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Saturday, July 9, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



---------- Forwarded message ----------
From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/7/9
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


मानसून सत्र में नहीं आएगा उच्च शिक्षा अनुसंधान आयोग विधेयक

Posted: 08 Jul 2011 11:00 AM PDT

चिकित्सा शिक्षा को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय अड़ गया है जिसके चलते बजट सत्र की तरह मानसून सत्र में भी उच्च शिक्षा अनुसंधान आयोग विधेयक नहीं आ पाएगा। कुल मिलाकर इस विधेयक को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद आमने-सामने आ गए हैं। इसी तकरार के चलते विधेयक का मसौदा कैबिनेट में नहीं रखा जा रहा है ताकि घर की बात बाहर न लीक हो। कुल मिलाकर आजाद नहीं चाहते हैं कि चिकित्सा शिक्षा किसी दूसरे मंत्रालय में जाए जबकि सिब्बल का कहना है कि प्रस्तावित आयोग हमारे मंत्रालय के अधीन नहीं बल्कि वह अपने आप में पूरी तरह से स्वायत्तशासी होगा। बहरहाल दो मंत्रालयों की इस खींचतान में एक अच्छी सोच के तहत बनाए जा रहे उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान आयोग गठन में तमाम तरह की बाधाएं उत्पन्न हो गई है। जिसके चलते सिब्बल के मंत्रालय ने जो ड्राफ्ट नोट तैयार किया है, वह कैबिनेट में जाने से पहले ही सवालों के घेरे में आ गया है और पिछली बार की तरह इस बार भी संसद के आगामी सत्र में प्रस्तावित आयोग का विधेयक नहीं आ पाएगा। प्रस्तावित आयोग के विधेयक का अध्ययन वैसे तो कई मंत्रालयों ने किया है जिसमें सर्वाधिक आपत्ति स्वास्थ्य मंत्रालय के बाद कानून मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय को थी मगर बताते है स्वास्थ्य को छोड़ अन्य दोनों मंत्रालय तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तर्क से राजी हो गए हैं मगर स्वास्थ्य मंत्रालय अभी सहमत नहीं है। उसका तर्क है कि चिकित्सा शिक्षा अभी भी किसी मंत्रालय के अधीन नहीं है बल्कि भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) सहित चार परिषदों के दायरे में चिकित्सा शिक्षा आती है जिसमें मेडिकल कालेज, डेंटल कालेज, नर्सिग कालेज और फाम्रेसी कालेज है। एमसीआई सहित चारों परिषदें पूरी तरह से स्वायत्त हैं ऐसे में उच्च शिक्षा अनुसंधान आयोग के अधीन चिकित्सा शिक्षा को लाने का कोई औचित्य नहीं है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,8.7.11)।

डीटीयू : एमटेक दाखिले में सर्वाधिक कट ऑफ 99.77 फीसद

Posted: 08 Jul 2011 10:45 AM PDT

दिल्ली प्रौद्योगिकी विविद्यालय (डीटीयू) एमटेक पाठयक्रमों के दाखिले में माइक्रोवेव एंड ऑप्टीकल कम्युनिकेशन में सर्वाधिक कट ऑफ 99.77 से 98.07 हो गया है। इसी प्रकार दूसरे स्थान पर सिग्नलिंग प्रोसेसिंग एंड डिजिटल डिजाइन कोर्स में 99.56 से 98.54 फीसद कट ऑफ गया है। डीटीयू के एमटेक के 17 पाठय़क्रमों में दाखिले गेट स्कोर और साक्षात्कार द्वारा किए जा रहे हैं। दाखिले के लिए 80 फीसद गेट स्कोर और 20 फीसद साक्षात्कार का रखा गया था। गेट स्कोर और साक्षात्कार के आधार पर चयनित विद्यार्थियों का दाखिले बृहस्पतिवार से शुरू कर दिए गए हैं। चयनित विद्यार्थी 18 जुलाई तक फीस जमा कर दाखिले ले सकते हैं। डीटीयू के प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी के अनुसार एमटेक के पाठय़क्रमों में दाखिले के लिए इस साल कुल 359 सीटों के लिए 2840 आवेदन आए। जिससे सबसे ज्यादा आवेदन इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्प्युकेशन इंजीनियरिंग में हुए, इस विभाग के दो पाठय़क्रमों के लिए इस बार 832 आवेदन हुए। इसी प्रकार कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग व सॉफ्टवेयर एंड प्रोडक्शन इंजीनियरिंग के पाठय़क्रमों के 42 सीटों के लिए 564 आवेदन, मैकेनिकल इंजीनिरिंग इन थर्मल इंजीनियरिंग एंड प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में 440, एमटेक इन बायो इंफोम्रेटिक्स में 180, एमटेक इन नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी में 129 और एमटेक इन पॉलीमर साइंस में 53 आवेदन आए। चयनित विद्यार्थियों की दाखिला सूची डीटीयू की वेबसाइट पर डाल दी गई है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,8.7.11)।

डीयूःदाखिले की गारंटी के साथ 'बाबा' सक्रिय

Posted: 08 Jul 2011 10:30 AM PDT

सौ फीसदी अंक के खौफ से परेशान छात्रों के बीच दाखिले की गारंटी देने वाले बाबा, यानि पूर्व छात्र नेता इन दिनों खासे सक्रिय नजर आ रहे हैं। दाखिले की दौड़ में जहां छात्रों का बड़ा वर्ग कटऑफ के उतार पर नजर रखते हुए आस लगाए बैठा है,वहीं दूसरी ओर छात्रों का एक ऐसा तबका भी है जो हर हालत में दाखिला दिलाने का पक्का भरोसा देने वाले इन बाबाओं की शरण में जा पहुंचा है। ये पूर्व छात्र नेता भी कॉलेजों में अपनी धाक दिखाकर भोले-भाले छात्रों को गुमराह करने में जुटे हैं।

रामजस कॉलेज में उजागर हुए फर्जीवाड़े के मामले में जिस तरह से किरोड़ीमल कॉलेज का एक छात्र फंसा है और उसे दाखिले के लिए भेजने का आरोप रामजस कॉलेज के ही एक पूर्व छात्र व उसके साथियों पर लगा है, उससे साफ हो जाता है कि डीयू में दाखिले की गारंटी लिए नए-पुराने, छोटे-बड़े कई छात्र व दाखिला माफिया सक्रिय है।


