कब जागेंगे हम?
http://www.tehelkahindi.com/editorial/31.html
जब पिछली बार हमने सत्ता के गलियारों को हिलाने की हिमाकत की थी तो हमें तीन साल तक दहकते अंगारों पर चलने का अभिशाप दिया गया. रक्षा सौदों में भष्टाचार की पोल खोलने वाला ऑपरेशन वेस्ट एंड मार्च 2001 में प्रसारित हुआ था. इसके फौरन बाद दो चीजें हुईं. पहला हमें लंबे समय तक लोगों की अपार सराहना और उनका प्यार मिला. दूसरा, हमारे काम और जिंदगी पर एक अनैतिक और असंवैधानिक हमला बोला गया. ये भी लंबे समय तक नहीं रूका—तब तक जब तक सरकार का सारा गोला-बारूद खत्म नहीं हो गया.
छह साल पहले उस वक्त हम पर एक के बाद एक कई आरोप लगाए गए. कुछ ने कहा कि हम कांग्रेस के लिए काम करते हैं. कइयों के लिए हम दाऊद के आदमी थे. कुछ का कहना था कि हमारे पीछे हिंदुजा का पैसा लगा है. कोई हमें आईएसआई से जोड़ रहा था जिसका मकसद हमारे जरिये शेयर बाजार को औंधे मुंह गिराना था. कहा जा रहा था कि इस काम के लिए हमें करोड़ों रुपये मिले हैं. यही नरेंद्र मोदी उस समय बीजेपी के महासचिव हुआ करते थे. मुझे वह टीवी इंटरव्यू नहीं भूलता जिसमें मोदी और मैं दोनों फोन पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे और मोदी चिल्लाचिल्लाकर हमारे खिलाफ झूठ उगल रहे थे. एक दिन बाद ही वह मेरे बारे में दस तथ्यों से भरा एक पर्चा भी छापने वाले थे. मुझे वह टीवी इंटरव्यू नहीं भूलता जिसमें मोदी और मैं दोनों फोन पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे और मोदी चिल्लाचिल्लाकर हमारे खिलाफ झूठ उगल रहे थे. एक दिन बाद ही वह मेरे बारे में दस तथ्यों से भरा एक पर्चा छापने वाले थे.
इनमें पहला और सबसे अहम तथ्य ये था कि मैं एक कांट्रेक्टर का बेटा हूं जो कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अर्जुन सिंह के करीबी सहयोगी थे.
हमारे ख़िलाफ़ उछाला गया हर आरोप दिल्ली के संभ्रांत हलकों में न केवल चटखारे लगाकर सुना-सुनाया गया बल्कि एक कान से दूसरे कान तक जाने की प्रक्रिया में इसमें कई और स्वाद भी जोड़े गए. यहां तक कि दोस्तों और जानने वालों ने भी दबी जबान में बातें कीं. ये वे लोग थे जिन्होंने किसी को बिना फायदे के कभी कुछ करते हुए नहीं देखा था. उनके लिए ये मानना सही भी था कि हम भला उनसे क्योंकर अलग होंगे. और अब जब सरकार हमारे शिकार पर निकल ही चुकी थी तो सच का सामने आना बस कुछ वक्त का ही खेल था. इतना सब कहने के बाद मिलने पर हमारी तरफ एक जुमला उछाल दिया जाता कि आपने असाधारण काम किया...ऐसा काम जो न सिर्फ जरूरी था बल्कि बहुत साहसिक भी.
हकीकत ये है कि-
-मैं कभी भी किसी हिंदुजा से नहीं मिला था
-मैंने स्टॉक मार्केट में एक शेयर की भी खरीद-फरोख्त नहीं की थी.
-मेरा कांग्रेस से कभी भी कोई लेनादेना नहीं रहा. मैं तो राजनीति कवर करने वाला पत्रकार तक नहीं था. रिकार्ड के लिए बता दूं कि तहलका शायद भारत में अकेली ऐसी कंपनी होगी जिसके खिलाफ तीन सीबीआई केस चल रहे हैं. ये तीनों केस एनडीए सरकार के वक्त दर्ज किए गए थे और यूपीए के सत्ता में आने के बाद भी जारी हैं. हमें जमानत लेने के लिए नियमित रूप से कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं.
