खानों के निजीकरण के बगैर चिदम्बरम का कारपोरेट युद्ध बेमतलब है क्योंकि बेखल आदिवासी मूलनिवासियों की जमीन आखिर कारपोरेट के हवाले होनी है। दंडकारणय में महाराष्ट्र,छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और झारखंड,आंध्र,बंगाल और झारखंड में सिर्फ कोयला ही नहीं, बल्कि यूरेनियम, लोहा, बाक्साइट, अल्युमीनियम,अभ्रकसमेत तमाम खनिज संपदा की भरमार है।
पलाश विश्वास
खास खबरहड़ताल वापस, मंत्रिसमूह करेगा ...
Business standard Hindi - 4 दिनों पहलेसरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के विनिवेश से जुड़े मसले को सरकार मंत्रियों के समूह को सौंपेगी। इस कदम बीएसएनएल के कर्मचारी संगठनों द्वारा मंगलवार को ...बीएसएनएल कर्मचारियों की हड़ताल खत्म - That's Hindi
बीएसएनएल कर्मचारियों-अधिकारियों की ... - खास खबर
बीएसएनएल अधिकारियों की हड़ताल खत्म, - दैनिक भास्कर
याहू! जागरण - देशबन्धु
सभी 41 समाचार लेख »टेलीकॉम कमीशन देगा बीएसएनएल विनिवेश ...
दैनिक भास्कर - 3 दिनों पहलेदूरसंचार मंत्री ए राजा ने कहा है कि बीएसएनएल में सैम पित्रोदा समिति की सिफारिश के अनुसार 30 फीसदी विनिवेश का मामला दूरसंचार विभाग की नीति निर्धारक शाखा टेलीकॉम कमीशन के ...
याहू! जागरणकोल इंडिया के विनिवेश की तैयारी में ...
याहू! जागरण - 3 दिनों पहलेविनिवेश के मामले में सार्वजनिक उपक्रमों [पीएसयू] के पब्लिक इश्यू लगातार पिटने के बाद अब सरकार कोल इंडिया के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है। इस मामले में आगे बढ़ने से पहले ...आईपीओ के लिए बैठक आज - Patrika.com
सभी 3 समाचार लेख »सेल में विनिवेश का रास्ता साफ
वेबदुनिया हिंदी - 9 अप्रैल 2010सेल में विनिवेश से 16000 करोड़ रुपए की पूँजी प्राप्त होने का अनुमान है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अपने महत्वाकांक्षी विनिवेश कार्यक्रम के जरिए 40000 रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा ...विनिवेश के दीये में सेल का तेल - Business standard Hindi
सेल में सरकारी पूंजी का आंशिक विनिवेश - प्रभात खबर
सरकार ने सेल के विनिवेश को मंजूरी दी ... - Hindi- Economic times
खास खबर - एनडीटीवी खबर
सभी 19 समाचार लेख »एमएमटीसी के विनिवेश में बाधा
Business standard Hindi - 4 दिनों पहलेसार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी मैगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (एमओआईएल) के विनिवेश में आई तकनीकी अड़चनों के बाद अब एमएमटीसी लिमिटेड के विनिवेश को भी झटका लग सकता है। दरअसल, देश की सबसे ...एमसीएक्स-एसएक्स में विनिवेश संपन्न
Business standard Hindi - 15 अप्रैल 2010एक्सचेंज ने अपने बयान में कहा है, 'एक्सचेंज ने यह प्रक्रिया विनिवेश और कंपनी अधिनियम के पूंजी घटाने के प्रावधानों के जरिए पूरी कर ली है।'विनिवेश से 235.5 अरब रुपये जुटा चुकी ...
Pressnote.in - 5 दिनों पहलेTuesday 20 Apr, 2010 10:55 AM नई दिल्ली : चालू वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश से सरकार अब तक 235.5 अरब रुपये जुटा चुकी है। लोकसभा में सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह ...इंफोटेक को 293 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ
दैनिक भास्कर - 1 दिन पहले3आई इंफोटेक ने बंबई स्टाक एक्सचेंज को दी सूचना में कहा कि पिछले साल के आंकड़े तुलनीय नहीं है क्योंकि कंपनी ने अपनी अनुषंगी इकाई में विनिवेश किया है। आलोच्य वित्त वर्ष में ...मुनाफे से लबालब बैंकों की तिजोरी - Pressnote.in
3 आई इंफोटेक का लाभ 84 करोड़ रुपए - Moltol.in
सभी 4 समाचार लेख »नाल्को में दस फीसदी विनिवेश पर विचार ...
Moltol.in - 4 दिनों पहलेवित्त मंत्रालय ने खान मंत्रालय से कहा है कि वह नाल्को में दस फीसदी के विनिवेश पर विचार करे। वित्त मंत्रालय के विनिवेश विभाग मार्च 2010 में खान मंत्रालय को कहा था कि वह सरकार की ...बीएसएनएल कर्मी 20 अप्रैल से बेमियादी ...
दैनिक भास्कर - 6 अप्रैल 2010सार्वजनिक क्षेत्न की बड़ी कंपनियों में विनिवेश के फैसले के खिलाफ सभी नौ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने भारतीय संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और कोल इंडिया लिमिटेड में हड़ताल का ...बीएसएनएलकर्मी 20 से बेमियादी हड़ताल पर - प्रभात खबर
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सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये 13,000 करोड़ रुपये जुटाएगी, जो अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक कंपनी का आईपीओ इसी साल जुलाई में आने की उम्मीद है। देश में कुल कोयला उत्पादन में कोल इंडिया (सीआईएल) की सबसे अधिक हिस्सेदारी है।
कैबिनेट ने इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है इसीलिए अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि आईपीओ लाने के लिए सीआईएल जून में बाजार नियामक सेबी के पास आवेदन कर सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि इसके बाद अगस्त-सितंबर में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के शेयरों की बिक्री की जाएगी।
सरकार ने जनवरी में घोषणा की थी कि राजकोषीय घाटा कम करने के लिए करीब 60 कंपनियों के शेयरों की बिक्री करेगी। सुंदरम बीएनपी पारिबा म्युचुअल फंड के जय वेंकटेशन ने कहा, 'सरकारी कंपनी में शेयरों की बिक्री से घरेलू और विदेशी निवेशकों के लिए काफी निवेश की काफी संभावनाएं होती हैं।'
बनेगा इतिहास
सीआईएल आईपीओ से जुटाएगी करीब 13,000 करोड़ रुपये
जून में करेगी सेबी के पास आईपीओ के लिए आवेदन
जुलाई तक आईपीओ आने की उम्मीद
आईपीओ के लिए बैठक आज
Patrika.com - 3 दिनों पहलेकोल इंडिया लिमिटेड में प्रस्तावित 12000 करोड़ रूपए के शेयर निर्गम संबंधी मामले पर अंतर मंत्रालीय समूह की बैठक होगी, जिसमें आईपीओ का खाका तैयार होगा। एक उच्च अघिकारी ने बताया, ...कोल इंडिया का बंपर आईपीओ
Business standard Hindi - 4 दिनों पहलेसरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये 13000 करोड़ रुपये जुटाएगी, जो अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक कंपनी का आईपीओ ...बीएसएनएल कर्मी 20 अप्रैल से बेमियादी ...
दैनिक भास्कर - 6 अप्रैल 2010सार्वजनिक क्षेत्न की बड़ी कंपनियों में विनिवेश के फैसले के खिलाफ सभी नौ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने भारतीय संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और कोल इंडिया लिमिटेड में हड़ताल का ...बीएसएनएलकर्मी 20 से बेमियादी हड़ताल पर - प्रभात खबर
सभी 4 समाचार लेख »अधिग्रहण के लिए 6000 करोड़ रुपये खर्च ...
Business standard Hindi - 6 अप्रैल 2010सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) चालू वित्त वर्ष के दौरान विदेशों में अधिग्रहण पर 6000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। फिलहाल सीआईएल विभिन्न देशों में खनन ...अधिग्रहण पर 6000 करोड़ रुपये खर्च करेगी ... - Business standard Hindi
सभी 3 समाचार लेख »कोल इंडिया आईपीओ के जरिए 120 अरब रु ...
