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Sunday, August 7, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/8/7
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


यूपीःहिन्दी प्रदेश में हिन्दी माध्यम उपेक्षित

Posted: 06 Aug 2011 03:30 AM PDT

बारहवीं तक हिन्दी माध्यम में पढ़ाई। स्नातक में प्रवेश लेते ही भारी भरकम पाठ्यक्रम, वह भी अंग्रेजी में। प्रश्नपत्र हिन्दी व अंग्रेजी में दोनों में जबकि परीक्षा देते हैं हिन्दी में। इस खाई को पाटने में जूझ रहे हैं प्रदेश के सत्तर फीसदी स्नातक के छात्र। अभी तक छात्र किसी प्रकार अंग्रेजी में दिए गए विस्तृत पाठ्यक्रम को हिन्दी में पढ़ने का जुगाड़ तलाशते रहे हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश में कॉमन मिनिमम सिलेबस लागू करने की कवायद तो शुरू कर दी है, लेकिन छात्रों के इस पहलू को दरकिनार कर दिया गया है। नया पाठ्यक्रम भी अंग्रेजी में आने के बाद अब हिन्दी माध्यम के छात्रों की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। प्रदेश में नए पाठ्यक्रम की पहल का स्वागत तो किया ही जा रहा है लेकिन साथ ही अब इसे हिन्दी में बनाने की मांग की जाने लगी है। बहुसंख्य शिक्षक कक्षाओं में हिन्दी में ही पढ़ाते नजर आएंगे। अंग्रेजी के पाठ्यक्रम को छोड़कर छात्र हिन्दी में दिए गए पुराने प्रश्नपत्रों को ही पाठ्यक्रम का अहम हिस्सा मानकर उससे तैयारी करते रहे हैं। परीक्षा के लिए छात्रों को हिन्दी माध्यम ही रास आता है। लखनऊ विवि में हिन्दी माध्यम चुनने वाले छात्र अस्सी फीसदी हैं। प्रदेश के अन्य विवि का भी यही हाल है। राज्य सरकार का कॉमन मिनिमम सिलेबस विस्तृत है, किन्तु अंग्रेजी में ही तैयार किया गया है। बेहतर अध्ययन और अध्यापन के लिए यह निर्धारित करना आवश्यक है कि क्या पढ़ना जरूरी है और क्या नहीं? हिन्दी माध्यम से जुड़े छात्रों के लिए अचानक इस बदलाव को स्वीकारना सहज नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार का कॉमन मिनिमम सिलेबस हिन्दी माध्यम में भी उपलब्ध होने पर छात्रों को इसका सही लाभ मिल सकता है। इस संबंध में लखनऊ विवि के परीक्षा नियंत्रक मानते हैं कि छात्र अकसर अंग्रेजी में पाठ्यक्रम को लेकर अपनी परेशानी बताते रहते हैं। अधिसंख्य शिक्षक भी हिन्दी में ही पढ़ाते हैं। अंग्रेजी में पढ़ने पर यदि छात्र प्रश्न समझ नहीं पाता तो उत्तर भी स्पष्ट नहीं लिखता और इसका असर अंकों पर पड़ता है। पाठ्यक्रम हिन्दी में न होने से एक बड़ा गैप बना हुआ है, इसे खत्म करना जरूरी है। पाठ्यक्रम हिन्दी में होगा, तभी हिन्दी भाषी क्षेत्र के विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे(पारितोष मिश्र,दैनिक जागरण,लखनऊ,6.8.11)।

राजस्थानःपॉलिटेक्निक में प्रवेश की प्रक्रिया 9 से

Posted: 06 Aug 2011 01:58 AM PDT

राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में द्वितीय वर्ष इंजीनियरिंग डिप्लोमा पाठ्यक्रम में सीधे प्रवेश की प्रक्रिया 9 अगस्त से राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, जोधपुर में शुरू होगी। आगामी 23 अगस्त तक चलने वाली इस प्रक्रिया में बारहवीं (विज्ञान), वोकेशनल/टेक्निकल, दो वर्षीय आईटीआई उत्तीर्ण, बारहवीं (पीसीएम) के अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर निर्धारित सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा।
प्रवेश प्रक्रिया में विद्यार्थी को व्यक्तिगत रूप से राजकीय पॉलिटेक्निक, जोधपुर में निर्धारित तिथि पर समस्त मूल प्रमाण पत्रों एवं उनकी सत्यापित फोटो प्रति एवं निर्धारित शुल्क का डी.डी. लेकर स्वयं उपस्थित होना होगा। नौ अगस्त को 12वीं विज्ञान, 10 अगस्त को दो वर्षीय आईटीआई उत्तीर्ण व 11 अगस्त से 23 अगस्त तक बाहरवीं की काउंसलिंग होगी(राजस्थान पत्रिका,उदयपुर,6.8.11)।

2012 से शुरू होगा रोजगार मूलक पाठ्यक्रम

Posted: 06 Aug 2011 01:55 AM PDT

सरकार ने कहा कि वह अगले साल से रोजगार मूलक इंजीनियरिंग उच्च शिक्षा पाठ्यक्र म एवं रोजगार मूलक स्नातक स्तरीय पाठ्यक्र म शुरू करने जा रही है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि स्कूल पण्राली में और पॉलिटेक्निक संस्थानों में उद्योग आधारित पाठ्यक्र म शुरू किया जाएगा, ताकि छात्रों की रोजगार हासिल करने की क्षमता में वृद्धि हो सके। उन्होंने बताया कि योजना के अनुसार, उच्चतम माध्यमिक अकादमिक या नियमित एवं दसवीं कक्षा के बाद रोजगार मूलक पाठ्यक्र म शुरू किए जाएंगे। साथ ही स्नातक स्तर पर भी रोजगार मूलक इंजीनियरिंग का पाठ्यक्रम होगा। उन्होंने कहा कि हम शिक्षा पण्राली में एकीकृत रोजगारमूलक प्रशिक्षण देने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए स्कूल स्तर पर ही पाठ्यक्र म तैयार किया जाएगा। सिब्बल ने बताया कि वर्ष 2007 के उपब्ध आंकड़ों के अनुसार, स्नातक इंजीनियरों में से केवल 61 फीसदी को ही रोजगार मिला। उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र के बारे में थी और पूरे परिदृश्य की वास्तविक तस्वीर नहीं पेश करती। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग स्नातकों को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नौकरी के लिए दक्षता की जरूरत होती है। इंजीनियरिंग स्नातकों की रोजगार हासिल करने की क्षमता बढ़ाने के लिए मंत्रालय ने 2007 में रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान तथा छह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (कालीकट, दुर्गापुर, जयपुर,  सूरत , तिरुचिरापल्ली और वारंगल) में इंजीनियरिंग स्नातकों के लिए फिनिशिंग स्कूल का कार्यक्र म प्रायोगिक आधार पर चलाया था। सिब्बल ने बताया कि इस प्रायोगिक कार्यक्र म के आधार पर वर्ष 2008 में मंत्रालय ने केंद्र से निधियां प्राप्त करने वाली सभी तकनीकी संस्थाओं को यह कार्यक्र म संचालित करने के लिए कहा था। वर्ष 2010 में इसकी समीक्षा करने पर पता चला कि योजना से अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हुए। उनके अनुसार, इसके बाद एआईसीटीई से एक समिति गठित करने तथा पूरे देश के लिए फिनिशिंग स्कूल कार्यक्र म को नए सिरे से तैयार करने के बारे में उपाय सुझाने को कहा गया। समिति ने अभी रिपोर्ट नहीं दी है और रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,6.8.11)।

