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Saturday, November 23, 2013

शारदा घोटाले में अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कटघरे में! সারদাকাণ্ডে আগে থেকেই সব জানতেন মুখ্যমন্ত্রী, তবু ব্যবস্থা নেননি, ২৪ ঘণ্টাকে দেওয়া একান্ত সাক্ষাত্কারে তৃণমূলের প্রথম সারির নেতাদের বিরুদ্ধে ক্ষোভ উগড়ে দিলেন কুণাল ঘোষ

शारदा घोटाले में अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कटघरे में!

সারদাকাণ্ডে আগে থেকেই সব জানতেন মুখ্যমন্ত্রী, তবু ব্যবস্থা নেননি, ২৪ ঘণ্টাকে দেওয়া একান্ত সাক্ষাত্কারে তৃণমূলের প্রথম সারির নেতাদের বিরুদ্ধে ক্ষোভ উগড়ে দিলেন কুণাল ঘোষ


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास


शारदा घोटाले में अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है तृणमूल के बागी सांसद शारदा मीडिया समूह के पूर्व सीईओ कुणाल घोष ने ,जिन्होंने साफ साफ शब्दों में कहा है कि ममता बनर्जी ने सियासी फायदे के लिए शारदा मीडिया समूह का भरपूर इतस्तेमाल किया और केंद्र सरकार व केंद्रीय एजंसियों की एक के बाद एक चेतावनियों को नजरअंदाज करके शारदा समूह समेत तमाम चिटफंड कंपनियों के गैरकानूनी गोरखधंधे को जारी रहने दिया और उनको अपना राजनीतिक औजार बना लिया।कुमाल के मुताबिक ममता बनर्जी को भारत की प्रधानमंत्री बनाने के लिए ही शारदा मीडिया समूह का निर्माम सुदीप्तो सेनगुरप्त की अगुवाई में किया गया।इस मामले में उनके खास सलाहकार मुकुल राय रहे हैं।


कुणाल ने खुलासा किया है कि सुदीप्तो का सीबीआई को पत्र लिखकर अंतर्ध्यान,उनका प्रकट होना और घोटाले की पूरी रकम गायब करके ठीकरा अपने घनिष्ठ सहयोगी (कुणाल घोष) पर डालने का सारा खेल दीदी की जानकारी में रचा गया है।


इस सिलसिले में खास बात तो यह है कि कुणाल ने सिंगुर नंदीग्राम आंदोलन में मीडिया समूहों और चिटफंड कंपनियों का कच्चा चिट्ठाखोल दिया है।कुणाल के मुताबिक खुद फंसे होने के कारण ही मुख्यमंत्री इस मामले को मुआवजा देकर रफा दफा कराने के फेर में हैं और किसीकीमत पर सीबीआई जांच कराने को तैयार नहीं है। कुणाल ने फिर सीबीआई जांच कराने की मांग कर दी है।


शारदा फ्रजीवाड़े मामले में अपने आक्रामक बचाव के तहत बागी तृणमूल सांसद ने शनिवार को विधाननगर दक्षिण थाने में खुफिया प्रधान अर्मव घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है।


कुणाल के मुताबिक अर्मव ने उन्हें गिरफ्तारी कीधमकी दी है।शारदा मीडिया समूह से बाहर शारदा समूह की रकम कहां है,इसकी जानकारी हासिल करने के लिए कुमाल कोगिर्फ्तारी की धमकी दी गयी,ऐसा उनका आरोप है।


इसस पहले  शारदा घोटाले में जल्द ही गिरफ्तारी होने की आशंका जताते हुए तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष ने कहा कि वह पुलिस के सामने पार्टी नेताओं के नाम का खुलासा करेंगे। घोष ने पार्टी के कुछ नेताओं पर उन्हें बलि का बकरा बनाने का आरोप लगाया। घोष ने कहा कि वह अभी तक पार्टी के प्रति वफादार हैं और वह न तो पार्टी के अनुशासन से परे गए हैं और न ही वह किसी पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल थे। उन्होंने घोषणा की कि वह तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के नाम पुलिस एवं मीडिया को देंगे।


राज्यसभा सदस्य ने कहा कि वह उनसे पूछताछ से पहले प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर घोटाले की फौरन सीबीआई जांच की मांग करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि शारदा समूह के अध्यक्ष सुदीप्तो सेन का सीबीआई को पत्र लिखा जाना और शहर से उनका गायब हो जाना पार्टी के नेतृत्व द्वारा बनायी योजना का अंग था। घोष ने आरोप लगाया, पुलिस पार्टी के दिशानिर्देश पर काम कर रही है।


यही नहीं, तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष ने मंगलवार को अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और परिवहन मंत्री मदन मित्र को कटघरे में खड़ा कर दिया।अपने ताजा बयान में उन्होने शारदा समूह की वकील पियाली की रहस्यमय मौत के बाबत मंत्री सेउनके रिश्ते की चर्चा की। गौरतलब है कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की पूछताछ के बाद कुणाल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि शारदा प्रमुख सुदीप्त सेन ने दक्षिण 24 परगना के विष्णुपुर से कारोबार शुरू किया था। वहां से उन्होंने कारोबार का कैसे विस्तार किया, उन्हें (कुणाल) इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसका जवाब परिवहन मंत्री मदन मित्र दे सकते हैं।


कुणाल के बयान का निहितार्थ यह है कि सारधा प्रमुख के क्रियाकलापों की जानकारी परिवहन मित्र को थी। 2009 में मदन मित्र दक्षिण 24 परगना के विष्णुपुर से विधायक निर्वाचित हुए थे। उधर, कुणाल के बयान पर मदन मित्र ने कड़ी नाराजगी जतायी और . उन्होंने कहा, 'शीशे के घर में बैठक कर दूसरे के घर पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए।'इसके जवाब में कुमाल ने शुक्रवार को कहा कि शारदा समूह की मृत महिला वकील के फ्लैट से दूसरों केघर में पत्थर मारना भी ठीक नहीं है।


गौरतलब है कि शारदा घोटाले में बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारी कुणाल घोष  से दस बार पूछताछ कर चुके हैं।


मुख्यमंत्री अग्निकन्या ममता बनर्जी महज पश्चिम बंगाल की लोकप्रिय नेता नहीं हैं। मुलायम सिंह यादव के साथ वे भी त्रिशंकु संसदीय जनादेश की हालत में  क्षत्रपों की सरकार के प्रधानमंत्रित्व के दावेदार हैं। अब तक मामूली साड़ी,बिना प्रसाधन,हवाई चप्पल और कालीघाट के साधारण घर की पृष्ठभूमि में उनकी छवी एकदम बेदाग बनी हुई है।


ममता दीदी के भतीजे अभिषेक बंद्योपाध्याय के कारपोरेट प्रोमोटर लिंक को भी बंगाली जनमानस ने सिरे से खारिज कर दिया। शारदा फर्जीवाड़े में तमाम मंत्रियों,सांसदों,विधायकों,नेताओं का वे आक्रामक ढंग से बचाव करती रहीं और इस कांड के बाद हुए हावड़ा संसदीय उपचुनाव,पंचायत चुनाव और पालिका चुनाव में जनता ने उन्हीं के प्रति अपनी आस्था जताते हुए वाम दलों की वापसी के दरवाजे बंद कर दिये। शुक्रवार को हिंसा के मध्य जो मतदान कुणाल के खुलासे से पहले हुआ,जाहिर है,उसमें भी दीदी की ही जय जयकार होगी।


लेकिन पहले ही पार्टी के दागियों पर लगे आरोपों और उनको रफा दफा करने की कवायद से उनके प्रति हमेशा से ही ईमानदार और प्रतिबद्ध रहने वाली आस्थावान  ग्रामीण जनता के लिए अब सचमुच धर्मसंकट है।


विश्वास डगमगाने लगा है। अब तक लोगों को यही लग रहा था कि चोर उचक्कों से घिरे होने के बावजूद उनकी दीदी चौबीस कैरेट सोने की बनी हुई है जिसमें कोई खोट हो ही नहीं सकती और वे बंगाल की बदहाली जरुर खत्म कर देंगी।चुनावी नतीजे बले कुछ हो,परिवर्तन के बाद बेलगाम हिसां,आर्थिक दिशाहीनता, निरंकुश प्रोमोटर अपराधी गठजोड़,कमरतोड़ मंहगाई, बेइंतहा बेरोजगारी के मध्य मंत्रियों, सांसदों,विधायकों, नेताओं की एक के बाद एक कारस्तानी से ग्रामीण क्षेत्रों में ममता बनर्जी की मां माटी मानुष की सरकार अपनी साख बहुत तेजी से गंवाने लगी है। अब यह तो सोलह आना सच है कि शारदा फर्जीवाड़े में सबसे अधिक नुकसान भी उन ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों का ही हुआ है।



रिलायंस को खुली छूट देकर बंगाल में थ्री जी साम्राज्य कायम करने की इजाजत देकर,फिर ऱघुनाथपुर में डीवीसी के थर्मल पावर प्लांट में तृणमूली अड़गेबाजी केमध्य सबसे बड़े कारखाने के लिए रिलायंस को जमीन देने की दीदी की कारवाई ने टाटा समूह और रतन टाटा के खिलाफ उनकी जमीन जंग का मतलब ही बदल दिया है।


टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा सिंगुर आंदोलन के पीछे शुरु से व्यवसायिक प्रतिद्वंद्वियों का हाथ बताते रहे हैं। टाटासमूह सिंगुर में नैनो परियोजना शुरु करना चाहते हैं,ऐसा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में बताया भी है।लेकिन दीदी सिंगुर मुद्दे पर कोई रियायत दने को तैयार नहीं हैं लेकिन रतन टाटा से दुश्मनी जारी रखते हुए मुकेश अंबानी के साथ मजबूती से खड़ी हैं।


