कानून अंधा है तो सुप्रीम कोर्ट क्या है?
हवाओं में उलझे तारों का तानाबाना
हर मछली के लिए खासो इंतजाम
खटमल,धीरे से नंगे फिरंगियों की
बारात में जाना,यही है जीना
नंगी खड़ी मौत को गले लगाना
पलाश विश्वास
With thanks to Economic Times Graphics!
खबर है कि जनता के लिए सबसे बुरे दिन लाने वाली नीतियों से मिलकर लड़ेंगे वामपंथी दलhttp://ow.ly/Np7ve #MemorialDay
16 मई का जश्न मन रहा है और बुरे दिनों के दावों के मध्य अच्छे दिनों की वसंत बहार है।मीडिया का कोना कोना मोदियाया हुआ है और सोना चांदी बरसने लगे मूसलाधार।हवाओं में नंगी नाच रही हैं बिजलियां और उलझा है तारों का ताना बाना,जिनका जलवा जालिमाना कि कारे अधकारे फिरंगी तमामो नाचे नंग धड़ंग।
कानून अंधा है तो सुप्रीम कोर्ट क्या है?
हवाओं में उलझे तारों का तानाबाना
हर मछली के लिए खासो इंतजाम
खटमल,धीरे से नंगे फिरंगियों की
बारात में जाना,यही है जीना
नंगी खड़ी मौत को गले लगाना
सुप्रीम कोर्ट चाहे तो इस लिखे पर अदालत की अवमानना का मामला भी बना सकता है क्योंकि जनसुनवाई सुप्रीम कोर्ट या भारतीय लोकतंत्र की रघुकुल रीति नहीं है।
सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है।
इस पहेली को बाबासाहेब अंबेडकर ने सुलझाने की भरसक कोशिश की है कि न्यायपालिका को कार्यपालिका और विधायिका पर अंकुश के अधिकार दे दिये हैं।
यह अंकुश अब हिंदू साम्राज्यवाद के एजंडे को समर्पित है।
अंधा कानून है।
इस देश का हर नागरिक अब सजायाफ्ता है और सजाएमौत के इंतजार में है।
यही है कानून का राज।बाकी सिर्फ मोदियापा है।
माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कि विज्ञापनों में प्रधानमंत्री के अलावा किसी राजनेता की तस्वीर नहीं लगेगी,सुबह सुबह मोदीमय दिखने लगा है समूचा संसार।
धकाधक पेले हो अच्छे दिनों की सौगात मूसलाधार और मोदियापा में सारे कागद केसरिया हो कारे रंग भी केसरिया हो तो लाल नील का क्या कहिये।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट का एक बहुचर्चित आदेश है कि खनिज उसीका.जमीन हो जिसका।वह आदेश इस देश में कहां लागू है,हम नहीं जानते। जबकि जल जंगल जमीन आजीविका नागरिकता,प्रकृति और पर्यावरण से बेदखली का अश्वेमेधी अभियान अबाध विदेशी पूंजी और विदेशी हितों का अनंत प्रवाह है।
इस वास्ते मौलिक अधिकारों,नागरिक अधिकारों और मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाकर संसदीय प्रणाली को बाईपास करके,जनता के प्रति जवाबदेही को ठेंगा दिखाते हुए और तमाम लोकतंत्र के बुनियादी संस्थानों का,लोकगणराज्य का कत्लेआम करके,सारे कायदा कानून तोड़कर असंवैधानिक राष्ट्रद्रोही तत्वों के फैसलों के मुताबिक संविधान के दायरे तोड़कर असंवैधानिक जो सुधार नरमेध चालू है,उसमें सुप्रीम कोर्ट का अवस्थान क्या है,कृपया समझायें।