ओबीसी छात्रों को अंकपत्र देकर डिग्री रोकेगा लखनऊ विवि

Posted: 06 Aug 2011 01:48 AM PDT

लखनऊ विविद्यालय ने स्नातक अंतिम वर्ष के बीए, बीएससी और बीकाम के साथ अन्य पाठ्यक्रमों के अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के अंकपत्र तो जारी कर दिेये हैं, लेकिन अब उनकी डिग्री रोकी जाएगी। विविद्यालय के कुलसचिव जीपी त्रिपाठी ने कहा कि फीस न आने की वजह से अप्रिय निर्णय लेना पड़ा है। लखनऊ विविद्यालय का अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग पर ओबीसी के करीब 4000 छात्रों की फीस की साढ़े तीन करोड़ की धनराशि बकाया है। इनमें डेढ़ करोड़ रुपये इस वर्ष के हैं कि जबकि बाकी रकम पिछले वर्षो की है। लविवि ने मौजूदा शैक्षिक सत्र से तो अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को जीरो फीस पर दाखिले की प्रक्रिया ही खत्म कर दी है। और पिछले वर्ष में छात्रों को मिली सुविधा अब उन्हें मुसीबत बन गयी है। विविद्यालय ने पहले उनके अंकपत्र रोके, लेकिन जब परास्नातक के दाखिलों में अड़चन आयी तो अंकपत्र जारी कर डिग्री रोकने का आदेश जारी हुआ। विविद्यालय के कुलसचिव ने बताया कि कुछ छात्रों ने फीस जमा करा दी है। लखनऊ विविद्यालय में प्रवेश लेने वाले छात्रों को फीस जमा करने की मोहलत दी गयी है और बाहर दाखिला लेने वाले अभ्यर्थी फीस जमा कर अंकपत्र ले जा रहे हैं। उनकी डिग्री भी जारी की जाएगी। उल्लेखनीय है कि विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश पाये अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को एक लाख रुपये अभिभावक की आय होने पर जीरो फीस का लाभ पिछले वर्ष तक दिया गया है। उनकी फीस अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग भरता है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,6.8.11)।

यूपीःराजकीय ग‌र्ल्स इंटर कालेज में माह के अंत तक होगी नियुक्ति

Posted: 06 Aug 2011 01:47 AM PDT

राजकीय ग‌र्ल्स इंटर कालेज में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षिकाओं की नियुक्ति (एलटी ग्रेड) आठ अगस्त के बाद फाइनल होने की संभावना है। लखनऊ में निदेशालय स्तर पर शिक्षिकाओं के चयन पर अंतिम रूप से मुहर लगेगी। प्रदेश में वाराणसी सहित कुछ और मंडलों की सूची मुख्यालयों पर चस्पा दी गई। मेरठ मंडल में कुल 167 पदों में से करीब डेढ़ सौ पदों पर शिक्षिकाओं की नियुक्ति अंतिम प्रक्रिया में है। संयुक्त शिक्षा निदेशक मंजू सिंह सोमवार को लखनऊ जाएंगी। जहां लिस्ट पर निदेशक माध्यमिक के अनुमोदन के बाद नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जाएगा। अगस्त के अंत तक चयनित शिक्षिकाओं को नियुक्ति पत्र मिलने की संभावना है। जिले के उच्चीकृत कालेजों में इन शिक्षिकाओं की तैनाती हो सकती है। स्कूलों को ग्रांट की दरकार जांच में मिले फिसड्डी मेरठ : पूरे प्रदेश में करीब 127 मान्यता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल ग्रांट पाने की ताक में हैं। इसमें मेरठ और सहारनपुर के करीब 25 स्कूल हैं। आठ अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद इन स्कूलों के भाग्य का फैसला होगा। हालांकि स्थलीय जांच में इन स्कूलों में कई मानक के अनुरूप नहीं हैं। प्रदेश सरकार इन स्कूलों को ग्रांट नहीं देना चाहती है जबकि स्कूल ग्रांट के लिए दावे कर रहे हैं। सरकार अपना पक्ष रखने के लिए इन स्कूलों की स्थलीय जांच भी करवा चुकी है। मेरठ और सहारनपुर मंडल के स्कूलों की जांच कर एडी बेसिक अशोक कुमार सिंह ने रिपोर्ट विभाग को भेज दी है। स्थलीय जांच में दोनों मंडलों के कई स्कूल ऐसे हैं जिनकी बिल्डिंग जर्जर हो चुकी हैं। एडी बेसिक ने बताया कि स्थलीय निरीक्षण में कुछ ही स्कूल सही मिले(दैनिक जागरण,मेरठ,6.8.11)।

लखनऊःकरामत डिग्री कालेज को लौटानी पड़ सकती है 49 छात्राओं की फीस

Posted: 06 Aug 2011 01:46 AM PDT

लखनऊ विविद्यालय करामत हुसैन मुस्लिम गल्र्स कालेज को झटका दे सकता है। विविद्यालय यहां बीएड के शून्य सत्र में प्रवेश पायीं पचास फीसद छात्राओं को ही परीक्षा में शामिल करेगा और अन्य की फीस लौटाने के लिए करामत डिग्री कालेज को निर्देश दिये जा सकते हैं। लखनऊ विविद्यालय में इसका प्रस्ताव तैयार हो चुका है और विधिक राय के लिए लीगल सेल से मशविरा किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि बीएड को लेकर दो जुलाई 2003- 04 में तत्कालीन प्रमुख सचिव आर रमणी की ओर से जारी शासनादेश में स्पष्ट है कि अल्पसंख्यक श्रेणी का दर्जा पाये बीएड महाविद्यालय सिर्फ प्रबंधन कोटे की पचास फीसद सीटों पर ही प्रवेश करेंगे। बाकी की पचास फीसद सीटें राज्य द्वारा तय सामूहिक परीक्षा की मेरिट से भरी जाएंगी। अल्पसंख्यक श्रेणी के दो अन्य संस्थानों ने इसका पालन किया, लेकिन करामत डिग्री कालेज में प्रबंधन कोटे की पचास फीसद सीटों को मिलाकर 99 प्रवेश कर लिए गये हैं। शून्य सत्र होने की वजह से राज्य स्तर पर कोई प्रवेश परीक्षा भी आयोजित नहीं की गयी, ऐसे में 49 छात्राओं का भविष्य चौपट हो सकता है। यह छात्राएं दो बार की प्रवेश परीक्षा भी छोड़ चुकी हैं और अब उनके भविष्य पर ग्रहण लग सकता है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,6.8.11)।

यूपीःस्थायी शिक्षक बनने की चाह रह जायेगी अधूरी!