बंगाल में निवेशकों और उद्योगपतियों की समस्या सुलझाने में भी उनके प्रतिमान अलग अलग हैं। जिसके चलते उद्योग और कारोबार का माहौल तो कहीं सुधर ही नहीं रहा है,पूरा राज्य आर्थिक संकट के चंगुल में फंसा हुआ है और निवेशकों का तो ममता सरकार से भरोसा उठ ही रहा है।


अब तो हालत यह है कि वामदलों की क्या कहें, वर्ष 1998 में तृणमूल कांग्रेस के गठन के बाद से ही दीदी के साथ जुड़े रहे नेता एक के बाद एक ममता बनर्जी के खिलाफ बोलना शुरू कर चुके हैं।


अभी तक संगातज्ञ कबीर सुमन ही, जो वर्ष 2006 में तृणमूल से जुड़े और वर्ष 2009 में लोकसभा सदस्य बने और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर ममता बनर्जी से अलग हो गए, ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे लेकिन अब सौगत रॉय, शिशिर अधिकारी और शुभेंदु अधिकारी भी ममता बनर्जी के प्रति नाउम्मीदी दर्शा चुके हैं।


उनका कहना है कि तृणमूल कांग्रेस के सांसदों, तपस पॉल और सोमेन मित्रा ने शारदा चिट फंड कंपनी जैसी अन्य कंपनियों की कार्यप्रणाली को लेकर सरकार को आगाह किया था, उसी समय पार्टी को कुछ ना कुछ कठोर कदम उठाने चाहिए थे।


सोमेन  मित्र ने तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर भी यह बात बताई थी कि कैसे यह कंपनियां ग्रामीण लोगों को लूट रही हैं।


पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेताओं द्वारा जोरदार तरीके से यह मांग की जा रही है कि पार्टी में शामिल हर उस सदस्य से छुटकारा पाया जाए जिनका मेलजोल सुदीप्तो सेन या उस जैसे किसी भी व्यक्ति से है। यह मांग सीधे तौर पर उन सांसदों और विधानसभा सदस्यों को निशाने पर रख कर की गई है जिनका सीधा संबंध सुदीप्तो सेन के साथ है।


ममता के भूमि आंदोलन के कारपोरेट कनेक्शन पर वाम जमाने में रतन टाटा बार बार इसारा करते रहे,पर हमेसा जनता ने दीदी का साथ दिया। दीदी से अनबन होते ही सांसद कबीर सुमन ने नंदीग्राम और सिंगुर आंदोलन में माओवादियों की कमान का खुलासा किया और दीदी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए पुलिसिया जुल्म विरोधी जनगणेर समिति के नेता युधिष्ठिर महतो को बलि का बकरा बनाने और माओवादी नेता किशन जी को मुठभेड़ में मार दिये जाने की बात भी कर ली।आम जनता पर कोई असर आज तक हुआ नहीं।दीदी धूम धड़ाके के साथ एक के बाद एक चुनाव जीतती चली जा रही हैं और विपक्ष का स्फाया होता जा रहा है।


अब जबकि कुणाल ने बिल्ली थैली से बाहर निकाल ही दी है और गोटालों के पीछे दीदी को सिरे से बेपर्दा कर दिया है,तो आगामी लोकसभा चुनावों में क्या कुछ होता है,इस समीकरण के दलचस्प बने जाने के आसार हैं।


शारदा चिट फंड घोटाले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए तृणमूल से निलंबित राज्यसभा सांसद कुणाल घोष शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में रो पड़े। उन्होंने रोते हुए कहा कि करोड़ों रुपये के सारधा घोटाले में विधाननगर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की योजना बना रही है। शनिवार को पुलिस मुझे गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन मैं अग्रिम जमानत लेने का प्रयास नहीं करूंगा। कुणाल का रवैया अप्रत्याशित था।


विधाननगर पुलिस कमीश्नर की ओर से कुणाल को शनिवार को साल्टलेक स्थित पुलिस मुख्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया गया है। कुणाल को आशंका है कि शनिवार को पुलिस दफ्तर में जाने के बाद उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।


उत्तर कोलकाता स्थित अपने आवास पर राज्यसभा सदस्य ने मीडिया से कहा कि पुलिस ने उन्हें शुक्रवार को भी तलब किया था और जानना चाहा कि सारधा कांड के रुपये कहां है? इस दौरान पुलिस ने साफ संकेत दिया कि यदि कल सारधा समूह के अन्य निवेश के बारे में मैंने जानकारी नहीं दी तो मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कुणाल ने ममता बनर्जी के करीबी नेता मुकुल राय पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व सारधा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन के बीच बैठक हुई थी जिसमें सुदीप्त ने तृणमूल प्रमुख से कहा था कि आप प्रधानमंत्री बनें इस तरह से वह अपने मीडिया हाउस को सजा रहे हैं।


घोष ने यह भी कहा कि मुकुल राय के इशारे पर विधाननगर कमीश्नरी के आयुक्त राजीव कुमार कार्य कर रहे हैं। मामले की सीबीआइ जांच क्यों नहीं कराई जा रही है? उन्होंने कहा कि यदि सारधा ने मीडिया में 200 या तीन सौ करोड़ रुपये निवेश किए थे तो उससे 2000 करोड़ रुपये का फायदा किसे हुआ है, इसकी जांच क्यों नहीं हो रही है? वहीं, तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद मुकुल राय ने शुक्रवार को कुणाल घोष के बयान को लेकर कहा कि वह पार्टी से निलंबित हैं, इसीलिए कुछ नहीं कह सकते हैं। कानून अपना काम कर रहा है।


खास बात यह है कि अब तक बंगाल में नरेंद्र मोदी तक ममता राज की कुलकर तारीफ करने से अघा नहीं रहे थे।दीदी को अप्रत्य़क्ष समर्थन बतौर हावड़ा संसदीय उपचुनाव में भाजपा ने उम्मीदवार ही नहीं दिया और बिना शर्त दीदी को समर्थन जारी रखा है।लेकिन कुमाल के ताजा खुलासा के बाद शनिवार को कल्याणी हाईवे जाम करके भाजपाइयों ने शारदा फर्जीवाड़े की सीबीआई जांच की मांग कर दी है।


दूसरी ओर,पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने भी करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले और ऐसे अन्य तमाम  मामलों में सीबीआई जांच की मांग की है  और। आरोप लगाया है कि घोटाले के साजिशकर्ताओं को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं

कांग्रेस विधायक दल के नेता मोहम्मद सोहराब ने आरोप लगाया कि जिस तरह से तृणमूल कांग्रेस सरकार ने शारदा घोटाले के मुद्दे को संभाला है, उससे लगता है कि आरोपियों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।उन्होंने कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, "जमाकर्ताओं को जनता के पैसे से मुआवजा दिया जा रहा है और तत्काल सीबीआई जांच का आदेश दिया जाना चाहिए।"


कांग्रेस ने राज्य सरकार से यह मांग भी की कि जनता को आधार कार्डों का वितरण तेजी से किया जाना चाहिए, खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करना चाहिए और रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम कम किए जाने चाहिए।उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ने के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर सरकार की निंदा की।




पश्चिम बंगाल की जनता को सुनहरे सपने दिखाकर उनके साथ धोखाधड़ी करने वाली शारदा रियल्टी चिट फंड कंपनी के मालिक सुदीप्तो सेन को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है लेकिन इस गिरफ्तारी ने ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यूं तो ममता बनर्जी ने इस चिट फंड कंपनी में निवेश कर अपने पैसे गंवाने वाले लोगों के लिए 500 रुपए करोड़ के राहत कोष की घोषणा की है लेकिन जैसे-जैसे इस केस की परतें खुलने लगी हैं वैसे-वैसे जिस भरोसे के साथ वर्ष 2011 में राज्य की जनता ने ममता बनर्जी को सत्ता पर बैठाया था वह विश्वास भी शिथिल पड़ता जा रहा है।


गौरतलब  है कि सुदीप्तो सेन पहले ही ममता सरकार के चार प्रमुख सांसदों मुकुल राय,कुणाल घोष,शताबादी राय और संजय बोस, पर  सुदीप्तो दवयानी के साथ इस घोटाले में शामिल होने जैसे आरोप लग चुके हैं। शारदा समूह की वकील पियाली से एक मंत्री के रंगीन रिश्ते और उस वकील की रहस्यजनक मौत का मामला फिर कुमाल ने उछाल दिया है,जिसे रफा दफा समझा जा रहा था।दूसरे मंत्री भी शारदा सरोवर के पंछी हैं,इसका बार बार खुलासा होता रहा है।


अब तक अपने मंत्रियों के बचाव में नजर आने वाली ममता बनर्जी खुद आरोपों के दायरे में घिरती नजर आ रही हैं क्योंकि सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने शारदा चिट फंड कंपनी में निवेश करने वाले सभी निवेशकों, जो कि उनके मतदाता भी हैं, को यह आश्वासन दिया था कि इस कंपनी को राज्य सरकार का समर्थन प्राप्त है इसीलिए सरकार पर भरोसा करने के बाद निवेशकों ने अपना पैसा शारदा चिट फंड कंपनी में लगाया और इस भरोसे के ईनाम के रूप में उन्हें मिला तो सिर्फ धोखा।


इसी बीच देश में चिट फंड कंपनियों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार, आरबीआई और सेबी को नोटिस जारी कर उनसे चार हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा। नोटिस एक एनजीओ की उस याचिका पर दी गई जिसमें चिट फंड कंपनियों के संचालन को लेकर एक उचित मैकेनिज्म बनाने की बात कही गई है।


