From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/10/14
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com
भाषा,शिक्षा और रोज़गार |
- हर किसी को भी भारत में कैंपस खोलने की इजाजत नहीं
- दिल्लीः१७९० विशेष शिक्षक भर्ती होंगे
- भोपाल में रहकर कीजिए आईआईटी,मुंबई का कोर्स
- राजस्थानःस्थाई व्याख्याताओं को भी पेंशन देने का यूनिवर्सिटी को निर्देश
- शिमलाःराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में एमटेक के 4 कोर्सों को मान्यता
- हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालयःदस माह बाद भी नहीं निकला रिजल्ट
- जगजीत के नाम पर कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी में चेयर!
- जेपीएससी की परीक्षा रद्द करने को लेकर काले झंडे दिखाए
- दिल्लीःशिक्षक बनने के लिए फर्जी जानकारी देने पर होगी जेल
- रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालयःबीसीए भाग दो के आधे सवाल गलत
- हिमाचलः801 जलवाहकों की भर्ती को मंजूरी
- राजस्थानःराज्यकर्मियों को मिलेगा 3,387 रुपए का बोनस
- देश के 25 सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में हिमाचल के 4 स्कूल शुमार
- डीयू में फिर एडमिशन की उम्मीदें!
हर किसी को भी भारत में कैंपस खोलने की इजाजत नहीं Posted: 12 Oct 2011 11:23 PM PDT भारत और अमेरिका के बीच शिक्षा के संबंध में आयोजित पहले उच्च स्तरीय सम्मेलन में भाग लेने अमेरिका गए मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि शिक्षा को आधुनिक बनाने का यह मतलब नहीं किसी को भी भारत में अपने कैंपस खोलने की अनुमति दे दी जाएगी। सिब्बल ने हालांकि अमेरिकी विश्वविद्यालयों के प्रति उदारता दिखाते हुए उन्हें भारत में अपने कैंपस खोलने के लिए एक तरह से निमंत्रण जरूर दिया है। अमेरिका के ट्राई वैली विश्वविद्यालय में हाल ही में भारतीय छात्रों के साथ हुई धोखाध़ड़ी के मद्देनजर सिब्बल ने कहा कि अमेरिका में भी अलग-अलग स्तर के विश्वविद्यालय हैं। हम ऐसे में हर किसी विश्वविद्यालय को भारत में कैंपस खोलने की अनुमति नहीं देंगे। सिर्फ उच्च गुणवत्ता के विश्वविद्यालयों को ही अनुमति दी जाएगी। सिब्बल ने यह भी कहा कि ट्राई वैली के मद्देनजर पूरे अमेरिकी स्तर को गलत नहीं ठहराना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर हमला हुआ लेकिन हमने आस्ट्रेलिया के शैक्षिक स्तर की आलोचना नहीं की। उसी तरह ट्राई वैली के संदर्भ में अमेरिकी विश्वविद्यालयों की निंदा नहीं करनी चाहिए। अमेरिका के शीर्ष विश्वविद्यालयों को अपने यहां कैंपस खोलने का निमंत्रण देते हुए सिब्बल ने कहा कि भारत से शैक्षिक संबंध उन्हें लाभ ही पहुंचाएंगे। सिब्बल ने कहा कि अब समय आ गया है कि अमेरिका के शीर्ष शैक्षिक संस्थान भारत आने की सोंचे(नई दुनिया,दिल्ली,13.10.11)। |
दिल्लीः१७९० विशेष शिक्षक भर्ती होंगे Posted: 12 Oct 2011 11:18 PM PDT नगर निगम के विद्यालयों में पढ़ने वाले शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को पढ़ाने के लिए जल्दी ही विशेष शिक्षक मिलेंगे। ऐसे १७९० शिक्षकों को भर्ती करने का रास्ता साफ हो गया है। दो-तीन महीने में नगर निगम इन विशेष शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर देगा। पिछले वर्ष से लागू हुए शिक्षा का अधिकार कानून में विद्यालयों में गूंगे, बहरे, मानसिक रूप से विकलांग व अपंग बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष प्रकार के प्रशिक्षित शिक्षकों को रखने की व्यवस्था है। लेकिन यह व्यवस्था अभी लागू नहीं हो पाई थी। इसी दौरान हाईकोर्ट ने इस व्यवस्था को लागू करने का आदेश दिया है। इसके बाद संघ लोक सेवा आयोग ने प्रस्ताव को स्वीकृत कर नगर निगम द्वारा १७९० विशेष शिक्षकों की भर्ती को हरी झंडी दे दी है। नगर निगम