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Thursday, May 10, 2012

रुपए की गिरावट जारी, रिजर्व बैंक का सहारा। एअर इंडिया बंद करने की अजित की धमकी।संसद को पूंजी की बहार नजर नहीं आती।



रुपए की गिरावट जारी, रिजर्व बैंक का सहारा। एअर इंडिया बंद करने की अजित की धमकी।संसद को पूंजी की बहार नजर नहीं आती।

मुंबई से एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

संसद को पूंजी की बहार नजर नहीं आती।भारतीय अर्थ व्यवस्था की दुर्गति का आलम यह है कि गिरते हुए रुपये को थामने के लिए आखिरकार रिजर्व बैंक के सहारे की जरुरत आन​ ​ पड़ी। संसद चालू है और गमतंत्र की सरकार को कितनी परवाह है कि मरे हुओं पर दोबारा वार करते हुए सरकारी हाथ कांपते नहीं। एअर​ ​इंडिया के पायलट और कर्मचारी महीनों से भुकमरी से दो दो हाथ कर रहे हैं और अब वाजिब मांग पर हड़ताल चले जाने से पायलटों की बर्खास्तगी के अलावा नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने एअर इंडिया को ही बंद करने की धमकी दे दी ।मनीलाइफ की ताजा खबर के मुताबिक राष्ट्रपति​ ​ प्रतिभा पाटिल के त्याग के बावजूद पुणे की विवादित जमीन पर निर्माण जारी है।एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के बीच हुए विलय के बाद इस राष्ट्रीय एयरलाइंस की खस्ता हो रही हालत और नागर विमानन क्षेत्र में बढ़ते कुप्रबंधन पर लोकसभा में चिंता जताई गई। सांसदों ने एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल पर भी चिंता व्यक्त की। सांसदों ने इस क्षेत्र की ओर सरकार को ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया।सरकारी क्षेत्र की कंपनियों को जहां जबरन दिवालिया बनाया जा रहा है, वहीं निजी पूंजी की बल्ले बल्ले है।मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज को वित्तीय सेवा क्षेत्र में उतरने के लिए नियामकीय मंजूरी का इंतजार है। इस बीच, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कई बड़े बैंकों मसलन एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक में दीर्घावधि के निवेश की योजना के तहत शेयर खरीदे हैं।रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कुल छह बैंकों में 1,200 करोड़ रुपये का वित्तीय निवेश किया है। इनमें से तीन बैंक सार्वजनिक और तीन निजी क्षेत्र का है। इसके अलावा उसने आवास वित्त क्षेत्र की कंपनी एचडीएफसी लि। के भी शेयर खरीदे हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जिन बैंकों के शेयर लिए हैं उनमें एचडीएफसी, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नैशनल बैंक और केनरा बैंक शामिल हैं। देश में मेडिकल टूरिज्म के बाजार में दिल्ली की हिस्सेदारी 45-50 फीसदी है,जिसमें कटौती करने की ममता दीदने पूरी तैयारी कर ली है। हालांकि उनका दावा है कि उन्होंने हिलेरिया से न रीटेल एफडीआई पर बात की और न ही तीस्ता विवाद पर । इसके विपरीय अमेरिकी दूतावास के बयान में दोनों मुद्दों को छू लेने का दावा किया गया है। पर दीदी ने बांगाल में अमेरिकी पूंजी की गंगा बहाने का इंतजाम जरूर कर लिया है। सत्ताइस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल अमेरिकी पूंजा से बंगाल में बनने वाले हैं। जाहिर है कि आम लोगों के लिए नहीं,इसका लक्ष्य है,मेडिकल टूरिज्म! जबकि दावा है कि संसद में ार्थिक सुधार से जुड़े कानून पास कराने में सबसे बड़ी बाधा दीदी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस हैं। सरकार अब वोडाफोन जैसे घरेलू परिसंपत्तियों के अधिग्रहण से जुड़े मामले में टैक्स मांग पर जुर्माने में छूट का प्रावधान कर सकती है,ऐसी खबर भी है।जाहिर है, संसदीय गरमागरमी से पूंजी के अबाध प्रवाह और उसके आधिपात्य के मौसम में कोई सुनामी नहीं आने वाली।