जोश 18 - 6 अप्रैल 2010कोयला खनन क्षेत्र की सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड अगस्त में आनेवाले अपने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये 120 अरब रुपये जुटाने की तैयारियों के साथ अमेरिका की खनन ...कोल इंडिया का आइपीओ अगस्त में ... - प्रभात खबर
कोल इंडिया का इश्यू अगस्त में - Patrika.com
सभी 3 समाचार लेख »कोल इंडिया आईपीओ के लिए पैनल गठित
Patrika.com - 6 दिनों पहलेसरकार ने कोल इंडिया लिमिटेड के 12000 करोड़ रूपए के विनिवेश कार्यक्रम पर अमल के लिए एक अंतरमंत्रालयी समिति का गठन कर दिया है जो कि जुलाई-अगस्त तक सार्वजनिक क्षेत्र के इस उपक्रम ...खदानों के सौदे के करीब कोल इंडिया
Patrika.com - 16 अप्रैल 2010कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) अमेरिकी खनन कंपनी पीबॉडी के साथ सौदा करने के करीब है। यदि यह सौदा हो जाता है तो सीआईएल को अन्य विदेशी परिसंपत्तियों के अलावा आस्ट्रेलिया की चार ...कोल इंडिया करेगी वॉशरीज की स्थापना
Business standard Hindi - 30 मार्च 2010सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड अगले कुछ सालों में देश में करीब 20 कोल वॉशरीज की स्थापना के लिए 2327 करोड रुपये तक का निवेश करेगी। इन वॉशरीज की स्थापना के बाद सीआईएल को ...कोल इंडिया का आईपीओ अगस्त में संभव
Moltol.in - 29 मार्च 2010कोल इंडिया लिमिटेड का लाभ वर्ष 2009-10 में दो गुना बढ़कर 10616 करोड़ रुपए पहुंच गया। कंपनी ने वर्ष 2008-09 में कर से पूर्व 4238.58 करोड़ रुपए का लाभ कमाया था। यह लाभ कर्मचारियों के वेतन की ...एमएमटीसी के विनिवेश में बाधा
Business standard Hindi - 4 दिनों पहलेइसे पूरा करने के लिए सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड, हिंदुस्तान कॉपर, कोल इंडिया, बीएसएनएल, सेल और इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड के विनिवेश की योजना है।
कोल इंडिया लिमिटेड
विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से
कोल इंडिया लिमिटेड | |||
प्रकार | सार्वजनिक प्रतिष्ठान सरकारी | ||
---|---|---|---|
स्थापना | १९७५ | ||
मुख्यालय | कोलकाता, पश्चिम बंगाल | ||
मुख्य पदाधिकारी | पार्थ एस भाट्टाचार्य, अध्यक्ष | ||
उद्योग | कोयला एवं लिग्नाइट | ||
उत्पाद | कोयला net_income = INR ८५.१६ बिलियन (२००६) (USD २.१५ बिलियन) | ||
कर्मचारी | ४९२,००० (२००६) | ||
नारा | "वी सर्वाइव इफ़ नेचर लिव्स" | ||
वेबसाइट | coalindia.nic.in |
कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) एक भारत का सार्वजनिक प्रतिष्ठान है। यह भारत और विश्व में भी सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी है। यह भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है, जो कोयला मंत्रालय, भारत सरकार के अधीनस्थ है। यह कोयला खनन एवं उत्पादन में लगी कंपनी है।
[संपादित करें] संदर्भ
[संपादित करें] बाहरी सूत्र
अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी।
खानों के निजीकरण के बगैर चिदम्बरम का कारपोरेट युद्ध बेमतलब है क्योंकि बेखल आदिवासी मूलनिवासियों की जमीन आखिर कारपोरेट के हवाले होनी है। दंडकारणय में महाराष्ट्र,छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और झारखंड,आंध्र,बंगाल और झारखंड में सिर्फ कोयला ही नहीं, बल्कि यूरेनियम, लोहा, बाक्साइट, अल्युमीनियम,अभ्रकसमेत तमाम खनिज संपदा की भरमार है। इसकी बेलगाम लूट ट्रेड यूनियनों की सक्रिय दलाली और माफिया राज के तहत राष्ट्रीयकरण के दौर में होता रहा है। नवउदारीकरण में माओवाद के विरुद्ध युद्ध की आड़ में वही सिलसिला जारी है, सिसकी अनिवार्य परिणति विनिवेश और निजीकरण है। कोल इंडिया का काम तमाम उसी तॆज पर होना है, जैसा पव्लिक सेक्टर की दुसरी कंपनियोम का। मजे की बात तो यह है कि भड़ास लिखने वाले तमाम लेखक सरकारी कॆमचारी या अफसर या शिॐक है, आदिवासी ौर आम जनता से जिनका कुछ लेना देना नहीं है। सत्तर दशक के तमाम क्रांतिकारी व्यवस्था में खप गये हैं ौर कुठ एनजीओ और विदेशी पैसे के जरिये क्रांति का सपना जी रहे हैं। अरुन्धति राय की रपटों से ओड़ीशा और छत्तीसगढ़ में पूंजनिवेश का खेल बेपर्दा जरूर हुआ है। पर क्रासफायर में फंसे करोड़ों मूलनिवासी आम लोगों की तकलीफों का अभी पूरी तरह खुलासा हुआ नहीं। मैंने भी कुछ राज्यों के बीहड़ की यात्राएं की है। अकार में में मेरी लालगढ़ डायरी प्रकाशित है पर अमेरिका से सावधान का जिन्होंने नोटिस नहीं लिया, वे अब भी किसी संवाद सेमें रुचि नहीं रखते। आपस में कीचड़ की होली खेलना और एक दूसरे की मार कर नपुंसक उत्तेजना और जुगुप्सा जरूर जगाया जाता है। हिंदी की वर्चुअल रियेलिटी का रिएलिटी शो यही है। आगे हम कुछ नमूने भी रखेंगे। अरुंधति के लेखों पर भी मुलाहिजा फरमायें।
वित्त क्षेत्र में सुधार पर खुला नजरिया रखना चाहिए: RBI
21 Apr 2010, 1012 hrs IST, इकनॉमिक टाइम्स
र्थव्यवस्था में अच्छी रिकवरी से रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव के लिए आज चुनौतियां पहले के मुकाबले कम हैं। मांग का दबाव बढ़ने के मद्देनजर यह कहा जा रहा है कि आरबीआई समय पर कदम उठाने से चूक गया है? मैंने इस तरह की बात सुनी है। यह टिप्पणी मौद्रिक नीति के बाद आई है। लोगों ने कहा है कि हम समय पर कदम नहीं उठा पाए। जब लोग ऐसी बातें करते हैं तो वह अपना नजरिया जाहिर करते हैं कि हमें क्या करने की जरूरत है। और हम ऐसा करते भी हैं। हमने अपनी नीति में कहा है कि हमें पॉलिसी दरों को सामान्य स्तर पर लाने की जरूरत है। इसके लिए हमें नाप-तौल कर कदम उठाना होगा। ऐसा करने के दौरान हमें मुद्रास्फीति, ग्रोथ और लिक्विडिटी मैनेजमेंट का ध्यान रखना होगा। अर्थव्यवस्था को उन सेक्टरों से ग्रोथ मिल रही है, जिनकी मांग में ब्याज दरें बढ़ाने से कमी आती है। मुद्रास्फीति के मामले में हमें बढ़ती मांग के दबाव और आपूर्ति के बीच संतुलन बैठाना होगा। इन सब चीजों को देखने के बाद हमारा मानना है कि कुछ बड़े कदम उठाने के बजाय कई छोटे-छोटे कदम उठाना बेहतर है। आपने कहा था कि बाहर के झटकों से निपटने के लिए पर्याप्त विदेशी मुदा भंडार जरूरी है। इस बारे में बताइए? हमने सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बारे में यह बात कही थी। जिन देशों के पास विदेशी मुद्रा का अच्छा भंडार है, वे उन देशों के मुकाबले बाहरी संकट से ज्यादा बेहतर तरीके से निपट सकते हैं, जिनके पास विदेशी मुदा का भंडार नहीं है। इस बात की पुष्टि हमारे अपने अनुभव से भी हो जाती है। 