रामजस कॉलेज में ही ईसीए ट्रॉयल के दौरान एक ऐसा छात्रों का समूह ऑडिटोरियम में पहुंचा, जिसने दाखिले के लिए वहां मौजूद कॉलेज के छात्रों को धमकाने की कोशिश की। उनका कहना था कि वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ से आए हैं और उनके समर्थक छात्रों को दाखिले में मदद की जाए, लेकिन उनकी बात नहीं बनी।

एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि उनके पास अक्सर ऐसे छोटे-बड़े छात्रनेता आते हैं, जिनकी मांग होती है कि मूल प्रमाणपत्र लिए बिना ही दाखिला दे दिया जाए। कई बार तो ये पूर्व छात्र व छात्र नेता दाखिला कर रहे कर्मचारियों व शिक्षकों को धमकाने का भी प्रयास करते हैं। ऐसे में न सिर्फ दाखिला प्रक्रिया बाधित होती है, बल्कि दाखिले के लिए पहुंचे सामान्य छात्र भी बेवजह परेशान होते हैं।

इस बाबत जब डूसू सचिव नीतू डबास से पूछा गया तो उनका कहना था कि छात्रनेता होने के नाते वह भी छात्रों की मदद के लिए कॉलेज जाती हैं, लेकिन कभी भी उन्होंने नियमों के खिलाफ किसी छात्र की मदद के लिए कॉलेज प्रशासन पर दबाव नहीं डाला है। 

नीतू से जब डूसू के नाम पर ऐसा करने वालों के विषय में पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्हें भी ऐसी बाते सुनने को मिलती रहती हैं(दैनिक भास्कर,दिल्ली,8.7.11)।

दिल्लीःफर्जी डिग्री व आरसी बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश

Posted: 08 Jul 2011 10:01 AM PDT

अपराध शाखा ने चोरी की वाहनों के फर्जी कागजात तैयार कर इस्तेमाल करने व बेचने वाले तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक आरोपी के पास से सिर्फ वाहनों के फर्जी कागजात ही नहीं बल्कि स्कूल, कॉलेजों, यूनिवर्सिटी आदि की फर्जी मार्कशीट व यातायात पुलिस के नो एंट्री परमिट आदि भी बरामद किए गए हैं। पुलिस ने मामला दर्ज की जांच शुरू कर दी है।

अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त अशोक चांद ने बताया कि इंस्पेक्टर राकेश कुमार त्यागी व एसआई राजीव कक्कड़ की टीम को सूचना मिली कि एक युवक चोरी की स्कॉर्पियो कार लेकर मजनूं के टीला की तरफ आने वाला है।

एडिशनल डीसीपी संजय भाटिया की देखरेख में पुलिस ने काले रंग की स्कॉर्पियो कार को रोक कर सवार युवक से पूछताछ की तो पता चला कि कार जालंधर के मकसुदा इलाके से चोरी की गई है। युवक की पहचान मोहम्मद असलम के रूप में की गई।

आरोपी ने बताया कि वह इस कार को नंबर बदल कर चला रहा था। पुलिस ने असलम की निशानदेही पर एक और स्कॉर्पियो व बोलेरो बरामद की जो चंडीगढ़ व दिल्ली से चोरी की गई थी। इसके साथ ही पुलिस ने इसके दूसरे साथी इंतजार को भी दबोच लिया। इंतजार ने बताया कि वह वाहनों के फर्जी कागज रमेश कुमार उर्फ मन्नी से तैयार कराता है।


पुलिस ने गाजियाबाद के लोनी इलाके से रमेश कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया। रमेश ने खुलासा किया कि वह सिर्फ वाहनों के ही नहीं बल्कि, स्कूल, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों की फर्जी मार्कशीट व डिग्री आदि दस्तावेज भी तैयार करता है। पुलिस ने रमेश के पास से कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर, इंक व अन्य कागज बरामद किया है। 

इसके अलावा, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, यूपी, पंजाब आदि राज्यों के परिवहन के फर्जी पंजीकरण कागज व कई राज्यों के शिक्षण बोर्ड व विश्वविद्यालयों के फर्जी दस्तावेज मिले हैं। पुलिस अब रमेश से उन लोगों के बारे में पूछताछ कर रही है, जिन्होंने इससे फर्जी कागजात तैयार कराए हैं(दैनिक भास्कर,दिल्ली,8.7.11)।

लखनऊ विविःरिजल्ट घोषित न होने से पीजी दाखिलों की रफ्तार सुस्त

Posted: 08 Jul 2011 07:50 AM PDT

लखनऊ विविद्यालय में स्नातक अंतिम वर्ष के बीकाम व बीएससी के रिजल्ट न घोषित होने से पीजी की प्रवेश प्रक्रिया सुस्त हो गयी है। स्नातक अंतिम वर्ष के छात्र पीजी में आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। उधर बीए के रिजल्ट घोषित करने में लविवि ने जल्दबाजी दिखायी और अंकपत्रों पर उसका असर दिखने लगा है। बीए अंतिम वर्ष की मार्कशीटों में तमाम खामियां हैं और उनको ठीक कराने के लिए छात्र परीक्षा विभाग के चक्कर काटने को मजबूर हैं। विविद्यालय ने बीए अंतिम वर्ष का रिजल्ट तो 28 जून को घोषित कर दिया, लेकिन अब उनके अंकपत्र महाविद्यालयों को पहुंचे तो उनमें तमाम खामियां मिली हैं। किसी छात्र के नाम में फर्क है, तो किसी के विषय ही बदल गये हैं। पिता-मां के नाम को लेकर भी गलतियां हैं। सूत्रों का कहना है कि बीकाम व बीएससी अंतिम वर्ष के छात्रों के रिजल्ट रुके होने के वजह से एमएससी के विभिन्न विषयों और एमकाम में अभी काफी कम दाखिले हुए हैं। पीजी में आवेदन करने के दौरान स्नातक के अंकों का विवरण देना जरूरी होता है। अब विविद्यालय प्रशासन ने एप्लाइड करके दाखिलों की मंजूरी दे दी है, लेकिन छात्र फार्म भरने से कन्नी काटे हैं। सिर्फ बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र ही आवेदन कर रहे हैं। इसकी वजह से एमए के पाठ्यक्रमों के लिए तो आवेदन आ रहे हैं, लेकिन एमएससी व एमकाम के लिए स्थिति काफी गंभीर है। उधर विविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. यशवीर त्यागी ने बताया कि अब कुछ विषयों की कापियां जंच गयी हैं, लेकिन रिजल्ट घोषित करने में अभी तीन-चार दिन लग सकते हैं। ऐसे में अब जुलाई के दूसरे सप्ताह में ही रिजल्ट घोषित होगा, लेकिन बीएससी अंतिम वर्ष के परिणाम के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,8.7.11)।