में शिक्षा समिति के अध्यक्ष डॉ महेंद्र नागपाल ने बताया कि निगम ने शुरू में ही एक प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग को विशेष शिक्षकों की भर्ती के बारे में बनाकर भेज दिया था। केंद्र सरकार और यूपीएससी के स्तर पर ही इसमें देरी हो रही थी। जबकि निगम की शिक्षा समिति ने १७९० विशेष शिक्षकों की भर्ती के लिए एक प्रस्ताव पारित कर स्थायी समिति को भेज दिया है। यहां से पास होने के बाद सदन की स्वीकृति मिलने के साथ ही विशेष शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। डॉ नागपाल ने बताया कि नगर निगम के १७२९ विद्यालय हैं। इनमें कई विद्यालयों में चार हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। गौरतलब है कि हाल ही में नगर निगम ने अनुबंध के आधार पर १६०० शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी। फिलहाल नौ जोन में अभ्यर्थियों के कागजातों की जांच की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और बाकी तीन जोन में जारी है। इसके बाद चयनित शिक्षकों की सूची जारी कर दी जाएगी(नई दुनिया,दिल्ली,13.10.11)। |
भोपाल में रहकर कीजिए आईआईटी,मुंबई का कोर्स Posted: 12 Oct 2011 09:46 PM PDT क्या आप जानना चाहते हैं कि आईआईटी मुंबई की क्लासेस में क्या पढ़ाया जा रहा है, क्या आप भी उसका हिस्सा बनना चाहते हैं तो अब ये मुश्किल नहीं। इसमें शामिल होने के लिए आईआईटी मुंबई जाने की जरूरत नहीं है बल्कि भोपाल में रहकर ही यह कोर्स किया जा सकता है। मानव संसाधन और विकास मंत्रालय द्वारा आईआईटी मुंबई के माध्यम से देशभर में लाइनेक्स और सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कोर्स आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए देशभर में करीब 25 सेंटर बनाए गए हैं जिसमें भोपाल से मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) भी शामिल है। यानी इंदौर स्थित एसजीएसआईटीएस भी इसके लिए सेंटर बनाया गया है। इस कोर्स का उद्देश्य फैकल्टी और रिसर्च स्कॉलर्स को सॉफ्टवेयर टेस्टिंग की नई तकनीक से रूबरू कराना है ताकि टीचिंग के दौरान वे अपने स्टूडेंट्स को अपडेट कर सकें। सप्ताह में दो क्लास यह कोर्स 5 सप्ताह तक चलेगा जिसमें प्रत्येक शनिवार और रविवार क्लास लगेगी। इस कोर्स में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सारे सेंटर जुड़े रहेंगे जिसमें आईआईटी मुंबई के एक्सपर्ट द्वारा लेक्चर दिया जाएगा। कोर्स में शामिल होने के लिए किसी भी कॉलेज की फैकल्टी और मैनिट रिसर्च स्कॉलर अपना रजिस्ट्रेशन आईआईटी मुंबई की वेबसाइट और मैनिट की वेबसाइट पर करा सकते हैं। इसमें करीब 40 से 45 लोगों को शामिल किया जाएगा। कोर्स नवम्बर के दूसरे सप्ताह से प्रारंभ होगा जिसमें लिए 16 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। यह क्लास मैनिट स्थित डिपार्टमेंट ऑफ कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में लगेगी। सिखाएंगे सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कोर्स में खासतौर पर सॉफ्टवेयर टेस्टिंग पर जोर दिया जाएगा। नित नई टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर तैयार किए जा रहे हैं। इसलिए फैकल्टी के लिए यह बेहद जरूरी है कि वे इन सब परिवर्तनों से अपडेट रहें। इसलिए कोर्स में नए सॉफ्टवेयर की जानकारी और टेस्टिंग के लिए अपनाई जाने वाली तकनीक के बारे में बताया जाएगा। इसमें इन नए सॉफ्टवेयर के उपयोग और उनके महत्व के बारे में भी बताया जाएगा। फैकल्टी और रिसर्च स्कॉलर दोनों के लिए यह कोर्स महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसमें देश के बेस्ट एक्सपर्ट द्वारा सॉफ्टवेयर की दुनिया की जानकारी दी जाएगी। - डॉ. निलय खरे, एचओडी डिपार्टमेंट ऑफ कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, मैनिट(उदित बर्सले,दैनिक भास्कर,भोपाल,13.10.11) |