-हमारे पास कभी भी काले धन की एक पाई तक नहीं रही. अगर ऐसा होता तो हर घड़ी हमारे पीछे लगी रही एजेंसियां हमें कब का जेल में ठूंस देतीं. आखिर में ऐसा वक्त आया जब इस कंपनी में काम करने वाले लोग 120 से घटकर सिर्फ चार रह गए. साउथ एक्सटेंशन के पीछे एक किराए के कमरे में हमारा ऑफिस चल रहा था. कानूनी और जिंदगी के तमाम पचड़ों से लड़ने के लिए हम पर दसियों लाख रुपये उधार चढ़ चुके थे जो हम अब तक चुका रहे हैं. गंभीर आरोप लगने पर चिल्लाचोट की रणनीति भले ही चतुर लेकिन निंदनीय राजनीतिक दांव हो लेकिन भारतीय संभ्रांत वर्ग की साजिश ढूंढने का शगल समझ से परे है. इससे केवल खुद के बारे में सोचने वाली संस्कृति की बू आती है जहां कोई जनहित कोई मकसद ही नहीं होता.
-और हां, अंडरवर्ल्ड को झटका देने वाले क्रिकेट मैच फिक्सिंग के खुलासे के बावजूद हमसे से कोई दाऊद इब्राहिम या किसी और भाई से कभी नहीं मिला था.
मेरे पिता को तो छोड़िये मैं भी उस समय तक अर्जुन सिंह से कभी नहीं मिला था. कांट्रेक्टर होने की बजाय मेरे पिता की जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा भारतीय सेना में गुजरा था. इस दौरान उन्होंने 1965 और 1971 में पाकिस्तान से हुए दोनों युद्ध भी लड़े. फिर भी मोदी ने सार्वजनिक मंच पर ये और ऐसे दूसरे कई सफेद झूठ बोलने से पहले कुछ नहीं सोचा और सेंसेक्स से भी ज्यादा चकरायमान मीडिया ने इसके पीछे के सच को बाहर लाने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं समझी.
झूठ के पीछे के सच को अगर बाहर न लाया जाए तो झूठ खतरनाक आकार ले लेता है. सच्चाई का चेहरा विकृत हो जाता है और अराजकता घर करने लगती है. पुरानी कहावत है कि झूठ को अगर लगातार और कई तरीकों से फैलाया जाता है तो वह सच बन जाता है या फ़िर कम से कम सच को डुबो तो देता ही है. इसका उदाहरण तब देखने को मिला जब 1984 में सिक्खों की गर्दनें तलवारों पर रखी गईं. और हमने ऐसा होते 2002 में भी देखा जब गुजरात को दूषित भावनाओं के साथ गलत जानकारी की आड़ में आग के हवाले कर दिया गया. कुछ मौकों पर मीडिया ने सच की पड़ताल कर उसे दिखाया भी. लेकिन तब तक सच का महत्व ही खत्म हो चुका था. सच से बेनकाब होते लोगों की रणनीति इतना शोर मचाने की थी कि उसमें सब कुछ डूब जाए—अच्छा, बुरा, सच, झूठ सब कुछ. हमारी इस तहकीकात पर उनका शोर है कि आपने गोधरा के बारे में तो कुछ कहा ही नहीं. जबकि सच ये है कि इस अंक के 30 पन्ने गोधरा की तहकीकात को ही समर्पित हैं.
गंभीर आरोप लगने पर चिल्लाचोट की रणनीति भले ही चतुर लेकिन निंदनीय राजनीतिक दांव हो लेकिन भारतीय संभ्रांत वर्ग की साजिश ढूंढने का शगल समझ से परे है. इससे केवल खुद के बारे में सोचने वाली संस्कृति की बू आती है जहां कोई जनहित कोई मकसद ही नहीं होता. पिछले कुछ सालों में मुझे कई बार ये अजीब और कड़वा अनुभव हुआ है जब लोगों को मैंने मेधा पाटकर और अरुंधती रॉय जैसे जनता के लिए लड़ने वाले लोगों पर पैसे के लिए काम करने का आरोप लगाते देखा है. किसी की राय से सहमत न होना अलग बात है. लेकिन खुद ही ये मान लेना कि आम लोगों के मुद्दों को उठाने वाले लोग भष्ट्र हैं, हमारे बारे में कई गंभीर पहलुओं की पोल खोलता है. इस विकृति का कुछ लेना-देना हमारी गुलामी के समय से भी है--वह दौर जब हम ईर्ष्या, चालाकी, साजिश, चुगली या धोखा, किसी भी तरह से गोरे मालिकों को खुश करने के लिए बैचैन रहते थे.