बीएड परीक्षा फार्म भरवाने के लिए छात्रों ने लखनऊ विवि से गुहार

Posted: 08 Jul 2011 07:30 AM PDT

वर्ष 2010 की संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा व काउंसलिंग लखनऊ विविद्यालय के लिए जी का जंजाल बनती जा रही है। बीएड के बड़ी संख्या में छात्र गुरुवार को फिर कुलसचिव कार्यालय जा धमके। उन्होंने कानपुर विवि में परीक्षा फार्म भरने की बुधवार को अंतिम तिथि को देखते हुए निर्देश जारी करने की मांग की। छात्रों ने लविवि के कुलसचिव जीपी त्रिपाठी से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा और परीक्षा फार्म भरवाने की मांग की। कुलपति ने छात्रों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही लविवि कुलपति प्रो. मनोज कुमार मिश्र की ओर से सभी विविद्यालयों को पत्र भेजे जाएंगे। इनके माध्यम से कुलपतियों से मानकों को पूरा करने वाले छात्रों के प्रवेश के आधार पर परीक्षा फार्म जमा कराने के लिए आग्रह किया जाएगा। उधर विविद्यालय में परीक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि लविवि अपने सहयुक्त विविद्यालयों के छात्रों के परीक्षा फार्म जमा करा रहा है ओैर कोर्ट के आदेशों का पालन करने की दिशा में भी कदम बढ़ाये हैं। विविद्यालय में परीक्षा फार्म जमा कराने की गुहार लगाने आये ज्यादातर छात्र कानपुर विविद्यालय के सहयुक्त महाविद्यालयों में दाखिला पाये हैं। कुलपति की ओर से सभी विविद्यालयों को भेजा जाए(राष्ट्रीय सहारा,पटना,8.7.11)

डीयूःनॉन कॉलेजिएट की दूसरी कट ऑफ जारी

Posted: 08 Jul 2011 07:10 AM PDT

दिल्ली विश्वविद्यालय ने नॉन कॉलेजिएट वूमेंस एजूकेशन बोर्ड (एनसीडब्ल्यूईबी) की दूसरी कट ऑफ लिस्ट जारी कर दी है। कट ऑफ में ओबीसी छात्राओं को जहां सामान्य श्रेणी की तुलना में 10 फीसदी की छूट दी गई है, वहीं एससी/एसटी छात्राओं को पांच फीसदी की छूट दी गई है। अगर सामान्य श्रेणी की छात्राओं के 65.5 फीसदी से 69.75 फीसदी तक अंक हैं तो ही उन्हें दाखिला मिल सकता है। नॉन कॉलेजिएट की पहली कट ऑफ 70 से 75 फीसदी गई थी। हंसराज और भारती कॉलेज में सामान्य श्रेणी की सभी सीटें फुल हो चुकी हैं। यहां आरक्षित श्रेणी की छात्राओं के लिए अभी भी विकल्प खुले हैं। डीयू के रजिस्ट्रार आरके सिन्हा ने बताया कि नॉन कॉलेजिएट में दाखिले के लिए केवल दो कोर्सो की पढ़ाई होती है, बीए और बीकॉम। छात्राएं अधिक जानकारी के लिए नॉर्थ कैंपस आर्ट्स फैकल्टी स्थित टूटोरियल्स बिल्डिंग में संपर्क कर सकती हैं। जहां शुक्रवार दोपहर दो बजे कट ऑफ लिस्ट बोर्ड पर डिस्प्ले की जाएगी। साथ ही किसी शिक्षा केंद्र पर कब दाखिला प्रक्रिया शुरू होगी। इसकी जानकारी भी कट ऑफ के साथ जारी होगी। अगर किसी छात्रा ने बारहवीं में आर्ट्स के विषय पढ़े हैं और वह कॉमर्स में दाखिला लेना चाहती है तो उसके पांच फीसदी अंक घटा दिए जाएंगे। 13 शिक्षा केंद्रों पर दाखिला फीस जमा कराने की तारीख अलग-अलग निर्धारित की गई है।

नॉन कॉलेजिएट वूमेंस एजुकेशन बोर्ड
बीकॉम की दूसरी कटऑफ लिस्ट केंद्र दाखिला शुरू जनरल एससी/एसटी ओबीसी हंसराज कॉलेज 11.07.11 बंद 70 65 लक्ष्मीबाई कॉलेज 11.07.11 68-71.75 63 58 कालिंदी कॉलेज 12.07.11 68-70.75 63 58 श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज 12.07.11 69-70.75 64 59 जीसस एंड मेरी कॉलेज 13.07.11 69.5-70.75 64.5 59.5 मैत्रेयी कॉलेज 13.07.11 68-70.75 63 58 अर्वाचीन भारती भवन सेंटर 14.07.11 67-69.75 62 57 महाराजा अग्रसेन कॉलेज 14.07.11 67-69.75 62 57 जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज 15.07.11 बंद 67 62 माता सुंदरी कॉलेज 15.07.11 68-70.75 63 58 भारती कॉलेज 18.07.11 बंद 67 62 सेंट माग्र्रेट सीसे स्कूल 18.07.11 66-70.75 61 56 पीजीडीएवी कॉलेज 19.07.11 67-69.75 62 57 (अंक प्रतिशत में)(दैनिक जागरण,दिल्ली,8.7.11)।