1991 में हमें विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के चलते संकट का सामना करना पड़ा, जबकि 2008-09 में हम स्थिति से निपटने में कामयाब रहे, क्योंकि हमारे पास 300 अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी मुद्रा भंडार था। लेकिन, फिर से मैं यह बताना चाहता हूं कि खुद के लिए बीमा के मकसद से हमें विदेशी मुद्रा भंडार नहीं बनाना चाहिए। हमारा फॉरेक्स रिजर्व हमारे मैक्रो इकॉनामिक मैनेजमेंट का नतीजा है। मौद्रिक नीति में कहा गया है कि मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमतें आर्थिक संकट से पहले के स्तर से भी ज्यादा हो चुकी हैं। क्या आप सोचते हैं कि उचित कदम उठाने की जरूरत है? अक्टूबर में हमने कमर्शियल रियल एस्टेट के लिए प्रोविजनिंग को 0.4 फीसदी से बढ़ाकर 1 फीसदी कर दिया था। हमनें कमर्शियल रियल एस्टेट एसोसिएशन सहित वित्त बाजार से जुड़े लोगों के साथ चर्चा की थी। नियमों में बदलाव की जरूरत है या नहीं, यह तय करने के लिए हमने प्रोविजनिंग से संबंधित मौजूदा आंकड़ों पर गौर किया था। हमने अक्टूबर में जो कदम उठाए थे, उनका कुछ असर कमर्शियल रियल एस्टेट क्षेत्र को मिलने वाले कर्ज पर पड़ा है। मुझे सलाह दी गई है कि इस संबंध में तुरंत कोई कदम उठाने की जरूरत नहीं है। आरबीआई के प्लेटिनम जुबली समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा था कि वित्तीय संकट का एक सबक यह था कि हमें नई चीजों पर रोक नहीं लगानी चाहिए। जब वित्तीय क्षेत्र में सुधार की बात होती है तो आरबीआई की तरफ उंगली उठाई जाती है? ऐसा कहा जा सकता है कि आरबीआई दूसरों के मुकाबले ज्यादा सावधानी बरतता है। आरबीआई से बाहर काम करने के नाते मैं यह कह सकता हूं कि यदि आरबीआई ज्यादा सतर्क है तो उसकी वजह यह है कि उसके पास ज्यादा जानकारी है और जानकारियों का विश्लेषण करने की क्षमता है, जो बाहर के लोगों के पास नहीं है। मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री का कहना सही है। हमें वित्तीय क्षेत्र में नई चीजें शुरू करनी चाहिए। हमें वित्तीय क्षेत्र में सुधार जारी रखना चाहिए। हम सभी को इस बारे में खुला नजरिया रखना चाहिए। | |
http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/5838678.cms
अम्वेडकरवादी और गांधीवादी प्रवक्ताों का किस्सा ौर अजब है। उन्हें गरीबों और मूलनिवासियों की सबसे ज्यादा चिंता है। सामाजिक न्याय और समरसता,परिवर्तन और सत्ता में शयर को लेकर उनकी जीवन शैली करोड़पतियों को र्मोने लायक है। पर भुलकर वे आर्थिक नरसंहार और नरसंहार की अॆथ व्वस्था के खिलाफ न बोलते हैं , न लिखते हैं। पृकृति चिंतन और वातानूकूलित विश्लेषण, लाइॠ भहस और आत्मरति मूलक साहित्य सृजन में उनकी खास दिलचस्पी है।
धनबाद के माफिया राज से मेरा मैदानी भोगा हुआ यथाॆथ की ुरूआत हुई। तब के क्रांतिकारी अब सांसद. मंत्री, मुख्यमंत्री, संपादक वगैरह वगैरह हैं। कोयलाचंल के पुराने मित्रों से टकरा जायें तो पहचानते भी नहीं हैं। चिपको आंदोलन के साथियों के सा थ भी हमारा ऐसा अनुभव है।
खानों में इंजीनियर घुसते ही नहीं है। खनन विशेषःता की डिग्री धरी की धरी रह जाती है, एसा में ऐसा मैंने हर खान ददुर्घटना के बाद तफतीश में पाया है और आवाज में खूब लिखा भी है। जरा याद करें। सर्वे के मुताबिक खनन नहीं होता ौर दांव पर लगा दी जाती हैं मासूम जिंदगियां। खनन कंपनियां बस मुनाफा कममाती हैं। मनुष्य या प्रकृति की परवाह किसे है? सरकारी कंपनियों का हिसाब तो आईपीएल है, बेनामी कारोबारऍ अवैध खनन। तस्करी और बिना मैच वसूलीऍ भयादोहन ौर राजनीति। शंकर गुहा नियोगी इसीलिए मारे गये तो एके राय हाशिए पर चले गए।यही शिबू पुराण है। इसमें मार्क्सवादी ौर माोवादी राजनीति समाहित है।ऐसेमें अपने पुरातन मित्रों की यह असमय आत्मरति हिंदी जगत के लिए अशनि संकेत के अलावा और क्या है?ऐसे में हम क्या हाथ पर हाथ धरे अपने देहात, जनपद और मूलनिवासी जनता की तबाही का चश्मदीद गवाह बनकर ात्मकथा लिखें, सवाल यही है। संसद ौर संसद के बाहर जो नरसंहार संस्कृति का महिमांडन हैं, उसें समूचा हिंदी जगत निष्णा है। शापिंग, माक्रर्केडिंग का यर्याय बन गया है रचनाकर्म और भाषिक मैथून ही अब साहित्य है।
वामपंथी प्रतिबद्ध रचनाकारों की ्सलियत असलियत तो यूपीए वाम गठबंधन राज में देखने को मिल ही गया कि कैसे सत्ता, पुरस्कार, विदेश.ात्रा. पाइव स्टार जीवन और उपहार समृद्ध पदलोलुपता संघर्ष की संस्कृति पर हावी रही। सुनील गंगोपाध्याय जैसे हिंदी विरोधी का पिछवाड़ चाटने से भी भाईलोगों ने परहेज नहीं किया। प्रतिष्ठानों में पदारूढ़ महामहिमों की तो हरिकथा अनंत है ही। ठ्रे़ यूनियन और रा जनीति में जहां काला सफेद धनबल बाहुबल अहम है, वहां का जरा अंदाजा लगोइए।लगाइये। आईपीएल ही आईपीएळ है और चीयरलीडरों, थरूर और मोदी का अभाव नहीं खलनेवाला।
सेल का हाथ थामने के लिए आर्सेलरमित्तल, पॉस्को में होड़
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के झारखंड स्थित बोकारो में अपने मौजूदा प्लांट के पास नया इंटीग्रेटेड स्टील कारखाना बनाने से जुड़ी योजना में शामिल होने के लिए दुनिया की दो दिग्गज इस्पात कंपनियों के बीच जोरदार होड़ शुरू हो गई है। दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी आर्सेलरमित्तल ने जमीन, इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट और कच्चे माल से जुड़े लिंक के एवज में सेल को प्रोजेक्ट में 50 फीसदी हिस्सेदारी की पेशकश की है, जो 26 फीसदी हिस्सेदारी का प्रस्ताव करने वाली कोरियाई फर्म पॉस्को से बेहतर ऑफर है।
सेल के साथ संयुक्त उपक्रम इन दोनों कंपनियों के लिए बेहतर विकल्प बन गया है, जो खनिज प्रधान पूर्वी भारत में प्रस्तावित परियोजनाओं के लिए जमीन और खनन से जुड़े अधिकार हासिल करने के लिए मुश्किलों का सामना कर रही हैं।
- नियमित रूप से पोर्टफोलियो समीक्षा से बढ़ाएं रिटर्न
- चौथी तिमाही में 21 फीसदी बढ़ा विप्रो का मुनाफा
- बाजार में रही बढ़त, निफ्टी 5300 के ऊपर बंद
- जैन की आईटी जरूरतों को आउटसोर्स करेगी भारती
- होल्डिंग कंपनियों पर कसेगा आरबीआई का शिकंजा
यह सौदा आर्सेलरमित्तल को देश के लगातार बढ़ते स्टील क्षेत्र में अहम मौजूदगी देगा। उड़ीसा और झारखंड में कंपनी के प्रस्तावित प्रोजेक्ट भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं की वजह से देरी का सामना कर रहे हैं, जबकि कर्नाटक में उसके प्लांट से जुड़ी योजना को अभी मंजूरी का इंतजार है। इसके अलावा उड़ीसा में पॉस्को की स्टील परियोजना भूमि अधिग्रहण और खनन से जुड़ी लीज की वजह से टेकऑफ नहीं कर सकी है।
सेल के एक अधिकारी ने कहा, 'आर्सेलरमित्तल इस प्रस्ताव को लेकर संजीदा दिख रही है। उसने पॉस्को के मुकाबले ज्यादा बेहतर पेशकश की है।' आर्सेलरमित्तल की एक प्रवक्ता ने इस घटनाक्रम पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। सेल ने हालिया प्रौद्योगिकी तक पहुंच और स्टील के कुछ विशेष ग्रेड का उत्पादन करने के लिए विदेशी स्टील कंपनी के साथ साझेदारी का फैसला किया था।
http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/5847675.cms
नेल्को बाल्को से लेकर जेसाप,ओएनजीसी, सेल, बीएसएनएल ौर कोल इंडिया तक यह सिलसिला जारी है। विनिवेष. छंटनी, बेरोजगारी. कृषि का निजीकरण, रिटेल चेन, सेज, भूमि अधिग्रहण,बेदखली,पीपीपी,एफडीआई, सीआईए, मोसाद, किसी बी मुद्दे पर ट्रेड यूनियन और संगठित क्शेत्र में आंदोलन न हो, इसलिए वाम सहयोग और फर्जी विचारधारा और फर्जी आंदोलन, पालतू मीडिया, आत्मरति मग्न लोग,एनजीओ, सिविल सोसाइटी और माओवाद आतंकवाद प्रायोजित है। भड़ास भी।
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आईपीएल की लड़ाई अब मैदान से संसद तक पहुंच चुकी है। संसद में शुक्रवार को आईपीएल में
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उधर, विपक्ष के तीखे तेवरों से बैकफुट पर आई सरकार ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी)गठित करने की विपक्ष की मांग पर उचित विचार विमर्श के बाद फैसला लिया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने विपक्षी सांसदों के शोरगुल के बीच कहा, 'हमने सभी के सुझावों पर ध्यान दिया है और उन पर विचार किया जाएगा। सरकार सभी मांगों पर विचार करेगी। सदस्यों की चिंताओं से हम प्रधानमंत्री को अवगत कराएंगे।'