इस बार जब हमने 2002 के गुजरात नरसंहार के पीछे छिपे सच का खुलासा किया तो साजिश ढूंढने वालों ने नई ऊंचाइयां नाप लीं. बीजेपी ने हम पर कांग्रेस के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए हमला किया. उधर, कांग्रेस का कहना था कि हम बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं. इससे साफ था कि हम किसी सही काम को ही अंजाम दे रहे थे. इस सबके बीच भारत के विचार के लिए लड़ने का काम लालू यादव, मायावती और वामदलों पर छोड़ दिया गया. हालांकि आदर्श भारत का ये विचार कभी कांग्रेस के पुरोधाओं द्वारा रचा गया था लेकिन आज की कांग्रेस से जुड़े दिग्गज शायद इसका मतलब भी भूल चुके हैं. अगर सीआईआई को थोड़ी भी बदहजमी हो जाए तो प्रधानमंत्री कार्यालय इस पर तुरंत स्पष्टीकरण जारी कर देता है. और अगर इस बदहजमी पर वह एक सेमिनार भी करना चाहे तो प्रधानमंत्री उसमें मुख्य वक्ता के रूप में फौरन पहुंच जाते हैं.
ये भी अपने आप में असाधारण बात है कि गुजरात नरसंहार के खुलासे को कई दिन होने को आए लेकिन अब तक इस पर न तो प्रधानमंत्री ने ही कोई बयान दिया और न ही गृहमंत्री ने. पत्रकारिता के इतिहास में पहली बार सामूहिक हत्याकांड करने वाले कैमरे पर खुद बता रहे थे कि उन्होंने कैसे मारा, क्यों मारा और किसकी इजाजत से मारा. ये कोई छोटे-मोटे अपराधी नहीं थे. ये विचारधारा में अंधे वे उन्मादी लोग थे जो उस खतरनाक दरार की सच्चाई का खुलासा कर रहे थे जिसमें इस देश के टुकड़े करने की क्षमता है. लेकिन रेसकोर्स रोड में बैठे भद्रजनों के लिए ये काफी नहीं था. अगर सीआईआई को थोड़ी भी बदहजमी हो जाए तो प्रधानमंत्री कार्यालय इस पर तुरंत स्पष्टीकरण जारी कर देता है. और अगर इस बदहजमी पर वह एक सेमिनार भी करना चाहे तो प्रधानमंत्री उसमें मुख्य वक्ता के रूप में फौरन पहुंच जाते हैं.
प्रधानमंत्री को भी कोसने का क्या फायदा. उनके पास जिम्मेदारी तो है पर शक्तियां नहीं. बेईमानी के पहाड़ की चोटी पर बैठा ईमानदार व्यक्ति. कांग्रेस के उन बड़े रणनीतिकारों पर नजर डालते हैं जो खुद तो कोई चुनाव नहीं जीत सकते मगर कईयों को चुनाव जितवाने के रहस्य जानते हैं. उनके हिसाब से देखा जाए तो हत्याओं और बलात्कारों में मोदी की भूमिका का पर्दाफाश इस तरह से डिजाइन किया गया था कि गुजराती हिंदू को ये यकीन हो जाए कि मोदी ही उनके लिए आदर्श नेतृत्व हैं. उन्हें यह नहीं सूझा कि हिंसा के इन सबूतों को वे मोदी के खिलाफ एक हिला देने वाली सार्थक बहस शुरू करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
वास्तविकता ये है कि कांग्रेस को आज कुछ ऐसे छुटभैये रणनीतिकार चला रहे हैं जो ये भूल चुके हैं कि सही कदम उठाना क्या होता है. उनके पास न तो इतिहास के अनुभवों का प्रकाश है और न ही भविष्य के लिए दृष्टि. वे यह देख पाने में असमर्थ हैं कि एक जमाने में महान विभूतियों ने धर्म, जाति, भाषा, नस्ल आदि जैसी खाइयों को पाटते हुए इस देश के विचार को शक्ल दी थी. मूर्खतापूर्ण तरीके से वे अब इन्हीं दरारों को फिर से उभार रहे हैं. वे उन संकटों को देख पाने में असमर्थ हैं जो इसके परिणामस्वरूप सामने आएंगे. उन्हें ये नहीं पता कि राजनीति में नैतिकता को हथियार कैसे बनाया जा सकता है और उनमें नैतिकता के रास्ते पर चलने की हिम्मत भी नहीं है. ये लोग और कुछ नहीं ज्यादा से ज्यादा बस चुनावों में वोटों की तिकड़म भिड़ाने वाले एकाउंटेंट हैं जो चुनावी लाभ और हानि के बीच झूला झूलते रहते हैं.