डीयूःकहां बैठेंगे छात्र, कहां होगी पढ़ाई

Posted: 08 Jul 2011 06:50 AM PDT

डीयू के कॉलेजों में क्षमता से अधिक दाखिले कॉलेज प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है। प्राचार्यो को चिंता सता रही है कि अब कहां बैठेंगे छात्र, कहां होगी पढ़ाई? अगर कॉलेजों में पढ़ाई के लिए नए सेक्शन बनाए गए तो वहां पढ़ाने के लिए प्राध्यापकों भर्ती भी करनी होगी और अभी तो ओबीसी कोटे के प्राध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया ही चल रही है, जबकि ओबीसी आरक्षण लागू हुए तीन साल से अधिक का समय बीत चुका है। बता दें कि डीयू में करीब 54 हजार सीटों पर दाखिले होते हैं, जिन्हें पढ़ाने के लिए करीब 10 हजार प्राध्यापकों की जरूरत है। लेकिन विश्वविद्यालय में अभी आठ हजार प्राध्यापक ही कार्यरत हैं। जिसमें तदर्थ (एडहोक) प्राध्यापकों की संख्या करीब एक हजार है। दयाल सिंह कॉलेज में 1400 सीटें हैं, लेकिन यहां दाखिले 1800 से अधिक हो चुके हैं, जबकि ओबीसी कोटे में दाखिला प्रक्रिया अभी भी जारी है। कुछ कॉलेज ने तो छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पोर्टा केबिन में क्लास रूम बनवाने की कवायद शुरू कर दी है। दयाल सिंह सांध्य कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक मल्होत्रा कहते हैं कि छात्रों की संख्या के अनुसार कमरों की कमी को देखते हुए कॉलेज कमेटी से 10 पोर्टा कैबिन बनाने की संस्तुति ले ली है। जहां तक प्राध्यापकों की कमी की बात है तो इस बारे में कॉलेज विश्वविद्यालय प्रशासन को सूचित करेगा। रामलाल आनंद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय शर्मा ने कहा कि एक कट ऑफ में दाखिले के लिए चार दिन का समय काफी ज्यादा होता है। अधिक संख्या में छात्रों के दाखिले होने से कॉलेजों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ता है। प्राध्यापकों की नियुक्ति भी एक समस्या बनती है(एस के गुप्ता,दैनिक जागरण,दिल्ली,8.7.11)।

यूपीःबीएड छात्रों की फीस वापसी के लिए विविद्यालयों से मांगी सूचना

Posted: 08 Jul 2011 06:30 AM PDT

लखनऊ विविद्यालय ने राज्य के विविद्यालयों से बीएड छात्रों की फीस लौटाने के लिए सूचना मांगी है। लविवि के कुलसचिव जीपी त्रिपाठी ने सभी राज्य विविद्यालय के कुलसचिवों को पत्र भेजकर छात्रों का ब्योरा मांगा है, जिन्होंने प्रथम काउंसलिंग में सीट कन्फम्रेशन लेटर नहीं प्राप्त किया था और महाविद्यालयों में दाखिला लेकर पढ़ाई कर रहे थे। ऐसे छात्रों की फीस अभी लविवि के पास ही लटकी है, और उन महाविद्यालयों को नहीं पहुंच पायी है। कुलसचिव ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए राज्य विविद्यालयों के कुलसचिवों से महाविद्यालयों से सूची मांगकर उसे सत्यापित कराकर भेजने का आग्रह किया है, ताकि काउंसलिंग के दौरान छात्रोंसे लिए गये शुल्क को सम्बन्धित विविद्यालय व महाविद्यालयों को भेजी जा सके(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,8.7.11)।

उत्तराखंडःटेट में आरक्षित वर्गों को अंकों में छूट

Posted: 08 Jul 2011 06:10 AM PDT

शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) में 31 अगस्त, 2009 से पहले 40 फीसदी अंकों से स्नातक परीक्षा पास करने वाले आरक्षित वर्गो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और विकलांग श्रेणी के अभ्यर्थी भी शामिल हो सकेंगे। इस संबंध में गुरुवार को शासनादेश जारी हुआ। शासन ने टीइटी के लिए विद्यालयी शिक्षा परीक्षा परिषद के नए प्रस्तावित परीक्षा कार्यक्रम को मंजूरी दी है। परीक्षा के लिए 21 अगस्त की तिथि प्रस्तावित है, लेकिन इसे 14 अगस्त को कराने पर भी विचार किया जा रहा है।
एनसीटीई से हरी झंडी मिलने के बाद 31 अगस्त, 2009 से पहले स्नातक डिग्री 45 फीसदी अंकों से पास करने वाले अभ्यर्थियों को भी टीइटी में शामिल करने की अनुमति दी जा चुकी है। इस बाबत हफ्तेभर पहले शासनादेश जारी हो चुका है। उक्त शासनादेश में आरक्षित वर्गो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और विकलांग अभ्यर्थियों को अंकों में मिलने वाली पांच फीसदी छूट का जिक्र नहीं किया गया था। इस व्यवस्था के तहत सामान्य वर्ग को 45 फीसदी तो उक्त चार श्रेणियों के अभ्यर्थियों को 40 फीसदी अंक होने पर परीक्षा में बैठने की पात्रता मिलेगी। इस बाबत आज शिक्षा सचिव मनीषा पंवार ने शासनादेश जारी कर दिया। यह छूट देने के बाद परिषद की ओर से पात्रता सीमा में आए नए अभ्यर्थियों को आवेदन का मौका देना है। लिहाजा टीइटी की तिथि 10 जुलाई से आगे खिसकाई जा चुकी है। शासन ने आज परिषद के नए परीक्षा कार्यक्रम को भी मंजूरी दी है। परिषद ने नई परीक्षा तिथि 21 अगस्त प्रस्तावित की है। शासन ने परिषद को इस तिथि से पहले भी परीक्षा आयोजित करने का विकल्प दिया है। परीक्षा 14 अगस्त को आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है। इस बारे में अंतिम फैसला परिषद को ही लेना है। शासन इस बाबत हरी झंडी दिखा चुका है(दैनिक जागरण,देहरादून,8.7.11)।