चीफ जस्टिस पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई की। एनजीओ की तरफ से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि चिट फंड को नियमित करने के मामले में सरकार निष्क्रिय रही है और इस वजह से देश में कई घोटाले हुए। उन्होंने कहा कि चिट फंड कंपनियां कानून का उल्लंघन कर लोगों से पैसे जमा कर रही हैं और इस पर रोक लगाने की जरूरत है। इस मामले में उन्होंने हाल में पश्चिम बंगाल में हुए शारदा चिट फंड घोटाला समेत विभिन्न घोटालों का जिक्र किया और सुप्रीम कोर्ट से ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए दखल देने का अनुरोध किया।



শনিবার দুপুরে ডিসি-ডিডি অর্ণব ঘোষের বিরুদ্ধে বিধাননগর দক্ষিণ থানায় লিখিত অভিযোগ করেলেন বহিষ্কৃত তৃণমূল সাংসদ কুণাল ঘোষ। তাঁর বিরুদ্ধে হুমকি দেওয়া ও ব্ল্যাকমেলিং-এর অভিযোগ এনেছেন তিনি। তবে তাঁর অভিযোগ জমা পড়লেও এখনও তা গৃহীত হয়েছে কি না সরকারি ভাবে জানানো হয়নি। এখনও বিধাননগর দক্ষিণ থানাতেই রয়েছেন কুণালবাবু, চলছে রুদ্ধদ্বার বৈঠক। অন্য দিকে সারদা কাণ্ডে সিবিআই তদন্তের দাবি করে ফের সরব হয়েছেন রেল প্রতিমন্ত্রী অধীর চৌধুরী। একই দাবি করেছেন বামফ্রন্টের রাজ্য সম্পাদক বিমান বসুও।

24 Ghanta

২৪ ঘণ্টাকে দেওয়া একান্ত সাক্ষাৎকারে তৃণমূলের প্রথম সারির নেতাদের বিরুদ্ধে ক্ষোভ উগড়ে দিলেন কুণাল


http://zeenews.india.com/bengali/videos/kunal-exclusive_2677.html

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24 Ghanta

http://zeenews.india.com/bengali/kolkata/kunal-ghosh_18024.html


সারদাকাণ্ডে আগে থেকেই সব জানতেন মুখ্যমন্ত্রী, তবু ব্যবস্থা নেননি, ২৪ ঘণ্টাকে দেওয়া একান্ত সাক্ষাৎকারে তৃণমূলের প্রথম সারির নেতাদের বিরুদ্ধে ক্ষোভ উগড়ে দিলেন কুণাল ঘোষ

Last Updated: November 23, 2013 11:59সারদার ঘটনা নিয়ে রাজ্য সরকার দায় এড়াতে পারে না। সব কথাই জানতেন দলের শীর্ষ নেতৃত্ব। কর্পোরেট বিষয়ক মন্ত্রকের পক্ষ থেকে এ নিয়ে মহাকরণে চিঠিও পাঠানো হয়েছিল। তবু নড়েচড়ে বসেনি মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় প্রশাসন। শুক্রবার গভীর রাতে ২৪ ঘণ্টাকে একান্ত সাক্ষাত্কারে এই বিস্ফোরক অভিযোগ করলেন কুণাল ঘোষ। নাম না করে বলেই ফেললেন, সারদার সমস্ত কার্যকলাপ সম্পর্কে আগে থেকেই জানতেন স্বয়ং মুখ্যমন্ত্রীও।


সারদাকাণ্ডের জন্য তাঁকে যদি গ্রেফতার করা হয়, তা হলে তিনি পুলিসের কাছে নয় ম্যাজিস্ট্রেটের কাছে জবানবন্দি দিতে চান। এ ব্যাপারে আইনজীবীদের সঙ্গে তিনি কথাও বলছেন। শুক্রবার রাতে এ কথা জানালেন কুণাল ঘোষ।


সারদাকাণ্ডের তদন্ত পুরোটাই সাজানো। স্ক্রিপটেড। সুদীপ্ত সেনের পালানোপর্ব থেকে শুরু করে গতকাল রাতে কুণাল ঘোষের বাড়িতে পুলিসের যাওয়া--সবই পূর্বপরিকল্পিত। কয়েক জনকে আড়াল করতে কৌশলে এই বার্তা ছড়িয়ে দেওয়ার চেষ্টা চলছে যে, সারদা মানেই মিডিয়া। এবং মিডিয়া মানেই কুণাল ঘোষ। গতরাতে ২৪ ঘণ্টাকে ব্যক্তিগত সাক্ষাত্কারে এই অভিযোগই করলেন তৃণমূল সাংসদ। তিনি বারবার বলা সত্ত্বেও পুলিস অন্যদের জেরায় ডাকছে না। তবু পুলিসের বিরুদ্ধে তাঁর কোনও ক্ষোভ নেই। কারণ, কুণালবাবু মনে করেন, পুলিস নির্দেশ মতো নিজের কাজ করে যাচ্ছে।


তিনি অত্যন্ত খারাপ লোক। মদন মিত্রর এই অভিযোগ মেনে নিচ্ছেন কুণাল ঘোষ। কিন্তু তাঁর পাল্টা বক্তব্য, মদন মিত্র তো একবারও বলছেন না বিষ্ণুপুরে তিনি কী ভাবে সুদীপ্ত সেনের সঙ্গে ঘনিষ্ঠ হলেন? কোন বিশ্বাস থেকে নেতাজি ইন্ডোর স্টেডিয়ামে তিনি সারদাকর্তাকে দরাজ সার্টিফিকেট দিয়েছিলেন? দু`জনের মধ্যে এমন কোন ভরসার জায়গা ছিল, যা থেকে সারদার সমস্ত কর্মচারী ইউনিয়নের প্রেসিডেন্ট পদে বসেছিলেন মদন মিত্র।  


আইন আইনের পথে চলবে। কেউ আইনের ঊর্ধ্বে নয়। কুণাল ঘোষ প্রসঙ্গে গতকাল মুকুল রায়ের এই মন্তব্যের পরিপ্রেক্ষিতে পাল্টা চ্যালেঞ্জ ছুঁড়ে কুণাল ঘোষ বললেন, আইন আইনের পথেই চলুক। দল যেন কাউকে আড়াল না করে। মুকুল রায় ওই মন্তব্য করে আসলে তাঁকে মন খুলে কথা বলার পথই খুলে দিয়েছেন বলে মনে করেন কুণালবাবু। তিনি যদি এরপর তৃণমূলের লোকজনের নাম প্রকাশ্যে আনেন, তা হলে তা যেন দলবিরোধী বলে মনে না করা হয়। এমনটাই আশা কুণাল ঘোষের।  


পাঁচজনকে নিয়ে কাজ করতে চেয়েছিলেন। বড় হতে চেয়েছিলেন। আর তাই জড়িয়ে পড়তে হয়েছে সারদাকাণ্ডে। তাঁর কাঁধে রেখে বন্দুক ফাটাতে চাইছে তাঁর দলেরই হেভিওয়েট নেতারা। বিস্ফোরক মন্তব্য কুণাল ঘোষের।

http://zeenews.india.com/bengali/kolkatta/kunal-exclusive-interview-brfore-arrest_18040.html


মুখ্যমন্ত্রীর সততা নিয়ে প্রশ্ন তুলেছেন কুণাল, সিবিআই তদন্তের দাবি সোমেনের

Last Updated: November 22, 2013 15:38সারদাকাণ্ড নিয়ে কুণাল ঘোষের বিস্ফোরক মন্তব্যের পর সোমেন মিত্রর প্রতিক্রিয়া-


মুখ্যমন্ত্রীর সততা নিয়ে প্রশ্ন তুলেছেন কুণাল। সারদাকাণ্ডে মুখ্যমন্ত্রীর সততার প্রশ্ন। সততা প্রমাণে সিবিআই তদন্ত। সিবিআই তদন্ত করা উচিৎ মুখ্যমন্ত্রীর।


কী বলেছিলেন কুণাল। দেখুন HIGHLIGHTS:


গ্রেফতারির আশঙ্কা কুণাল ঘোষের


কান্নায় ভেঙে পড়লেন কুণাল ঘোষ


বিস্ফোরক অভিযোগ বিতাড়িত সাংসদের


গ্রেফতারির আশঙ্কা কুণাল ঘোষের


'কাল আমায় গ্রেফতার করা হতে পারে'


বললেন তৃণমূল সাংসদ কুণাল ঘোষ


'তৃণমূলের কাছে এটা প্রাপ্য ছিল না'


'মিডিয়া ছাড়া কোথায় সারদার টাকা?'


'গতকাল পুলিস জানতে চায়'


'না বললে গ্রফতারির হুমকি পুলিসের'


কান্নায় ভেঙে পড়েন কুণাল


'মুখ্যমন্ত্রীর সঙ্গে বৈঠক হয়'


'বৈঠক হয় সুদীপ্ত সেনের'


'মুখ্যমন্ত্রীকে প্রধানমন্ত্রী হতে বলেন সুদীপ্ত সেন'


'সারদার মিডিয়া মমতাকে তুলে ধরবে'


'বলেছিলেন সুদীপ্ত সেন'


মুখ খুললেন তৃণমূল সাংসদ কুণাল ঘোষ


'সারদার সব টাকা এখনও শেষ হয়নি'


'মিডিয়া ছাড়া কোথায় টাকা রয়েছে'


'গতকাল জিজ্ঞাসা করা হয় আমায়'


'আমি না জানালে গ্রেফতার হবে'


'শনিবার ফের আময়ায় কিছুই জানি না'


বললেন তৃণমূল সাংসদ


বিস্ফোরক অভিযোগ কুনালের


'মিডিয়ায় সারদার খরচ ২০০ কোটি'


'২০০০ কোটি টাকার ফল ভোগ করেছেন'


'তাঁরা ভগবান জ্ঞানে পূজিত হচ্ছেন'


অভিযোগ কুণাল ঘোষের


'বিধাননগরের কামিশনার রাজীব কুমার'


'মুকুল কথায় ওঠেন বসেন'


'ওঁড়াই আমাকে গ্রেফতার করুন'