आज की कांग्रेस उदारवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतंत्र में निष्ठा रखने वाले उस भारतीय को निराश करती है जिसे भारत की आत्मा की रक्षा करने को एक राजनीतिक छाते की आवश्यकता है. सही बातें न कहकर, सही कदम न उठाकर ये उस उदार भारतीय को कमजोर करती है जिसकी विवादों में कोई रुचि नहीं और जो अपनी अच्छाई की स्वीकृति चाहता है. इससे पैदा हुए खाली स्थान पर जहरीली और विकृत विचारधाराएं काबिज हो जाती हैं.
और ये सब तब हो रहा है जब भारतीय कुलीन वर्ग ऐसा व्यवहार कर रहा है जैसा कि 1920 में चमक-दमक और शैंपेन की खुमारी में डूबा अमेरिकी कुलीन वर्ग किया करता था जबकि पैरों के नीचे की जमीन बड़ी तेज़ी से दरकती जा रही है. ताजा आंकड़े बताते हैं कि पांच मुख्य राज्यों में गरीबी से बदहाल लोगों की संख्या बढ़ रही है. भारत के 30 फीसदी जिलों में घनघोर दरिद्रता से उठता नक्सलवाद बढ़ता रहा है. आखिर कब तक आकंठ पैसे में डूबे हुए और भूख से मर रहे लोग बगैर टकराव के साथ-साथ रह सकते हैं. सच्चाई ये है कि भारत को सिर्फ आर्थिक सुधारों की नहीं बल्कि राजनीतिक दूरदृष्टि की भी जरूरत है जिसका कहीं अता-पता नहीं. गुजरात के प्रति हमारी बेपरवाही बताती है कि दुनिया के इस सबसे जटिल लोकतंत्र के सामने अब तक की सबसे पेचीदा चुनौती मुंह बाए खड़ी है.
तरुण तेजपाल
(कुछ ही दिनों में तहलका की हिंदी पत्रिका पाठकों के सामने होगी जिसमें तरुण तेजपाल सीधे आपसे संवाद करेंगे. यदि आपके मन में तरुण के लिए कोई सवाल हो तो आप इसे hindi@tehelka.com पर ई मेल कर सकते हैं या नीचे लिखे पते पर भेज सकते हैं. )
तहलका, एम-76, एम ब्लॉक मार्केट, ग्रेटर कैलाश-2, नई दिल्ली-110048
Comments (84 posted):
aap ki saahasik patrkarita ka main sammaan karta hu. khud bhi ese pese se juda hu or sacchi ujagar karne ki kimat diya huwa hu is liye aap ke dwara jhele jane wale tanav or paresaniyo ko jiyad sidat ke saat mahesus kar sakta hu..main ek baat saaf tor per manta hu ki kewal likh dene se akanth bhrastachar main dubi rajniti theek thak hone wali nahi.......... janta sayad is bhulawe main rahati hai ki sayad 5 saal bad ane wali dusri sarkar unke duk dard kam karegi bhrastrachariyo ko saja degi............ lekin hum to saaf saaf dek rahe hai................
muje lagta hai ki, ek aise pahel karne ki jarurat hai jismain un sawalo ka theek teek jabab mil sake, jo aaj sabse jiyad kachotate hai ......
shubhkamanao sahit
mohan bhatt.
Rameish sharma
We want do some new. Politician is bad man & Reporter is Freedom Fighter
Kalam ke sipahi jo kalam bech denge ye neta hamare vatan bech denge.
Manoj Kumar Singh, Gorakhpur U p
sach ghate ya bade ,to sachh na rahe ,,,jhoot ki koi imtehaa hi nahi....AAP SACCHE HAI,, SACH SUN NE WALE ,,SACH SAMAJHNE WALE,,AUR SACH CHAAHNE WAALE , AAP KE SAATH HAI .. GOOD LUCK.