हाईकोर्ट का फैसला है कि माओवादी होना अपराध नहीं है तो माओवादी होने के आरोप में तमाम सामाजिक कार्यकर्ता मसलन एक विकलांग प्रोफेसर साईबाबा जेल में क्यों सड़ रहे हैं और क्यों इरोम शर्मिला जैसों को न्याय नहीं मिलता और नागौर तलक जारी है खैरांजली का सिलसिला,बताइये।बताइये कि सोनी सोरी का आखेर अपराध क्या है कि उसकी स्त्री योनी में पत्थर डाले जायें और खामोश हो जाये न्याय प्रणाली।
सुप्रीम कोर्ट का मशहूर फैसला है कि आधार योजना को अनिवार्य नहीं माना जाये तो कैश सब्सिडी से लेकर मताधिकार तक के लिए तमाम बुनियादी जरुरतों और सेवाओं के लिए आधार को अनिवार्य बनाया हुआ है सरकारों ने।
क्यों देश में तमामो आम जनता के मुकदमे दशकों से लंबित है और तारीख पर तारीख,तारीख पर तारीख,पेशी नहीं,सुनवाई नहीं,लेकिन जमीं पर जब उतरे हों सितारे तो आतिशबाजी ऐसी कि जेल और बेल में पांच मिनट का फासला भी नही होता,हम नहीं समझ पाते,कृपया समझायें।
किसी के किसी के लिए समानता और न्याय कुछ ज्यादा ही क्यों है और सारे अवसर क्यों अस्मिताओं के आर पार बिलियनर मिलयनर तबके के लिए आरक्षित है वैसे ही जैसे कि मनुस्मृति सासन और हिंदू राष्ट्र में ही संभव है,सुप्रीम कोर्ट ही जांच सकै है।
शत प्रतिशत हिंदुत्व के लिए 2001 तक विधर्मियों के सफाये के एजंडे,सारे धर्मस्थलों को केसरिया बनाने के आयोजन,सारे विधर्मियों की हिंदुत्व के नर्क में वापसी की अनिवार्यता और हिंदुत्व आतंकवाद पर अंकुश के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट और न्यापालिका से जुड़ेे तमाम न्यायादीश,संविधान विशेषज्ञ और वकील अपना अपना पक्ष साफ करें तो कानून के राज के बारे में कुछ हमें भरोसा मिलें और दमघोंटू इस गैस चैंबर में तब्दील नाजी यातनागृह में हवा के कुछ झोंकों का अहसास भी है।मरते मरते समझ लिबो कि वाह,न्याय है।
इसी बीच दो दिनों के अवकाश अंग्रेजों को और हिंदी वालों को एक दिन का करिश्मा कर दिखाने वाले नंगे पांव दुनिया का सैर सपाटा करके अनंतर लिखते रहने वाले हमारे सर्वश्रेष्ठ संपादक ओम थानवी ने हमारे लिखे पर फेसबुक संदेश भेजा है कि फिलहाल कोलकाता में आने का उनका कोई इरादा नहीं है और नस्ली भाषायी रंगभेद के साम्राज्य में विरोध दर्ज कराने का हमारा मौका भी चूक गया।
बहरहाल मोदियापे में मशगुल मीडिया कर्मियों से हमारा सवाल है कि लंबे तेरह साल के इंतजार के बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जो मजीठिया अपनी देखरेख में लागू करने का फैसला किया है,उसमें समानता और न्याय कितना है,क्या वेतनमान मिला,ठेके पर जो हैं,उनको क्या मिला,ग्रेडिंग और कैटेगरी में कितनी ईमानदारी बरती गयी और दो दो प्रमोशनों के बाद उनकी हैसियत क्या है,पहले इस पर गौर करें तो आम जनता पर क्या कहर बरप रहा है,उसका तनिको अंदाज आपको हो जाये।
हमारे प्रिय मित्र यशवंत हमसे इधर बेहद नाराज चल रहे हैं,भड़ास पर वे अब हमें नियमित लगाते नहीं हैं और जनसत्ता वाली आपबीती को बी नजरअंदाज किये जा रहे हैं।