यूरोजोन पर चिंता और रुपये के मजबूती खोने की वजह से बाजार लगातार तीसरे दिन गिरे।तेजी से लुढ़कते रुपये को संभालने के लिए आज भारतीय रिजर्व बैंक ने डॉलर की जमाखोरी कर रहे निर्यातकों पर चोट की। कल डॉलर के मुकाबले रुपया 1.3 फीसदी गिरकर रिकॉर्ड निम्नतम स्तर पर पहुंचकर बंद हुआ था। रुपये में और गिरावट जारी रहने की उम्मीद में निर्यातक डॉलर की जमाखोरी कर रहे थे।अनुमान था कि इस हफ्ते रुपया 54 का स्तर तोड़ देगा लेकिन इससे पहले ही रिजर्व बैंक ने कदम उठाते हुए रुपये को थामने की कोशिश की। हालांकि इसका नतीजा ये निकला कि रुपया आज तेज उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार करता रहा। आरबीआई किसी भी तरह रुपये को 54 के नीचे नहीं जाने देना चाहता। यही वजह है कि जब रुपया 54 के नजदीक पहुंचता है तब-तब आरबीआई कोई न कोई सख्त कदम उठाकर रुपये को थामने की कोशिश करता है।रिजर्व बैंक द्वारा आज जारी किए गए परिपत्र में उसने निर्यातकों से अपने विदेशी मुद्रा खाते से आधे डॉलर बेचने का आदेश दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रुपये की कीमत में गिरावट को रोकने के लिए गुरुवार को निर्यातकों को निर्देश दिया कि वे अपनी कुल विदेशी पूंजी के आधे हिस्से को रुपये में तब्दील करें। रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले रिकार्ड 53.83 पर बंद हुआ था।आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा, 'एक्सचेंज अर्नर्स फॉरेन करेंसी (ईईएफसी) खाते में जमा राशि के 50 फीसदी को तत्काल रुपये में तब्दील किया जाए और खातधारकों के निर्देशों के मुताबिक उसे रुपये खाते में जमा किया जाए।' इस प्रक्रिया को दो सप्ताहों में पूरा किया जाना है।एक अनुमान के मुताबिक इस कदम से करीब तीन अरब डॉलर मूल्य की विदेशी मुद्राओं खासकर डॉलर को रुपये में बदला जाएगा। आरबीआई के हस्तक्षेप के बाद रुपये में गुरुवार को प्रति डॉलर 52.95 तक की मजबूती देखने को मिली। रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले रेकॉर्ड 53.83 पर बंद हुआ था, जो इससे पहले पिछले साल 14 दिसंबर को प्रति डॉलर 53.72 स्तर पर बंद हुआ था।रुपये में गिरावट थामने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं, वहीं सरकार निर्यातकों के साथ ही विनिमय दर पर इसका ज्यादा असर पडऩे की आशंका से इनकार कर रहे हैं। रुपये की कमजोरी थामने के लिए नियामक आगे और कदम उठा सकता है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन सी रंगराजन ने कहा, 'विदेशी मुद्रा में कमाई करने वाले के लिए अपने 50 फीसदी बैलेंस को यहां रखने की पहल का रुपये पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा! माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक के इस कदम से घरेलू बाजार में करीब ढाई अरब डॉलर के बराबार की विदेशी मुद्रा का इजाफा होगा।जानकारों के मुताबिक रिजर्व बैंक के कदमों के बाद रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर 54.30 प्रति डॉलर के नीचे नहीं जाएगा। लेकिन रुपये को और मजबूत करने के लिए आरबीआई को जल्द और सख्त कदम उठाने होंगे।फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट्स के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय का कहना है कि रुपये की चाल कच्चे तेल और सोने के आयात पर भी निर्भर करेगी। यही वजह है कि रुपये को आरबीआई के और सहारे की जरूरत है। फिलहाल रुपये में गिरावट एफआईआई के पूंजी निकालने के कारण आ रही है।

