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Monday, January 24, 2011

Fwd: [Right to Education] यह आधुनिक पंचतंत्र कथा है। एक बार की बात है, एक...



---------- Forwarded message ----------
From: Kapil Garg <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2011/1/24
Subject: [Right to Education] यह आधुनिक पंचतंत्र कथा है। एक बार की बात है, एक...
To: Palash Biswas <palashbiswaskl@gmail.com>


यह आधुनिक पंचतंत्र कथा है। एक बार की बात है, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर नदी के किनारे एक पेड़ के नीचे बैठकर अपनी पेंटियम मशीन पर प्रोग्राम तैयार करने में व्यस्त था। वह संडे मार्केट में इन प्रोग्राम्स को बेचकर अपने लिए रोटी की जुगाड़ करता था। एक दिन, जब वह प्रोग्राम बनाने में मशगूल था, तभी उसकी मशीन भरभरा कर टेबल से नीचे नदी में जा गिरी।  उस सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बचपन में सुनी पंचतंत्र कथा (लकड़हारा और उसकी कुल्हाड़ी) से प्रेरित होकर नदी देव की तपस्या करनी शुरू कर दी। नदी देव उसकी महीने भर की कड़ी तपस्या से प्रसन्न होकर प्रकट हुए और सॉफ्टवेयर इंजीनियर से तपस्या की वजह पूछी। इंजीनियर ने उनको बताया कि नदी के गर्भ में उसका कंप्यूटर गिर गया है, अत: नदी देव उसे लौटाने की कृपा करें।  नदी देव ने उसकी ईमानदारी की परीक्षा लेने की ठानी और डुबकी लगाकर माचिस की डिब्बी जितनी बड़ी एक वस्तु निकाल कर उसे दिखाते हुए पूछा-क्या यही तुम्हारा कंप्यूटर है? कंप्यूटर के बारे में नदी देव की अज्ञानता से हताश सॉफ्टवेयर इंजीनियर बोला-नहीं। उन्होंने दोबारा डुबकी लगाई और एक पॉकेट साइज केलकुलेटर जैसी वस्तु निकालकर दिखाते हुए बोले-ये तो अवश्य तुम्हारा कंप्यूटर होगा?  खीझकर वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बोला-नहीं, नहीं, बिलकुल नहीं। आखिरकार नदी देव ने तीसरी बार डुबकी लगाई और इस बार उसकी पेंटियम मशीन के साथ प्रकट हुए और बोले- यही है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बिना किसी लाग-लपेट के ठंडी आह भरते हुए बोला-हां।  नदी देव इंजीनियर की ईमानदारी से काफी प्रसन्न हुए। उन्होंने वे तीनों वस्तुएं इंजीनियर की तरफ बढ़ा दीं, लेकिन वे तीनों वस्तुएं लेने के पहले इंजीनियर ने कहा-क्या आप मुझे मेरा कंप्यूटर देने के पहले कुछ अच्छे कंप्यूटर नहीं दिखा सकते थे?  नदी देव इंजीनियर के इस सवाल से क्रोधित होते हुए बोले, मुझे मालूम है बेवकूफ। पहले दिखाई गई दोनों वस्तुएं ट्रिलेनियम और बिलेनियम हैं, जो कि आईबीएम के सबसे अत्याधुनिक कंप्यूटर हैं। इतना कहकर वे ओरिजनल पेंटियम के साथ अदृश्य हो गए।  फंडा यह है कि यदि आपको नवीनतम प्रौद्योगिकी की जानकारी नहीं हो तो बेहतर है कि अपना मुंह बंद रखें, जिससे लोग आपको बुद्धिमान समझें, पर जैसे ही आप अपना मुंह खोलेंगे आपकी सारी पोलपट्टी खुलकर असलियत सामने आ जाएगी।
Kapil Garg 3:23pm Jan 24
यह आधुनिक पंचतंत्र कथा है। एक बार की बात है, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर नदी के किनारे एक पेड़ के नीचे बैठकर अपनी पेंटियम मशीन पर प्रोग्राम तैयार करने में व्यस्त था। वह संडे मार्केट में इन प्रोग्राम्स को बेचकर अपने लिए रोटी की जुगाड़ करता था। एक दिन, जब वह प्रोग्राम बनाने में मशगूल था, तभी उसकी मशीन भरभरा कर टेबल से नीचे नदी में जा गिरी।

उस सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बचपन में सुनी पंचतंत्र कथा (लकड़हारा और उसकी कुल्हाड़ी) से प्रेरित होकर नदी देव की तपस्या करनी शुरू कर दी। नदी देव उसकी महीने भर की कड़ी तपस्या से प्रसन्न होकर प्रकट हुए और सॉफ्टवेयर इंजीनियर से तपस्या की वजह पूछी। इंजीनियर ने उनको बताया कि नदी के गर्भ में उसका कंप्यूटर गिर गया है, अत: नदी देव उसे लौटाने की कृपा करें।

नदी देव ने उसकी ईमानदारी की परीक्षा लेने की ठानी और डुबकी लगाकर माचिस की डिब्बी जितनी बड़ी एक वस्तु निकाल कर उसे दिखाते हुए पूछा-क्या यही तुम्हारा कंप्यूटर है? कंप्यूटर के बारे में नदी देव की अज्ञानता से हताश सॉफ्टवेयर इंजीनियर बोला-नहीं। उन्होंने दोबारा डुबकी लगाई और एक पॉकेट साइज केलकुलेटर जैसी वस्तु निकालकर दिखाते हुए बोले-ये तो अवश्य तुम्हारा कंप्यूटर होगा?

खीझकर वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बोला-नहीं, नहीं, बिलकुल नहीं। आखिरकार नदी देव ने तीसरी बार डुबकी लगाई और इस बार उसकी पेंटियम मशीन के साथ प्रकट हुए और बोले- यही है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बिना किसी लाग-लपेट के ठंडी आह भरते हुए बोला-हां।

नदी देव इंजीनियर की ईमानदारी से काफी प्रसन्न हुए। उन्होंने वे तीनों वस्तुएं इंजीनियर की तरफ बढ़ा दीं, लेकिन वे तीनों वस्तुएं लेने के पहले इंजीनियर ने कहा-क्या आप मुझे मेरा कंप्यूटर देने के पहले कुछ अच्छे कंप्यूटर नहीं दिखा सकते थे?

नदी देव इंजीनियर के इस सवाल से क्रोधित होते हुए बोले, मुझे मालूम है बेवकूफ। पहले दिखाई गई दोनों वस्तुएं ट्रिलेनियम और बिलेनियम हैं, जो कि आईबीएम के सबसे अत्याधुनिक कंप्यूटर हैं। इतना कहकर वे ओरिजनल पेंटियम के साथ अदृश्य हो गए।

फंडा यह है कि यदि आपको नवीनतम प्रौद्योगिकी की जानकारी नहीं हो तो बेहतर है कि अपना मुंह बंद रखें, जिससे लोग आपको बुद्धिमान समझें, पर जैसे ही आप अपना मुंह खोलेंगे आपकी सारी पोलपट्टी खुलकर असलियत सामने आ जाएगी।

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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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