राजस्थानःस्थाई व्याख्याताओं को भी पेंशन देने का यूनिवर्सिटी को निर्देश Posted: 12 Oct 2011 09:43 PM PDT हाईकोर्ट ने राजस्थान यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया है कि वह तदर्थ/ अस्थाई आधार पर नियुक्त हुए व्याख्याताओं को भी पेंशन योजना 1-990 के सभी पेंशन परिलाभ दे। मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश बेला एम.त्रिवेदी की खंडपीठ ने यह आदेश यूनिवर्सिटी की अपील खारिज करते हुए दिया। खंडपीठ ने कहा कि यूनिवर्सिटी ने अवैध तरीके से पेंशन को रोका है जबकि वह व्याख्याताओं को पेंशन योजना का लाभ देने से इंकार नहीं कर सकती। लिहाजा जिन व्याख्याताओं ने 2008 से पहले दस साल की सेवा पूरी कर ली हो उन्हें पेंशन के सभी परिलाभ दिए जाएं। इस मामले में यूनिवर्सिटी ने एकलपीठ के फरवरी 2011 के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें व्याख्याता प्रेमलता अग्रवाल को यूनिवर्सिटी पेंशन योजना 1990 के तहत पेंशन परिलाभ देने का निर्देश दिया था। यूनिवर्सिटी ने अपील में कहा कि प्रार्थिया की नियुक्ति नियमित नहीं थी बल्कि तदर्थ आधार पर हुई थी, ऐसे में वह पेंशन प्राप्त करने की अधिकारी नहीं है। गौरतलब है कि अदालत के इस आदेश से यूनिवर्सिटी के करीब तीन सौ व्याख्याताओं की पेंशन प्रभावित होगी। आदेश के मायने यूनिवर्सिटी में 1984 से 2008 तक व्याख्याता पद पर कोई नियमित नियुक्तियां नहीं हुईं। ऐसे में यदि कोई व्याख्याता 2008 से पहले यूनिवर्सिटी से रिटायर हुआ है और उन्होंने दस साल की सेवा पूरी की है तो वे भी हाईकोर्ट के इस आदेश से पेंशन व अन्य परिलाभ प्राप्त करने के अधिकारी होंगे-नीरज कुमार भट्ट, अधिवक्ता राजस्थान हाईकोर्ट यह है मामला प्रेमलता अग्रवाल की नियुक्ति1981 में तदर्थ आधार पर असिस्टेंट प्रोफेसर (कैमिस्ट्री) पद पर हुई। उन्हें नियमित वेतनमान व अन्य सेवा परिलाभ दिए गए और सीपीएफ काटा गया, 1990 में यूनिवर्सिटी की पेंशन योजना लागू हुई और उनसे पेंशन योजना में जाने या सीपीएफ में ही रहने के संबंध में विकल्प मांगा गया। उन्होंने पेंशन योजना का विकल्प लिया और यूनिवर्सिटी ने अपना अंशदान पेंशन योजना में भेजना शुरू कर दिया। बीस साल सेवा के बाद 2001 में जब वह रिटायर हुईं तो यूनिवर्सिटी ने उन्हें पेंशन देने से मना कर दिया कि वह नियमित कर्मचारी नहीं हैं और उन्हें केवल उनका अंशदान ही दिया। उन्होंने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी कि सुप्रीम कोर्ट ने उमा देवी के मामले में दस साल सेवा करने वाले कर्मचारी को नियमित माना है, ऐसे में 20 साल सेवा करने के बाद भी यूनिवर्सिटी उन्हें नियमित नहीं होने के कारण ही पेंशन परिलाभ देने से इंकार नहीं कर सकती(दैनिक भास्कर,जयपुर,13.10.11)। |
शिमलाःराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में एमटेक के 4 कोर्सों को मान्यता Posted: 12 Oct 2011 09:39 PM PDT राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में चल रहे एमटेक के चार कोर्सो को एक्रेडेशन का दर्जा मिल गया है। नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडेशन (एनबीए) से यह मान्यता मिलने के बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्थान को काफी फायदा होगा। यह मान्यता तीन साल के लिए दी गई है। एनबीए की इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी एक्रेडेशन इवेल्यूएशन कमेटी ने इसी साल के शुरू में यह दर्जा देने के लिए यहां का दौरा किया था। कमेटी की संस्तुति के बाद संस्थान के इन चार कोर्सो को यह दर्जा दिया गया है। यह दर्जा 16 सितंबर 2011 से लागू माना जाएगा और इसकी अवधि तीन साल रहेगी। अवधि पूरी होने के बाद एनबीए को फिर से अप्लाई करना पड़ेगा और संस्थान की संबंधित