पिछले महीने पटरी से उतरी निर्यात की गाड़ी एक बार फिर पटरी पर लौटी आई है। मार्च में निगेटिव ग्रोथ दिखाने के बाद अप्रैल में निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। अप्रैल में निर्यात 3.2 फीसदी बढ़कर 2450 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है।कमजोर रुपये के बावजूद आयात में 3.8 फीसदी की तेज बढ़त देखने को मिली है और ये 3,790 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है। अप्रैल में व्यापार घाटा 1340 करोड़ डॉलर का रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा कमी सोने-चांदी के आयात में देखने को मिली है।बजट में सोने-चांदी के आयात पर ड्यूटी बढ़ने से अप्रैल में आयात 33 फीसदी घटकर 310 करोड़ डॉलर पर आ गया है। वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर के मुताबिक आयात में अब गिरावट देखी जा रही है। और आगे भी व्यापार घाटा लगातार घटने की उम्मीद है।

एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है और खत्म सुलझने के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं।हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि हड़ताल तुरंत खत्म की जानी चाहिए और कोई भी पायलट बीमारी की वजह से छुट्टी नहीं लेगा।दिल्ली हाई कोर्ट के हड़ताल को गैरकानूनी घोषित करने के बाद भी पायलट काम पर नहीं लौटे हैं। जिसकी वजह से दिल्ली, मुंबई और कैलिकट से एयर इंडिया की 21 उड़ानें रद्द हो चुकी हैं।एयर इंडिया के प्रबंधन ने हड़ताल में शामिल पायलटों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उच्चतम न्यायालय में अदालत की अवमानना का आवेदन दिया है। दरअसल अदालत ने पायलटों के विरोध प्रदर्शन को गैर-कानूनी करार दिया था, इसके बावजूद पायलट गुरुवार को काम पर नहीं आए। प्रबंधन ने काम पर नहीं आने के चलते आज भी 9 अन्य पायलटों को बर्खास्त कर दिया। इस कदम के बाद कुल बर्खास्त पायलटों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है।। पायलटों के आंदोलन के कारण सरकारी विमानन कंपनी को 20 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ी है और बड़ी संख्या में यात्रियों को परेशानी हो रही है। साथ ही विमानन कंपनी ने आज अमेरिका, कनाडा और यूरोप की उड़ानों के लिए 15 मई तक टिकट बुकिंग बंद कर दी।एयर इंडिया के बाद पहले से ही मुसीबतें झेल रही किंगफिशर एयरलाइंस पर भी हड़ताल का खतरा मंडरा रहा है।

सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि किंगफिशर के पायलट आज रात से हड़ताल पर जा रहे हैं। किंगफिशर एयरलाइंस के पायलटों को लंबे समय से वेतन नहीं मिला है इसीलिए अब पायलट हड़ताल पर जाने का फैसला ले रहे हैं।

हड़ताल के तीसरे दिन गुरुवार को नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि जब पायलटों ने हाई कोर्ट की बात नहीं मानी तब वे मेरी बात को क्यों मानेंगे। सिंह ने कहा कि सरकार पायलटों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है और उम्मीद है कि वे उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन करेंगे जिसमें इस हड़ताल को गैर-कानूनी करार दिया गया है। सिंह ने कहा 'उच्च न्यायालय ने बेहद स्पष्ट आदेश दिया है। प्रशिक्षण और पदोन्नति संबंधी विवाद की वजह से एयर इंडिया के लगभग 150 पायलट बीते मंगलवार से ये कहते हुए छुट्टी पर चले गए हैं कि वे स्वस्थ नहीं हैं। लोकसभा में  नियम 193 के तहत चर्चा की शुरुआत करते हुए सीपीआई के गुरुदास दास गुप्ता ने एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय को बेमेल शादी बताते हुए सरकार के इस फैसले की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार को पायलटों को बर्खास्त करने की बजाय उनसे बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में ही एयर इंडिया खस्ता हाल हुई है। जो एयरलाइंस पहले मुनाफा कमा रही थी, वही विलय की चर्चा के साथ ही घाटे में आ गई। अब हालत यह है कि एयर इंडिया के फायदे वाले दो सौ से ज्यादा रूट प्राइवेट एयरलाइंस को दे दिए गए। उन्होंने कहा कि कायदे से यह विलय होना ही नहीं चाहिए था। विलय के बावजूद दोनों ही कंपनियों का वर्क कल्चर, कार्य के घंटे और वेतनमान सब कुछ अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि जबरन विलय के साथ ही इस कंपनी में भ्रष्टाचार भी हुआ है। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली एयरपोर्ट में भी घोटाला हो रहा है और यह घोटाला 2 जी से भी बड़ा होगा।बीजेपी के शाहनवाज हुसैन ने भी दो मुनाफे वाली एयरलाइंस के विलय पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह फैसला सही नहीं था। यही नहीं, एयर इंडिया ने बड़े विमान खरीदने का फैसला कर लिया यानी आमदनी चवन्नी और खर्चा रुपैया। उन्होंने हवाई अड्डों की खस्ता हालत पर भी चिंता जताई। चर्चा में एसपी के शैलेन्द कुमार, जेडीयू के शरद यादव समेत कई नेताओं ने हिस्सा लिया।

