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Thursday, August 25, 2011

Fwd: [NAAGVANSH] भ्रष्टाचार ही शिस्टाचार पूंजीपतियों का है मानना.



---------- Forwarded message ----------
From: Vilas Kharat <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2011/8/25
Subject: [NAAGVANSH] भ्रष्टाचार ही शिस्टाचार पूंजीपतियों का है मानना.
To: NAAGVANSH <186337191406627@groups.facebook.com>


Vilas Kharat posted in NAAGVANSH.
भ्रष्टाचार ही शिस्टाचार पूंजीपतियों का है मानना.   बीएस संवाददाता / मुंबई 08 24, 2011   ...   भ्रष्टाचार के बद से बदतर होने से देश के बड़े बड़े उद्योपति भी चिंतित होने लगे हैं क्यों कि इसका असर उनके कारोबार पर पड़ रहा है। पर उनका यह भी कहना है कि कारोबार में आरबपति बनने के लिए नियम तोडऩे की बजाय नियम से चलना ही सही एक मात्र विकल्प है।  'हायर एंबीशन : हाउ ग्रेट लीडर्स क्रिएट इकोनामिक एंड सोशल वैल्यू' पर कल आयोजित एक कार्यक्रम में टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में स्थिति और खराब हुई है और अगर आप भ्रष्टाचार में शामिल नहीं होते हैं तो आपका कारोबार पिछड़ जाता है।  टाटा ने कहा कि 1991 की तुलना मेें भ्रष्टाचार बढ़ा है। अब यह केवल लाइसेंस आवंटन के मामलों तक सीमित नहीं है बल्कि ठेके देने और अनुबंध की शर्तों में बदलाव तक में फैल गया है। उन्होंने कहा कि जो इसमें (रिश्वत देना) शामिल नहीं होते हैं, आपको प्रतिस्पर्धा में बराबर के अवसर से वंचित होंगे और उन्हें नुकसान होगा। टाटा ने कहा कि आपके पास युवा कर्मचारी होते हैं। वे मुझसे पूछते हैं, 'आप क्यों नहीं ऐसा करते (रिश्वत देते), लेकिन मेरा जवाब होता कि मैं सिर ऊंचा करके रहना पसंद करता हूं।  महिंद्रा एंड महिंद्रा के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आनंद महिंद्रा ने कहा कि दिल्ली के रामलीला मैदान मे जो कुछ हो रहा है, वह बता रहा है कि लोग न केवल राजनेताओं से बल्कि उद्योगपतियों से भी जवाबदेही चाहते हैं। महिंद्रा ने कहा कि जवाबदेही सुनिश्चित करने की बड़ी मांग है, ग्राहकों में बदलाव आया है। वे अब वह उस कंपनी का माल नहीं खरीदते जहां ईमानदारी और नैतिकता नहीं है। जब तक आप इस बदलाव को नहीं पहचानेंगे, आप बेहतर सेवा नहीं दे पाएंगे।  इंफोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने कार्यक्रम में कहा कि कोई घूस दे कर अपनी कंपनी को एक करोड़ डॉलर मूल्य की कंपनी बना सकता है पर यदि आप एक अरब डॉलर की कंपनी बनाना चाहते हैं तो इसका एकमात्र रास्ता है कि आप सही रास्ता चुनें। इसके अलावा कोई आसान तरीका नहीं है।  यह पूछे जाने पर कि कारोबारी राजनीति में क्यों नहीं आते, मूर्ति ने कहा कि युवा लोगों को अवसर देना ज्यादा जरूरी है। मैं चाहता हूं कि युवा राजनीति से जुड़े और हम उन्हें समर्थन दे सकते हैं।See More
Vilas Kharat 9:17am Aug 25
भ्रष्टाचार ही शिस्टाचार पूंजीपतियों का है मानना.

बीएस संवाददाता / मुंबई 08 24, 2011

...

भ्रष्टाचार के बद से बदतर होने से देश के बड़े बड़े उद्योपति भी चिंतित होने लगे हैं क्यों कि इसका असर उनके कारोबार पर पड़ रहा है। पर उनका यह भी कहना है कि कारोबार में आरबपति बनने के लिए नियम तोडऩे की बजाय नियम से चलना ही सही एक मात्र विकल्प है।

'हायर एंबीशन : हाउ ग्रेट लीडर्स क्रिएट इकोनामिक एंड सोशल वैल्यू' पर कल आयोजित एक कार्यक्रम में टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में स्थिति और खराब हुई है और अगर आप भ्रष्टाचार में शामिल नहीं होते हैं तो आपका कारोबार पिछड़ जाता है।

टाटा ने कहा कि 1991 की तुलना मेें भ्रष्टाचार बढ़ा है। अब यह केवल लाइसेंस आवंटन के मामलों तक सीमित नहीं है बल्कि ठेके देने और अनुबंध की शर्तों में बदलाव तक में फैल गया है। उन्होंने कहा कि जो इसमें (रिश्वत देना) शामिल नहीं होते हैं, आपको प्रतिस्पर्धा में बराबर के अवसर से वंचित होंगे और उन्हें नुकसान होगा। टाटा ने कहा कि आपके पास युवा कर्मचारी होते हैं। वे मुझसे पूछते हैं, 'आप क्यों नहीं ऐसा करते (रिश्वत देते), लेकिन मेरा जवाब होता कि मैं सिर ऊंचा करके रहना पसंद करता हूं।

महिंद्रा एंड महिंद्रा के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आनंद महिंद्रा ने कहा कि दिल्ली के रामलीला मैदान मे जो कुछ हो रहा है, वह बता रहा है कि लोग न केवल राजनेताओं से बल्कि उद्योगपतियों से भी जवाबदेही चाहते हैं। महिंद्रा ने कहा कि जवाबदेही सुनिश्चित करने की बड़ी मांग है, ग्राहकों में बदलाव आया है। वे अब वह उस कंपनी का माल नहीं खरीदते जहां ईमानदारी और नैतिकता नहीं है। जब तक आप इस बदलाव को नहीं पहचानेंगे, आप बेहतर सेवा नहीं दे पाएंगे।

इंफोसिस के संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति ने कार्यक्रम में कहा कि कोई घूस दे कर अपनी कंपनी को एक करोड़ डॉलर मूल्य की कंपनी बना सकता है पर यदि आप एक अरब डॉलर की कंपनी बनाना चाहते हैं तो इसका एकमात्र रास्ता है कि आप सही रास्ता चुनें। इसके अलावा कोई आसान तरीका नहीं है।

यह पूछे जाने पर कि कारोबारी राजनीति में क्यों नहीं आते, मूर्ति ने कहा कि युवा लोगों को अवसर देना ज्यादा जरूरी है। मैं चाहता हूं कि युवा राजनीति से जुड़े और हम उन्हें समर्थन दे सकते हैं।See More

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Palash Biswas
Pl Read:
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