बिहारःआर्यभट्ट विवि से संबद्ध होंगे तकनीकी कॉलेज

Posted: 08 Jul 2011 05:50 AM PDT

राज्य के सभी सरकारी तकनीकी संस्थान अब आर्यभट्ट ज्ञान विविद्यालय से सम्बद्ध होंगे। इसके लिए मानव संसाधन विकास विभाग ने सरकार के सभी विभागों से तकनीकी संस्थानों की सूची मांगी है। मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकार के इस निर्णय के बाद राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, फॉमेसी कॉलेज, शिक्षण-प्रशिक्षण कॉलेज अब आर्यभट्ट ज्ञान विविद्यालय का हिस्सा होंगे। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया है कि निजी तकनीकी संस्थानों के लिए आर्यभट्ट ज्ञान विविद्यालय से सम्बद्धता लेना अनिवार्य नहीं होगा। वे अन्य विविद्यालय से भी सम्बद्धता प्राप्त कर सकते हैं। सूची आ जाने के बाद मानव संसाधन विकास विभाग अधिसूचना जारी करेगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,8.7.11)।

यूपीःबीएड की फीस को लेकर संशय बरकरार

Posted: 08 Jul 2011 05:30 AM PDT

पांच दिन बाद प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में बीएड में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग शुरू होने जा रही है, लेकिन अभी तक बीएड की फीस को लेकर संशय बरकरार है। कितनी फीस लगेगी और अभ्यर्थियों को किसके नाम बैंक ड्राफ्ट बनवाना होगा आदि जानकारियां नोडल अधिकारियों तक को नहीं है।
रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा के बाद अब 14 जुलाई से काउंसिलिंग चालू होगी। इसके लिए प्रदेश में कुल 34, जबकि वाराणसी के विद्यापीठ में दो काउंसिलिंग सेंटर बनाए गए हैं। इस साल लगभग 1.20 लाख सीटों के सापेक्ष 2.10 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे। प्रत्येक केंद्र पर प्रतिदिन 500 अभ्यर्थियों की आनलाइन काउंसिलिंग कराई जाएगी। काउंसिलिंग शुरू होने में पांच दिन शेष हैं, लेकिन शासन एवं विश्वविद्यालय प्रशासन अभी तक फीस के बारे में कोई निर्णय नहीं ले सका है। सूत्रों का कहना है कि पिछले साल लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा सैकड़ों कालेजों को फीस की धनराशि वर्ष के अंत तक नहीं दी गई, जिसके चलते इन कालेजों ने विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षाएं ही नहीं कराईं। मामला न्यायालय में चला गया। वहीं स्ववित्तपोषित कालेजों ने फीस के नाम पर मनमानी उगाही भी की थी। इन शिकायतों को देखते हुए इस बार व्यवस्था में कई परिवर्तन किए जा रहे हैं। विद्यार्थियों को काउंसिलिंग में कालेज एलाट होने के बाद संबंधित कालेज के नाम ही ड्राफ्ट बनवाने पड़ेंगे। जबकि अभी तक परीक्षा का आयोजन कराने वाले विश्वविद्यालय के नाम फीस जमा होती थी(अमर उजाला,वाराणसी,8.7.11)।

झारखंडःइंटर कॉलेजों में विज्ञान संकाय पर संकट

Posted: 08 Jul 2011 05:10 AM PDT

इंटर कॉलेजों के विज्ञान संकाय पर संकट उत्पन्न हो गया है। शिक्षकों को इस वर्ष भी अनुदान में भारी कटौती का सामना करना पड़ेगा। नियम के अनुसार 40 फीसदी या अधिक विद्यार्थी पास होने पर ही सरकार अनुदान देगी। पिछले वर्ष विज्ञान संकाय का रिजल्ट 30 फीसदी के करीब था। इस वर्ष इसमें और कमी आ गई। मात्र 28 फीसदी छात्र ही इंटर साइंस की परीक्षा पास कर पाए। छात्रों की असफलता का सबसे बड़ा खामियाजा इंटर कॉलेज के शिक्षकों को भुगतना पड़ेगा।

वित्तीय वर्ष 2011-12 की अनुदान राशि का प्रस्ताव तैयार करने की कवायद सरकार के स्तर पर शुरू होनेवाली है। इस वर्ष तो इंटर परीक्षा का कुल परिणाम ही 42 फीसदी के करीब रहा। अंगीभूत व डिग्री कॉलेजों में अलग से इंटर के लिए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। इस स्थिति में वहां के शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। दंडात्मक कार्रवाई की मार से केवल इंटर कॉलेज के शिक्षक ही प्रभावित हो रहे हैं। इस वर्ष तो संताल परगना के इंटर कॉलेजों में फिर विज्ञान संकाय के शिक्षकों के अनुदान पर संकट उत्पन्न हो गया है। अनिश्चितता की स्थिति के कारण शिक्षक अब दूसरी राह तलाशने में जुट गए हैं। पड़ोसी राज्य बिहार में वित्तरहित संस्थानों को बड़ी राशि मिलने से शिक्षकों का वहां के संस्थानों के प्रति रुझान बढ़ गया है।
'इंटर कॉलेज के शिक्षकों का वर्ष 2010-11 का अनुदान अभी तक नहीं वितरित किया गया है। इसमें भी प्राप्तांक प्रतिशत के आधार पर कटौती की गई है। वर्ष 2011-12 में कटौती की गई तो कई कॉलेज बंद हो जाएंगे।'
- डा. सुनील कुमार सिन्हा, प्रधान महासचिव, झारखंड इंटर शिक्षक संघ(दैनिक जागरण,रांची,8.7.11)

बिहार विवि : विभिन्न विषयों में हुआ सीटों का निर्धारण

Posted: 08 Jul 2011 04:50 AM PDT

बीआर अंबेदकर बिहार विश्वविद्यालय ने गुरुवार को सभी स्नातकोतर विभागों व महाविद्यालयों को सीटों के निर्धारण का फरमान जारी कर दिया। साथ ही उन्हें नियमों का अल्टीमेटम भी दिया गया है। उसके मुताबिक विभागाध्यक्षों व प्राचार्यो को नामांकन में आरक्षण नियमावली का अनुपालन सुनिश्चित करने, निर्धारित स्थानों से अधिक नामांकन नहीं करने और नामांकन तिथि समाप्ति के बाद किसी भी परिस्थिति में छात्रों का आवेदन विवि को अग्रसारित नहीं करने की सख्त हिदायत दी गई है।
स्नातकोत्तर की सीटें

जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक शैक्षणिक सत्र 2011-12 से स्नातकोत्तर के विभिन्न विषयों में नामांकन के लिए जो सीटें निर्धारित की गई हैं उसके मुताबिक कला के सभी विषयों में 150-150, नीतीश्वर महाविद्यालय के स्नातकोत्तर समाजशास्त्र में 200, स्नातकोत्तर वाणिज्य एकाउंट में 200, कॉरपोरेट में 50, इंवायरमेंट में 50, कंपनी लॉ में 50, स्नातकोत्तर विज्ञान के गणित में 150, वनस्पति विज्ञान, भौतिकी, रसायन विज्ञान, व जंतु विज्ञान में 100-100, स्नातकोत्तर केंद्रों में गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान एवं जंतु विज्ञान में सौ-सौ सीटें निर्धारित की गई हैं।
स्नातक की सीटें
शैक्षणिक सत्र 2011-12 से स्नातक प्रतिष्ठा के विभिन्न विषयों में नामांकन के लिए जो सीटें निर्धारित की गई हैं, उसके मुताबिक कला के प्रतिष्ठा विषयों यथा इतिहास, समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, गृह विज्ञान व मनोविज्ञान में 192-192 सीटें, हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, प्राचीन भारतीय इतिहास, अर्थशास्त्र व भूगोल में 96-96, दर्शन शास्त्र में 120, संगीत, संस्कृत, प्राकृत, एलएसडब्ल्यू, मैथिली, पारसियन, ग्रामीण अर्थशास्त्र, भोजपुरी एवं नेपाली प्रतिष्ठा विषयों 64-64, वाणिज्य के लेखा प्रतिष्ठा में 192, इंवायरमेंट, कारपोरेट व कंपनी लॉ में 50-50, विज्ञान के गणित प्रतिष्ठा में 96, भौतिकी, रसायन, वनस्पति विज्ञान एवं जंतु विज्ञान विषयों में 48-48 सीटें निर्धारित की गई हैं(दैनिक जागरण,मुजफ्फरपुर,8.7.11)।

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालयःछह गुना तक बढ़ गई छात्रावास की फीस

Posted: 08 Jul 2011 04:30 AM PDT

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रावास शुल्क बढ़ाने का निर्णय लिया है। शास्त्री से लेकर पीएचडी तक के छात्रावास शुल्क में छह गुना तक बढ़ोतरी की गई है। वहीं छात्रावास में हीटर के प्रयोग पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। इसका उल्लंघन करने वाले विद्यार्थियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। भोजन व्यवस्था के लिए मेस की सुविधा चालू की जाएगी।

छात्र कल्याण समिति ने नई फीस दर तैयार कर इसे लागू करने की संस्तुति कर दी है। जल्द ही इसका आदेश जारी कर दिया जाएगा। वहीं विद्यार्थी अब अपने कमरे में खाना नहीं बना सकेंगे। बिजली की बचत और साफ-सफाई के लिहाज से इस साल से सभी छात्रावासों में मेस का संचालन शुरू होगा।

कक्षा -पुरानी फीस- नई फीस (प्रति माह)
शास्त्री 03 रुपये 20 रुपये
आचार्य 05 रुपये 30 रुपये
बीएड/बीलिब 12 रुपये 40 रुपये
एमएड 18 रुपये 45 रुपये
पीएचडी 20 रुपये 50 रुपये(अमर उजाला,वाराणसी,8.7.11)

बिहारःमध्यमा परीक्षा की कॉपियों की जांच शुरू

Posted: 08 Jul 2011 04:10 AM PDT

बिहार राज्य संस्कृत शिक्षा बोर्ड की मध्यमा परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं की जांच बृहस्पतिवार से शुरू हो गई। बोर्ड के अध्यक्ष सिद्धेर प्रसाद ने राजधानी के चारों मूल्यांकन केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। कॉपियों की जांच की और मूल्याकंन कार्य पर संतोष जाहिर किया। पहले दिन मूल्यांकन कार्य में कुछ परीक्षकों की अनुपस्थिति रही। दूसरे दिन से इसके सामान्य होने के आसार हैं। मूल्यांकन कार्य में दो हजार से अधिक परीक्षक भाग लेंगे। राजधानी के दयानंद उच्च विद्यालय मीठापुर, दयानंद कन्या उच्च विद्यालय मीठापुर, बीएन कॉलेजिएट अशोक राजपथ व कमला नेहरू विद्यालय गर्दनीबाग में कॉपियों का मूल्यांकन कार्य किया जा रहा है। बिहार राज्य संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष सिद्धेर प्रसाद ने कहा कि कॉपियों की जांच में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जाएगी। वहां किसी तरह की हेरफेर नहीं की जा सके इसके लिए विद्यालय के प्राचायरे को सख्ती का निर्देश दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं भी मूल्यांकन केंद्रों का दौरा करेंगे। सभी परीक्षकों को जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है। पंद्रह दिन के भीतर मूल्यांकन कार्य पूरा कर लिया जायेगा। मध्यमा का रिजल्ट 25 जुलाई तक दे दिया जायेगा। मूल्यांकन कार्य भी जल्द से जल्द पूरा कर लिया जायेगा। रिजल्ट बोर्ड की वेबसाइट पर जारी कर दिया जायेगा। परीक्षा रिजल्ट वेबसाइट पर देखा जा सकेगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,8.7.11)।