বললেন কুণাল ঘোষ


কাল ফের তলব কুণালকে


তলব বিধাননগর কমিশারেটে







First Published: Friday, November 22, 2013, 18:38

http://zeenews.india.com/bengali/kolkatta/kunal-ghosh_18024.html

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24 Ghanta

সারদাকাণ্ড নিয়ে কুণাল ঘোষের বিস্ফোরক মন্তব্যের পর সোমেন মিত্রর প্রতিক্রিয়া-


মুখ্যমন্ত্রীর সততা নিয়ে প্রশ্ন তুলেছেন কুণাল। সারদাকাণ্ডে মুখ্যমন্ত্রীর সততার প্রশ্ন। সততা প্রমাণে সিবিআই তদন্ত। সিবিআই তদন্ত করা উচিৎ মুখ্যমন্ত্রীর।


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24 Ghanta

BREAKING NEWS:

বিধাননগর গোয়েন্দা প্রধানের বিরুদ্ধে এফআইআর দায়ের করলেন কুণাল ঘোষ। গোয়েন্দা প্রধান অর্ণব ঘোষের বিরুদ্ধে এফ আই আর দায়ের করেছেন কুণাল। তাঁকে গ্রেফতার করার হুমকি দেন অর্ণব বাবু। এমনটাই অভিযোগ কুণাল ষোষের

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অর্ণব ঘোষের বিরুদ্ধে এফআইআর কুণালের

এই সময় ডিজিটাল ডেস্ক: বিধাননগর দক্ষিণ থানায় গোয়েন্দা প্রধান অর্ণব ঘোষের বিরুদ্ধে এফআইআর দায়ের করলেন কুণাল ঘোষ। তাঁর অভিযোগ সারদা কাণ্ডে জিজ্ঞাসাবাদের সময় তাঁকে গ্রেফতার করার হুঁশিয়ারি দিয়েছিলেন গোয়েন্দা প্রধান। সংবাদমাধ্যমের বাইরে আর কোথায় সারদার টাকা রয়েছে, তা না জানালে তাঁকে গ্রেফতার করা হবে বলে হুমকি দেওয়া হয়েছিল বলে দাবি করেছেন কুণাল ঘোষ। এদিকে সারদা কাণ্ডের সিবিআই তদন্তের দাবি জানিয়ে শনিবারই প্রধানমন্ত্রীকে চিঠি লিখেছেন তৃণমূলের সাসপেন্ডেড সাংসদ।


শুক্রবারই মুখ্যমন্ত্রী, স্বরাষ্ট্র সচিবের সঙ্গে দেখা করেন বিধাননগর কমিশনারেটের পুলিশ কমিশনার রাজীব কুমার। তখন থেকেই কুণাল ঘোষের গ্রেফতারির সম্ভাবনা মাথা চাড়া দিয়ে উঠেছিল। শুক্রবার রাতে কুণাল ঘোষের অনুপস্থিতিতে তাঁর বাড়ি যায় পুলিশ। এ ব্যাপারে কুণালবাবু বলেন, পুলিশ আসার খবর পেয়েই তিনি বাড়ি ফিরে আসেন। তবে ঘটনায় বিস্মিত কুণালবাবুর মন্তব্য, তাঁকে যখনই ডাকা হয়েছে তিনি উপস্থিত হয়েছেন। শনিবার বেলা দুটো নাগাদ তিনি ফের যাবেন। তাই তাঁর প্রশ্ন, তিনি যখন তদন্তের ব্যাপারে সাহায্য করছেন, তখন তাঁর বাড়িতে পুলিশের যাওয়ার কী দরকার ছিল।


এর আগে রাজ্য সরকার তথা শাসকদলের বিরুদ্ধে ক্ষোভ উগড়ে দেন কুণাল ঘোষ। তাঁর দাবি, সারদাকাণ্ডে আগে থেকেই সব জানতেন মুখ্যমন্ত্রী, কিন্তু তা সত্ত্বেও কোনও ব্যবস্থা নেননি।


শুক্রবার রাতে কুণালবাবু জানিয়েছেন, সারদাকাণ্ডে তাঁকে গ্রেফতার করা হলে তিনি পুলিশের বদলে ম্যাজিস্ট্রেটের কাছে জবানবন্দি দিতে চান। এ ব্যাপারে তিনি আইনজীবীর সঙ্গে কথা বলেছেন বলেও জানিয়েছেন কুণাল ঘোষ।

কুণালকে গ্রেপ্তারের হুমকি পুলিশের


এই সময়: সারদা কোম্পানির টাকা কোথায় গিয়েছে, তা জানাতে না-পারলে তৃণমূলের সাসপেন্ড হওয়া সাংসদ কুণাল ঘোষকে গ্রেপ্তার করার হুমকি দিল বিধাননগরের গোয়েন্দা পুলিশ৷ কুণালবাবুর আশঙ্কা, আজ শনিবারই তাঁকে গ্রেপ্তার করা হতে পারে৷ আজ দুপুরে তিনি ফের বিধাননগর পুলিশের গোয়েন্দাদের মুখোমুখি হতে চলেছেন৷



বিধাননগরের গোয়েন্দা প্রধান অর্ণব ঘোষ যে তাঁকে গ্রেপ্তারের হুমকি দিয়েছেন, সে কথা শুক্রবার সাংবাদিক বৈঠক করে জানিয়েও দিয়েছেন কুণাল৷ এই অবস্থায় শাসকদলের এই বিদ্রোহী সাংসদের হুমকি, সারদার টাকা তৃণমূলের কোন কোন নেতা-মন্ত্রীর পকেটে গিয়েছে, সেটা তিনি আজই ফাঁস করে দেবেন৷ সেই তালিকা গোয়েন্দাদেরও দিয়ে দেওয়া হবে৷ তাঁর কথায়, 'সারদা-কর্তার কাছ থেকে যাঁরা সুযোগ সুবিধা নিয়েছেন, তাঁদের ঈশ্বরজ্ঞানে পুজো করা হচ্ছে৷ আর আমাকে করা হচ্ছে বলির পাঁঠা৷ এ জিনিস চলতে পারে না৷' কুণালবাবুর দাবি, সারদা গোষ্ঠীর মাত্র ২০০ কোটি টাকা মিডিয়ায় খেটেছে৷ আর কেলেঙ্কারি হয়েছে ২০০০ কোটি টাকার৷ তিনি বলেন, 'মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের পুলিশ আমাকে গ্রেপ্তার করুক৷ আমি আগাম জামিনের আবেদন করব না৷'


কুণালবাবুর অভিযোগ, বিধাননগর পুলিশ কমিশনারেট তৃণমূলের সর্বভারতীয় সাধারণ সম্পাদক মুকুল রায়ের কথায় ওঠাবসা করে৷ তিনি বলেন, 'পুলিশকর্তাদের আমি দোষ দিচ্ছি না৷ তাঁদের কিছু করার নেই৷ পুলিশ অফিসারদের উপরতলার নির্দেশ মেনে চলতে হয়৷ আমি সব সময় পুলিশের তদন্তে সহযোগিতা করে এসেছি৷' কুণালবাবুর অভিযোগকে অবশ্য আমল দিতে রাজি নয় দল৷ মুকুল রায় বলেছেন, 'আইন আইনের মতো চলবে৷ কেউ আইনের ঊর্ধ্বে নয়৷'


সারদা কেলেঙ্কারিতে সিবিআই তদন্ত চেয়ে তিনি আজ প্রধানমন্ত্রী মনমোহন সিংকে চিঠি দেবেন বলেও জানিয়েছেন কুণাল৷ তাঁর দাবি, 'একমাত্র সিবিআই তদন্ত হলেই সারদা-কেলেঙ্কারির আসল রহস্য উন্মোচিত হবে৷' সাংবাদিকদের সঙ্গে কথা বলতে বলতে কুণালবাবু এদিন বেশ আবেগতাড়িত হয়ে পড়েন৷ তাঁর চোখ ছলছল করে৷ গলা ধরে আসে৷ তা সত্ত্বেও ওই সাংসদের দাবি, তিনি মোটেই নরম হননি৷


এদিনই মালদহে তৃণমূলের আর এক বিদ্রোহী সাংসদ সোমেন মিত্রও ফের সারদা কেলেঙ্কারিতে সিবিআই তদন্ত চেয়েছেন৷ তিনি বলেন, 'মুখ্যমন্ত্রী তো নিজেকে সততার প্রতীক বলে মনে করেন৷ সেই সততার স্বার্থে মমতার নিজের থেকেই এই ঘটনার সিবিআই তদন্ত চাওয়া উচিত ছিল৷' তাঁর অভিযোগ, তৃণমূল পুলিশ-প্রশাসনকে সিপিএমের থেকেও নির্লজ্জ ভাবে দলের কাজে ব্যবহার করছে৷


পাশাপাশি কুণালবাবু এদিন মমতার বিরুদ্ধেও বিস্ফোরক অভিযোগ এনেছেন৷ তিনি জানান, গত বিধানসভা ভোটের পরেই মুখ্যমন্ত্রীর সঙ্গে সারদা কর্তা সুদীপ্ত সেনের একান্ত বৈঠক হয়েছে৷ সেই বৈঠকে সুদীপ্তবাবু মুখ্যমন্ত্রীকে বলেছিলেন, তিনি মমতাকে পরবর্তী প্রধানমন্ত্রী হিসেবে দেখতে চান৷ তার জন্য সারদা সংস্থার বিভিন্ন প্রচারমাধ্যমকে ব্যবহার করা হবে৷