You always mesmerize me with your writings. It is first time I am reading you in my language. It was great. Best wishes for your new venture.
HE.VARNA KABKA DESH PHIR SE GULAM BAN
JATA.AAP APNI MANJIL PAR AAGE BADHTE RAHE.HUM AAP KE SATH HE.
JAB SE HAMNE PANKJ KHOLE HAIN UDANO KE LIYE.
HUM CHUNOUTI BAN GAYE HAIN AASMANON KE LIYE
AAG ME FEKON HUME YA ZAHAR DE DO HAME,
HUM TO TAIYAR HAIN SAB IMTIHANON KE LIYE
JHOOTH BOLKAR BHI AAKHIR HO GAYA KOI BARI
MIL GAYEE HUMKO SAZA SACHCHE BAYANON KE LIYE.
Kaun kahta hai aasmaan me suraakh nahi hota, Ek patthar to dil se uchhaal k dekho yaaro. sir aapne wahi baat ko sach kiya hai. Aandhi me diye jalana hi sherdili hai.Aapke himmat aur dhairya ko salam karta hoon. You R a pioneer in journalism field. Meri shubhechha aur Shubhkamna. P. K. Singh
Tehelka aur aapka ka main purana mureed tha.Dhakka laga SIMI par sahi ki report padhkar.Seedhe seedhe Simi ko clean chit de rahe hain?jabki SIMI khud apnee ghoshna me BHARAT ke rashtra rajya ko nasht kar Islamee hukumat lane kee baat karatee hai?visfot.com par chapee TEJPAL KE NAAM KHULEE CHITTHEE ka jabab den.Kaheen TEHELKA bhee prayojit patrakarita to naheen?Main shocked hoon.Abhee tak apkee patrika par vishwas karta tha aur apko ek bahadur patrakar manata tha.kuch kahenge.Main chahata hoon ki aap SIMI ke bare me desh ko sachchyee batayen.Khash kar khud SIMI apne bare me kya kahatee hai aur uskaa itihas kya raha hai.Ya to aap woh naheen hain jispe hame yakeen tha ya khud meree jankaree galat hai.
आपकी बातें पढकर लगा जैसे भारतीय लोकतंत्र का दीपक अब बच पायेगा। आप युं ही सच दिख़ारे रहें और इस कार्य में मैं आपका सहयोगी बनने को तैयार हुं। मेरे पास बिहार के प्रमुख़ नेताओं के काते चिटठे हैं जिनका खुलासा करना चाहता हुं। कृपया अपना संपर्क सुत्र अवश्य भेजें।
आपका
नवल किशोर कुमार
ब्रह्म्पुर, फ़ुलवारी शरीफ़, पटना-801505,
मो0-09304295773
आपका लेख बेशक प्रेरणादायक है और आपका मिशन सच में दिलेरी भरा। कभी आपके इस मिशन का हिस्सा बन सकूं तो अपनी नज़रों में उठ सकूंगा। फ़िलहाल तो सिर्फ़ कलम और दिमाग़ चल रहे हैं, ख़ुद के लिए।
Pankaj Tripathi,
Sr. Producer,
Zoom, Mumbai.
+91 9870770741
I M A REGULAR READER OF UR ENGLISH TEHELKA,BUT ITS THE FIRST TIME I HAVE GONE THROUGH THE ENGLISH 1.I ASSURE U NOBODY IN INDIA CAN CHALLENGEUR INTENTION.U PEOPLE R DOING GOOD JOB
apki is bebak sahafat pe ek shrer apki nazr kar rahaha hoon
sang me naher banane ka hunar mera hai rah sabki hai magar azme safar mera hai
trun ji aap akele nahin sara zamana aapke sath hai
Bahut Kam Logo Ke Pass Hota He, Es Tarah Ka Sahas; Desh Ke Liye Jine Ka Sahas, Desh Ke Liye Marne Ka Sahas.
Yeh Jitne Bhi Log Aap Ko Criticize Kar Rahe He, Pehle Woh Apne Aap Ko Dekhe, Phir Aap Ko Kuch Bolen. Yeh Ek Bahut Badi Baat He Ki Aap Itne Virodh Hone Ke Baad Bhi Sach Ke Sath Khade He.
Hamare Desh Ko Aap Ke Jaise Leaders Ki Sakht Zarrorat He, Jo Sachchai Ka Sath De, Imandari Se Desh Ko Chalaye, Vitamin M (Money) ka Lobhi Na Ho, Nish-Paksh Insaaf Kare etc.