आईआईएम लखनऊ के नए बैच में भी इंजीनियर भारी

Posted: 08 Jul 2011 03:50 AM PDT

भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) लखनऊ में प्रवेश प्रक्रिया में हुए बदलाव का थोड़ा सा असर नए बैच के संयोजन में देखने को मिल रहा है। पिछले वर्ष की अपेक्षा आईआईएम के प्रमुख शैक्षणिक प्रोग्राम पीजीपी में इंजीनियर्स की भागीदारी थोड़ी कम जरूर हुई है लेकिन अभी दबदबा कायम है। कॉमर्स के अभ्यर्थियों की भागीदारी अपेक्षाकृत इस बार बेहतर रही।
आईआईएम में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम (2011-2013) बैच की प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और कक्षाएं भी प्रारंभ हो गई हैं। कोर्स की 419 सीटों में इस बार भी 82.10 फीसदी सीटों पर इंजीनियर्स को ही एडमिशन मिला है। हालांकि कैट के नतीजे में भी 99 पर्सेंटाइल से ऊपर पाने वाले भी 90 फीसदी इंजीनियर्स ही थे। आईआईएम लखनऊ ने इस बार कॉमर्स, ह्ययूमिनिटीज एवं अन्य गैर-इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के पाठ्यक्रमों से आने वाले अभ्यर्थियों को 2.5 फीसदी का अलग से वेटेज दिया था, जिससे इनकी भागीदारी भी आईआईएम में बढ़ सके। इसका थोड़ा प्रभाव अवश्य हुआ है। आईआईएम के प्रो. ए. उपाध्याय के अनुसार 419 सीटों में 353 सीटों पर दाखिला लेने वाले छात्र इंजीनियरिंग बैक ग्राउंड से है। पिछले वर्ष की अपेक्षा पीजीपी में इनकी भागीदारी 2.5 फीसदी कम हुई है। कॉमर्स के 36 अभ्यर्थी इस बार आईआईएम-एल के हिस्सा बने हैं। साइंस से 8, आर्किटेक्चर से 4 तथा ह्यूमिनिटीज के 7 विद्यार्थियों को दाखिला मिला है। मेडिकल के भी 11 छात्र इस बार प्रबंधन में अपना ज्ञान बढ़ाने के लिए आईआईएम की प्रवेश प्रक्रिया पार कर अपनी जगह बनाने में सफल रहे हैं। हालांकि जेंडरवाइज आंकड़े में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। नए बैच में 86 फीसदी छात्र तथा 14 फीसदी छात्राएं हैं(अमर उजाला,लखनऊ,7.7.11)।

यूपीःबीटेक के लिए 45 फीसदी अंक पाने वालों को मिलेगी राहत

Posted: 08 Jul 2011 03:30 AM PDT

इंटरमीडिएट में 45 फीसदी और 40 फीसदी अंक पाकर राज्य प्रवेश परीक्षा (एसईई) 2011 में सफल हजारों विद्यार्थियों के शैक्षिक दस्तावेज सत्यापित कराए जाएंगे। फिर काउंसिलिंग कराकर बीटेक में दाखिला दिया जाएगा। इसकी रणनीति प्राविधिक शिक्षा विभाग और महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय (एमटीयू) ने बना ली है। इन्हें रैंकवार बीटेक में दाखिला देने की योजना है। हालांकि दाखिले का अंतिम निर्णय शुक्रवार को प्राविधिक शिक्षा विभाग को लेना है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने बीटेक में दाखिले की सामान्य वर्ग, ओबीसी और एससी, एसटी की अर्हता 45 फीसदी और 40 फीसदी किए जाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। यह नोटिफिकेशन आयोजक प्राविधिक विश्वविद्यालय, शासन को मिल गया है। प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा संजय प्रसाद का कहना है कि कुछ अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके इंटरमीडिएट में 45 फीसदी अंक थे लेकिन एसईई में अच्छी रैंक हासिल की है। इन सभी को दाखिले का अवसर दिया जा सकता है। इसको लेकर शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है। इसमें चर्चा के बाद कम ऐसे विद्यार्थियों के शैक्षिक दस्तावेज के सत्यापन का आदेश जारी होने की संभावना है। इसमें आयोजक विश्वविद्यालय की सहमति ली जाएगी। पूछा जाएगा कि नई प्रक्रिया से कानूनी दिक्कत या काउंसिलिंग प्रक्रिया फंसने की संभावना तो नहीं है। उनका कहना है कि अभी प्रदेश के इंजीनियरिंग, प्रबंधन कालेजों के संबद्धता विस्तारण की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। इस कारण काउंसिलिंग का शेड्यूल भी नहीं जारी किया जा सका है(अमर उजाला,कानपुर,8.7.11)।

पटनाःमगध महिला कॉलेज में बीए की दूसरी मेधा सूची जारी

Posted: 08 Jul 2011 03:10 AM PDT

पटना विविद्यालय के मगध महिला कॉलेज में स्नातक कला (बीए) की दूसरी मेधा सूची बृहस्पतिवार को जारी कर दी गई। गैरेंटेड छात्राओं का नामांकन ग्यारह जुलाई को व नन गैरेंटेड का नामांकन बारह जुलाई को लिया जायेगा। उसके बाद अगर सीटें बची रहती हैं तो 13 जुलाई को तीसरी मेधा सूची निकाली जाएगी और 14 जुलाई को नामांकन लिया जायेगा। बी. कॉम की दूसरी सूची नौ जुलाई को निकाली जाएगी। मगध महिला कॉलेज में बीए में सामान्य वर्ग की गैरेंटेड छात्राओं के लिए पांच सौ में 335 अंक व नन गैरेंटेड में 330 अंक अनिवार्य है। बीसी- में गैरेंटेड में 288 व नन गैरेंटेड में 280 अंक अनिवार्य है। बीसी-2 में गैरेंटेड 320 व नन गैरेंटेड में 375 अंक अनिव् है। एससी में गैरेंटेड में 261 व नन गैरेंटेड में 251 अंक अनिवार्य है। एसटी में गैरेंटेड में 276 व नन गैरेंटेड में 255 अंक अनिवार्य है। मगध महिला कॉलेज में स्पोर्ट्स व फाइन आर्ट्स का ट्रायल भी बृहस्पतिवार को लिया गया। पटना विविद्यालय के बीएन व साइंस कॉलेज में नामांकन बृहस्पतिवार को भी लिया गया। यहां ग्यारह जुलाई तक नामांकन लिया जायेगा। पटना कॉलेज में जारी दूसरी मेधा सूची की नामांकन आठ से चौदह जुलाई के बीच सुबह से साढ़ दस से दो बजे के बीच लिया जायेगा। यहां ललित कला का ट्रायल नौ जुलाई को लिया जायेगा। मगध विविद्यालय के कॉलेज ऑफ कॉमर्स की मेधा सूची ग्यारह जुलाई को निकाली जायेगी। मगध विविद्यालय के जेडी वीमेंस कॉलेज में बुधवार को इंटर व स्नातक की पहली मेधा सूची जारी की जा चुकी है। यहां बृहस्पतिवार से नामांकन प्रारंभ होगा और 19 जुलाई तक चलेगा। एएन कॉलेज में इंटरमीडिएट (ग्यारहवीं) में कोटि स् बी बी ए ए मगध नामांकन की पहली मेधा सूची मंगलवार को जारी कर दी जा चुकी है। यहां गणित से इंटरमीडिएट करने के लिए सामान्य वर्ग में कम से अस्सी प्रतिशत अंक अनिवार्य हैं, वहीं जीव विज्ञान से इंटर करने के लिए सत्तर प्रतिशत अंक सामान्य वर्ग के लिए जरूरी है। कला संकाय से इंटर करने के इच्छुक सभी वर्ग के छात्रों को कम से कम 45 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। एएन कॉलेज में मेधा सूची में शामिल छात्र-छात्राओं का नामांकन ग्यारह जुलाई से चौदह जुलाई के बीच सुबह ग्यारह बजे से चार बजे के बीच लिया जायेगा। ग्यारह-बारह जुलाई को सामान्य वर्ग, तेरह-चौदह जुलाई को बीसी-1, बीसी- 2, एससी, एसटी व ईबीडब्ल्यू का नामांकन लिया जायेगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,8.7.11)