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RIL का मुनाफा बढ़ा, पर अनुमान से कम रिफाइनिंग मार्जिन कम होने के कारण 30% बढ़ा कंपनी का मुनाफा, समूह की आमदनी पिछले वित्त वर्ष के दौरान 2,00,000 करोड़ रुपए रही... | ||||||||
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कर्मचारियों को 100% वेरिएबल पे देगी विप्रो विप्रो ने इस साल स्टॉफ को 100 फीसदी वेरिएबल पे का वादा किया है, पहले अगर वे 80 फीसदी टारगेट पूरा नहीं कर पाते थे तो वेरिएबल पे रोक लिया जाता था... | ||||||||
जैन की आईटी जरूरतों को आउटसोर्स करेगी भारती भारती एयरटेल ने अफ्रीका महाद्वीप के 15 देशों में जैन की आईटी जरूरतों को आउटसोर्स करने का फैसला किया है... | ||||||||
बच्चों पर कारोबारी दांव लगा रही हैं कंपनियां कंपनियों और विज्ञापन एजेंसियों का भरोसा इस बात में लगातार बढ़ता जा रहा है कि परिवार में बच्चों की अहमियत ज्यादा है... | ||||||||
टेलिकॉम | ||||||||
कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स | ||||||||
सर्विसेज़ | ||||||||
इंडस्ट्रियल गुड्स | ||||||||
एनर्जी | ||||||||
हेल्थकेयर/बायोटेक | ||||||||
ट्रांसपोर्ट | ||||||||
अन्य | ||||||||
आईपीएल की जेपीसी से जांच कराओः सुषमा
इस मामले को लेकर लोकसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। मुख्य विपक्षी दल बीजेपी, वामपंथी दलों और अन्य दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने आईपीएल में मैच फिक्सिंग, अवैध सट्टेबाजी, काले धन को सफेद करने और फ्रैंचाइजियों को फायदा पहुंचाने के आरोपों की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग उठाई।
आईपीएल लुटेरों का अड्डा है: शरद यादव
जनता दल-युनाइटेड के नेता शरद यादव ने कहा कि आईपीएल लुटेरों का अड्डा है। यादव ने सदन के नेता प्रणव मुखर्जी से कहा, 'आपकी सरकार की नाक के नीचे मॉरीशस और स्विट्जरलैंड से हर तरह का पैसा आईपीएल में लगाया गया।' किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि इस मामले में दो मंत्रियों के नाम सामने आ रहे हैं।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में दिख रहा है सुधार
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष अपनी भूमिका फिर परिभाषित करे : भारत
बैंकों पर वैश्विक कर नहीं लगाना चाहता जी-20
बैंकों पर वैश्विक कर लगाने को लेकर जी-20 में मतभेद
वैश्विक कर पर मतभेद
नैशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के महासचिव अश्विनी राणा ने एनबीटी को बताया कि इस बढ़ोतरी से क्लर्क और ऑफिसर स्केल-3 तक की सैलरी 20 पर्सेंट तक बढ़ जाएगी। एग्जिक्यूटिव यानी जरनल मैनेजर और इससे बड़े अफसरों की सैलरी में 25 से 30 पर्सेंट का इजाफा होगा।
उन्होंने बताया कि सारी बातों पर सहमति बन गई है। वैसे भी वेतन में बढ़ोतरी काफी देर से हो रही है। अब इसमें और ज्यादा देरी ठीक नहीं है। वेतनमान में बढ़ोतरी का समझौता पांच साल के लिए होगा। इसका मतलब कि अगली बढ़ोतरी 2012 में होगी। इस बारे में हमने बैंकों से सहमति ले ली। राणा ने बताया कि पेंशन संबंधी मामला भी सुलझ गया है। पेंशन से वंचित करीब तीन लाख कर्मचारियों को यह सुविधा मिलने लगेगी।
तय समझौते के तहत वेतन के विभिन्न मदों में बढ़ोतरी इस तरह से की गई है कि बैंकों के कुल खचेर् में 17.5 पर्सेंट इजाफा होगा। आईबीए सूत्रों का कहना है कि सैलरी में बढ़ोतरी से बैंकों पर हर साल करीब 4,816 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। सरकार ने साफ कह दिया है कि बैंकों को यह भार खुद उठाना होगा। बैंक भी राजी हैं।
सरकार की योजना प्रस्तावित आईपीओ के तहत बुक बिल्डिंग रूट से 63.16 करोड़ शेयर जारी कर 15,000 करोड़ रुपए जुटाने की है। कंपनी की योजना अगस्त के शुरुआत तक लिस्ट होने की है। मार्च 2010 को खत्म पिछले वित्त वर्ष में कोल इंडिया का मुनाफा 12,397 करोड़ रुपए रहा, जो इससे पहले साल की इसी तिमाही में 5,744 करोड़ रुपए था। पिछले वित्त वर्ष के दौरान कंपनी की कुल बिक्री 13.74 फीसदी बढ़कर 52,088 करोड़ रुपए रही जो वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान 45,797 करोड़ रुपए थी। कोलकाता की इस कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में 43.10 टन कोयले का उत्पादन किया था।
प्रस्तावित आईपीओ के प्रस्ताव में यह कहा गया है कि इन्वेस्टमेंट बैंकरों। इसका मतलब है कि एकबार इश्यू बंद हो जाता है तो शेयरों के आवंटन से पहले निवेशक अगर इश्यू वापस करते हैं तो इन्वेस्टमेंट बैंकरों को यह अंडरराइट करना होगा। कंपनी विदेशी बाजारों में भी कोयला खदान खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। कोल इंडिया ने विदेश में प्रस्तावित अधिग्रहण के लिए बैंक ऑफ अमेरिका-मेरिल लींच, रॉयल बैंक ऑफ कनाडा और रॉयल बैंक स्कॉटलैंड को नियुक्त किया है। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी फिलहाल ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और अमेरिका में तीन कंपनियों से बातचीत कर रही है।
प्रश्नकाल के दौरान देश की राष्ट्रीय स्पेक्ट्रम नीति पर एक सवाल के जवाब में दूरसंचार मंत्री ए.राजा ने कहा, 'नीलामी से 35,000 करोड़ रुपये मिलने का हमारा अनुमान है। यह 45,000 करोड़ रुपये तक भी पहुंच सकता है।'
एआईएडीएमके के के.मलईसामी के नीलामी में देरी होने संबंधी एक सवाल के जवाब में राजा ने कहा कि यूपीए सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण और सरकार के बीच मतभेद थे। मंत्री ने कहा कि जब तक ये मतभेद सुलझाए गए, तब तक वर्ष 2009 के आम चुनावों की घोषणा हो गई। चुनाव के बाद नई सरकार ने आधार कीमतों और अन्य चीजें तय करने के लिए मंत्रियों का एक विशेषाधिकार प्राप्त समूह गठित किया।
उन्होंने नीलामी के पहले ही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को 3जी स्पेक्ट्रम आवंटित किए जाने के फैसले का भी बचाव किया। राजा ने कहा, 'यह एक राजनीतिक फैसला था। बीएसएनएल एक सार्वजनिक कंपनी है, इसकी सामाजिक जिम्मेदारी है और इसलिए उसे आधार कीमत पर एक स्लैब का आवंटन किया गया।'
2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में हुई कथित अनियमितता से जुड़े बीजेपी के रविशंकर प्रसाद के एक पूरक सवाल पर राजा ने कहा, 'इसकी नियमित निगरानी की जा रही है।' उन्होंने इस आरोप से भी इनकार किया कि 2जी स्पेक्ट्रम हासिल करने वालों ने बाद में इसे अधिक कीमत पर बेच दिया और इससे सरकार को 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
राजा ने कहा कि 2 जी स्पेक्ट्रम की नीलामी एनडीए सरकार के समय हुई थी। इस स्पेक्ट्रम को बेचा या इसका व्यापार नहीं किया जा सकता। बहरहाल कंपनी अपनी हिस्सेदारी कम कर सकती है लेकिन इसके लिए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति से अनुमति लेनी होगी।
इस महीने की शुरुआत में कोल इंडिया के चेयरमैन पार्था भट्टाचार्या ने कहा था कि अमेरिकी खान पीबॉडी एनजीर् कॉर्प उन पांच कंपनियों में से एक है, जिससे कोल इंडिया हिस्सेदारी खरीदने या संयुक्त उद्यम के लिए बातचीत कर रही है।
विनिवेश - विकिपीडिया
विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से. यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज. सार्वजनिक उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया विनिवेश कहलाती है। ...