Posted: 06 Aug 2011 01:44 AM PDT

प्राथमिक स्कूलों में स्थायी शिक्षक बनने का सपना देखने वाले शिक्षामित्रों को इस खबर से मायूसी हो सकती है। पूरे प्रदेश में शिक्षामित्रों की दो साल की विशेष ट्रेनिंग होने जा रही है। शिक्षामित्र यह मानकर चल रहे हैं कि ट्रेनिंग के बाद वे स्थायी हो जाएंगे, जबकि बेसिक शिक्षा की नियमावली उनकी स्थायी नियुक्ति में अवरोध खड़ा कर सकती है। जिले में बेसिक शिक्षा परिषद से करीब 1405 स्कूल संचालित हो रहे हैं। इसमें अभी तक प्राथमिक स्कूल में करीब 3700 और जूनियर में 2200 शिक्षक नियुक्त हैं। आरटीई (शिक्षा के अधिकार अधिनियम)लागू होने के बाद से करीब दो सौ प्राथमिक और दो सौ जूनियर के शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। प्रदेश सरकार ने आरटीइ की अधिसूचना जारी कर दी है। आरटीइ में ट्रेंड शिक्षक ही मान्य हैं। ऐसे में बेसिक शिक्षा विभाग को मजबूरी में शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग देनी पड़ रही है। बेसिक शिक्षा के नियमावली के आधार पर सूत्रों की मानें तो बेसिक स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता ग्रेजुएट के साथ बीटीसी है। बीएडधारक विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग के बाद ही नियुक्त होते हैं जबकि शिक्षामित्र की योग्यता इंटर है। कुछ शिक्षामित्र स्नातक के साथ बीएड डिग्रीधारक होंगे। फिर भी इस आधार पर उनकी स्थायी नियुक्ति नही हो सकती है। आठ से रिसोर्स पर्सन की ट्रेनिंग बेसिक शिक्षा अधिकारी गजेंद्र कुमार ने बताया कि जिले में करीब 800 शिक्षामित्र ट्रेनिंग के लिए चयनित हुए हैं। इनकों ट्रेनिंग देने से पहले रिसोर्स पर्सन की ट्रेनिंग आठ अगस्त से 11 अगस्त तक दी जाएगी। बीआरसी पर ये रिसोर्स पर्सन शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग देंगे। शिक्षामित्र ट्रेनिंग के साथ अपने पूर्व के स्कूल में अध्यापन का काम भी करते रहेंगे(दैनिक जागरण,मेरठ,6.8.11)।

बिहारःविवि शिक्षकों का बकाया भुगतान करने का निर्देश

Posted: 06 Aug 2011 01:33 AM PDT

पटना उच्च न्यायालय ने राज्य के सभी विविद्यालयों को निर्देश दिया कि वे सभी शिक्षकों का बकाया भुगतान करें जिनकी सेवानिवृति की उम्र 62 वर्ष से 65 वर्ष कर दी गयी है। न्यायालय ने अपने गत वर्ष के आदेश में शिक्षकों की सेवानिवृति की उम्र 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी थी और यह 30 जून, 2010 से लागू किया गया था। उसने कुलपतियों, रजिस्टार व वित्त अधिकारियों से भी कहा कि जबतक शिक्षकों का बकाया भुगतान नहीं होगा तबतक वे भी अपना वेतन व भत्ता नहीं लेगें। न्यायमूर्ति नवनीति प्रसाद सिंह ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि जिन शिक्षकों ने बकाया भुगतान के लिए याचिका दाखिल की है या जो नहीं किये हैं, उन सभी का बकाया भुगतान किया जाय। न्यायमूर्ति ने यह आदेश कई अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जारी किया है। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि अदालती आदेश के बावजूद उनलोगों को बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसके दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाय तथा बकाया भुगतान को कहा जाय(राष्ट्रीय सहारा,पटना,6.8.11)।

मेरठःआरक्षण न माना तो खत्म होगा बीएड एफिलिएशन

Posted: 06 Aug 2011 01:31 AM PDT

दलित छात्रों ने उप्र अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य प्रेमचंद गौतम व डा. भगवान सिंह के समक्ष बीएड पाठ्यक्रम संचालित करने वाले 20 कालेजों की पोल खोलकर रख दी। उन्होंने कहा कि शासनादेश में स्पष्ट है कि किसी भी एससी छात्र-छात्रा से बीएड में प्रवेश दौरान फीस न ली जाये पर कालेज संचालक उनसे पूरी फीस मांग रहे है। फीस न देने पर उन्हें उपस्थिति कम करने की चेतावनी दे रहे हैं। सर्किट हाउस पर 142 ऐसे छात्रों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई। पांच को मौके पर समाधान हुआ जबकि अन्य में जांच के आदेश हुए। कैबिनेट प्रावैधिक शिक्षा मंत्री सदल प्रसाद की भांजी ममता ने आरोप लगाया कि उनसे गढ़ रोड स्थित एक संस्थान के संचालक 50 हजार रुपये फीस मांग रहे हैं। इसी संस्थान के बारे में कैलाश कुमार आजाद, हरीश कुमार व अशोक ने भी शिकायत की। इन्हीं लोगों की तरह सुशील कुमार, विपिन कुमार, रविन्द्र सिंह व शाहीन, थान सिंह, दीपक कुमार, मो. सुलेमान, मीनाक्षी आदि ने शिकायत की। आयोग के सदस्यों ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी बीएन शुक्ला को आदेश दिया कि वह तत्काल इन कालेजों से संपर्क करें। यदि वह शासन की व्यवस्था अनुसार इन छात्रों का प्रवेश नहीं करते तो उनके संचालकों को आयोग में तलब किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उनकी मान्यता समाप्त करने की भी संस्तुति की जायेगी। मौके पर विवि की ओर से डीआर महेश कुमार भी उपस्थित थे। इसके साथ ही डीएन पॉलीटेक्निक की ग्रांट पर भी रोक लगाने की संस्तुति की गई। यहां पर प्रिंसिपल पद का विवाद चल रहा है(दैनिक जागरण,मेरठ,6.8.11)।