पंजाब यूनिवर्सिटीःरिजल्ट घोषित नहीं के विरोध में छात्राएं भूख हड़ताल पर

Posted: 08 Jul 2011 02:50 AM PDT

पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन पर चार साल से धोखे में रखने का आरोप लगाते हुए बीए-बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स के छात्र-छात्राएं वीरवार देर शाम वीसी दफ्तर के सामने जोरदार नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। इस दौरान वाइस चांसलर आर सी सोबती से छात्र-छात्राओं की तीखी बहस भी हुई। देर रात पांच छात्राओं के भूख हड़ताल पर बैठने के बाद कैंपस में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। ये विद्यार्थी अभी तक उनका रिजल्ट घोषित नहीं करने और इस कारण किसी अन्य कोर्स के लिए आवेदन नहीं कर पाने को लेकर विरोध जता रहे थे। धरने में बीए-बीएड की 26 छात्राएं और 6 छात्र शामिल हैं। कई छात्राओं के अभिभावक भी देर रात खबर लिखे जाने तक वीसी दफ्तर के बाहर डटे हुए थे।

पीयू में चार वर्षीय बीए-बीएड (इंटीग्रेटेड) कोर्स के इन विद्यार्थियों का आरोप है कि अभी तक रिजल्ट घोषित नहीं किए जाने के कारण वे अन्य कोर्स के लिए आवेदन तो कर ही नहीं पा रहे हैं, पीयू के इस कोर्स को अभी तक भी एनसीईटी से मान्यता नहीं मिल पाई है। अभिभावकों का कहना था कि जब कोर्स को मान्यता ही नहीं थी तो पीयू ने कोर्स शुरू ही क्यों किया। अब हमारे बच्चे कहां जाएं। एक छात्र ने कहा कि चार साल का कोर्स करने में लाखों रुपये फीस दी है लेकिन भविष्य का कुछ ठिकाना नहीं। 

इस दौरान वीसी और डीएसडब्ल्यू से अभिभावकों और छात्राओं की तीखी कहासुनी हुई। छात्राएं बिना रिजल्ट घोषित किए धरने से नहीं उठने पर अड़ी थीं। पीयू अधिकारी देर रात तक उन्हें मनाने में लगे थे। डीएसडब्ल्यू प्रो.नवल किशोर और अन्य हॉस्टल वार्डन भी वहां पहुंचे। प्रो.नवल किशोर ने कहा कि मामला कोर्ट में चल रहा है।रिजल्ट घोषित करने को लेकर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। 
क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठीं दीपिका, प्राची, आशीम, सविता और रजनी सहित अन्य छात्राओं और अभिभावकों के रोष के बाद वीसी चार-पांच अभिभावकों को लेकर मामले की पैरवी करने वाले एडवोकेट सिब्बल के पास भी पहुंचे। एक अभिभावक ने कहा कि वीसी ने सोमवार तक मामले में कुछ फैसला आने का भरोसा दिलाया है।
इससे पहले भी पीयू प्रशासन के खिलाफ लड़कियों को धरना देना पड़ा था। यूबीएस चेयरमैन के खिलाफ छात्राओं ने शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने पर वीसी दफ्तर के सामने रात भर धरना दिया था। आखिर में पीयू प्रशासन को छात्राओं के सामने झुकना पड़ा था।
एक छात्रा का कहा था कि बीए बीएड कोर्स को मान्यता नहीं मिलने के कारण सभी अन्य यूनिवर्सिटी ने हमारे फार्म रिजेक्ट कर दिए हैं। रिजल्ट रुके होने से स्टूडेंट पीयू में भी दाखिले से वंचित रह जाएंगे। एक छात्र ने कहा कि वीसी ने आश्वासन दिया है कि रिजल्ट के कारण किसी का दाखिला नहीं रुकेगा। चाहे पीयू को इन स्टूडेंट के लिए अतिरिक्त सीट ही क्यों न देनी पड़े(अमर उजाला,चंडीगढ़,8.7.11)।

जामिया में मनमाने ढंग से छात्रों को दाखिला

Posted: 08 Jul 2011 02:30 AM PDT

अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त विश्वविद्यालय जामिया मिलिया इसलामिया में विभागीय घालमेल से आरक्षित वर्ग की सीटों के साथ खेल करने का मामला सामने आया है। इस क्रम में विश्वविद्यालय प्रशासन पर डिप्लोमा इन एलिमेंटरी टीचर एजुकेशन पाठ्यक्रम के विकलांग व इंटरनल कोटे की सीटों को अनुचित तरीके से सामान्य वर्ग में तब्दील करने और दाखिले के लिए मनमानी संख्या में छात्रों को साक्षात्कार के लिए बुलाने का आरोप लग रहा है। शिकायत जामिया के कुलपति नजीब जंग सहित कमिश्नर, डिसैबिलिटी व चीफ कमिश्नर फॉर पर्सन विद डिसैबिलिटी तक पहुंची तो प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
जामिया विश्वविद्यालय में डिप्लोमा इन एलिमेंटरी टीचर एजुकेशन पाठ्यक्रम की सौ सीटों के लिए दाखिला प्रक्रिया चार जुलाई को संपन्न हुई। नियमों के मुताबिक यहां दाखिले के लिए उपलब्ध सीटों की तुलना में तीन गु



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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