বৃহস্পতিবার রাতে বিধাননগর পুলিশ কমিশনারেট কুণালবাবুকে দশমবারের জন্য জেরা করে৷ দিল্লি থেকে ফিরে বিমানবন্দর থেকেই তিনি সোজা চলে আসেন গোয়েন্দা দপ্তরে৷ কুণালবাবু জানান, গোয়েন্দা প্রধান তাঁর কাছে সরাসরি জানতে চান, সারদা সংস্থার টাকা মিডিয়া ছাড়া আর কোথায় খেটেছে, সেই টাকা কোথায় গিয়েছে৷ জবাবে তিনি বলেন, 'এর উত্তর আমার জানা নেই৷ তা ছাড়া এই প্রশ্নেই তো আমি সিবিআই তদন্ত চেয়েছি৷ আমি সারদা গোষ্ঠীর মিডিয়া বিভাগের সামান্য কর্মচারী ছিলাম৷ এ ছাড়া তাদের অন্য কোনও কারবার সম্পর্কে আমি বিন্দুবিসর্গ জানি না৷' কুণালবাবুর বক্তব্য অনুযায়ী এর পরও গোয়েন্দা প্রধান বলতে থাকেন, তাঁদের তদন্তে উঠে এসেছে, সারদার টাকা কোথায় গিয়েছে, তা তিনি জানেন৷ কুণালবাবুও বারবার একই কথা বলেন, 'আমি কিছু জানি না৷' শেষে গোয়েন্দা প্রধান ওই সাংসদকে হুমকি দেন, তিনি না-জানালে পুলিশ তাঁকে গ্রেপ্তার করতে বাধ্য হবে৷ সাংবাদিক বৈঠকে কুণালবাবু জানান, তিনি গ্রেপ্তার হওয়ার জন্য তৈরি রয়েছেন৷ তিনি বলেন, 'আমি তৃণমূলের দুর্দিনের কর্মী৷ শত্রু পক্ষ পিছন থেকে ছুরি মারলে ব্যথা কম লাগে৷ কিন্ত্ত ঘরের লোক যদি ছুরি মারে, তার ব্যথা অনেক বেশি৷ আমি আজ সেই ব্যথাই অনুভব করছি৷'


গ্রেফতারের আশঙ্কা, কান্নায় ভেঙে পড়লেন কুণাল


http://www.abpananda.newsbullet.in/video/state/43853-2013-11-22-12-03-44

গোয়েন্দা প্রধান অর্ণব ঘোষের বিরুদ্ধে এফআইআর করতে বিধাননগর থানায় কুণাল

গোয়েন্দা প্রধান অর্ণব ঘোষের বিরুদ্ধে এফআইএর করতে বিধাননগর দক্ষিণ থানায় গেলেন তৃণমূলের সাসপেন্ডেড সাংসদ কুণাল ঘোষ। কুণাল ঘোষের অভিযোগ সারদা কাণ্ড নিয়ে জিজ্ঞাসাবাদের সময় তাঁকে গ্রেফতারের হুঁশিয়ারি দিয়েছিলেন গোয়েন্দা প্রধান।


সংবাদমাধ্যমের বাইরে আর কোথায় সারদার টাকা রয়েছে তা না জানালে তাঁকে গ্রেফতারের হুমকি দেওয়া হয় বলে দাবি কুণাল ঘোষের। সারদা কাণ্ডের সিবিআই তদন্তের দাবি জানিয়ে আজই প্রধানমন্ত্রীকে চিঠি লিখেছেন কুণাল ঘোষ।


গোয়েন্দা প্রধান অর্ণব ঘোষের বিরুদ্ধে এফআইএর করতে বিধাননগর দক্ষিণ থানায় গেলেন তৃণমূলের সাসপেন্ডেড সাংসদ কুণাল ঘোষ। কুণাল ঘোষের অভিযোগ সারদা কাণ্ড নিয়ে জিজ্ঞাসাবাদের সময় তাঁকে গ্রেফতারের হুঁশিয়ারি দিয়েছিলেন গোয়েন্দা প্রধান।


সংবাদমাধ্যমের বাইরে আর কোথায় সারদার টাকা রয়েছে তা না জানালে তাঁকে গ্রেফতারের হুমকি দেওয়া হয় বলে দাবি কুণাল ঘোষের। সারদা কাণ্ডের সিবিআই তদন্তের দাবি জানিয়ে আজই প্রধানমন্ত্রীকে চিঠি লিখেছেন কুণাল ঘোষ।


বিধাননগর কমিশনারেটের পুলিস কমিশনার রাজীব কুমার শুক্রবার দেখা করেন মুখ্যমন্ত্রী, স্বরাষ্ট্র সচিবের সঙ্গে। তখন থেকেই কুণাল ঘোষের গ্রেফতারি নিয়ে জল্পনা চলছিল। এরপর শুক্রবার রাতের দিকে কুণাল ঘোষের অনুপস্থিতিতে তাঁর খোঁজে তাঁর বাড়িতে যায় পুলিস। কুণালবাবুর বক্তব্য, এই খবর পেয়েই তিনি বাড়ি ফিরে আসেন। তবে গোটা ঘটনায় বিস্ময় প্রকাশ করে তৃণমূল সাংসদের প্রশ্ন, তাঁকে যখনই ডাকা হয়েছে তিনি পুলিসের কাছে উপস্থিত হয়েছেন। এর আগে দশবার বিধাননগর কমিশনারেটে তিনি গিয়েছেন। এবং আজ বেলা ২টো নাগাদ তিনি আবারও যাবেন। তাই তাঁর প্রশ্ন, তিনি যখন তদন্তের ব্যাপারে সাহায্য করছেনই, তখন এই ভাবে তাঁর বাড়িতে পুলিসের যাওয়ার কী দরকার ছিল।


এর আগে রাজ্যসরকার তথা শাসকদলের বিরুদ্ধে ক্ষোভ উগড়ে দেন কুণাল। সারদাকাণ্ডে আগে থেকেই সব জানতেন মুখ্যমন্ত্রী, তবু ব্যবস্থা নেননি। সারদাকাণ্ডের জন্য তাঁকে যদি গ্রেফতার করা হয়, তা হলে তিনি পুলিসের কাছে নয় ম্যাজিস্ট্রেটের কাছে জবানবন্দি দিতে চান। এ ব্যাপারে আইনজীবীদের সঙ্গে তিনি কথাও বলছেন। শুক্রবার রাতে এ কথা জানালেন কুণাল ঘোষ।

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24 Ghanta

মুখ্যমন্ত্রীর সঙ্গে দেখা করলেন বিধাননগরের পুলিস কমিশনার, কুণাল ঘোষের গ্রেফতারি নিয়ে জল্পনা, রাতে পুলিস গেল তৃণমূল সাংসদের বাড়িতে


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গ্রেফতারের আশঙ্কা কুণালের, আজ জানাবেন সব নাম

নিজস্ব সংবাদদাতা • কলকাতা

তাঁর আশঙ্কা আজ, শনিবারই সারদা-কাণ্ডে গ্রেফতার করা হতে পারে তাঁকে। রাজ্য ও জাতীয় মিডিয়াকে ডেকে এ কথা জানিয়ে শুক্রবার নিজের বাড়িতে ক্যামেরার সামনে কান্নায় ভেঙে পড়লেন তৃণমূল সাংসদ কুণাল ঘোষ।

গ্রেফতার হওয়ার আগে শনিবারই প্রধানমন্ত্রীকে চিঠি লিখে সারদা-কাণ্ডের তদন্তের ভার সিবিআই-কে দেওয়ার আর্জি জানাতে চান তৃণমূলের সাসপেন্ড হওয়া সাংসদ। সারদা-কাণ্ডে যে সব বড় বড় মাথা জড়িত বলে এত দিন তিনি অভিযোগ করে এসেছেন, গ্রেফতারের পরে তাঁদের সকলের নাম লিখিত ভাবে পুলিশকে জানাবেন। আর সেই সব নাম পৌঁছে দেবেন সংবাদমাধ্যমের কাছেও। আর যদি গ্রেফতার না হন? তা হলেও সেই সব নাম শনিবার তিনি প্রকাশ করে দেবেন বলে এ দিন জানিয়েছেন। তাঁর অভিযোগ, সারদা গোষ্ঠীর কাছ থেকে যাঁরা দিনের পর দিন সুবিধা ভোগ করেছেন, তাঁরা আজ "বাংলার ঘরে ঘরে ভগবান জ্ঞানে পূজিত!"

তাঁরা কারা?

বিস্তারিত ভাবে কিছু বলতে চাননি কুণাল। মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের নাম করে বলেছেন, "আমি তাঁকে দেশের প্রধানমন্ত্রীর আসনে দেখতে চাই। আমাকে তো পুলিশ ধরে নিয়ে যাবে। মমতাদি, আপনি ভাল থাকবেন!" তবে পাশাপাশি তিনি এটাও দাবি করেছেন যে, সারদা গোষ্ঠীর কর্ণধার সুদীপ্ত সেন ছিলেন তৃণমূল নেত্রীরও ঘনিষ্ঠ। কুণালের বয়ান অনুযায়ী, "সারদার লক্ষ্য ছিল, যাতে দেশের প্রধানমন্ত্রী হিসেবে উঠে আসেন মমতা। সুদীপ্ত বলেছিলেন, 'ম্যাডাম, দেশের প্রধানমন্ত্রী হবেন, সে ভাবেই আমি চ্যানেল সাজাচ্ছি।' সুদীপ্ত বাংলার আওয়াজ ভারতের মানুষের কাছে পৌঁছে দিতে চেয়েছিলেন।"

*

সাংবাদিক বৈঠকে কেঁদে ফেললেন কুণাল ঘোষ। ছবি: শুভাশিস ভট্টাচার্য।

বস্তুত, ঢেউয়ের মতো এ দিন একের পর এক অভিযোগ তুলে এনেছেন কুণাল। কথা বলতে বলতে কেঁদে ফেলেছেন বেশ কয়েক বার। কান্নায় ধরে-আসা গলাতেই বলেছেন, "মমতাদি, পুলিশ পাঠিয়ে আমাকে গ্রেফতার করে নিয়ে যান! এতে একটা বৃত্ত সম্পূর্ণ হবে। সিঙ্গুর-নন্দীগ্রাম আন্দোলন থেকে শুরু করে দুঃসময়ে নেত্রীর পাশে ছিলাম। আজ নতুন নতুন লোক আসছেন। আমরা পুরনো লোক, তাই প্রয়োজন ফুরিয়েছে আমাদের!"