श्रेणियों के कोर्सो को तह से जांचने के लिए यह कमेटी फिर से दौरा करेगी। एनबीए के मेंबर सेक्रेटरी डॉ. डीके पालीवाल ने यह भी कहा है कि यह एक्रेडेशन केवल चार कोर्सो के लिए दी गई है। यदि एक्रेडेशन के मामले में संबंधित कोर्सो में कोई बदलाव हो तो उसके लिए फिर से उसे लिखा जा सकता है। किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज को इस तरह का दर्जा लेने के लिए लाखों की फीस चुकानी पड़ती है। किस-किस कोर्स को मान्यता एनआईटी के डायरेक्टर प्रो. आरएल शर्मा ने बताया कि एमटेक के जिन चार कोर्सो को तीन साल की यह मान्यता मिली है, उसमें कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, वीएलएसआई डिजाइन ऑटोमेशन, पावर सिस्टम और थर्मल इंजीनियरिंग को इसमें शामिल किया गया है। कई और कोर्सो के लिए मान्यता अभी मिलनी है। एक्रेडेशन मिलने से स्टूडंेटस को प्लेसमेंट और पीएचडी करने में महत्व मिलेगा। सर्टिफिकेट में एक्रेडेशन का जिक्र भी होगा। इसका फायदा नौकरी और वेतन में भी मिलेगा(विक्रम ढटवालिया,दैनिक भास्कर,शिमला,13.10.11)। |
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालयःदस माह बाद भी नहीं निकला रिजल्ट Posted: 12 Oct 2011 09:38 PM PDT हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की लापरवाही से बीटेक के हजारों छात्रों का भविष्य संकट में पड़ गया है। दस माह बाद भी अधिकतर कक्षाओं के रिजल्ट न निकलने से करीब सात हजार छात्र असमंजस में पड़ गए हैं। प्रशासन यूनिवर्सिटी के सम्मेलनों में तो कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता, लेकिन जब छात्रों की बात आती है तो लापरवाही बरती जाती है। आए दिन दर्जनों छात्र मजबूर होकर यूनिवर्सिटी की सीक्रेसी ब्रांच में पहुंचकर रिजल्ट पता करवा रहे हैं। छात्रों के अनुसार दिसंबर माह में ली गई बीटेक तृतीय समेस्टर की परीक्षा का परिणाम दस माह से घोषित नहीं हो सका है। इसके अलावा पांचवें और सातवें समेस्टर के रिजल्ट का भी कोई पता नहीं है। प्रशासन ने अब तक सिर्फ पहले समेस्टर का रिजल्ट निकाला है। एचपीयू के अलावा प्रदेश के आठ मान्यता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थानों में बीटेक की पढ़ाई करवाई जाती है। रिजल्ट न निकलने से इन संस्थानों के छात्र असमंजस में फंसे हुए हैं। अधिकतर कक्षाओं के रिजल्ट लगभग तैयार हैं और जल्द घोषित किए जाएंगे। छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं है। - डॉ. नरेंद्र अवस्थी, परीक्षा नियंत्रक पीजी में भी पिछड़े हिमाचल यूनिवर्सिटी में अभी तक पीजी के परिणाम घोषित नहीं होने से छात्र हैरत में है। नवंबर से अगली परीक्षाएं भी शुरू होने जा रही हैं। एससीए का कहना है कि पीजी के छात्रों को परीक्षा दिए 100 दिन से अधिक समय हो चुका है जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस बार पीजी के परिणाम 45 दिनों के अंदर घोषित करने का दावा किया था। एससीए के अध्यक्ष पुनित धांटा ने कहा कि परिणाम में देर होने से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। जून की परीक्षाओं के परिणाम भी लेट जून में ली गई दूसरे, चौथे और छठे समेस्टर की परीक्षाओं के रिजल्ट भी चार माह बीतने के बाद भी घोषित नहीं हो पाए हैं। सिर्फ आठवें समेस्टर का रिजल्ट निकला है। प्रशासन की लेटलतीफी के चलते बीटेक के हजारों छात्र मुसीबत में फंस गए हैं। यूनिवर्सिटी ने न सिर्फ रिजल्ट निकालने में लापरवाही दिखाई बल्कि बिना रिजल्ट घोषित किए ही छात्रों को अगली कक्षाओं की परीक्षाओं में बैठने के लिए मजबूर कर दिया(अशोक चौहान,दैनिक भास्कर,शिमला,11.10.11)। |
