Friday, 27 January 2012 09:42 |
गंगा प्रसाद पटना, 27 जनवरी। राज्य के खाद्य व उपभोक्ता मंत्री श्याम रजक ने अपने ही सामने एक स्कूल में मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत छात्रों को साइकिल देने में नियम के विपरीत काम होते देखा, तो अचरज में पड़ गए। उन्होंने उसे रोकना चाहा, तो रोक नहीं पाए। बाध्य हो कर वहां से हट गए। गनीमत हुई यह कि जब उन्होेंने इस मामले को दूसरे मंत्री और जिलाधिकारी के सामने उठाया, तो मामले की जांच की जा रही है। श्याम रजक ने बताया कि यह तय किया गया है कि मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत छात्रों को साइकिल के लिए नगद देना है। नगद देने के वक्त उससे एक रसीद भी लेना है, जिससे यह पता चले कि छात्र ने किस दूकान से साइकिल खरीदेगा। चेक देने का प्रावधान नहीं है। फुलवारीशरीफ हाई स्कूल के प्रचार्य नियम के विपरीत काम कर रहे थे। श्याम रजक ने कहा कि प्रचार्य ने जब चेक ही देना तय किया, तो केवल पांच छात्र को ही क्यों देना ही तय किया। बाकी छात्रों का क्या होगा। जब प्रचार्य ने बैंक से राशि लाने को जोखिम भरा बताया, तो मंत्री ने कहा कि पुलिस की मदद ली जानी चाहिए थी। प्रचार्य ने छात्रों की रसीद को जाली भी बताया। लेकिन रसीद की जांच कराई जा सकती है और दोषी के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है। इसके लिए बकायदा नियम कायदा बना हुआ है। श्याम रजक ने मानव संसाधन मंत्री प्रशांत कुमार शाही और जिलाधिकारी को तुरत इसकी जानकारी दी। शाही ने अपने विभाग से जांच करवाना शुरू भी कर दिया है। जिलाधिकारी भी अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को छात्राओं और छात्रों को साइकिल देने की योजना बहुत ही प्रिय योजना है। पिछले दिनों उनके सामने यह तथ्य आया कि साइकिल लेने के लिए एक ही छात्र का नाम एक से अधिक स्कूल में दर्ज है। मुख्यमंत्री ने इसकी सख्ती से जांच और कार्रवाई करने का आदेश दिया। जांच चल ही रही है और इसमें काफी घपले पाए जा रहो हैं।
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