बिहारःरिटायर कर्मियों को पेंशन मिलने में अब नहीं होगी देर

Posted: 06 Aug 2011 01:13 AM PDT

रिटायर कर्मियों को अब पेंशन की राशि पाने के लिए कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। राज्य सरकार ने रिटार्यड कर्मियों को पेंशन की राशि शीघ्र भुगतान करने के निर्देश दिये हैं। पेंशन की राशि शीघ्र भुगतान नहीं करने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई भी होगी। मुख्य सचिव कोषांग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्य सचिव ने रिटार्यड कर्मियों के लंबित राशि के भुगतान के सख्त निर्देश दिये हैं। इसके साथ ही पेंशन की राशि लंबित रखने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई भी की जायेगी। इसके साथ ही सुशासन के कार्यक्रमों के संबंध में सभी विभागों को प्रपत्र उपलब्ध करा दिया गया है। मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रधान सचिव व सचिव को सुशासन के कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए सभी विभागों से प्रत्येक माह प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव ने निगरानी ब्यूरो को ब्यूरो में आवश्यक पदों के सृजन का प्रस्ताव शीघ्र देने का निर्देश दिया है। इसके अलावा निगरानी स्वच्छता के संबंध में निगरानी विभाग प्रत्येक छह माह पर निगरानी से संबंधित मामलों की सूची विभागों को उपलब्ध करायेंगे। इसके लिए निगरानी विभाग को अपने विभाग को पूरी तरह कम्प्यूटरीकृत करने का निर्देश दिया गया है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,6.8.11)।

कोलकाताःदमघोंटू माहौल में पढ़ने को विवश छात्र-छात्राएं

Posted: 06 Aug 2011 01:12 AM PDT

श्री जैन विद्यालय के समीप खुले मैदान में शव जलाए जाने से छात्र- छात्राओं की तबीयत पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। चार-पांच वर्षो तक क्लास चलने के दौरान बांसतल्ला श्मशान घाट पर शव दाह बंद रखा गया था लेकिन अचानक यहां स्कूल के समय शव जलाना फिर शुरू कर दिया गया है। शुक्रवार को भी क्लास चलने के दौरान शव दाह किया गया। गुरुवार सुबह शव के धुएं से कई छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई थी। यह समस्या दो दिनों से नहीं है बल्कि जब से स्कूल की स्थापना हुई है तब से है। छात्र- छात्राओं के स्वास्थ्य के लिए श्मशान को अन्यत्र स्थानांतरित करने के लिए स्कूल प्रबंधन ने जिलाधिकारी एवं हावड़ा नगर निगम से बार- बार गुहार लगाई लेकिन कोई पहल नहीं की गई। कोई राजनीतिक दल भी इस समस्या को दूर करने के लिए आगे नहीं आया। प्रशासनिक एवं राजनीतिक किसी स्तर पर स्कूली बच्चों की परेशानी को दूर करने का प्रयास नहीं किया गया। इस स्थिति में यहां बच्चों को धुएं एवं बदबू के बीच क्लास करना पड़ता है। इससे शिक्षक, शिक्षिकाएं व कर्मचारी सभी परेशान हैं। कभी- कभार तीन-चार लाशें एक साथ जलाई जाती हैं जिससे विद्यालय की कक्षाओं एवं प्रांगण में धुआं भर जाता है। उस स्थिति में हालत और गंभीर हो जाती है। विद्यालय भवन के विकास एवं प्रबंधन की ओर से पर्यावरण को स्वच्छ रखने का हर इंतजाम करने पर भी श्मशान के कारण छात्र-छात्राओं को दमघोंटू माहौल में पढ़ाई करनी पड़ती है। वन बिहारी बोस रोड स्थित इस विद्यालय के मार्निग में 2400 छात्राएं तथा डे शिफ्ट में 2200 छात्र पढ़ते हैं। स्कूल भवन से सटे गंगा की ओर श्मशान घाट स्थित है। स्थानीय लोगों के अनुसार यह श्मशान घाट सौ वर्ष से भी अधिक पुराना है। गंगा नदी के दूर चले जाने पर भी यहां आज भी खुले मैदान में शव दाह किया जाता है। स्कूल बनाने से पहले स्थिति पर ध्यान देना चाहिए था : उप मेयर इस बारे में हावड़ा नगर निगम की उप मेयर कावेरी मैत्र का कहना है कि स्कूल की स्थापना से काफी पहले से वहां श्मशान घाट है। इसलिए विद्यालय निर्माण से पहले संबंधित व्यक्ति या संस्था को वहां की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए था। फिर भी छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए निगम की ओर से प्रयास किया जा रहा। इसके तहत वहां विद्युत शवदाह गृह बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके तैयार हो जाने के बाद स्कूली बच्चों को समस्या से राहत मिलेगी। कोई पहल नहीं कर रहा प्रशासन : सिंह स्कूल के डे शिफ्ट के प्रधानाचार्य राम अधीन सिंह ने बताया कि वे यहां करीब 11 वर्षो से कार्यरत हैं। इस दौरान इस समस्या के लिए जिलाधिकारी एवं मेयर का कई बार ध्यानाकृष्ट किया गया लेकिन समस्या को दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य का मामला होने के बावजूद डीएम ने श्मशान घाट को अन्यत्र स्थानांतरित करने से इंकार कर दिया। इस समस्या को दूर करने के लिए न तो प्रशासन किसी तरह की पहल कर रहा है और नहीं किसी राजनीतिक दल में इसे लेकर सुगबुगाहट है। इस स्थिति में छात्र- छात्राओं को काफी दिक्कत सहनी पड़ रही है। श्री सिंह ने इस मामले में राज्य के कृषि विपणन मंत्री अरूप राय से उम्मीद जताई है। उन्होंने बताया कि मंत्री को समस्या से अवगत कराया गया है(सुनील शर्मा,दैनिक जागरण,हावड़ा,6.8.11)।

कोटा में चलेगा ब्रिज कोर्स

Posted: 06 Aug 2011 01:10 AM PDT

केशवपुरा गुजराती बस्ती के शिक्षा से वंचित बच्चे अब ज्यादा दिनों तक शिक्षा से दूर नहीं रहेंगे। जल्द ही ये क ख ग के आखरों को पहचानेंगे। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से इस बस्ती के बच्चों को शिक्षित करने के लिए योजना चलाई जाएगी। इसका निर्णय शुक्रवार को सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय में हुई बैठक में किया गया। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी लाडपुरा खालिद मोहम्मद ने बताया कि इस संबंध में एडीपीसी पुरूषोत्तम माहेश्वरी ने जानकारी ली।
बातचीत के बाद शनिवार को बस्ती का सर्वे किया जाना तय किया गया। यहां बच्चों की संख्या और उनकी दिनचर्या की जानकारी ली जाएगी। इसमें बच्चों के सीखने की क्षमता व पढ़ने का समय भी देखा जाएगा। शहरी क्षेत्र होने के कारण यहां विद्यालय खोलना इतनी जल्दी संभव नहीं होगा, फिर भी यहां गैर आवासीय ब्रिज कोर्स संचालित किया जाएगा। सर्वे और विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर सर्वे कितने महीने का होगा और किस समय चलेगा, यह तय किया जाएगा। यह प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी(राजस्थान पत्रिका,कोटा,6.8.11)।