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2 जुलाई 2009 ... भारतीय संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में इस वर्ष विकास दर सात से साढ़े सात फ़ीसदी के बीच रहने का अनुमान जताया गया है.
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5 नवं 2009 ... भारत सरकार ने विनिवेश के क्षेत्र में बड़ा क़दम उठाते हुए सूचीबद्ध सरकारी कंपनियों के 10 फ़ीसदी शेयर बेचने की घोषणा की.
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9 अप्रैल 2010 ... विनिवेश एक्सप्रेस को रफ्तार देने के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने आज अहम फैसला लेते हुए देश की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी स्टील अथॉरिटी आफ इंडिया ...
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7 फ़र 2010 ... शेयर बाजार में भारी गिरावट के बीच वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि शुरूआत में केवल कुछ चुनिंदा सार्वजनिक कंपनियों मे ही सरकार की हिस्सेदारी बेची ...
www.livehindustan.com/news/.../45-45-95098.html - संचित प्रतिकोल इंडिया में विनिवेश प्रक्रिया ...
23 अप्रैल 2010 ... सरकार ने कोल इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इंशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) के जरिए सरकार देश की सबसे बड़ी कोयल कंपनी में अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। ...
navbharattimes.indiatimes.com/.../5849836.cms - संचित प्रतिविनिवेश कार्यक्रम | विनिवेश में ...
विनिवेश में योजना समस्याग्रस्त क्षेत्र प्रणब फिर खुलेगा पिटारा सार्वजनिक उपक्रम पूँजी.
search.webdunia.com/.../विनिवेश-कार्यक्रम.html - संचित प्रतिइसके लिए अनुवादित अंग्रेज़ी परिणाम देखें:
विनिवेश (Disinvestment)
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विश्वभर की टॉप तीन घरेरू टीमों के बीच होने वाला चैंपियंस लीग ट्वेंटी 20 अगले साल दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया जाएगा। मुंबई में हुई बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। यह टूर्नामेंट 10 से 26 सितंबर के बीच खेला जाएगा। दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड ने टूर्नामेंट की मेजबानी करने के लिए आवेदन किया था। शनिवार को बीसीसीआई मुख्यालय में हुई बैठक के दौरान इसे औपचारिक स्वीकृति दे दी।
आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटालाः दासगुप्ता
आईपीएल को आजाद भारत का बहुत बड़ा घोटाला करार देते हुए सीपीआई के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि आयकर विभाग ने संसद की एक स्थायी समिति के सामने कहा कि आईपीएल का 21 महीने तक असेसमेंट नहीं किया गया। जबकि नियम के तहत किसी भी शख्स या संगठन का हर साल असेसमेंट किया जाता है। दासगुप्ता ने कहा कि मनमोहन सिंह जब वित्त मंत्री थे उस समय हर्षद मेहता घोटाले की जांच के लिए जेपीसी का गठन किया गया था और जब वह प्रधानमंत्री हैं तो उसी स्तर के घोटाले के लिए जेपीसी का गठन क्यों नहीं हो रहा है।
जुएबाजी का अड्डा है आईपीएलः बासुदेव आचार्य
आईपीएल को देश का सबसे बड़ा जुएबाजी का अड्डा बताते हुए सीपीएम के बासुदेव आचार्य ने कहा यह क्रिकेट नहीं है बल्कि सत्ता और पद का दुरुपयोग कर गलत तरीके से रुपया कमाने का तरीका है। उन्होंने कहा कि हम संयुक्त संसदीय समिति से इसकी जांच कराने की मांग कर रहे हैं, ताकि जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
जेपीसी पर विचार करेगी सरकारः प्रणब मुखर्जी
विपक्षी सदस्य जेपीसी गठित करने के बारे में सरकार से तुरंत निर्णय की मांग कर रहे थे। इस पर सदन के नेता प्रणव मुखर्जी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा जेपीसी आदि गठित करने जैसे फैसले जल्दबाजी में नहीं लिए जाते। उन्होंने कहा ऐसे फैसले उचित प्रक्रिया अपनाने और विचार-विमर्श के बाद किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सदस्यों की भावना से वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अवगत करा देंगे और इस बारे में जब भी कोई निर्णय किया जाएगा तो वह सदन को सूचित करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक इस पूरे मामले में जांच की अगुआई कर रहे आयकर विभाग ने कई अहम जानकारियां सेवा कर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय व अन्य एजेंसियों को दी हैं।
धनबाद से मेरी पेशाई पत्रकारिता की शुरूआत हुईथी १९८० में। तब जब झारखंड आंदोलन उफान पर था। एके राय , शिबूसोरेन , विनोद बिहारी महतो साथ साथ थे। बिहार कोलियरी कामगार यूनियन की तूती बोलती थी। चासनाला के बाद भ कोयला दुर्घटनाओं का सिलसिला नहीं थमा था। कोयला खानों का रा।्ट्रीय करण के बाद समूचा कोयलांचल माफिया के चंगुल में था।
सीधे पहाड़ से हिमालय की ऊंचाइयों से और तराई की हरियाली से कोयले की कोछरी में तब फंसना हुआथा। अखबारों में तब को.ला कंपनियों का विःापन थोक लगता था। मेरे अखबार आवाज में तो खबरों के लिए एक कालम जगह भी नहीं बचती थी। रात रात भर काकटेल पार्टी। पूरा कोयलांचल गवाह होगा। उसी दौर में मुझे पत्रकारिया को मौका मिला और मैंने माइनिंग इंजीनियरिंग भी सीख ली। खान मैनेजरों, इंजीनियरों और डीजीएमएस से ज्यादा माइनिंग मुझे आती थी। अबबार के पेज रोज कारे करना मेरा नशा था उन दिनों।
महाश्वेता देवी के उपन्यासों पर धारावाहिक लेख लिखे। खान दुर्घटनाओं की तफतीश के अलावा। १९८० में ही महाश्वेता दी से मुलाकात हुई।
हमारे जलेस प्रलेस के बाइयों ने बंगाल के वामपंथी बामहन मोrचा के नरसंहार की संस्कृति को जायज छहराने के लिए बेचारे प्रेमचंद तक को शहरीकरण और औद्यौगीकरण का प्रवक्ता बना दिया। आज जब अरुन्धति राय जंगल जंगल भटक रही है कारपोरेट युद्ध में मारे जारहे आदिवासी मूलनिवासियों के बीच भारत छोड़ने के संघी फतवे के बीच, तब इस नरमेध यः को जायज छहराने की मूrखतापूrण कोशिशों पर जितना तरस आता है. भड़ास निकालते आत्मरति लिप्त जापानी तेल और वियग्रा से निराश रस्सी बाबाओं की लड़ाई देखते हुए आर्थिक सुधार के नाम पर जारी चौतरफा सत्यानाश के खिलाफ हिंदी जगत की निrमम खामोशी हमारे हिंदी में अब भी लिखते रहने की मजबूरी को उजागर कर ही देती है।
क्रूड ऑयल के उत्पादन की लागत और रिफाइंड उत्पाद की बिक्री के अंतर को रिफाइनिंग मार्जिन कहा जाता है। सुस्त रफ्तार ग्रोथ के कारण रिफाइनिंग उत्पाद की वैश्विक मांग में गिरावट आई है। इसी के साथ कंपनी का रिफाइनिंग मार्जिन मार्च 2010 को खत्म चौथी तिमाही में घटकर 7.5 डॉलर प्रति बैरल रह गया, जो पहले 9.9 डॉलर प्रति बैरल था। इस दौरान पेट्रोकेमिकल कारोबार से होने वाली आमदनी 59 फीसदी बढ़कर 15,448 करोड़ रुपए हो गई।