প্রায় এক ঘন্টার সাংবাদিক বৈঠকে এ দিন তাঁর অভিযোগের আঙুল উঠেছে মূলত দলের সর্বভারতীয় সাধারণ সম্পাদক মুকুল রায়ের দিকে। বলেছেন, "কিছু লোককে আড়াল করতে, আমাদের মতো কিছু বেতনভুক কর্মচারীকে ফাঁসাতে তদন্ত চালাচ্ছে পুলিশ। বিধাননগরের কমিশনার রাজীব কুমার মুকুল রায়ের কথায় ওঠবোস করছেন!" জিজ্ঞাসাবাদের সময় তিনি কারও নাম করলেই রাজীব কুমার বা বিধাননগরের গোয়েন্দা প্রধান অর্ণব ঘোষ অস্বস্তিতে পড়ে যাচ্ছেন! কুণালের দাবি, "আমার কাঁধে বন্দুক রেখে কেলেঙ্কারি চাপা দেওয়ার চেষ্টা হচ্ছে!" তৃণমূলের কাছ থেকে তাঁর এটা 'প্রাপ্য' ছিল না বলে কেঁদেই ফেলেছেন রাজ্যসভার সাংসদ।

মুকুলবাবু অবশ্য কুণালের বিষয়ে পাল্টা মন্তব্য করতে চাননি। কুণালের অভিযোগ নিয়ে প্রশ্নের জবাবে এ দিন মুকুলবাবু বলেন, "আমি দলের শৃঙ্খলারক্ষা কমিটির অন্যতম সদস্য। সেই কমিটি যে সদস্যকে সাসপেন্ড করেছে, তাঁর কোনও মন্তব্যের উপরে আমি মন্তব্য করলে তা শৃঙ্খলাভঙ্গ হবে।" সারদা-কাণ্ডে তৃণমূলের অনেক নেতা জড়িত বলে কুণাল বারবার যে দাবি করছেন, সে সম্পর্কেও মুকুলবাবুর প্রতিক্রিয়া, "আইন আইনের পথে চলবে। আইনের ঊর্ধ্বে কেউ নন।" কুণালের বক্তব্য কি গুরুত্ব দিয়ে দেখছে দল? মুকুলবাবুর জবাব, "দল যে কোনও ব্যাপারই গুরুত্ব দিয়ে দেখে।"

বিধাননগরের পুলিশ কমিশনার রাজীব কুমারও কুণালের অভিযোগ সম্পর্কে সরাসরি মন্তব্য না-করে বলেছেন, "এ বিষয়ে যা বলার ডিসি-ডিডি (অর্ণব ঘোষ) বলবেন।" অর্ণববাবুর বক্তব্য, "ওঁকে নিয়ম মেনে জিজ্ঞাসাবাদ করা হয়েছে। গ্রেফতার করা হবে, এমন কথা বলা হয়নি।"

কুণাল বোঝাতে চেয়েছেন, দলনেত্রীর সঙ্গে তাঁর সম্পর্ক বিষিয়ে যাওয়ার পিছনে রয়েছে তিনটি কারণ। এক, রায়গঞ্জে অধ্যক্ষ-নিগ্রহের ঘটনার পরে সাংবাদিক হিসেবে তিনি সরকারি অবস্থানের সমালোচনা করেছিলেন। দুই, কেন্দ্রীয় সরকার থেকে সমর্থন তুলে নেওয়ার সময়ে টাউন হলে তিনি সেই সিদ্ধান্তের বিরোধিতা করেছিলেন। তিন, জানুয়ারি মাসের একটি ঘটনা, যা তিনি খোলসা করে বলতে চাননি। এরই পরিণাম হিসেবে তাঁর বিরুদ্ধে ষড়যন্ত্র রচনা করা হয়েছে বলে অভিযোগ কুণালের।

আবেগমথিত গলায় কুণাল এ দিন অভিযোগ করেছেন, "আমাকে পিছন থেকে ছুরি মারা হয়েছে!" কিন্তু কে মারল ছুরি? কুণালের উত্তর, "মুকুলদাকে ভালবাসি। উনি যা ঠিক মনে করেছেন, তা-ই করেছেন!" কিছু ক্ষণ পরে বলেন, "মুকুলদাকে অনুরোধ, আপনারা সবাই মিলে আমার ক্ষতি করেছেন। কিন্তু এ ভাবে দলের পুরনো লোকদের ক্ষতি করবেন না!" নাম করেছেন কলকাতার পুলিশ কমিশনার সুরজিৎ কর পুরকায়স্থেরও। সাংসদের কথায়, "আমার বিরুদ্ধে অভিযোগ, আমি নাকি নেতাজি ইন্ডোরে সারদা-র এজেন্ট মিটিং-এ বক্তৃতা করেছি। কিন্তু আমি ছিলাম না। ছিলেন সুরজিৎ কর পুরকায়স্থ। কেন তিনি একটি সংস্থার অভ্যন্তরীণ বৈঠকে গেলেন? কেন তিনি সুদীপ্তবাবুকে 'ভালো উদ্যোগপতি' বললেন? এ সব নিয়ে তো কেউ প্রশ্ন তুলছে না?" এই নিয়ে প্রশ্ন করা হলে সুরজিৎবাবু বলেছেন, "আমার সিনিয়র এক অফিসারের অনুরোধে নেতাজি ইন্ডোরে একটি অনুষ্ঠানে গিয়েছিলাম। সেটা পাবলিক ফাংশন ছিল। সে দিন কী বলেছি, এত দিন পরে আমার মনে নেই। তবে সুদীপ্তবাবুকে আমি কখনওই চিনতাম না।"

নাম না-করে কুণাল কটাক্ষ করেছেন রাজ্যের এক মন্ত্রীকেও। বলেছেন, "তিনি (সেই মন্ত্রী) বলেছিলেন, আমি নাকি কাচের ঘরে বসে ঢিল ছুড়ছি! আমি জানি এটা বিপজ্জনক। কিন্তু নিউ টাউনে রহস্যজনক ভাবে মৃত তরুণী আইনজীবীর ঘরে বসে ঢিল ছোড়া তো আরও বিপজ্জনক!"

কুণালের বয়ান অনুযায়ী, সারদার কর্ণধার সুদীপ্তের টাকা মিডিয়ার বাইরে আর কোথায় কোথায় আছে, তা শনিবারের মধ্যে না-জানালে তাঁকে গ্রেফতার করার কথা বলেছেন অর্ণববাবু। এই দাবি করেই কুণালের মন্তব্য, "স্বয়ং সুদীপ্ত সেনকে তো কত বার পুলিশ জিজ্ঞাসাবাদ করেছে। তিনি নিজেই জানাতে পারেননি, তো আমি কোথা থেকে জানাব? তাই শনিবার দুুপুরে গেলেই ওরা গ্রেফতার করবে।"

তিনি জানান, পুলিশ তাঁকে বলেছে, সারদা-কাণ্ডে ৫০০টি মামলা শুরু করেছে পুলিশ। প্রতিটি মামলায় ১০ দিন করে পুলিশ হাজতে থাকলে কমপক্ষে ৫০০০ দিন তাঁকে গারদে থাকতে হবে। তবে আগাম জামিনের জন্য তিনি আবেদন করতে নারাজ। তাঁর কথায়, "আমি তো কোনও পাপ, অন্যায় করিনি যে আগাম জামিন চাইব!" গ্রেফতারের পরে তাঁর সাংসদ পদে ইস্তফা দেবেন কি না, এখনই না ভাবলেও কুণালের বক্তব্য, "এখনও দলের দু'তিন জন নেতাকে শ্রদ্ধা করি। তার মধ্যে পার্থ চট্টোপাধ্যায়কে আজ ফোন করেছিলাম। মমতাদির সঙ্গে দেখা করিয়ে দেওয়ার অনুরোধ জানাতে নয়। বলেছি, কাল পুলিশ গ্রেফতার করবে। আপনারা ভাল থাকবেন।" পার্থবাবুও জানিয়েছেন, সৌজন্যের খাতিরে ফোন করে কুণাল কুশল কামনা করেছেন।

কেন সরাসরি যোগাযোগ করছেন না নেত্রীর সঙ্গে? কুণালের বক্তব্য, সারদা-কাণ্ডে তাঁর অবস্থান জানিয়ে ইতিমধ্যেই পার্থ, মুকুল ও দলনেত্রীকে তিনি চিঠি দিয়েছেন। জবাব পাননি। কুণালের কথায়, "আমার যা জানানোর, তা তো নেত্রীকে জানিয়ে দিয়েছি। লোকদের ধরে দিদির কাছে গিয়ে দরবার করতে চাইনি। তিনি যদি কথা বলতে না চান, অপ্রিয় সত্য শুনতে না চান, আমার কী-ই বা করার থাকতে পারে?"