महर्षि दयानंद विवि में रिक्त सीटें भरने का निर्देश

Posted: 06 Aug 2011 01:09 AM PDT

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी कॉलेजों को रिक्त सीटों को भरने का निर्देश दिया है। शैक्षणिक शाखा प्रभारी एसएन शर्मा ने बताया कि 16 अगस्त तक खाली सीटों पर 1000 रुपये विलंब शुल्क के साथ और इसके बाद 1500 रुपये विलंब शुल्क के साथ 31 अगस्त तक प्राचार्य प्रवेश दे सकते हैं। मदवि द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार पहले से उपलब्ध आवेदन पत्रों में से प्रवेश दिया जाएगा(दैनिक जागरण,रोहतक,6.8.11)।

खिलाडि़यों व विद्यार्थियों के बनेंगे पासपोर्ट

Posted: 06 Aug 2011 01:06 AM PDT

हरियाणा समेत कई राज्यों में स्कूली बच्चों और खिलाडि़यों को समय से पासपोर्ट बनवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इससे अचानक जरूरत पड़ने पर उनको परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। कार्यकारी रीजनल पासपोर्ट आफिसर बख्शी सिंह इसके लिए स्वयं प्रयास करेंगे। दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान उन्होंने अपनी इस कार्ययोजना का खुलासा किया। उन्हें हाल ही में यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। पूर्व रीजनल पासपोर्ट आफिसर वितुल कुमार का लखनऊ स्थानांतरण हो गया है। उनके स्थान पर बख्शी सिंह को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। यमुनानगर जिले के रहने वाले बख्शी सिंह ने कहा कि हरियाणा के युवाओं में पासपोर्ट बनवाने का रुझान बढ़ा है। खिलाडि़यों व विद्यार्थियों के लिए जरूरी है कि वह समय से अपने पासपोर्ट बनवाकर तैयार रखें। उन्हें इसकी कभी भी जरूरत पड़ सकती है। बख्शी सिंह के अनुसार केंद्र सरकार देश में जल्द ही छह दर्जन से ज्यादा सेवा केंद्र खोलने वाली है। केंद्रीय पासपोर्ट कार्यालय चंडीगढ़ द्वारा ऑनलाइन पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट सिस्टम शुरू किया गया है। क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय दिल्ली के अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले जिलों में अभी इस परियोजना को शुरू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मास जून 2011 के लिए पुलिस सत्यापन रिपोर्ट की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्रीयपासपोर्ट कार्यालय दिल्ली द्वारा जिलों को सत्यापन के लिए 7008 पुलिस सत्यापन रिपोर्ट भेजी गई। सत्यापन के लिए केवल 81 पुलिस सत्यापन रिपोर्ट ही 21 दिनों से अधिक तक लंबित हैं। सीआइडी के अधिकारियों के समन्वित प्रयासों के बाद 1 जुलाई 2011 को प्राप्त स्थिति रिपोर्ट में बताया गया कि ऑनलाइन सत्यापन के उपरांत क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय चंडीगढ़ द्वारा जिलों को कुल 44959 पुलिस सत्यापन रिपोर्ट भेजी गई। इनमें अब 2686 रिपोर्ट ही लंबित हैं(दैनिक जागरण,चंडीगढ़,6.8.11)।

नेतरहाट प्रवेश परीक्षा के लिए तैयारियां शुरू

Posted: 06 Aug 2011 01:04 AM PDT

नेतरहाट आवासीय विद्यालय और इंदिरा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, हजारीबाग की प्रवेश परीक्षा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने इस परीक्षा को लेकर योजना तैयार कर ली है। 29 व 30 अगस्त को होने वाली परीक्षा को लेकर काउंसिल में लगातार समीक्षा हो रही है। जैक ने इस बार साफ कर दिया है कि जिलों द्वारा आवासीय प्रमाण पत्रों की पूरी जांच कर ही प्रवेश परीक्षा के फार्म जमा कराए जांए। इससे बाहरी छात्रों को लेकर होने वाली परेशानी पहले ही दूर कर ली जाएगी(दैनिक जागरण,रांची,6.8.11)।

उत्तराखंडःमातृत्व अवकाश में 730 दिन की छुट्टी

Posted: 06 Aug 2011 12:57 AM PDT

शिक्षा निदेशक चन्द्र सिंह ग्वाल ने बताया कि प्रदेश में चाइल्ड केयर लीव का शासनादेश जारी कर दिया गया है। अब राज्य की महिला शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश के रूप में 730 दिन की छुट्टी मिलेगी। इससे 15 हजार शिक्षिकाएं लाभांवित होंगी। राजकीय शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात के दौरान शिक्षा निदेशक ने उक्त बातें कहीं। उन्होंने शिक्षकों की समस्याओं पर कार्रवाई करने का आासन दिया। राजकीय शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल ने देहरादून में शिक्षा निदेशक से मुलाकात की। वहां से लौटने के बाद शिक्षक संघ के मंडलीय मंत्री नवेन्दु मठपाल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि उक्त शासनादेश से प्रदेश की महिला शिक्षकों को बच्चे की परवरिश में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा निदेशक के सम्मुख प्रवक्ताओं के स्थाईकरण सूची निर्गत करने, शिक्षा बंधुओं को नियमिती करने, नॉन पीजी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान देने, आयोग से चयनित प्रवक्ताओं को आदियायन तिथि से वरिष्ठता देने, शिक्षा के नये ढांचे से पैदा हो रही विसंगतियों का निस्तारण करने, कृपांक से उत्तीर्ण छात्रों को परीक्षाफल का लाभ विषय अध्यापक को दिये जाने, तदर्थ नियुक्त शिक्षकों को नवम्बर, 1995 से विनियमितीकृत करने की मांग उठाई। उन्होंने बताया कि शिक्षा निदेशक ने प्रवक्ताओं के स्थाईकरण की सूची निर्गत करने की जिम्मेदारी अपर शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी को सौंपी है। उन्होंने कहा कि इस पर शिक्षा निदेशालय अपनाहोमवर्क शीघ्र ही पूरा कर लेगा। उन्होंने कहा कि कृपांक लागत के बावत् विभागीय अधिकारियों की बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा निदेशक के समक्ष शिष्टमंडल ने जो मांगें उठाई है उस पर नीतिगत फैसले होने है इसलिए वे शासन से स्वयं इस संदर्भ में बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि दस दिन के भीतर उत्तराखंड के विभिन्न विद्यालयों में विभिन्न विषयों में 650 प्रवक्ता नियुक्त कर दिये जाएंगे। इस मौके पर गढवाल मंडल के मंडलीय मंत्री नवीन पैनुली, देहरादून के जिलाध्यक्ष सतीश लखेड़ा, उधमसिंहनगर के जिला उपाध्यक्ष राजकुमुद पाठक शामिल थे। श्री मठपाल ने कहा कि समस्याओं का समाधान समय रहते नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा(राष्ट्रीय सहारा,पिथौरागढ़,6.8.11)।