ब्रिक्स सिक्योरिटीज के विश्लेषक संदीप रांडेरी ने कहा, 'रिफाइनिंग कारोबार का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा। हालांकि, कुल मिलाकर कंपनी का प्रदर्शन देखें तो यह ठीक-ठाक नजर आ रहा है। साथ ही इस तिमाही के नतीजों को लेकर कोई चिंता नहीं है। अब देखना यह है कि कंपनी का प्रबंधन किस तरह से अपने कैश फ्लो का इस्तेमाल भावी ग्रोथ के लिए करता है।' विश्लेषकों को उम्मीद थी कि चौथी तिमाही में आरआईएल का नेट प्रॉफिट 4,900 करोड़ रुपए रहा सकता है, जबकि यह सिर्फ 4,710 करोड़ रुपए हैं।
मुंबई स्थिति आरआईएल ने कहा कि चौथी तिमाही में कंपनी की बिक्री 124.9 फीसदी बढ़कर 60,267 करोड़ रुपए रही, जो पहले 26,793 करोड़ रुपए थी। कंपनी अपने शेयरधारकों को 7 रुपए प्रति शेयर का डिविडेंड देगी। इस पर कंपनी का कुल खर्च 2,430 करोड़ रुपए होगा। समूह का कहना है कि 31 मार्च 2010 को खत्म वित्त वर्ष में नेट प्रॉफिट 6.1 फीसदी बढ़कर 16,236 करोड़ रुपए हो गया। इससे पहले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 15,309 करोड़ रुपए था। इस दौरान आमदनी 37 फीसदी बढ़कर 2,00,400 करोड़ रुपए हो गई जो एक साल पहले 1,46,328 करोड़ रुपए थी। इसमें 8.8 करोड़ शेयरों की बिक्री से जुटाए गए 9,334 करोड़ रुपए भी शामिल हैं।
इसी महीने कंपनी ने एटलस एनर्जी की शेल गैस वेंचर में 40 फीसदी हिस्सेदारी 1.7 अरब डॉलर में हासिल की है। इस सौदे के तहत कंपनी को तुरंत 33.90 करोड़ डॉलर नकद भुगतान करना है। कंपनी का कहना है कि इस दौरान निर्यात 23.5 फीसदी बढ़कर 1,10,176 करोड़ रुपए हो गया। कंपनी के पास फिलहाल 21,874 करोड़ रुपए का कैश रिजर्व है।
जांच एजेंसियां इस बात का भी पता लगा रही हैं कि आईपीएल और इसकी तमाम टीमों से जुड़े बैंकों ने 'अपने ग्राहक को जानें' नियमों का ठीक तरह से पालन किया है या नहीं। जांच एजेंसियों की नजर भारत में सीमित तौर पर कारोबार करने वाले एक अमेरिकी बैंक, यूरोप के दो बैंकों और निजी क्षेत्र के एक बैंक पर खास तौर पर है। इन बैंकों में यूरोप का एक बड़ा बैंक तो भारत में तेजी से अपने काम-काज का विस्तार करने में जुटा हुआ है। एक पूर्व बैंकर की बड़ी हिस्सेदारी वाला भारतीय निजी बैंक भी शक के घेरे में है।
माना जा रहा है कि कोल इंडिया के आईपीओ का आकार 12 हजार करोड़ रुपये हो सकता है। सरकार का इरादा इस कंपनी में से अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी घटाने का है। अभी कोल इंडिया की सारी हिस्सेदारी सरकार सरकार के पास है। विनिवेश नीति के मुताबिक सभी मुनाफे वाले पीएसयू में कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सेदारी शेयर बाजार में बेची जानी है। साथ ही सरकार इन सभी उपक्रमों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने का भी फैसला कर चुकी है।
सार्वजनिक उपक्रम सचिव भास्कर चटर्जी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में कंपनी के शेयरों की कीमत पर भी विचार होगा। हालांकि वास्तविक कीमत तभी तय हो पाएगी, जब सरकार इस इश्यू के लिए मर्चेट बैंकर नियुक्त कर लेगी। लेकिन कंपनी के मुनाफे और कारोबार के लिहाज से शेयरों की कीमत का अंदाजा सरकार इसी बैठक में लगा लेना चाहती है। बैठक में कोयला सचिव व विनिवेश सचिव भी भाग लेंगे।
दरअसल पिछले वित्त वर्ष 2009-10 में जिन पांच पीएसयू के इश्यू शेयर बाजार में आए, उनकी विफलता के लिए एक बड़ी वजह मर्चेट बैंकरों की उदासीनता भी माना जा रहा है। खासतौर पर बिजली उत्पादक एनटीपीसी और खनन कंपनी एनएमडीसी के इश्यू में माना जा रहा है संस्थागत निवेशकों की भागीदारी मर्चेट बैंकरों की उदासीनता की वजह से ही कम रही। इसलिए सरकार कोल इंडिया के विनिवेश में अब किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती। इसी को ध्यान में रखते हुए गुरुवार की बैठक में मर्चेट बैंकरों की चयन प्रक्रिया पर भी चर्चा होने की संभावना है।
सतलुज का आईपीओ 29 अप्रैल को आएगा!
एसजेवीएनएल केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार का संयुक्त उपक्रम है। इसमें हिमाचल की हिस्सेदारी 25 फीसदी है। इसी महीने की शुरुआत में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति ने राज्य सरकार को कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 25.5 फीसदी करने की अनुमति दी थी।
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एचडीएफसी बैंक का मुनाफा 32 फीसदी बढ़ा
निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 32.61 फीसदी बढ़कर 836.62 करोड़ रुपये हो गया।
..तो कई को बेनकाब करेंगे मोदी
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड [बीसीसीआई] और आईपीएल आयुक्त ललित मोदी के बीच 'खेल' का रोमांच शनिवार को इतना बढ़ गया कि इसके सामने रविवार को होने वाले आईपीएल-3 के फाइनल मैच का रोमांच फीका पड़ता लगा। बीसीसीआई के दिग्गजों ने बैठक कर मोदी को पद से हटाने की नीति बनाई, तो मोदी ने उन लोगों को बेनकाब करने की धमकी दे डाली, जिन्होंने 'क्रिकेट को बदनाम करने' की कोशिश की। उन्होंने साफ कहा कि बीसीसीआई उन्हें बर्खास्त करे, वह इस्तीफा नहीं देंगे।
मोदी ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा, 'मुझ पर इस्तीफे के लिए दबाव डाला जा रहा है। पर मैं आपको बता दूं कि ऐसा होने वाला नहीं है। उन्हें मुझे बर्खास्त करने दीजिए।' मोदी मीडिया पर भी बरसे। उन्होंने कहा, 'बिना जांचे-परखे खबरें देकर मीडिया दिखा रहा है कि वह अपनी ताकत का कैसे गलत इस्तेमाल कर सकता है।' मोदी ने अपने अगले पैंतरे का संकेत देते हुए लिखा, 'आईपीएल खत्म होने का इंतजार करिए। इसके बाद मैं बताऊंगा कि कौन लोग क्रिकेट को बदनाम करने की कोशिश कर रहे थे और हमने कैसे उन्हें रोका।'
बीसीसीआई की रणनीति
26 अप्रैल को होने जा रही गवर्निग काउंसिल की बैठक की तैयारियों के लिए बीसीसीआई पदाधिकारियों ने मुंबई में लंबी बैठक की। इसमें मोदी से पूछे जाने वाले सवालों की फेहरिस्त भी तैयार की गई। सूत्रों के अनुसार इस 'प्रश्नपत्र' में ज्यादातर सवाल उन व्यावसायिक समझौतों को लेकर हैं जो आईपीएल की शुरुआत के बाद से अब तक मोदी ने बीसीसीआई एवं आईपीएल गवर्निग काउंसिल को भरोसे में लिए बिना कर डाले थे। बैठक में नए आईपीएल कमिश्नर के नाम पर भी चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रवि शास्त्री को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।
बैठक में बीसीसीआई प्रमुख शशांक मनोहर, उपाध्यक्ष अरुण जेटली, सचिव एन. श्रीनिवासन, आईपीएल उपाध्यक्ष निरंजन शाह, बीसीसीआई की मीडिया व वित्त समिति के प्रमुख राजीव शुक्ला और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रत्नाकर शेट्टी मौजूद थे। बैठक स्थल के बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों को मनोहर ने बताया कि मोदी चाहे जो कहें, गवर्निग काउंसिल 26 तारीख को अपना फैसला ले लेगी।