Mein Aap Ko Salam Karta Hon.
Hum Sabhi Hindustani, Jo Apne Desh Se Prem Karte He, Aap Ko Salam Karte He.
Jai Hind
apki himmat aor commitment per kisi shayar ke likhe do share arj hain.
Meri koshish ko saraho, mere hum-rah bano
Maine ik shamma jalai hai, hawaon ke khilaf
Kuch na karne se to chin jata hai aizaz-e-sukhan
Julm sehne se bhi Zalim ki madad hoti hai
You and your words give us a hope to continue beleive in the values of our (Indian) sociaty, in abraod when we stand infront of other nationalitis, we do not have any thing left in our hand except for the works done by you and people like you.
God doesn't want to destroy this country, hence he time to time create people like you in our society.
Thanks,
M.A. Nadwi
AAP NE BEBAKI KE SATH JITNE BHI KAAM KIYE HAI VEE SARE "DESHHIT" ME HAI SACHCHAI KO SAMNE LANA KOI GALAT BAAT NAHI HAI, LEKIN IS DESH KE SARE NETA BHRAST HI JO AAPNE SACH KO SAMNE DEKHA KE TILMILA JATE HAI.....
LEKIN PATRAKARITA KE PESE ME AAPNE BAHUT HI SAHI KAAM KIYA HAI........
AAPNE RISVAT LETE NETA OR BHI LOGO KA PARDA FAAS KIYA VO SAHI HAI......JANTA KE BECH SACH SAMNE ANA HI CHAHIYE....!
AAP KO PARESAN KARNE KE LIYE AAP KE UPAR CHAL RAHI CBI CHALA KE VE LOGE AAPKI KALAM KO NAHI ROK SAKTE HAI...."KYOKI SACH PARESAN HO SAKTA HAI...PARAJIT NAHI.........."
"RAJENDRA DAS MO.9425269676
CHIRIMIRI (CHHATTISGARH)"
Aap logo ke bhoresh yeh desh chal raha hai . Aap log nahin hote to yahan minority ke jina haram ho jata . Lage raho aur kamate raho
This is to congratulate on Starting Hindi Tehelka Weekly. Now I think this will make clear to Non-muslim people like "Abdul" in above commentors who take Veil like Muslims and do crime. I would like to thank you on your INVESTIGATION IN GODHRA TRAGEDY. Also, would like to request that you unveil Blasts of Nanded and Kanpur and then all other blasts which are handiworks of Non-muslims Fundamentalists and who demonise muslim persons.
Thanks.
Heads off to u for ur courage and daring, I want to be like u and to do something daring, AAp lage rahiye sara zamana aapke saath hai, waise bhi hum youth chahte hain k koi halla bol bolnewala samne aaye aur mujhe aap wohi MANGAL PANDEY dikh rahe hain TARUN TEJPAL K ROOP MEIN, AAne wale dinon mein zamana aapka diwana rahega sir aur aap hum youth ke inspiration ho, Aur aapke kalam mein itni dum hai k kisi bhi satta ya neta(corrupt) ko hila kar rakh sakti hai q k ye democracy hai, so again heads off and wish u all the very best.
SACHAI AUR IMANDARI KEWAL BHUKH DETI H. AAPKI ATMA JISSE KHUSH HO WO THEEK H. AAP KO KYA LAGTA H KI YE LOG SUDHAR JAYENGE. JAHA GOLI KI JARURAT HO WAHA TEER NAHI KAAM AATA. BAKI LAGE RAHO MUNA BHAI. KAHNE KO AAP ACHHA HI KAR RAHE H. KISI KE BAAP KA KYA JA RAHA H.
HUM AAP KI BAAT KI PALNA KARTE .
Whatever I want to say will be very clear if you visit my blog. Please do visit it. I've given my blog adress in the space for 'your website'
AAP JAISE DOST HO TO HAME DUSHMANO KI KYA JARURAT. APP HME AAPAS ME LADANE ME JO MADAD KARTE HE IS KE LIYE SHUKRIYA. AAP KARTE RAHIYE. LIKHATE RAHIYE.
delhi
09310521880
Nander Bomb Blast Mare muslims Shak muslims par Giraftar muslims
Makka Masjid Bomb Blast Mare muslims Shak muslims par Giraftar muslims
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Samjhota Express Bomb Blast Mare muslims Shak muslims par Giraftar muslims
Karta koi Aur Hai Bharte Muslims
Let me tell you that BJP,VHP and all other parties want make INDIA a hindu rastra, are stupid. Because this will never happend and they throwing this country to the hell.