आरएएस 2010 का परिणाम 30 तक

Posted: 06 Aug 2011 12:53 AM PDT

राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती 2010 का परिणाम 30 अगस्त तक जारी किया जाएगा। आयोग सूत्रों के अनुसार 29 अगस्त शाम तक साक्षात्कार जारी रहेंगे। इसके बाद परिणाम जारी करने की कवायद शुरू होगी। आयोग अगर दिन में परिणाम जारी करने की नीति पर अमल करता है तो हर हाल में 30 अगस्त को परिणाम जारी कर दिया जाएगा(राजस्थान पत्रिका,अजमेर,6.8.11)।

देहरादूनःसिद्धार्थ लॉ कॉलेज के प्रथम सत्र की शुरूआत आठ से

Posted: 06 Aug 2011 12:51 AM PDT

सिद्धार्थ एजुकेशनल सोसाइटी इस सत्र से लॉ कॉलेज शुरू करने जा रही है। शिक्षण सत्र की शुरूआत 8 अगस्त से की जाएगी। इससे पूर्व शनिवार को मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' लॉ कॉलेज का उद्घाटन करेंगे। मीडिया से बातचीत के दौरान सिद्धार्थ लॉ कॉलेज के निदेशक डॉ. रवि गुराने ने कहा की कॉलेज स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है और इसके लिए छात्र संख्या सीमित रखी जाएगी ताकि प्रत्येक छात्र पर व्यक्तिगत तौर पर भी ध्यान दिया जा सके। मेधावी विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था भी की गई है। गुराने ने बताया की सिद्धार्थ लॉ कॉलेज उत्तराखंड तकनीकी विविद्यालय से सम्बद्ध पहला विधि महाविद्यालय है। कॉलेज बीबीए, एलएलबी कोर्स की शिक्षा देने वाला गढ़वाल क्षेत्र का प्रथम संस्थान है। विधि की बेहतर शिक्षा की जरूरत को देखते हुए पुस्तकालय एवं मूट कोर्ट रूम संस्थान द्वारा पहले ही तैयार करवा लिये हैं। सिद्धार्थ एजुकेशनल सोसाइटी के चेयरमैन दुर्गा वर्मा ने कहा की कॉलेज का पहला लक्ष्य विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देना है। इसके तहत प्रबंधन ने निर्णय लिया है की यदि सत्र के दौरान किसी छात्र या छात्रा के अभिभावक/ संरक्षक की मृत्यु हो जाती है तो उस छात्र/छात्रा की पढ़ाई रोकी नहीं जाएगी। उस छात्र/छात्रा की पढ़ाई का पूरा खर्चा प्रबंधन देगा। इसके लिए बाकायदा एक समिति का गठन कर कोष भी तैयार किया गया है। इसके अलावा यदि किसी छात्र/छात्रा ने हाईस्कूल व इंटर दोनों कक्षाओं में 90 प्रतिशत अंक हासिल किए हों तो उसे सौ प्रतिशत की स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी। इसके अलावा किसी एक कक्षा में 90 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले छात्र/छात्रा को 25 प्रतिशत तक की स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी। यह व्यवस्था प्रथम तीन रैकिंग में आने वाले छात्रों के लिए होगी। छात्र संख्या 30 अथवा अधिकतम 32 रखी जाएगी ताकि छात्रों को स्तरीय शिक्षा प्रदान की जा सके और प्रत्येक छात्र पर बेहतर ध्यान रखा जा सके। सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश व इंस्टीटय़ूशन के निदेशक आरआर अग्रवाल ने कहा की कॉलेज में हर उस छात्र को प्रवेश दिया जाएगा जिसमें शिक्षा प्राप्त करने और मेहनत करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति रखता हो। कॉलेज की विशेष बात यह भी है की यहां छात्रों को केवल थ्योरी ही नहीं प्रैक्टिल भी सिखाया जाएगा ताकि वकालत के क्षेत्र में उतरने पर उनके सामने व्यवहारिक दिक्कतें न आएं(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,6.8.11)।

लखनऊ विविःबीएड परीक्षाएं 23 अगस्त से

Posted: 06 Aug 2011 12:50 AM PDT

लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने लंबे इंतजार के बाद सत्र 2010-11 का बीएड का परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर दिया है। परीक्षाएं 23 अगस्त से शुरू होंगी और सात सितंबर तक चलेंगी। सत्र 2009-10 में अल्पसंख्यक कॉलेजों में हुए बीएड प्रवेशों की परीक्षाएं भी साथ में ही आयोजित की जाएंगी। परीक्षा नियंत्रक प्रो. यशवीर त्यागी ने बताया कि विस्तृत परीक्षा कार्यक्रम लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है। बीएड का सत्र अगस्त 2010 में शुरू हुआ था। इन छात्रों की पढ़ाई काफी पहले हो चुकी है लेकिन परीक्षाएं अभी तक शुरू नहीं हो सकी हैं। पिछले साल हुई तीनों काउंसिलिंग के छात्रों की परीक्षाएं एक साथ कराने का खाका बुनना ही देरी का कारण है। सत्र 2009-10 में राजधानी के अल्पसंख्यक संस्थानों में हुए प्रवेश भी विवादों में आ गए थे। इन विद्यार्थियों की परीक्षा भी अभी तक नहीं कराई गई थी। पिछले सप्ताह कोर्ट ने लखनऊ विश्वविद्यालय को इन छात्रों की परीक्षा कराने का आदेश दिया है। आखिरकार लविवि प्रशासन ने सभी विद्यार्थियों की परीक्षाएं शुरू होने की तिथि 23 अगस्त निर्धारित कर दी है। राजधानी में तीन परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। ये केंद्र लविवि का पुराना परिसर, जयनारायण पीजी कॉलेज और नवयुग कन्या महाविद्यालय हैं। परीक्षाएं दोपहर 2:30 बजे से 5:30 बजे तक होंगी। विस्तृत परीक्षा कार्यक्रम लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है(दैनिक जागरण,लखनऊ,6.8.11)

