Palah Biswas On Unique Identity No1.mpg

Unique Identity No2

Please send the LINK to your Addresslist and send me every update, event, development,documents and FEEDBACK . just mail to palashbiswaskl@gmail.com

Website templates

Zia clarifies his timing of declaration of independence

what mujib said

Jyothi Basu Is Dead

Unflinching Left firm on nuke deal

Jyoti Basu's Address on the Lok Sabha Elections 2009

Basu expresses shock over poll debacle

Jyoti Basu: The Pragmatist

Dr.BR Ambedkar

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin Babu and basanti Devi were living

"The Day India Burned"--A Documentary On Partition Part-1/9

Partition

Partition of India - refugees displaced by the partition

Saturday, August 29, 2015

काशी विश्वनाथ मंदिर के चढ़ावे में चोरी कर-कर के पुजारी-लिपिक-सेवादार बने करोड़ पति

काशी विश्वनाथ मंदिर के चढ़ावे में चोरी कर-कर के पुजारी-लिपिक-सेवादार बने करोड़ पति

वाराणसी।काशी विश्वनाथ मंदिर के चढ़ावे में बडे़ घोटाले खुलने वाले हैं।पता चला है कि कमिश्नर के आदेश पर कलेक्ट्रेट में खोले गए कार्यालय में संपत्ति और चढ़ावा के रिकॉर्ड पहुंचाने में कर्मचारियों के हाड़ इसलिए कांप रहे हैं कि उनमें करोड़ों की हेराफेरी की गई है।सोने-चांदी के अलावा नगदी चढ़ावा, भोग, आरती और निर्माण के मद में लूटखसोट से पुजारियों, लिपिकों और सेवादारों ने करोड़ों रुपये की संपत्ति जुटाई है।मंदिर प्रबंधन से जुड़े तमाम कर्मचारियों की इस कदर तूती बोलती है कि उनको कोई मनचाही जगह से हटा नहीं सकता है।उनमें से कई तो अफसरों की ट्रांसफार, पोस्टिंग की ताकत रखते हैं।सावन में भोग-प्रसाद, आरती की व्यवस्था तो इनके लिए कमाने का खास मौसम होता है।श्रद्धालुओं के दान और चढ़ावे में बंदरबांट का सिलसिला पुराना है।देश के तमाम प्रसिद्ध मंदिरों में तो व्यवस्थाएं सुधार ली गई हैं।विश्वनाथ मंदिर की हुंडियों की गिनती में जमकर हेराफेरी हो रही है।यह गोलमाल इस हद हो रहा है कि इस पर नियमित निगरानी के लिए जब रिकॉर्ड तलब किए गए तो 1983 में मंदिर के अधिग्रहण के बाद अब तक का रिकॉर्ड गायब कर दिया गया।सिर्फ बाबा की संपत्तियों के अलावा चढ़ावे के रिकॉर्ड की जांच करा ली जाए तो यहां के गोलमाल की पोल खुल सकती है।नौ फरवरी, 2015 को हुई न्यास परिषद की बैठक में दान-चढ़ावा रजिस्टर बनाने का प्रस्ताव पहली बार लाया गया लेकिन उस पर भी अमल नहीं हुआ। मामूली मानदेय पाने वाले मंदिर के कर्मचारियों के पास करोड़ों की संपत्ति कहां से आई, सवाल अक्सर उठता रहा है।इसकी शिकायत मिलने पर एक कर्मचारी की संपत्ति की जांच सतर्कता आयोग से कराई गई थी, जिसमें चौंकाने वाली कई जानकारियां सामने आईं।पता चला है कि मंदिर में दैनिक वेतनभोगी के रूप में बेल पत्ती फेंकने के लिए लगाए गए कर्मचारी ने भी करोड़ों रुपये की जमीन और मकान खरीद लिए हैं।इस कर्मचारी की मंदिर में तैनाती के बाद करोड़ों की संपत्ति बनाने की यह जांच रिपोर्ट जुलाई 2005 में ही निदेशक सर्तकता सीबी राय ने प्रमुख सचिव को भेजी थी, लेकिन यह पत्रावली ही गायब करा दी गई।अब किसी वरिष्ठ अफसर से दोबारा जांच कराने को एक न्यासी ने ही पत्र लिख दिया है।चालू महीने की शुरुआत में कुछ पुजारियों की सीसीटीवी फुटेज पकड़े जाने और उन पर कार्रवाई करने के बाद अब एक पर एक भांडा फूटने लगा है।एक चढ़ावे में हिस्सेदारी को लेकर दो गुटों में बंटे पुजारी और लिपिक ही एक-दूसरे की जड़ें खोदने पर तुले हुए हैं।एक तबका इन खुलासों पर पानी डालने में ऊपर तक एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है तो दूसरा वर्ग मंदिर की व्यवस्था सुधारने के लिए पसीना बहा रहा है।अब होता क्या है, इसे लेकर लोगों की निगाहें कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण पर टिकी हुई हैं।चढ़ावे में करोड़ों की हेराफेरी के अलावा सावन में हुए गोलमाल और नियमों को ताक पर रखकर की गई नियुक्तियों में हुए लाखों रुपये के घोटाले की शिकायतें मुख्यमंत्री के अलावा मंडलायुक्त से की जा चुकी हैं।मंडलायुक्त शनिवार की शाम चार बजे विश्वनाथ मंदिर के अर्चकों, लिपिकों और सेवादारों की बैठक लेंगे। वह मंदिर में उत्पन्न ताजा स्थिति की समीक्षा करेंगे।पुजारियों ने दक्षिणा लेने पर रोक न लगाने का ज्ञापन भी उन्हें सौंपने का मन बनाया है।कलेक्ट्रेट में खोले गए कार्यपालक समिति के कार्यालय से संबद्ध लिपिक शुक्रवार को भी नहीं पहुंचे। हालांकि परिचारक के रूप में इस दफ्तर से संबद्ध किए गए सेवादार गणेश तिवारी ने दोपहर बाद ज्वाइन कर लिया।सिर्फ परिचारक के दफ्तर में पहुंचने की वजह से अभी वहां कामकाज शुरू नहीं कराया जा सका है।फाइलें भी मंदिर के कार्यालय से स्थानांतरित नहीं कराई जा सकी हैं।


--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Post a Comment