I hope, I Hope my hindu brothers understand that and think about it. Think what is good for our country.
We all are together (Hindu,Muslim, Shikh and Christ)can take this country to success.
Please, Please think before you vote for someone!!!
मै आप के कार्य को तथा आप को हमेशा सलाम करता रहुंगा ।
आप के लेख पढंना एक अलग अनुभव रहता है ।
धन्यवाद
MAI SACH NAI JANTA SHAYED SACH AAP HI LOGO KO JANNE KA HAQ HAI AUR AAP KE DWARA HAME SUCH BATAYA JATA HAI, KYA YEH SACH HOTA HAI, AAP NE GUJRAT KE SUCHAI TO LOGO KO DIKHA DI AAP KO KASMIR KI SACHHAI NI DIKHTI, AAP PICHLE 5-6 SALO MAI JAYE KITNE DANGEY HOTAY TEY AUR PAHAL KOWN KARTA THA POLICE PER HAMLA KAWN KARTA THA, SHAYED YEH SACCHAI BATANE LAYEK NAHI HAI, GUJRAT KAND HONE KE BAAD KITNE DANGE HUYE, KYO KI DANGE KARNE WALO KO LAGNE LAGA KI, PRATIKRYA HUMSE JADA UGRA HAI,GANDHI JI KA SAMAI AAB NAI RAHA, USKE BAD SE AAB DHANGE KAM HI HOTE HAI KYO KI USKA JIMMA KAYER ATANKWADIYO NE LIYA HUA HAI. PLEASE AGAR AAP SUCHE HAI TO HAR TARAF KI SACHHAI UJAGAR KARE PLEASE, JARA SOCHIAE HAMARA NAZARIA RESULT KO SAMAJH KAR ACHCHA BURA WALA HONA CHAHIA
Abdul Rashid
(Journalist)
Singrauli
M.P.
ye to itahas gavah hai ki jab koi courrpt satta ke khilaph koi aawaj utaha hai to use kai museebato ka saamana karana padata hai.lekin aap apana kaam karte rahiye
best of luck
Nityanand
nityanandkhr.blogspot.com
mujhe Tahalka kaafi accha lagta hai.
kuch log kahty hai ki aap hamesha BJP ki kami nikalty hai. kya log sahi katey hai..is bare me aap ka kya kahna hai
government has totaly forgotten its responsibility to open schools in ew town ship. gone are the day when government schools been superior than private schools.
government is not even checking the quality of education in so called private shcools.
in andhra pradesh situation is worse.
private shcools charging very high fee in lieu of compatable aided orgovernment schools. middle class is deprive of compusory education.
government has not time to pay attention.
I remained subscriber of Tehelka through post about three years back but as luck would have it I also tried to do something for our mothe India and vowed to do sacha business and pay all our dues honestly to everybody and take care of my employees etc. But due to uncertain policies of Govt of India and state we had to shell heavy amount as tax though goods were exported out of india h forms obtained but on tecnical ground our industry hasto suffer and me as well and I had to pass and stilling passing through tremendus pressure my only question to GOD Almighty is ki usne Aapko or Hamein Isa kayon Banaya ya phir woh hamein takat de ki hum apne objects mein kamyaab hon.
NMy heartfelft sincere parnam salam and nastey to you or janab jindgi rahi to aap se jarur milunga kayonki aap mere adarsh hein sach ki ladai se bhagna nahi hai aap ka ashirwad ka abhilashi
THanks And Best regards
Kameshwar Sharma
Akhbaar yah Magazine chalana koi assan kaam nahin hai Funds to chahiye hi hote hai. Maine saare comments padhe hai. Kuch ne to sarahna ki hai aur kuch khilaaf hai.
Chahe hi kuch khabbron main compromise ho jatta hoga paar likhne ki himmat to hai aap ke paas.
Main bhi ek media person hi hoon, samaj sakta hoon. Paar bhai Best of luck and good job. Remember you are on "MISSION TRUTH" . Koi baat nahin een logon ka gussa nahin mannha, nahin samaj payenge.
Regards
Master Mind
i respect u and i m your fan.
keep it up.
apni urja khapate hai.
