Palah Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

what mujib said

Jyothi Basu Is Dead

Unflinching Left firm on nuke deal

Jyoti Basu's Address on the Lok Sabha Elections 2009

Basu expresses shock over poll debacle

Jyoti Basu: The Pragmatist

Dr.BR Ambedkar

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Monday, July 1, 2013

कोल इंडिया के विभाजन की प्रक्रिया शुरु, बिक जायेंगे रानीगंज झरिया कोयला क्षेत्र!

कोल इंडिया के विभाजन की प्रक्रिया शुरु, बिक जायेंगे रानीगंज झरिया कोयला क्षेत्र!


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


कोयला नियामक बनाने के बाद अगला कार्यक्रम कोलइंडिया के विबाजन का है, जिसपर अमल शुरु हो गया है। विनिवेश का मामला िसके मुकाबले बहुत छोटा है। कोल गेट घोटाला कोकिंग कोल समृद्ध झरिया रानीगेज  कोयला क्षेत्र की नीलामी से बड़ नहीं है। कोयला मंत्रालय ने शॉर्टलिस्ट की गई नौ फर्मों से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) मंगाए हैं। इनमें से किसी एक फर्म का चयन अंतिम रूप से कंपनी के पुनर्गठन में सलाहकारी सेवाओं के लिए किया जाएगा।इन प्रस्तावों के आधार पर अंतिम रूप से जिस एक फर्म का चयन किया जाएगा, जो कि कोल इंडिया के पुनर्गठन की कवायद में कोयला मंत्रालय को सलाहकारी सेवाएं मुहैया कराएगी।


कोयला मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल शुरु से ही रट लगाते रहे हैं  कि वे कोल इंडिया के विभाजन के खिलाफ हैं पर विशेषज्ञ इसके हक में राय देंगे तो उन्हें कोई ऐतराज नही होगा।देश में कोयले की बढ़ती मांग, कोयला उत्पादन बढ़ाने और इस सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए योजना आयोग समेत कई उच्च स्तरीय समितियों ने कोल इंडिया के पुनर्गठन की सिफारिश की है।इनमें टी. एल. शंकर की अध्यक्षता वाली समिति भी शामिल है। योजना आयोग ने कोल इंडिया की सब्सिडियरी कंपनियों को इससे अलग करने की भी सिफारिश की थी, ताकि ये कंपनियां अपने अलग लक्ष्य तय कर उन पर काम शुरू कर सकें।


कोयला नियामक के लिए तो फिरभी लंबी चौड़ी कवायद की गयी, जिसका कोयला यूनियनों ने अभी तक विरोध नहीं किया है। लेकिल कोयले की कोठरी में कालिख से पुते चेहरों को कोलइंडिया के पुनर्गठन के नाम पर कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयों को बेचने में कोई शर्म नहीं आ रही है।


सलाहकारी सेवाओं के लिए प्रस्ताव मंगाकर विभाजन की प्रक्रिया शुरु कर दी गयी है।सरकार ने इसी साल के शुरू में कोल इंडिया के पुनर्गठन के लिए सलाहकारी सेवाएं प्रदान करने के लिए एक्सप्रेशन ऑफइंटरेस्ट (ईओआई) मंगाए थे।इसके जवाब में कुल मिलाकर 17 फर्मों ने अपने प्रस्ताव जमा किए थे। इनमें एसबीआई कैपिटल व इंफोसिस भी शामिल थीं। कोयला मंत्रालय ने कहा है कि इन 17 फर्मों में से नौ ने अगले चरण की बोली के लिए क्वालीफाई कर लिया है। इनमें आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज, केपीएमजी, अर्नस्ट एंड यंग, मैकिन्सी, डेलॉय व क्रिसिल के नाम शामिल हैं।कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ए. के. दुबे की अध्यक्षता में इन नौ फर्मों के साथ एक बैठक पिछले माह आयोजित की गई थी। अब इन फर्मों से पुनर्गठन की योजना को लेकर प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं।


घोटालों पर हायतौबा मचाने वाले राजनताओं को इस पर कोई ऐतराज नहीं है। झरिया कोयलांचल झारखंड में है तो झारखंडी अस्मिता को कोई ठेस हीं लगी तो बंगाल की मां माटी मानुष की सरकार ने अभी कोल इंडिया के विनिवेश या विभाजन पर कोई नीति ही तय नहीं की है। वामपंथी हो हल्ला दिखाने के लिए जितना है, सरकारी ोना रोकने के लिए उतना कतई नहीं है।


No comments:

Post a Comment