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को अब प्रति लीटर पेट्रोल की बिक्री पर 7 रुपये का नुकसान हो रहा है। ऐसे में पेट्रोलियम कंपनियों ने सरकार से पेट्रोल पर हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए सब्सिडी की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सरकार सब्सिडी नहीं दे सकती, तो वह एक्साइज ड्यूटी की दरों में कटौती करे।पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री आर. पी. एन सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में बताया, 'सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने 1 दिसंबर, 2011 से पेट्रोल कीमतों में संशोधन नहीं किया है। हालांकि, इस दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोलियम उत्पादों के दामों में काफी उछाल आया है।'उन्होंने कहा कि इस समय पेट्रोल का खुदरा दाम दिल्ली में 65.64 रुपये प्रति लीटर है। यह वास्तविक लागत से 8.60 रुपये प्रति लीटर कम है। उन्होंने कहा, 'पेट्रोल पर अंडर रिकवरी 7.17 रुपये प्रति लीटर बैठती है। इसमें 20 फीसद स्थानीय कर या वैट जोड़ने के बाद पेट्रोल कीमतों में 8.60 रुपये प्रति लीटर वृद्धि की जरूरत है।'

टैक्स कानूनों में पिछली तारीख से प्रस्तावित संशोधन को लेकर आलोचना का सामना कर रही सरकार वोडाफोन जैसे घरेलू परिसंपत्तियों के अधिग्रहण से जुड़े मामले में टैक्स मांग पर जुर्माने में छूट का प्रावधान कर सकती है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक अपै्रल 2012 से पहले हुए ऐसे सौदों के मामले में जुर्माने में छूट देने संबंधी प्रावधान जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। अगर इस तरह का बदलाव होता है तो इसका तुरंत और सीधा फायदा वोडाफोन को हो सकता है और उसे 7,900 करोड़ रुपये का जुर्माना नहीं चुकाना होगा। हालांकि, कंपनी को 4,500 करोड़ रुपये का ब्याज देना होगा। वोडाफोन किसी भी तरह आयकर निपटान आयोग का दरवाजा खटखटाकर जुर्माने में छूट की मांग कर सकती है, लेकिन ऐसे में उसे मांगा गया टैक्स ब्याज सहित जमा कराना होगा। इनकम टैक्स विभाग ने विदेश में हुए ऐसे सभी सौदों पर अपनी नजरें गड़ा दी हैं, जिनमें भारतीय एसेट को आधार बनाया गया है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। इससे यह भी साफ हो गया है कि ऐसे सौदों पर पिछली तारीख से टैक्स वसूलने के लिए कानून में किया गया संशोधन केवल वोडाफोन को लक्ष्य करके नहीं किया गया है।इस कानून में संशोधन के बाद से अब तक सारा विवाद वोडाफोन-हचिसन के बीच हुए 11 अरब डॉलर के सौदे पर टैक्स की मांग के इर्द-गिर्द घूमता रहा है। लेकिन अब टैक्स अधिकारियों और ऐसे सौदों में शामिल रही कई अन्य कंपनियों के बीच भी धींगामुश्ती तय लग रही है। ये कंपनियां इस संशोधन के संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के विकल्प तलाशने में जुट गई हैं। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक जो सौदे विभाग की निगरानी के दायरे में हैं, उनमें सैबमिलर की फोस्टर इंडिया खरीद, फिनसाइडर इंटरनैशनल की खरीद के जरिए वेदांता ग्रुप का सेसा गोवा खरीदना और जेनपैक्ट में 60 फीसदी हिस्सेदारी खरीद कर जीई द्वारा जनरल अटलांटिक और ओक हिल्स पार्टनर्स को खरीदना शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी मामलों में टैक्स का नोटिस पहले ही दिया जा चुका है।

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