YOU FINDED A LOT OF CURROPTION STORY...BUT ALL RELATED TO BJP/NDA RELATED GOVERNMENTS.
GOOD. THIS IS REALLY VERY GOOD EFFORT, I AM ALWAYS AGINST SUCH CORRUPT AND EVIL MINDED PERSONS.
BUT...
...ARE OTHER PARTIES LIKE CONGRESS AND LEFT etc. ARE NEAT AND CLEAN ???
UNBELIVABLE...???
ALL RELIGIOUS ORGANIZATIONS ARE POISNESS TO OUR SOCITY..
BUT...
ONLY SELECTED ORGANIZATION SHOULD BE TARGETED ????
IS THIS A PERMANENT CURE..OR THERE ARE SOME HIDDEN AGENDA...???
YOU HAVE PRESENTED YOUR STRUGGLE-FULL STORY. GOOD .. YOU HAVE REALLY DONE A LOT OF STRUGGLE.. I APPRECIATE IT. EVEN I AM YOUR FAN...(MAY BE LOOKING SLIGHTLY ANGRY.)
I AM ALWAYS WITH YOU (MEANS YOUR ALL EFFORTS TOWARDS FINDING COMPLETE TRUTH.. NOT HALF TRUTH).
Hame garv hai ki aapne apna kartavya pura kiya or to or hame ye bhi pata chal gaya ki hamare desh ki rajneeti ka kuch nhi ho sakta
मैं हमेशा से ही आपका कद्रदान रहा हूं, लेकिन यह आलेख पढ़कर आपको और अधिक करीब से जान पाया। मैं चाहता हूं कि आप हिंदी में समाचार पत्र या ऐसी कोई पत्रिका शुरू करें, जो जन-जन तक पहुंच कर उनकी समस्याओं को तो उठाए ही साथ ही देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को भी उजागर करे। क्योंकि आज आप जैसे क्रांतिवीरों की देश को सख्त जरूरत है। वर्ष 1857 की तरह आज फिर से हमें क्रांति करनी होगी अन्यथा हम अपनों के हाथों ही गुलाम दर गुलाम होते चले जाएंगे। मैं भी लेखन के जरिए आपसे जुड़कर देश के लिए कुछ करना चाहता हूं।
जय हिंद - जय भारत
vishwambhar vyas
23,neemach mata scheme, udaipur
tarunjiaapane vahikiyahai joakdesh
premikokarana chahia pratyeksamayme saty
kemargpar chalanewaloko kastchelanahi pa
rata hai.chahegurugovindsingh hoyashivaj
ihosablogoko eskantakpathpar chalana hip
arega.tarun ji aasurisakti selaranekelia santprakriti kelogoka sangathanbahut jaruru hai.aapakeeskarya komaihardik dhanyavaddetahoo sath hisath
akbinati bhikarana chahata hoo ki mujhe ak aise vyakti ki talash hai ki jo corruption par khul ke kam karsake ya khul ke kam karsake.mai ak youth hoo or corruption ke against me kamkaranachahat
a hoo.es corruption me bhi pulice dvara
kiye gaye korruption ke lia kam karana chahata hoo.or eskamkokarane ke lia akbare meeting kaayojankaranachahatahoo kyoki harloges corruption se paresan hai absamay aagaya haiki aksarthak prayas kiya jai aapjaise logo dvara to samaj kisin kisi roop mejarur samane ayegi akhir kab tak bharat ki janata es atyachar ko sahan karati rahegi?kya koe dusare desh se aakar loghamaredesh kosudharane ka kam karege?ham sanvidhanik tariko se bhi to corruption ke viruddh karya ki suruat kiya ja sakata hai?agar aap satya hai to apani atma ki sakti ko pahchania or es karya ko age badhate rahe bharat ke sabhi deshpremio ka sath aapake sath rahega.
GOVIND KUMAR 9911941284
govindkumar2k@yahoo.co.in
atma
mai bhi ek aam aadmi hu
muze bhi aap ki tarah Weekly News paper chalana hai (Nasik, Maharashtra)
aur jaldi hi mai kisi ki madad lekar shuru karne wala hu sirf paise ki bat hai isiliye kisi ki khoj me hu
shayd koi mil jayga pura project ready hai
prashant.bodke@gmail.com
i respect u and i m your fan.
keep it up.
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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/
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