Palah Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

what mujib said

Jyothi Basu Is Dead

Unflinching Left firm on nuke deal

Jyoti Basu's Address on the Lok Sabha Elections 2009

Basu expresses shock over poll debacle

Jyoti Basu: The Pragmatist

Dr.BR Ambedkar

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Saturday, August 29, 2015

सच मानिये तो अब फिजां त्योहार मनाने की नहीं है। बलात्कार संस्कृति के धारकों वाहकों की लगायी आग से देश धू धू जल रहा है। पलाश विश्वास

सच मानिये तो अब फिजां त्योहार मनाने की नहीं है।पहले फिजां ठीक कीजिये।
बलात्कार संस्कृति के धारकों वाहकों की लगायी आग से देश धू धू जल रहा है।
पलाश विश्वास

गुजरात के एक करोड़ बीस लाख जनसंख्यावाले पाटीदार समाज  अपना मुख्यमंत्री ,पूर्व मुख्यमंत्री होने के बावजूद आरक्षण चाहिए तो हिंदू ह्रदय सम्राट के गुजरात पीपीपी माडल से आखिर किस किसका विकास हुआ,आरक्षण की प्रासंगिकता से बड़ा सवाल यही है कि गुजरात माडल का मुल्क बनाकर हम किस किस को आरक्षण देकर उन्हें बायोमेट्रिक स्मार्ट डिजिटल बाजार में क्रयशक्ति से लैस करें ताकि वह अपना विकास कर भी न सकें तो कमसकम जिंदा तो रहे,इस परगौर कीजियेगा 2020 और 2030 के लिए बेसब्र इंतजार से पहले।


इबादत कोई करनी हो तो कयामतों से निजात पाने के लिए अपनी अपनी आस्था के मुताबिक इबादत करें।इबादत करनी हो तो इस लिए करें कि इंसानियत पर हो रहे हमलों के बावजूद मुल्क आबाद रहे।त्योहार मनाइये तो सबसे पहले साझा चूल्हों को सुलगाया भी करें।

जिस महादेश में पत्रकारिता बलात्कार संस्कृति का धारक वाहक हो,जहां सुगंधित कंडोम का विकास हो और कुंभ मेले में भी कंडोम कम पड़ जाने से एड्स फैसने का खतरा हो,स्त्री न घर में और न बाहर सुरक्षित हो,स्वास्थ्यपतंजलि के हवाले हो और जान माल जल जंगल जमीन नागरिकता बाजार के हवाले हो,वह रक्षा बंधन के पाखंड के बावजूद अपनी अपनी मां,बहन, बहू और शरीके हयात के लिए आजादी के कुछ तंत्र मंत्र यंत्र भी ईजाद करें।

अमलेंदु का शुक्रिया कि ठीक से बांग्ला न जानने के बावजूद समाद का ताजा आलेख मीडिया की बलात्कार संस्कृति के खिलाफ हस्तक्षेप में तुरंत लगा दिया।बंगाल का जो हिस्सा हमारे पास है,वह बलात्कार भीमि है और न्याय वहां राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट भी दिलवा नहीं सकता।

बंगाल जो हमने काट दिया या जो पाकिस्तान है,देश का बंटवारा करने वालों की सियासती कत्लेाम की वजह से,वहां भी रोज स्त्री बलात्कार की शिकार है।सियासत की बाजी पर हमने औरत को नंगी खड़ी कर दिया है।

देश भूल चुकी है गुवाहाटी और मणिपुर की माताओ,बहनों को और मध्यभारत और कश्मीर हिंदुत्व के भूगोल में नहीं है।
सबसे खराब बात तो यह है कि जिसे देवभूमि कहते अघाते नहीं है,उस हिमालय का भी खुल्लाआम कत्ल हुआ है।नदियों में बहता वह खून हमारे लिए लेकिन शीतल पेय है।

जलता हुआ गुजरात हकीकत है बेहद संगीन जो तमाम चेहरे को और कत्लेाम के एजंडे को बेनकाब कर रहा है।बिना सत्ता की मदद के सियासत में उबाल लेकिन आता है और बिना हुकूमत की मर्जी के आंदोलन कहीं होता नहीं है।

नर्मदा पर बंधे 800 मील लंबी राखी के बावजूद मजहबी सियासत के कारिंदों को शर्म लेकिन आती नहीं है।

भारत के चैनलों और अखबारों को देखिये कि कुल मुद्दा यही है,देश का सबसे ज्वलंतमुद्दा भी यही है कि किसने किसके साथ कितनी बार कब कहां सेक्स किया और शादियां कितनी की है जबकि जनता दाने दाने को मोहताज है।अबाध पूंजी निवेश का राजकाज है और सबकुछ शेयर बाजार में झोंकर खुली लूट की छूट है।

तीसरी जंग का सवाल इसीलिए साझा कर रहे हैं हम कि आज यह सबसे मौजूं सवाल है और हमने मजहब को भी कातिल बना दिया है।

रब तो हमारे अब कोई और नहीं,राम का नाम झूठो लेते हैं,राम को बिना मतलब करोड़ों भलेमानुष,भली स्त्रियों की आस्था का माखौल बनाकर बदनाम कर रहे हैं जो लोग,सत्ता की बागडोर उन्हीं की हाथों में है और रक्षा बंधन हो या कोई तीज त्योहार किसी का भी,किसी मजहब का,वह अब खालिस कारोबार है।

सच मानिये तो अब फिजां त्योहार मनाने की नहीं है।
बलात्कार संस्कृति के धारकों वाहकों की लगायी आग से देश धू धू जल रहा है।

पलाश विश्वास


TEESRI JUNG NEWS

--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Post a Comment