जगजीत के नाम पर कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी में चेयर! Posted: 12 Oct 2011 09:21 PM PDT ग़जल गायकी को नए आयाम देने वाले मखमली आवाज के जादूगर और करोड़ों दिलों की धड़कन ग़जल गायक स्व. जगजीत सिंह के नाम से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में चेयर स्थापित हो, इस पर केयू यूनिवर्सिटी में विचार-विमर्श शुरू हो गया है। हरियाणा इंस्टीट्यूट आफ फाइन आर्ट (हिफा) की ओर से भेजे गए प्रपोजल पर यूनिवर्सिटी विचार-विमर्श कर रही है क्योंकि ग़जल सम्राट जगजीत सिंह 1963 से 1965 तक कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में इतिहास के विद्यार्थी रहे थे और अपने जमाने में उनकी ग़जलों की दीवानगी युवाओं के सिर चढ़कर बोलती थी। हिफा के संरक्षक व नूर महल के संचालक मनवीर चौधरी ने अपने होटल के उस रूम का नाम जगजीत स्वीट रखने का फैसला लिया है, अहम बात ये भी है कि करनाल के इस फाइव स्टार होटल के रूम में उनकी यादों को भी सहेजा जाएगा। हिफा सचिव डा. पीयूष ने बताया कि ग़जल सम्राट जगजीत सिंह के नाम पर चेयर का प्रपोजल उन्होंने केयू वीसी डा. डीडीएस संधू के पास भेजा है, क्योंकि वे यहां के विद्यार्थी थे और यहां के लोगों से उन्हें खासा लगाव था, करनाल में गत 18 सितंबर को नूर महल में हुए कार्यक्रम से पहले उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया था कि वे कुरुक्षेत्र, करनाल व आसपास के लोगों को भी मिस करते हैं, कई बार यहां आने का प्रोग्राम भी हुआ लेकिन सिरे नहीं चढ़ सका। हिफा सचिव डा. पीयूष व संरक्षक मनवीर चौधरी का कहना है कि एक लाख रुपए का अवार्ड जगजीत सिंह के नाम पर ग़जल, सूफी, गीत गायकों को दिया जाएगा, इस नेशनल अवार्ड में ग़जल व गीत गायकों के साथ-साथ सूफी, कव्वाल शामिल होंगे। हरियाणा के एकमात्र फाइव स्टार होटल नूर महल में ग़जल गायक जगजीत सिंह के नाम पर जगजीत स्वीट होगा, पहले इस रूम का नाम हेरिटेज स्वीट था। नूर महल के संचालक व हिफा संरक्षक मनवीर चौधरी ने बताया कि इस रूम का नाम जगजीत स्वीट इसलिए रखा जा रहा है क्योंकि यहीं वे हमारे साथ डेढ़ दिन ठहरे थे और बहुत सी बातें व यादें सांझा की थीं, मैं वैसे भी उनका बहुत बड़ा फैन हूं। ग़जल सम्राट ने 18 सितंबर को ही अपना अंतिम कार्यक्रम करनाल में दिया था और इसमें कुरुक्षेत्र व आसपास के हजारों संवेदी दर्शकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थीं। कर्नल मनवीर चौधरी ने बताया कि इस कमरे में उनकी यादों को सहेजा जाएगा(संदीप साहिल,दैनिक भास्कर,अम्बाला-कुरुक्षेत्र,13.10.11)। |
जेपीएससी की परीक्षा रद्द करने को लेकर काले झंडे दिखाए Posted: 12 Oct 2011 09:07 PM PDT जेपीएससी की चतुर्थ पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग पर अड़े छात्रों ने सीएम को काला झंडा दिखाने की कोशिश की। लेकिन, सीएम के पास पहुंचने से पहले ही शहीद चौक से आगे इन छात्रों को हिरासत में ले लिया गया। छात्र जागरण मंच के बैनर तले जुलूस निकालने वाले इन छात्रों को पकड़ कर कोतवाली थाना परिसर ले जाया गया। कुछ देर बाद सभी को छोड़ दिया गया। इस दौरान छात्रों ने जेपीएससी के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। काला झंडा दिखाने वालों में छात्र जागरण मंच के अरविंद कुमार, अजय चौधरी, शांतनु और सुनील उरांव सहित अन्य छात्र शामिल थे। मंगलवार को भी छात्रों ने जेपीएससी मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस लाठीचार्ज के बाद दो छात्रों को गिरफ्तार भी किया गया था। एक दिन पहले गिरफ्तार छात्रों को मिली जमानत जेपीएससी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने के दौरान मंगलवार को गिरफ्तार दो छात्रों मनोज यादव और महेंद्र यादव को बुधवार को कोतवाली थाने से बेल मिल गया। प्रदर्शन के दौरान छात्रों को हटाने के लिए पुलिस ने लाठियां भी भांजी थी। इसके बाद देर रात तक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू की अध्यक्षता में