जरिये 2012-13 में 36,073 करोड़ रुपये की आमदनी का लक्ष्य रखा गया है, जो चालू साल के संशोधित अनुमान से 7,273 करोड़ रुपये अधिक है। |
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