पवार की परेशानी
मोदी के सवाल पर उलझी बीसीसीआई ने राकांपा प्रमुख शरद पवार की भी परेशानी बढ़ा दी है। मोदी की ओर से मिले नरमी के संकेतों के बाद पवार ने उनकी सम्मानजनक विदाई का फार्मूला तलाशने की कवायद शुरू की थी। इस कड़ी में शनिवार की बैठक से पहले पवार की पहल पर मोदी और बीसीसीआई प्रमुख के बीच फोन पर बात भी हुई। आईपीएल विवाद का बवंडर उठने के बाद से दोनों के बीच यह पहला संवाद था।
सूत्रों के मुताबिक, मनोहर ने मोदी को नरम, लेकिन स्पष्ट शब्दों में बता दिया कि आयुक्त का पद छोड़ने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है। यदि मोदी कुर्सी नहीं छोड़ते तो 26 अप्रैल को 14 सदस्यीय गवर्निग काउंसिल की बैठक में उन्हें हटाने का फैसला लिया जाएगा।
सूत्र बताते हैं कि सुलह फार्मूले की कवायद में मोदी को शशांक ने यह आश्वासन जरूर दिया कि यदि वह 26 अप्रैल से पहले अपना पद छोड़ने की इच्छा जाहिर कर दें तो बैठक में उनकी बर्खास्तगी का निर्णय नहीं लिया जाएगा और बीसीसीआई उपाध्यक्ष की कुर्सी भी उनके पास रह सकती है।
समर्थन के कुछ सुर
विजय माल्या, शिल्पा शेट्टी, शाहरुख खान, जय मेहता जैसे कुछ फ्रेंचाइजी मालिकों ने शनिवार को खुल कर मोदी का समर्थन किया। उन्होंने आईपीएल की सफलता के लिए मोदी की सराहना की और कहा कि उन्हें उनका पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए।
माल्या ने तो सवेरे पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री शरद पवार के घर पर उनसे मुलाकात भी की। इस मुलाकात में बात क्या हुई, इसका पता तो नहीं चल पाया। पर माना यही जा रहा है कि माल्या ने मोदी के समर्थन में यह मुलाकात की थी, क्योंकि बाहर निकल कर उन्होंने कहा कि मोदी को समय मिलना चाहिए।
बीसीसीआई पूरी तरह खिलाफ
बीसीसीआई में पूरी तरह मोदी के खिलाफ माहौल है। शुक्रवार रात आईपीएल पुरस्कार समारोह से बीसीसीआई के सभी दिग्गजों ने नदारद रह कर इसके स्पष्ट संकेत दे दिए हैं। वे रविवार को फाइनल आईपीएल मैच का बहिष्कार करने की भी योजना बना रहे हैं।
जेपीसी जांच ही अंतिम उपाय
जेपीसी जांच पर सरकार असमंजस में
जेपीसी कर सकती है आईपीएल विवाद की जांच
जेपीसी का गठन 'इंस्टैंट काफी' बनाना नहीं
सरकारी जांच की धीमी आंच
जेपीसी जांच को लेकर असमंजस में पड़ी कांग्रेस
आईपीएल मुद्दे पर संसद में हंगाम ा
''आईपीएल लुटेरों का अड्डा''
जेपीसी कर सकती है आईपीएल की जांच
लोकसभा स्टेडियम में आइपीएल का हंगामा
आईपीएल की जांच कर सकती है जेपीसी
फ़िक्स थे आइपीएल-दो के मैच
चोरों का अड्डा है आईपीएल: शरद यादव
लुटेरे और सटोरियों का अड्डा है IPL
आईपीएल की जांच के लिए संसदीय समिति की मांग
विपक्ष एकजुट, पवार व पटेल का इस्तीफा मांगा
जेपीसी बनाना इंस्टेंट कॉफी नहीं: मुखर्जी
बीसीसीआई से बोले मोदी, हटा कर तो दिखाओ
..तो कई को बेनकाब करेंगे मोदी
मैं इस्तीफा नहीं दूँगा-मोदी
मोदी को नहीं मिली मोहलत
'कुछ लोगों का पर्दाफाश कर दूंगा'
शाहरुख ने किया ललित मोदी का सपोर्ट
मैं इस्तीफा नहीं दूंगा- मोदी
मोदी का जाना तो तय, पर कैसे?
आईपीएल विवाद: जाएंगे मोदी तो आएंगे शास्त्री !
IPL फाइनल से बड़ा मुकाबला : मोदी बनाम बीसीसीआई
मोदी ने माँगा पाँच दिन का समय
26 अप्रैल को गिरेगा मोदी का 'विकेट'!
आईपीएल : कुछ अहम सवाल
पवार के घर बैठक, मोदी से इस्तीफा देने की अपील
तय कार्यक्रम पर ही होगी बैठक: बीसीसीआई सूत्र
कोर्ट जा सकते हैं मोदी
BCCI की मीटिंग 26 को ही, मोदी के शामिल होने पर सवालिया निशान
आईपीएल अवार्डस का बहिष्कार करेगी बीसीसीआई
धारा 32 के तहत कटेगा मोदी का पत्ता!
मोदी को हर फैसला मानना होगा-पवार
पांच साल के बदले ललित मोदी ने मांगे पांच दिन
बैठक में नहीं पहुंचना मोदी को भारी पड़ सकता है : पटौदी
तय समय होगी गवर्निग काउंसिल की बैठक: शशांक
26 अप्रैल को IPL से मोदी होंगे नौ-दो ग्यारह
आईपीएल विवाद का हल सन्निकट, मोदी पद-त्याग को राजी!
बैठक की तारीख पर मनोहर-मोदी में वाक युद्ध
26 की बैठक में शामिल होंगे मोदी!
बीसीसीआई बैठक आगे नहीं बढ़ाएगी
बोर्ड के ख़िलाफ़ अदालत जाएंगे मोदी
बैठक में नहीं पहुंचना मोदी को भारी प़ड सकता है : पटौदी
10 Apr 2010, 1634 hrs IST, इकनॉमिक टाइम्स
ईटी ब्यूरो
मुंबई : ऊर्जा के मामले में दुनिया का गणित बदल सकने वाले एक
इसके अलावा, वह अगले साढ़े पांच वर्षों तक एटलस के 1.36 अरब डॉलर तक के ड्रिलिंग खर्च भी उठाएगी। इस सौदे में रिलायंस प्रति एकड़ 14,167 डॉलर दे रही है। इसी तरह के एक सौदे में जापान की मित्सुई एंड कंपनी ने प्रति एकड़ 14,000 डॉलर दिए थे। टेक्सास स्थित आरबीसी कैपिटल मार्केट्स के विश्लेषक स्कॉच हैनॉल्ड ने कहा, 'मार्सेलस में अब तक का यह सबसे आकर्षक सौदा है। सौदा वाजिब दामों में हुआ है। जिस इलाके लिए यह सौदा हुआ है, वह काफी अच्छा है।' ईटी के सहयोगी चैनल ईटी नाउ ने सबसे पहले इस सौदे की खबर दी।
इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 1.6 फीसदी चढ़कर 1,124.70 रुपए पर पहुंच गए। इस संयुक्त उद्यम के तहत 3 लाख एकड़ क्षेत्रफल होगा। एटलस ने बताया कि इसमें से रिलायंस की हिस्सेदारी 1,20,000 एकड़ के बराबर होगी। रिलायंस ने पेट्रोकेमिकल कंपनी ल्यॉनडेलबासेल और वैल्यू क्रिएशन की हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगाई थी, वह नाकाम रही। रिलायंस के लिए एटलस के प्रोजेक्ट में निवेश ऐसी संपदा से लाभ उठाने की कोशिश हो सकती है जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था की तस्वीर बदल सकती है। अमेरिका में तेल की कीमतें आर्थिक और राजनीतिक फैसलों पर बड़ा असर डालती रही हैं। इस प्रयोग में सफलता मिलने पर रिलायंस यही प्रक्रिया यहां भी दोहरा सकती है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर आलोक अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा, 'शेल गैस ऊर्जा के बढ़ते स्त्रोत का प्रतिनिधित्व करती है। उम्मीद है कि अमेरिका में अगले 10 सालों तक जितना भी गैस उत्पादन होगा, उसका 20 फीसदी हिस्सा शेल गैस परियोजना से आएगा।' यह सौदा इस महीने पूरा हो जाने की उम्मीद है। अमेरिका में शेल चट्टानों से गैस निकालने की काम बढ़ता जा रहा है। असल में अमेरिका पश्चिम एशियाई देशों पर अपनी निर्भरता घटाना चाहता है और वह कोयला आधारित बिजली घरों की तादाद भी कम करना चाहता है। इस सौदे के लिए फंड जुटाने में रिलायंस को कोई मुश्किल नहीं होगी।
ल्यॉनडेल की बोली के लिए कंपनी ने कुछ महीने पहले अपने ट्रेजरी शेयर बेचकर 2 अरब डॉलर जुटाए थे। एटलस सौदे में रिलायंस का पक्ष काफी मजबूत है। सौदे के मुताबिक यदि अमेरिकी कंपनी अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहेगी तो उसे खरीदने का पहला अधिकार रिलायंस का होगा। मुकेश अंबानी की कंपनी वह हिस्सेदारी कम कीमत में खरीद सकती है जिससे उसे पूरा सौदा सस्ता पड़ेगा। बयान में कहा गया है कि यदि एटलस आगे अपनी हिस्सेदारी बेचती है तो रिलायंस के पास उस जमीन को 8 हजार डॉलर प्रति एकड़ के भाव से खरीदने का अधिकार होगा।