आरजेएस में होगी प्री परीक्षा

Posted: 06 Aug 2011 12:48 AM PDT

राज्य सरकार ने राजस्थान न्यायिक सेवा भर्ती परीक्षा के पैटर्न में बदलाव कर दिया है। अब न्यायिक सेवा में अभ्यर्थियों को पहले प्रारंभिक परीक्षा देनी होगी। इस परीक्षा को पास करने के बाद ही अभ्यर्थी अगले चरण की परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
आयोग सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने आरजेएस के 114 पदों पर भर्ती को मंजूरी दी है। फिलहाल परीक्षा तिथि तय नहीं की गई है। आयोग ने पहली बार राजस्थान न्यायिक सेवा भर्ती परीक्षा में भी प्रारंभिक परीक्षा का प्रावधान किया है। गौरतलब है कि आयोग की आरजेएस भर्ती लम्बे समय तक विवादित रही। इसके बाद भर्ती हाइकोर्ट के स्तर पर कराना तय हुआ। बाद में भर्ती को पुन: आयोग से कराने का आदेश जारी कर दिया गया(राजस्थान पत्रिका,अजमेर,6.8.11)।

उच्च शिक्षा के विकल्प को तैयार करने में लगा यूजीसी

Posted: 06 Aug 2011 12:27 AM PDT

दिल्ली में स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले को लेकर जबरदस्त मारामारी रहती है। दिल्ली विवि के दाखिलों के दौरान ऐसा देखेने में आया है। दिल्ली में छात्रों को उच्च शिक्षा मुहैया हो इसके लिए यूजीसी राज्य के विवि की सहायता करने में लगा है।

राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में डी.पुरंदेश्वरी ने कहा कि दिल्ली में कॉलेजों की जितनी संख्या है वह छात्रों की मांग की पूर्ति नहीं कर पा रही है। ऐसे में यूजीसी राज्य के विश्वविद्यालयों की इस मामले में मदद कर रहा है ताकि वह अपने क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करा सकें। उन्होंने कहा कि जहां तक डीयू की कटऑफ का प्रश्न है तो विवि प्रत्येक शैक्षिक सत्र के लिए विभिन्न पाठयक्रमों में प्रवेश संबंधी मानक तय करता है और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती।


मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डी पुरंदेश्वरी ने राज्यसभा में कहा कि श्रीराम कालेज ऑफ कॉमर्स ने बी कॉम ऑनर्स में प्रवेश के लिए ऐसे छात्रों के लिए 100 फीसदी कट ऑफ तय किया था जिन्होंने चार विषयों, लेखाशास्त्र, व्यवसाय अध्ययन, अर्थशास्त्र और गणित में से किसी भी विषय का अध्ययन नहीं किया था।

खाली रह जाती हैं सीटें
पुरंदेश्वरी ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में कुछ सीटें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, शारीरिक रूप से विकलांग छात्रों के लिए आरक्षित होती हैं। इनमें से कुछ सीटें रिक्त ही रह जाती हैं।

पुरंदेश्वरी के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय ने सूचित किया है कि वह केंद्रीय शिक्षा संस्था प्रवेश में आरक्षण अधिनियम 2006 का कड़ाई से पालन कर रहा है। लेकिन इसके लिए कट ऑफ संबंधी निर्धारित मानक पूरे न होने की वजह से सीटें रिक्त रह जाती हैं। यह मामला अदालत में विचाराधीन भी है। उन्होंने कहा कि 13वें वित्त आयोग ने प्राथमिक शिक्षा के लिए 24068 करोड़ रुपए फंड प्रस्तावित किया है(हिंदुस्तान,दिल्ली,6.8.11)।

दिल्लीःशीला सरकार ने निजी स्कूलों के लिए भूमि आवंटन की नीति बदली

Posted: 06 Aug 2011 12:13 AM PDT

दिल्ली में निजी स्कूलों को भूमि आवंटन के नियम बदल दिए गए हैं। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मिली है कि दिल्ली सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के नाम पर वर्ष 2006 में स्कूलों के लिए भूमि आवंटन की जो नई नीति लागू की है उसमें निजी स्कूलों को 40 फीसदी भूमि आवंटन दिल्ली सरकार अपने विवेकाधीन कोटे से करेगी और केवल 10 प्रतिशत भूमि आवंटन नीलामी के माध्यम से होगा। केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों को शेष 50 फीसदी भूमि आवंटित की जाएगी। यहां ये भी काबिले गौर है कि दिल्ली सरकार अपने विवेकाधीन कोटे का इस्तेमाल कर निजी संस्थानों को रियायती मूल्य पर भूमि आवंटित कर सकती है। यह भी एक कड़वा सच है कि विवेवाधीन आधार पर किया गया भूमि आवंटन सामान्यत: अनैतिक ही होता है और इसे निश्चित रूप से बंद होना चाहिए। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 25 मार्च 2011 के आदेश में इस तरह से भूमि आवंटन पर रोक लगा रखी है। आरटीआइ कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल ने 7 जून 2011 को शिक्षा निदेशक दिल्ली सरकार से नीलामी से अलग दिल्ली सरकार द्वारा नीलामी से इतर नए स्कूलों के लिए डीडीए प्लाटों की सिफारिश पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा की जानकारी मांगी थी। साथ ही डीडीए प्लाटों को नए स्कूलों के लिए भूमि आवंटन पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति के दिए गए सुझावों के बारे में भी पूछा था। आरटीआइ कार्यकर्ता ने यह भी जानना चाहा कि पिछले तीन वर्षो में डीडीए ने गैर सरकारी एजेंसी/विभाग या अन्य किस-किस को दिल्ली में नए स्कूलों के लिए प्लाट आवंटित किए गए। जवाब में सुभाष चंद्र अग्रवाल को जानकारी दी गई कि पूर्व में निजी स्कूलों के लिए भूमि आवंटन 100 प्रतिशत नीलामी के आधार पर होता था लेकिन वर्ष 2006 में लागू नई नीति में यह तय किया गया कि 50 फीसदी जमीन नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों को दी जाएगी तथा शेष का 80 प्रतिशत भूमि आवंटन निजी शिक्षण समितियों/ट्रस्ट/कंपनियों को निजी स्कूलों/उच्चतर एवं तकनीकी संस्थानों के लिए, भूमि आवंटन समिति की सिफारिश (विवेकाधीन कोटे) पर किया जाएगा। शेष प्लाटों को नई समितियों/ट्रस्टों/कंपनियों को स्कूलों के लिए डीडीए के मानक और नीति के आधार पर नीलामी के द्वारा आवंटित किया जा सकेगा। डीडीए द्वारा दिल्ली में नए स्कूलों के लिए प्लाट आवंटित किए जाने के सवाल पर यह उत्तर मिला की नीलामी प्रक्रिया में कोई भाग लेने नहीं आया(दैनिक जागरण,दिल्ली,6.8.11)।

