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Monday, May 14, 2012

अब लिंगाराम पर सादे कागजों पर दस्तखत का दबाव

http://www.janjwar.com/2011-05-27-09-00-20/25-politics/2618-lingaram-letter-leak-jagadalpur-jail

आला अधिकारी और प्रसाशन लिंगाराम से सादे कागजों पर दस्तखत करने के लिए दबाव बना रहे हैं. लिंगाराम कोडोपी ने जेल से लिखे अपने पत्र में विस्तार से बताया है कि कैसे उसे गलत मामलों में पुलिस ने फंसाया है...

जनज्वार. छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जेल में बंद आदिवासी पत्रकार लिंगाराम कोडोपी का दिल दहला देने वाला पत्र जनज्वारमें छपने के बाद छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक हलके में हलचल है. हलचल इस बात को लेकर नहीं है कि अन्य कैदियों के साथ जेल में जहालत की जिंदगी जी रहे लिंगाराम कोडोपी की यह हालत क्यों है, बल्कि इसलिए है कि लिंगाराम का पत्र जेल से बाहर कैसे आया. अधिकारी इसी ख़ुफ़िया जानकारी को जुटाने में लग गए हैं.lingaram_arrested 

आला अधिकारी और प्रसाशन लिंगाराम से सादे कागजों पर दस्तखत करने के लिए दबाव बना रहे हैं. लिंगाराम कोडोपी ने जेल से लिखे अपने पत्र में विस्तार से बताया है कि कैसे उसे गलत मामलों में पुलिस ने फंसाया है. पिछले वर्ष दिल्ली से सटे नोएडा में पत्रकारिता की पढ़ाई कर लिंगाराम अपने गृहजनपद दंतेवाडा गया था, जहाँ उसे पुलिस ने 8 महीने पहले माओवादी बताकर एस्सार नोट कांड में गिरफ्तार कर लिया था. 
 
इससे पहले भी दंतेवाडा पुलिस लिंगाराम को माओवादी प्रवक्ता बताने की साजिश कर चुकी है, जिसका खुलासा होने के बाद राज्य सरकार और इस झूठी खबर को प्रमुखता से प्रकाशित  करने वाले अख़बार 'इंडियन एक्सप्रेस' की थू-थू हुई थी. दिल्ली में सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश और प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर इस साजिश का खुलासा किया था, जिसमें पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति फर्जी पाई गयी थी.

गौरतलब है कि जनज्वार ने 7 मई को लिंगाराम के 6 पेज के हस्तलिखित पत्र को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. पत्र के प्रकाशन के बाद से ही छत्तीसगढ़ सरकार यह पता करने में जुट गयी कि पत्र बाहर कैसे आया. अब जेल मिली जानकारी के मुताबिक जेल अधिकारी लिंगाराम पर लगातार सादे कागजों पर दस्तखत करने का दबाव बना रहे हैं.
 
पत्र बाहर आने के बारे में जगदलपुर जेल अधीक्षक राजेंद्र गायकवाड़ का कहना है कि, 'पत्र के मामले में पुलिस ने लिंगाराम का बयान दर्ज कर लिया है. पुलिस को लिंगा ने बताया है कि उसने यह पत्र अदालत में पेशी के दौरान भेजा था.' 

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