আর নাটকীয় এই ঘটনাপ্রবাহ সম্পর্কে তৃণমূলের বিক্ষুব্ধ সাংসদ সোমেন মিত্রের প্রতিক্রিয়া— "দ্য বল হ্যাজ স্টার্টেড রোলিং!"

http://www.anandabazar.com/23raj3.html



অনেকেই সাহায্য নিয়ে দেব-দেবী সাজছেন: কুণাল

নিজস্ব সংবাদদাতা • কলকাতা

সারদা গোষ্ঠীর আর্থিক কেলেঙ্কারিকে কেন্দ্র করে তিনি আগেও কয়েক জন নেতানেত্রীর দিকে ইঙ্গিত করেছিলেন। আবার নাম না-করেই কিছু লোকের দিকে আঙুল তুললেন কুণাল ঘোষ।

সারদা কাণ্ডে জিজ্ঞাসাবাদের জন্য বৃহস্পতিবার বিধাননগর কমিশনারেটে ডেকে পাঠানো হয়েছিল রাজ্যসভার এই তৃণমূল সদস্যকে। জিজ্ঞাসাবাদের পরে বেরিয়ে এসে তিনি বলেন, "অনেকেই সারদার কাছ থেকে প্রত্যক্ষ ও পরোক্ষ ভাবে সাহায্য নিয়েছেন। তাঁরা এখন দেব-দেবী সেজে ঘুরে বেড়াচ্ছেন।" কিন্তু এই দেব-দেবী কারা, তা অবশ্য খুলে বলতে চাননি তিনি। তবে তিনি যাঁদের দেব-দেবী বলছেন, তাঁদের কটাক্ষ করেই তাঁর বক্তব্য, সারদার কর্মী ও আমানতকারীরা বিপদে পড়লেও ওই সংস্থার কাছ থেকে নানা ভাবে সুবিধাভোগীরা নিরাপদে রয়েছেন!

এ দিন পুলিশি তদন্ত নিয়েও প্রশ্ন তুলেছেন তৃণমূল সাংসদ। তিনি বলেন, ''তদন্তের উদ্দেশ্য কী? সারদা কাণ্ডের রহস্য ভেদ করা, নাকি সংবাদমাধ্যম গোষ্ঠী এবং আরও কয়েক জনের ঘাড়ে দোষ চাপানো?" তাঁর এই বক্তব্যে পুলিশের একাংশ মনে করছেন, বারবার কমিশনারেটের অফিসে ডেকে এনে যে-ভাবে তাঁকে জিজ্ঞাসাবাদ করা হচ্ছে, তাতেই ক্ষুব্ধ হয়েছেন সাংসদ।

সারদার সংবাদমাধ্যম বিভাগের কর্তা ছিলেন কুণালবাবু। তছরুপ ধরা পড়ার পরে তাঁর দিকেও আঙুল ওঠে। পুলিশ জানাচ্ছে, সারদা কাণ্ডের তদন্ত শুরু হওয়ার পর থেকে কুণালবাবুকে আগেই ন'বার জিজ্ঞাসাবাদ করা হয়েছিল। এ দিন ছিল দশম দফা। এ দিন যে তাঁকে ফের জিজ্ঞাসাবাদ করা হবে, তা জানিয়ে বুধবার রাতেই কুণালবাবুকে ফোন করেন বিধাননগর কমিশনারেটের গোয়েন্দারা। বলা হয়, বৃহস্পতিবার সকালেই তাঁকে কমিশনারেটের অফিসে পৌঁছে যেতে হবে। কিন্তু কুণালবাবু পুলিশকে জানান, দিল্লিতে একটি বৈঠকের জন্য তিনি সকালে আসতে পারবেন না।

পুলিশি সূত্রের খবর, সন্ধ্যার বিমানে দিল্লি থেকে কলকাতায় আসেন কুণালবাবু। রাত পৌনে ৮টা নাগাদ হাজির হন কমিশনারেটের অফিসে। বিমানযাত্রার ক্লান্তি ফুটে উঠেছিল তাঁর চোখেমুখে। ঘণ্টাখানেক জিজ্ঞাসাবাদ চলে। ৯টার পরে তিনি কমিশনারেটের অফিস ছাড়েন। তার আগে দাবি করেন, সারদার টাকা লেনদেন সংক্রান্ত কোনও চুক্তিতে তিনি সই করেননি। এর আগেও একই দাবি করেছিলেন তিনি। এ দিন বলেন, "আমি প্রতারণার সঙ্গে যুক্ত প্রমাণ করতে পারলে আমার যেন ফাঁসি হয়।"

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জেরায় তিন নেতার নাম তুলে সরব কুণাল

নিজস্ব সংবাদদাতা • কলকাতা

ক জন রাজ্যের মন্ত্রী। এক জন তৃণমূলের সাংসদ ও একটি দৈনিক সংবাদপত্রের সম্পাদক। অন্য জন রাজ্য পুলিশের প্রাক্তন ডিজি এবং তৃণমূলের বীরভূম জেলার পর্যবেক্ষক। মঙ্গলবার সারদাকাণ্ড নিয়ে তৃণমূলের এই তিন নেতার দিকে সরাসরি আঙুল তুললেন রাজ্যসভার সাংসদ কুণাল ঘোষ। এ দিন কেন্দ্রীয় তদন্তকারী সংস্থা এনফোর্সমেন্ট ডাইরেক্টরেট (ইডি)-এর জেরার পরে বাইরে এসে তৃণমূল থেকে সাসপেন্ড হওয়া এই সাংসদের মন্তব্য, এই তিন জন সারদা কাণ্ডের অনেক কিছু জানেন। এর আগে কুণালবাবু বলেছিলেন, সারদা কাণ্ড থেকে ন'জন ব্যক্তি উপকৃত হয়েছেন এবং তাঁরা সারদা কেলেঙ্কারির বিষয়ে বিস্তারিত জানেন। তাঁদের কেন জিজ্ঞাসাবাদ করা হচ্ছে না, সে সম্পর্কেও প্রশ্ন তুলেছিলেন তিনি। সারদাকর্তা সুদীপ্ত সেন ওই ন'জনের নাম মনে না করতে পারলে তিনি তাঁদের নাম বলে দেবেন বলেও ওই সময়ে জানিয়েছিলেন কুণালবাবু।

এ দিন কী বলেছেন তিনি?

মঙ্গলবার ইডি-র জেরার পরে বাইরে এসে কুণালবাবু বলেন, "একটি দৈনিক সংবাদপত্রের সঙ্গে সুদীপ্ত সেনের কী চুক্তি হয়েছিল, কত টাকা দেওয়া হয়েছে, কী বৃত্তান্ত সে বিষয়ে আমি বলতে পারব না। বলতে পারবেন সৃঞ্জয় বসু (তৃণমূল সাংসদ)। লাস ভেগাসের অনুষ্ঠানে সুদীপ্ত সেন গিয়েছিলেন, কী বৃত্তান্ত, সে বিষয়ে বিস্তারিত বলতে পারবেন রজত মজুমদার (প্রাক্তন ডিজি)। আমি বলতে পারব না। বিষ্ণুপুর থেকে কী ভাবে সুদীপ্ত সেনের উত্থান, সে বিষয়ে পুরোটা আমি বলতে পারব না। বলতে পারবেন মদন মিত্র (পরিবহণমন্ত্রী)।"

কুণালবাবুর এই বক্তব্যের পরে কী বলছেন ওই তিন জন?

তৃণমূলের রাজ্যসভার সাংসদ সৃঞ্জয় বসু বলেন, "২০১২ সালের মে মাস পর্যন্ত সংবাদ প্রতিদিনের সঙ্গে সারদার টেলিভিশন চ্যানেলের সম্পাদকীয় পরিষেবা দেওয়ার চুক্তি ছিল। এটা নতুন কথা নয়। সংশ্লিষ্ট সব পক্ষ এই চুত্তির বিষয়টি জানেন। এমনকী, সংস্থার কর্মীরাও জানেন। সুতরাং, পুরনো কথা নতুন করে আর কিছু বলব না।"

রাজ্য পুলিশের প্রাক্তন ডিজি রজত মজুমদার তৃণমূলের বীরভূম জেলার পর্যবেক্ষক। কিছু দিন সারদা গোষ্ঠীর নিরাপত্তা-পরামর্শদাতা হিসাবে কাজ করেছেন তিনি। মঙ্গলবার রজতবাবুকে ফোনে ধরা হলে তিনি প্রথমে বলেন, "আমি এখন ব্যাঙ্ককে। এ নিয়ে মন্তব্য করতে চাই না।" কিন্তু এর পরেই তিনি বলেন, "২০১২ সালে আমেরিকায় বঙ্গ সংস্কৃতি সম্মেলনের জন্য সুদীপ্তবাবু চার কোটি টাকা দেওয়ার আশ্বাস দিয়েছিলেন। শেষ পর্যন্ত দেন দু'কোটি টাকার মতো। শিল্পীদের সম্মানদক্ষিণা, বিমানভাড়া পুরোটাই চেকে দেন। আমি চেকগুলো যথাস্থানে পৌঁছে দিয়েছি মাত্র।" কুণালবাবুর বক্তব্য প্রসঙ্গে রজতবাবুর মন্তব্য, "ওই সম্মেলনের সরাসরি সম্প্রচারের জন্য সারদা গোষ্ঠী প্রচুর খরচ করেছিল। এই সম্প্রচারের দায়িত্বে ছিলেন কুণালবাবু। এ জন্য কোন খাতে কী খরচ হয়েছিল, সেটাও প্রকাশ্যে আসা দরকার।"

রাজ্যের পরিবহণমন্ত্রী মদন মিত্র বলেন, "আমার পক্ষে বলা মুশকিল, কেন কুণাল এ রকম বলেছেন। তবে সারদা-গোষ্ঠীর অফিস বিষ্ণুপুরে আমার বিধানসভা এলাকার লাগোয়া ছিল। সেখানকার একটি মন্দিরের অনুষ্ঠানে হয়তো সারদা গোষ্ঠীর কয়েক জন ছিলেন। এর বাইরে আমি কিছু জানি না।"