उत्तराखंडःलोअर सब के लिए जीपीओ में उमड़ रही अभ्यर्थियों की भीड़

Posted: 06 Aug 2011 12:08 AM PDT

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली सम्मिलित राज्य अवर अधीनस्थ (लोअर सब) सेवा परीक्षा-2010 के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की तादाद बढ़ती जा रही है। लोक सेवा आयोग द्वारा लोअर सब अंतर्गत आने वाले 380 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया की जा रही है। परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि आठ अगस्त है। इसके मद्देनजर राजधानी स्थित जनरल पोस्ट आफिस में आवेदन पत्र जमा करने वाले अभ्यर्थियों की खासी भीड़ उमड़ रही है। यहां स्पीड पोस्ट के लिए तीन काउंटर बनाए गए हैं। अभ्यर्थियों की बढ़ती तादाद को देखते हुए रविवार को भी जीपीओ में स्पीड पोस्ट के दो काउंटर खुले रहेंगे। जीपीओ के सीनियर पोस्ट मास्टर दलीप सिंह राणा ने बताया कि आठ अगस्त को शाम पांच बजे तक हरिद्वार स्थित आयोग कार्यालय में आवेदन पत्र पहुंचने हैं। आवेदन पत्र निर्धारित समय से पहले आयोग कार्यालय पहुंचे, इसके लिए आठ तारीख को पोस्ट आफिस द्वारा डाक ले जाने के लिए अलग वाहन की व्यवस्था की जाएगी। आवेदन पत्र खरीदने व स्पीड पोस्ट करने वाले अभ्यर्थियों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए जीपीओ में अतिरिक्त काउंटर लगाए गए हैं। आवेदन पत्र की कीमत डाक शुल्क सहित 220 रुपये है। लोअर सब के अंतर्गत आने वाले नायब तहसीलदार, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी, परिवहन कर अधिकारी, श्रम परिवर्तन अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, आबकारी निरीक्षक आदि के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। अभ्यर्थियों का अंतिम चयन प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार के बाद होगा(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,6.8.11)

राजस्थान यूनिवर्सिटीःबीएड परीक्षा 24 से,पीजी की 5 दिसम्बर से

Posted: 05 Aug 2011 10:03 PM PDT

राजस्थान यूनिवर्सिटी द्वारा बीएड 2011 की परीक्षा जो 17 अगस्त से शुरू होनी थी, अब 24 अगस्त से शुरू होगी। यूनिवर्सिटी प्रवक्ता के अनुसार 20 अगस्त को छात्रसंघ चुनाव के कारण बीएड परीक्षा को स्थगित करना पड़ा है। अब यह परीक्षा 24 अगस्त से शुरू होगी।

पीजी की परीक्षाएं दिसंबर में
राजस्थान यूनिवर्सिटी में पीजी में नए सत्र से सेमेस्टर सिस्टम लागू किया गया है। इसके तहत 5 दिसंबर से परीक्षाएं शुरू होंगी। पहला प्रश्न-पत्र 5 दिसंबर को, दूसरा 7, तीसरा 9, चौथा 12, पांचवां 14 व छठा प्रश्न-पत्र 16 दिसंबर को होगा। परीक्षाएं सुबह 11 से दोपहर 2 बजे के बीच होगी(दैनिक भास्कर,जयपुर,6.8.11)।

ग्रेटर नोएडाःसभी सरकारी कॉलेजों में सीटें हुई फुल

Posted: 05 Aug 2011 10:01 PM PDT

स्टूडेंट्स की संख्या को देखते हुए सभी सरकारी कॉलेजों में सीटें कम पड़ रही है। इससे कई स्टूडेंट्स के सामने मोटी फीस देकर निजी कॉलेजों में एडमिशन लेने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। वहीं, सीटें बढ़ाने की मांग को लेकर छात्र संघ ने आंदोलन करने के चेतावनी दी है। कॉलेजों के प्रिंसिपल भी सीसीएस यूनिवसिर्टी के वीसी से लगातार सीटें बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। कॉलेज मैनेजमेंट और स्टूडेंट्स का मानना है कि अगर ईवनिंग क्लास शुरू कर दी जाएं तो दिक्कतें खत्म हो सकती हैं।

दादरी के मिहिर भोज पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. भरत सिंह यादव ने बताया कि हर साल स्टूडेंट्स सीटें बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन करते हैं। इससे सेशन लेट होता है। यूनिवर्सिटी को ऐसा विकल्प तैयार करना चाहिए, जिससे स्टूडेंट्स को एडमिशन में दिक्कत न हो। अगर सरकार ईवनिंग क्लासों को बहाल कर दे तो कोई दिक्कत नहीं होगी।


इस बार कट ऑफ लिस्ट में फर्स्ट डिविजन वाले स्टूडेंट्स को ही मौका मिला है। इस वजह से हजारों स्टूडेंट्स के सामने एडमिशन को लेकर दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। 2006 के बाद सरकार की तरफ से कोई फैकल्टी भी कॉलेजों को नही दी गई है, जिसके चलते अतिरिक्त सेक्शन भी नहीं लगाया जा सकता। अगर सरकार ईवनिंग क्लासों से रोक हटा देती है तो स्टूडेंट्स की परेशानी खत्म हो जाएगी और उन्हें आसानी से एडमिशन मिल जाएगा। 
छात्र संघ नेता सुमित बैसोया ने बताया कि पहली कटऑफ ने स्टूडेंट्स का मूड ऑफ कर दिया है। कॉलेज में सीटें बढ़वाने की मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा। ईवनिंग क्लास को बहाल कराने की मांग भी की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि निजी कॉलेजों को बढ़ावा देने के लिए ईवनिंग क्लासेज खत्म कर दी गई हैं। 

यह है मामला 

गौरतलब है कि यूपी में 1998 से ईवनिंग कलास को खत्म कर दिया गया है। इसकी जगह कॉलेजों में अतिरिक्त सेक्शन बढ़ाने की व्यवस्था की गई थी। एसपी सरकार के सत्ता में आने पर ईवनिंग क्लास को बहाल कर दिया गया था। इससे कम पसेर्टेंज वाले स्टूडेंट्स को राहत मिली, सभी को आसानी से एडमिशन मिल जाता था। 

फैकल्टी और सुविधाओं की कमी को देखते हुए 2006 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतिरिक्त सेक्शन बढ़ाने पर रोक लगा दी थी। उधर 2007 में बीएसपी की सरकार ने सत्ता में आते ही ईवनिंग क्लास पर रोक लगा दी। इससे दिक्कत खड़ी हो गई। इसके स्थान पर सरकार ने 25 पर्सेंट सीट बढ़ाने की व्यवस्था की थी(नवभारत टाइम्स,ग्रेटर नोएडा,5.8.11)।
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Palash Biswas
Pl Read:
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