छात्रों ने थाना परिसर में ही धरना भी दिया था। जेपीएससी अध्यक्ष से मांग जेपीएससी अध्यक्ष शिव बसंत से छात्र जागरण मंच के छात्रों ने मुलाकात कर उनसे पीटी रद्द करने की मांग की। प्रश्नों में गलतियों का हवाला देते हुए शीध्र निर्णय लेने की गुहार लगाई। भविष्य बर्बाद नहीं हो। एक दिन पहले गिरफ्तार छात्रों को मिली जमानत जेपीएससी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने के दौरान मंगलवार को गिरफ्तार दो छात्रों मनोज यादव और महेंद्र यादव को बुधवार को कोतवाली थाने से बेल मिल गया। प्रदर्शन के दौरान छात्रों को हटाने के लिए पुलिस ने लाठियां भी भांजी थी। इसके बाद देर रात तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू के साथ छात्रों ने थाना परिसर में ही धरना दिया था। शकील अहमद से छात्रों ने लगाई गुहार जेपीएससी चतुर्थ सिविल सर्विसेज पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी शकील अहमद से छात्र मिले। उनके साथ कुछ प्रदेश कांग्रेस के नेता भी थे। सभी ने पीटी परीक्षा में पूछे गए गलत प्रश्नों को लेकर परीक्षा रद्द करवाने की मांग की। अहमद ने छात्रों को आश्वासन दिया कि इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से बात की जाएगी(दैनिक भास्कर,रांची,13.10.11)। |
दिल्लीःशिक्षक बनने के लिए फर्जी जानकारी देने पर होगी जेल Posted: 12 Oct 2011 09:04 PM PDT एमसीडी ने अपने स्कूलों के लिए अनुबंध के आधार पर 1300 शिक्षकों की ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया में फर्जी जानकारी देने वाले अभ्यार्थियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। इसके तहत विभिन्न जोनों के शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है कि वे आवेदकों के प्रमाण पत्रों की गंभीरता से जांच करें और फर्जी प्रमाण पत्र वाले अभ्यार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं। दरअसल, इस भर्ती प्रक्रिया के लिए लगभग 48 हजार अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से मेरिट लिस्ट में 2042 छात्रों की सूची तैयार की गई, लेकिन जांच के दौरान महज 1393 अभ्यर्थी ही एमसीडी कार्यालय में पहुंचे। माना जा रहा है कि जो अभ्यर्थी अपने प्रमाण पत्रों की जांच के लिए नहीं पहुंचे, उनमें से अधिकांश ने फर्जी तरीके से आवेदन किया था और एमसीडी की वेबसाइट पर गलत जानकारी उपलब्ध कराई थी। एमसीडी में शिक्षा समिति के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नागपाल के मुताबिक मेरिट लिस्ट में शामिल होने वाले अभ्यार्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच के लिए एमसीडी के कर्मचारी अन्य राज्यों में भी गए हैं। फर्जी प्रमाण पत्र का मामला सही साबित होने पर संबंधित अभ्यार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। बताया जा रहा है कि सामान्य वर्ग में 1034 अभ्यार्थियों में से 358 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहें, वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग के 504 में से 123, अनुसूचित जाति वर्ग के पदों के लिए 308 अभ्यार्थियों में से 91 और अनुसूचित जनजाति के 154 अभ्यार्थियों में से महज 92 लोग ही उपस्थित हुए(दैनिक भास्कर,दिल्ली,13.10.11)। |
रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालयःबीसीए भाग दो के आधे सवाल गलत Posted: 12 Oct 2011 09:02 PM PDT रविवि की वार्षिक परीक्षा में तो प्रश्न पत्र गड़बड़ हुए ही हैं, अब पूरक के पर्चो में भी गड़बड़ियां सामने आने लगी हैं। बुधवार को हुए बीसीए भाग दो के दूसरे पेपर में आधे से ज्यादा सवाल अधूरे निकले। । कुछ सवालों में मुद्रण की गलतियां भी थीं। छात्रों ने मामले की शिकायत कुलसचिव से की है। इस पर उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। बीसीए भाग दो के पर्चे डिफरेंसिएशन एंड इंटीग्रेशन का प्रश्न पत्र पढ़कर वे भौंचक रह गए। इकाई दो का सवाल सी गलत था। इकाई तीन के सवाल क्रमांक ए में दो स्थानों पर मुद्रण की त्रुटि है। इकाई चार का सवाल सी अधूरा है। इसके पहले भाग में लॉग और थीटा डी के स्थान पर लॉन और थीटा डीओ लिखा है जो गलत है। इकाई पांच के सवाल ए को सिद्ध करना है। इसमें सवाल का पहला हिस्सा तो है किंतु दूसरे हिस्से का उल्लेख ही नहीं है। इस प्रकार करीब तीस अंक के प्रश्न गलत हैं। मामले की शिकायत छात्रों ने पहले प्राचार्य से की, इसके बाद कुलसचिव को इसकी जानकारी दी गई। एनएसयूआई के सदस्य सुमित साव ने प्रश्न पत्र में गलती के लिए रविवि प्रशासन से बोनस अंक की मांग की है। इस संबंध में कुलसचिव केके चंद्राकर का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी। प्रश्न पत्र को विषय विशेषज्ञ के पास भेजा जाएगा। कोशिश होगी कि किसी भी छात्र का अहित न हो(दैनिक भास्कर,रायपुर,13.10.11)। |
हिमाचलः801 जलवाहकों की भर्ती को मंजूरी Posted: 12 Oct 2011 09:01 PM PDT प्रदेश सरकार ने 801 अंशकालीन जलवाहकों की भर्ती को मंजूरी दे दी है। शिक्षा विभाग के सभी उप निदेशकों को 21 अक्टूबर तक खाली पदों का ब्योरा देने को कहा है। 21 नवंबर से भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें विधवा और अकेली महिलाओं को प्राथमिकता मिलेगी। गरीबी की रेखा से नीचे रहने वालों, विकलांग, अनाथ एवं पति की ओर से छोड़ी गई महिलाओं को विशेष छूट दी जाएगी। 1200 मासिक मानदेय डायरेक्टर एलीमेंटरी राजीव शर्मा ने बताया कि जलवाहकों को 1200 रुपए का मासिक मानदेय मिलेगा। उन्हें नियमित नहीं किया जाएगा। नियुक्ति चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद पर नहीं होगी। भर्ती 30 अंकों के आधार पर होगी। स्कूल से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले उम्मीदवार को 10 अंक, दो किलोमीटर तक आठ अंक, तीन किलोमीटर तक छह अंक, चार किलोमीटर तक चार अंक, पांच किलोमीटर तक दो अंक, जिस परिवार ने स्कूल के लिए भूमि दी उसे पांच अंक, एससी, एसटी, ओबीसी और बीपीएल को तीन अंक, जिस परिवार से कोई नौकरी नहीं उसे पांच अंक और इंटरव्यू के सात अंक देय होंगे। हायर एजूकेशन में उम्मीदवारों के चयन के लिए गठित समिति की कमान संबंधित क्षेत्र के एसडीएम को दी गई है। प्रिंसिपल, हेडमास्टर और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के प्रधान और सदस्य की भागीदारी भी अहम होगी(कुलदीप शर्मा,दैनिक भास्कर,शिमला,13.10.11)। |
राजस्थानःराज्यकर्मियों को मिलेगा 3,387 रुपए का बोनस Posted: 12 Oct 2011 09:00 PM PDT मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य कर्मचारियों को वर्ष 2010-11 के लिए तीस दिन का तदर्थ बोनस देने की घोषणा कर दी है। बोनस का भुगतान दीपावली से एक सप्ताह पहले कर दिया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक राज्य कर्मचारियों को अधिकतम 3,387 रुपए बोनस मिलेगा। यह 3,500 रुपए मूल वेतन के आधार पर दिया जाएगा। तदर्थ बोनस पंचायत समिति, जिला परिषद एवं वर्क चार्ज कर्मचारियों को भी इसी आधार पर गणना कर दिया जाएगा। बोनस अराजपत्रित कर्मचारियों को देय होगा और करीब साढ़े चार लाख कर्मचारी बोनस से लाभान्वित होंगे। राजस्थान पथ परिवहन निगम की बुधवार को हुई बोर्ड बैठक में कर्मचारियों को बोनस देने का फैसला किया गया। इसके अनुसार 8.33 प्रतिशत बोनस दिया जाएगा। इससे कर्मचारी को अधिकतम 3,499 रुपए बोनस मिल जाएगा(दैनिक भास्कर,जयपुर,13.10.11)। |