মঙ্গলবার সকাল সাড়ে ১০টা নাগাদ সল্টলেকের সিজিও কমপ্লেক্সের সাত তলায় ইডি-র দফতরে আসেন কুণালবাবু। সারদা কেলেঙ্কারি নিয়ে জিজ্ঞাসাবাদের জন্য তাঁকে ডেকে পাঠিয়ে ছিলেন ইডি-র আধিকারিকেরা। দফতরে ঢোকার আগে তিনি সাংবাদিকদের বলেন, "আমি ইডি-র আধিকারিকদের বলব, আমাকে আর সুদীপ্ত সেন-কে মুখোমুখি বসিয়ে জেরা করতে।" পাঁচ ঘণ্টা পর ৩টে ২৫ নাগাদ দফতর থেকে বেরিয়ে সাংবাদিকদের মুখোমুখি হয়ে তিনি বলেন, "সুদীপ্ত সেনকে যাঁরা চেনেন, সারদা সম্পর্কে যাঁরা জানেন, এতে কার লাভ হয়েছে বা হয়নি, সে বিষয়ে আমি কিছু বলতে চাই না। শুধু আমি তাঁদের কাছে আবেদন করছি, তাঁরাও আমার মতো তদন্তে সাহায্য করুন।"

সূত্রের খবর, সুদীপ্ত সেনের সঙ্গে মুখোমুখি বসিয়ে জেরা করা নিয়ে তাঁর আবেদনে সাড়া দেননি ইডি-র আধিকারিকেরা। সুদীপ্ত সেনও এতে রাজি নন বলেই ইডি সূত্রে জানা গিয়েছে। এর আগে দেবযানী মুখোপাধ্যায়কে ইডি-র আধিকারিকেরা নিজেদের হেফাজতে নিয়ে জিজ্ঞাসাবাদ করেছিলেন। জানা গিয়েছে, এ দিন সুদীপ্ত সেনকে আয়কর অফিসে নিয়ে যাওয়া হয়।

http://www.anandabazar.com/archive/1131030/30raj1.html



সাত মাস পর সারদা কেলেঙ্কারির চার্জ গঠন পুলিসেরপ্রায় সাত মাস পর সারদা কেলেঙ্কারির চার্জ গঠন করল পুলিস। সারদার কর্ণধার সুদীপ্ত সেনের বিরুদ্ধে প্রতারণার মামলা সমেত বিশ্বাস ভঙ্গ ,ষড়যন্ত্র ও চারশ নয় ধারায় চার্জ গঠন করা হয়েছে। সারদার অন্যতম আধিকারিক দেবযানী মুখোপাধ্যায়ের বিরুদ্ধেও প্রতারণা ও ষড়যন্ত্রের মামলা করা হয়েছে।


তবে দেবযানীর বিরুদ্ধে বিশ্বাসভঙ্গের চার্জ গঠন করা হয়নি। যদিও সরকারি আইনজীবী চারশ ছয় ধরায় অর্থাত্‍ বিশ্বাসভঙ্গের চার্জ গঠনের সপক্ষে আবেদন জানান, যা আদালত নাকচ করেছে। তবে সারদা কেলেঙ্কারিতে যে চার্জ গঠন করা হয়েছে তা সবকটিই ফৌজদারি মামলা। এই মামলা সম্পত্তি গ্রহণের কোনও ব্যবস্থাই নেই।

http://www.abpananda.newsbullet.in/state/34/43385



আর্থিক সংস্থার সম্পত্তি বেচেই টাকা ফেরত

নিজস্ব সংবাদদাতা • কলকাতা

কোনও আর্থিক সংস্থা আমানতকারীদের টাকা ফেরত দিতে না-পারলে যে সংশ্লিষ্ট সংস্থার সম্পত্তি বেচেই সেই টাকা ফেরানোর ব্যবস্থা করা যায়, শুক্রবার কলকাতা হাইকোর্টের একটি নির্দেশ সেই দিশা দেখিয়ে দিয়েছে।

টাওয়ার ইনফোটেক নামে একটি আর্থিক সংস্থার আমানতকারীদের টাকা ফেরত নিয়ে মামলা হয়েছে হাইকোর্টে। সেই মামলায় উচ্চ আদালত এ দিন নির্দেশ দিয়েছে, টাওয়ার ইনফোটেকের সম্পদ বিক্রি করেই আমানতকারীদের টাকা মিটিয়ে দিতে হবে। এবং টাকা ফেরতের কাজটা হবে হাইকোর্টের তত্ত্বাবধানেই। রাজ্য সরকারকেও এই পুরো প্রক্রিয়াটির সঙ্গে যুক্ত থাকতে হবে বলে নির্দেশ দিয়েছেন বিচারপতি।

সাম্প্রতিক কালের সব থেকে বড় আর্থিক কেলেঙ্কারির ঘটনাটি ঘটেছে সারদা সংস্থায়। সেই তছরুপ নিয়ে দীর্ঘদিন ধরে তোলপাড় চলছে। শেষ পর্যন্ত কমিশন গড়ে পুজোর আগে কিছু আমানতকারীর টাকা ফেরতের ব্যবস্থা করেছে রাজ্য সরকার। কালীপুজোতেও কিছু আমানতকারীকে টাকা ফেরত দেওয়ার কথা ছিল। কিন্তু প্রাপকের তালিকা তৈরি না-হওয়ায় সেই কাজ আটকে আছে। প্রশ্ন উঠেছে, সরকারি তহবিলের টাকা তো জনগণের টাকা। সেই তহবিল থেকে সারদার আমানতকারীদের টাকা ফেরত দেওয়া হবে কেন? বিরোধীদের বক্তব্য, জনগণের করের টাকা এ ভাবে খরচ না-করে সারদার সম্পত্তি বিক্রি করেই আমানতকারীদের টাকা ফেরত দেওয়া উচিত। এ দিন সারদা সংস্থার কর্তাদের বিরুদ্ধে একটি মামলায় চার্জ গঠন করা হয়েছে নিম্ন আদালতে। কিন্তু ওই সংস্থার সম্পত্তি বাজেয়াপ্ত করা বা তা বেচে টাকা ফেরতের বন্দোবস্ত এখনও হয়নি। পশ্চিমবঙ্গে এবং অন্যান্য রাজ্যে সারদার কত সম্পত্তি আছে, তার সামগ্রিক হিসেবও করে ওঠা যায়নি।

কী ভাবে সারদা সংস্থার আমানতকারীদের টাকা ফেরত দেওয়া উচিত, তা নিয়ে বিতর্কের মধ্যেই এ দিন টাওয়ার ইনফোটেক সংস্থার সম্পদ বেচে টাকা মেটানোর নির্দেশ দিয়েছে উচ্চ আদালত। হাইকোর্ট সূত্রের খবর, সেবি আগেই নির্দেশ দিয়েছিল, টাওয়ার ইনফোটেককে আমানতকারীদের কাছ থেকে টাকা তোলা বন্ধ করতে হবে এবং যাঁরা ইতিমধ্যে ওই সংস্থায় টাকা রেখেছেন, তা ফেরত দিতে হবে। সেবি-র সেই নির্দেশকে চ্যালেঞ্জ জানিয়ে ওই সংস্থাই হাইকোর্টে মামলা করে।

বিচারপতি সঞ্জীব বন্দ্যোপাধ্যায় শুক্রবার টাওয়ার ইনফোটেককে নির্দেশ দেন, তাদের কোথায় কত সম্পত্তি আছে এবং আমানতকারীর সংখ্যা ও জমা টাকার পরিমাণ কত, দু'সপ্তাহের মধ্যে তা জানাতে হবে। এ দিন টাওয়ার গোষ্ঠীর পক্ষ থেকে আদালতকে জানানো হয়, তাদের সম্পত্তির পরিমাণ ২৮০ কোটি টাকা। আর আমানতকারীদের জমা রাখা টাকার পরিমাণ ১৭০ কোটি টাকা।

টাওয়ার ইনফোটেক আপাতত তাদের কোনও সম্পত্তি হস্তান্তর করতে পারবে না বলে রাজ্য সরকার ইতিমধ্যে বিজ্ঞপ্তি জারি করেছে। হাইকোর্ট এ দিন সরকারকেও এই মামলায় যোগ দেওয়ার নির্দেশ দিয়েছে। উচ্চ আদালত চায়, ওই আর্থিক সংস্থার সম্পত্তি বিক্রির সঙ্গে রাজ্য সরকারও যুক্ত থাকুক। হাইকোর্ট এই মামলায় আদালত-বান্ধব হিসেবে আইনজীবী এসএন মুখোপাধ্যায়ের নাম ঘোষণা করেছে।

টাওয়ার ইনফোটেকের মামলায় হাইকোর্টের এই নির্দেশের পাশাপাশি এ দিনই বিধাননগর এসিজেএম আদালতে সারদা গোষ্ঠীর কর্ণধার সুদীপ্ত সেন এবং ওই সংস্থার ডিরেক্টর দেবযানী মুখোপাধ্যায় ও মনোজ নাগেলের বিরুদ্ধে একটি মামলায় চার্জ গঠন করা হয়েছে। ২৩ এপ্রিল সুদীপ্ত ও দেবযানী কাশ্মীরে ধরা পড়ার প্রায় সাত মাস পরে এই প্রথম সারদা কাণ্ডের কোনও মামলায় চার্জ গঠন করা হল। সারদা গোষ্ঠীর অধীন দু'টি সংবাদমাধ্যমের কর্মীরা বেতন না-পেয়ে মামলা করেছিলেন। চার্জশিটে সারদা-প্রধান সুদীপ্ত-সহ অভিযুক্তদের বিরুদ্ধে প্রতারণা, বিশ্বাসভঙ্গ, চক্রান্ত করার মতো এক গুচ্ছ অভিযোগ আনা হয়েছে। সারদার কর্ণধারের বিরুদ্ধে যে-সব ধারায় অভিযোগ আনা হয়েছে, তা প্রমাণিত হলে তাঁর যাবজ্জীবন কারাদণ্ড পর্যন্ত হতে পারে বলে আইনজীবীরা জানান। তবে দেবযানীর ক্ষেত্রে এই ধারা প্রয়োগ করা হয়নি। ৬ ডিসেম্বর এই মামলায় সাক্ষ্যগ্রহণের কাজ শুরু হবে।

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