एसबीटी का चौथी तिमाही में मुनाफा 13 फीसद बढ़ा
विप्रो को 21 फीसदी मुनाफा
एनटीपीसी का मुनाफा 5.5 फीसदी बढ़ा
विप्रो को 1209 करोड़ रुपये का मुनाफा
इंडिया इन्फोलाइन का तिमाही मुनाफा दोगुना
विप्रो को अज़ीम मुनाफा
कॉरपोरेशन बैंक का मुनाफा 19 प्रतिशत बढ़ा
चौथी तिमाही में 21 फीसदी बढ़ा विप्रो का मुनाफा
विप्रो को 1.2 अरब डॉलर के राजस्व का अनुमान
विप्रो को 1209 करोड़ रुपए का मुनाफा
विप्रो ने कारोबारी साल 2010 में 18% मुनाफा कमाया
एनटीपीसी का मुनाफे में 5 फीसदी की बढ़ोतरी
मुनाफे के तेल से रोशन हुई रिलायंस
आईसीआईसीआई बैंक के मुनाफे में वृद्धि
विप्रो की लंबी छलांग
इंडियन बैंक के मुनाफे में इजाफा
रिलायंस का मुनाफा 30% उछला
ज़ेंसर का मुनाफा 19 फीसदी उछला
विप्रो का लाभ 21 फीसदी बढ़ा, बोनस की घोषणा
मुख्य खबर खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर बढ़कर 17.65 % मौजूदा सप्ताह में फल एवं सब्जियां तीन फीसदी तक महंगी हुईं, समुदी मछली 2 फीसदी और अरहर एवं मूंग जैसी दालें एक फीसदी तक महंगी हुई... | |||||
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मुद्रास्फीति का मासिक आंकडा दहाई अंक नीचे 9.90% तक सीमित रहा जो इससे पिछले माह से 0.01% ऊपर है... | |||||
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भारतीय लोग शौचालय और बुनियादी साफ-सफाई की सुविधाओं से ज्यादा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं... | |||||
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प्रदेश में 36 अनुसूचित नियोजनों के लिए महंगाई भत्ते की दरें अधिसूचित कर एक अप्रैल 2010 से लागू कर दी गई हैं... | |||||
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भारत 9 से 10 फीसद आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य हासिल करने की स्थिति में है लेकिन इसके लिए संरक्षणवादी बाधाओं से मुक्त अंतरराष्ट्रीय माहौल की जरूरत है... | |||||
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सरकारी पूंजी मिलने से पीएसयू बैंक 10 फीसदी सालाना यील्ड के आधार पर 3,760 करोड़ सालाना कमाई करने में सक्षम होंगे... | |||||
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सरकार कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार को विकसित करने के प्रयास में है और EPFO के निवेश से इसे बल मिलने की उम्मीद है... | |||||
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पी चिदंबरम ने कहा, विनिर्माण चाहे वह घरेलू खपत के लिए हो, या निर्यात, दोनों में एफडीआई पर प्रतिबंध रहेगा... | |||||
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इससे रिजर्व बैंक द्वारा वार्षिक मौद्रिक नीति में दरें बढ़ाए जाने की आशंका बढ़ गई हैं... | |||||
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बैंकों के सीईओ ने भारतीय रिजर्व बैंक से अनुरोध किया है कि पूंजी बाजार को कर्ज देने से जुड़ी उनकी सीमा बढ़ाई जाए... | |||||
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आशेंद्र सिंह - अपनी बात...
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मंत्री बबनराव को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया
विकास वशिष्ठ ♦ यदि इन आदिवासी जनजातियों की बेटियों के लिए उड्डयन के क्षेत्र में कोई जगह थी ही नहीं, तो इन्हें एएचए में प्रवेश दिलाने की पहल ही क्यों की गयी? हद तब हो गयी जब मंत्री महोदय खुलकर अनाप शनाप बोलने लगे। यह अधिकार उन्हें किसने दिया? क्या यह मानहानि का मामला नहीं बनता?
आज मंच ज़्यादा हैं और बोलने वाले कम हैं। यहां हम उन्हें सुनते हैं, जो हमें समाज की सच्चाइयों से परिचय कराते हैं।
अपने समय पर असर डालने वाले उन तमाम लोगों से हमारी गुफ्तगू यहां होती है, जिनसे और मीडिया समूह भी बात करते रहते हैं।
मीडिया से जुड़ी गतिविधियों का कोना। किसी पर कीचड़ उछालने से बेहतर हम मीडिया समूहों को समझने में यक़ीन करते हैं।
नज़रिया, स्मृति »
आशीष तिवारी ♦ कुछ वर्षों पहले तक ऐसी ही ट्विट हमारे और आपके घरो में भी सुनाई देती थी। आंगन हो, बरामदा हो, खिड़की हो, रोशनदान हो – हर जगह एक प्यारी गौरया की ट्विट सुनायी देती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। गौरया अब ढूंढे नहीं मिलती है। पहले जब घर में चावल बनाने से पहले उसे साफ किया जाता था तो उसमें से निकले धान को मां खुली जगह पर रख देती थी। गौरया का झुंड वहां आता और धान अपनी चोंच से धान और चावल को अलग करता और लेकर उड़ जाता। अक्सर गौरया का एक बड़ा झुंड गर्मी की दोपहर में घर के बाहर लगे झुरमुट में चला आता। देर तक शोर करता और शाम को उड़ जाता।
मीडिया मंडी »
शब्बीर हुसैन ♦ आवारा पूंजी की मीडिया पर पकड़ मजबूत हुई है और इस पकड़ ने खबर को मनोरंजन में बदल दिया है। राहुल महाजन, मलिका शेरावत या राखी सावंत जैसे चरित्रों का मीडिया सुर्खियों में होने के कारण भी यही हैं। मनोरंजन की प्रवृत्ति स्थिर नहीं है। अतः ये चरित्र भी तेजी से बदलते और आते जाते हैं। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के जनपद विभाग और मीडिया अध्ययन केंद्र के साझे में हुए 'नयी चुनौतियां और वैकल्पिक मीडिया' विषय पर सुप्रसिद्ध पत्रकार अनुराग चतुर्वेदी ने अपने व्याख्यान में कहा कि मनुष्यता की पहचान और हिंसा रहित समाज के लिए वैकल्पिक मीडिया की जरूरत हमेशा बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि सीमांत लोगों के बारे में पत्रकारिता ही वैकल्पिक पत्रकारिता है।
नज़रिया, मीडिया मंडी, स्मृति »
सलीम अख्तर सिद्दीकी ♦ उदयन शर्मा की पुण्य तिथि 23 अप्रैल पर उनको याद करना 1977 में शुरू हुई उस हिंदी पत्रकारिता को भी याद करना है, जब उदयन शर्मा, एमजे अकबर और एसपी सिंह ने 'रविवार' के माध्यम से हिंदी पत्रकारिता को नये तेवर प्रदान किये थे। 11 जुलाई 1949 को जन्मे उदयन शर्मा प्रख्यात पत्रकार ही नहीं बल्कि विचारों से पक्के समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शख्स थे। उन्होंने दीन-हीन हिंदी पत्रकारिता को नये आयाम दिये थे। जब 23 अप्रैल 2001 को उनका निधन हुआ तो निर्भीक, समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष पत्रकारिता का युग समाप्त हो गया है। उदयन शर्मा का ये विशेष गुण था। वो अपने लिए नहीं जीते थे, वे अपने नहीं लिखते थे। वो नहीं लिखते थे किसी उच्च पद को पाने के लिए।
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