देश के 25 सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में हिमाचल के 4 स्कूल शुमार Posted: 12 Oct 2011 09:36 PM PDT एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के सर्वे में की ओर से जारी देश के 25 सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में प्रदेश के चार स्कूलों ने भी जगह बनाई है। इस सर्वे में देश के प्रतिष्ठित आवासीय स्कूलों को सुविधाओं के आधार पर रैंकिंग दी गई है। भारत के टॉप 25 आवासीय स्कूलों में बिशप कॉटन स्कूल शिमला, लॉरेंस स्कूल सनावर, आर्मी पब्लिक स्कूल डगशाई और पाइनग्रोव स्कूल शामिल हैं। तीन स्कूल सोलन जिला में हैं। पाइनग्रोव स्कूल ने पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अपनी रैंकिंग में पांच स्थान की छलांग लगाई है। स्कूल के चेयरमैन कैप्टन एजे सिंह ने कहा कि स्कूल में और बेहतर सुविधाएं जुटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही स्कूल में इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा(दैनिक भास्कर,शिमला-सोलन,12.10.11)। |
डीयू में फिर एडमिशन की उम्मीदें! Posted: 12 Oct 2011 10:57 PM PDT दिल्ली यूनिवर्सिटी में जहां एक ओर फर्स्ट सेमेस्टर एग्जाम की तैयारियां शुरू हो गई हैं, वहीं दूसरी ओर एडमिशन का मामला फिर से गरमा गया है। हाल ही में हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी को आदेश दिया था कि लॉ फैकल्टी में ओबीसी की बची हुई 50 सीटों को जनरल कैटिगरी में बदल दिया जाए, इस आदेश का पालन करते हुए फैकल्टी ने 18 अक्टूबर से एलएलबी की स्पेशल काउंसलिंग करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद उन स्टूडेंट्स में भी उम्मीद जाग गई है, जो कॉलेजों में एडमिशन नहीं ले पाए हैं। स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी जाकर एडमिशन के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। कुछ स्टूडेंट्स का कहना है कि वे भी कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। इन स्टूडेंट्स को उम्मीद है कि जब लॉ फैकल्टी में एडमिशन प्रोसेस दोबारा शुरू हो सकता है तो कॉलेजों में भी एडमिशन रीओपन हो सकते हैं। यूनिवर्सिटी सूत्रों का कहना है कि एडमिशन को लेकर स्टूडेंट्स की पूछताछ एक बार फिर से शुरू हो गई है। ये स्टूडेंट्स जानना चाहते हैं कि क्या यूनिवर्सिटी कॉलेजों में एडमिशन को लेकर कोई नोटिफिकेशन जारी कर रही है? हालांकि यूनिवर्सिटी की ओर से स्टूडेंट्स को यही बताया जा रहा है कि हाई कोर्ट ने लॉ फैकल्टी के मामले में आदेश दिया था और उस आदेश के मुताबिक ही एलएलबी की स्पेशल काउंसलिंग की जा रही है। दरअसल हर साल ओबीसी की काफी सीटें जनरल कैटिगरी में कन्वर्ट हो जाती थी लेकिन इस बार कॉलेजों में ऐसा नहीं हो पाया और इससे पैरंट्स व स्टूडेंट्स खासे निराश हैं। ऐसे ही एक पैरंट अशोक कुमार का कहना है कि उनके बच्चे के 81 पर्सेंट मार्क्स हैं लेकिन किसी कॉलेज में एडमिशन नहीं हो पाया। अगर ओबीसी की सीटें कन्वर्ट हो जाती तो उनके बच्चे को एडमिशन मिल सकता है। उनका कहना है कि वह भी हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे और हो सकता है कि लॉ फैकल्टी की तरह कॉलेजों में भी एडमिशन फिर से ओपन हो जाएं। गौरतलब है कि डीयू में नया सेशन 21 जुलाई से शुरू हो चुका है और 19 नवंबर से 10 दिसंबर के बीच फर्स्ट सेमेस्टर एग्जाम होने हैं। यूनिवर्सिटी सूत्रों का कहना है कि इस समय कॉलेजों में एडमिशन शुरू करने से काफी मुश्किलें पैदा होंगी। फर्स्ट सेमेस्टर एग्जाम के अगले महीने होने हैं और ऐसे में स्टूडेंट्स के सिलेबस को पूरा करवाना आसान नहीं होगा(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,10.10.11)। |
You are subscribed to email updates from भाषा,शिक्षा और रोज़गार To stop receiving these emails, you may unsubscribe now. | Email delivery powered by Google |
Google Inc., 20 West Kinzie, Chicago IL USA 60610 |
Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/
No comments:
Post a Comment