हम पहले भी साफ कर चुके हैं कि मीडिया में सिर्फ एक फीसद मस्त मस्त संप्रदाय सारस्वत है और बाकी लोग अस्पृश्य बंधुआ मजदूर।भड़ास जैसे मंचों से उनकी बात सिलसिलवार सामने आ रही है और हमें इसके लिए यशवंत का आभार मानना चाहिए।लेकिन सिर्फ पत्रकार उत्पीड़ित नहीं है जिनके लिए वे आवाज बुलंद कर रहे हैं।हम मीडिया उनके हवाले छोड़ आम जनता के मसले उठा रहे हैं।
बहरहाल यशवंत की अगुवाई में भड़ास पर मजीठिया सिफारिशों से न्याय दिलाने के लिए सिलसिलेवार आंदोलन चल रहा है और मीडियाकर्मियों का जबर्दस्त समर्थन है लेकिन सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में कितना मजीठिया लागू हो पाया अब तक और सितारा अखबारों में पत्रकारिता का जोश का अंजाम क्या है,इसे मीडिया कर्मी की जांच लें और समझ लें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश हाथी के दांत कैसे कैसे हैं।
कमसकम एको आदेश तो लागू हो गयो रे कि मोदियापा का देश हुई गयो हमार देश।मोदी का चेहरा चमके भी, दमके भी और गायब हुआ रे देश यह फिसड्डी।
माननीय सुप्रीम कोर्ट के प्रधानमंत्री पक्षधर आदेश से सारे प्रतिद्वंद्वी हाशिये पर हुए और अबहुं देख्यो कि लू के मारे जो सैकड़ों बिन पानी बिन राशन खुल्ला बाजार में छटफटाकर मरो हो हिंदू साम्राज्यमा,उनर कलेजा भी हुलस हुलस कर बोले,हे राम!जयबजरंगबली।
किस्सा कुछ यूं है कि बंगाल में सबसे बड़े मीडिया ग्रुप में बंगाल के सारे साहित्यकार कलाकार संस्कृतिकर्मी बंधुआ हैं के उन्हें उनकी औकात बनाने में ,ग्रुम करने में और फिर बाजार का आइकन बनाकर बेचना ही इस ग्रुप का कारोबार है।वह केसरिया हुआ है।
नाम लेना ठीक नहीं है।
हिंदी वालों को इस ग्रुप का एक उत्पाद बता रहे हैं,सो वो हैं तसलिमा नसरीन।बाजार ने जिनका जीवन नर्क बनाया हुआ है और इस ग्रुप की ओर से हांका लगाकर मछलियों के गले में हुक फंसाने का काम किया करते थे भारतीय साहित्य और संस्कृति को महानगरीय साफ्ट कोक में तब्दील करके जनपदों को हाशिये पर डालकर मुक्त बाजार की जमीन पकाने वाले महामहिम सारे।उनका नाम भी सार्वजनीन हैं।
इस ग्रुप में बाजार में बेचने से पहले सबको छापते रहने का रिवाज है और झूठ को कला के उत्कर्ष में बदलने की दक्षता की ट्रेनिंग यहीं दी जाती है।
इस गुरुकुल से प्रशिक्षित तमामो हिंदी अंग्रेजी राजनेता भी अब बिलियनर राजनेता खेल खिलाड़ी पिलाड़ी हुआ करे हैं।
यह तरीका भारतीय भाषाओं में मराठी से लेकर ओड़िया और असमिया में भी है जो मुल मीडिया मोड अंग्रेजी का है और सांस्कृतिक वर्चस्व का यह चामत्कारिक कलाकौशल है।जहां बाकी जनता तमाशबीन है और अहा,कि आनंद स्थाईभाव।
हिंदी में चूंकि रंगभेद जातिभेद और नस्ली भेदभाव स्थाई भाव है तो यहां चुन चुनकर मसीहा निर्माण होता है बहुतै सावधानी से कहीं वर्चस्व का आलम टूटे नहीं।
मीडिया से लेकर साहित्य,संस्कृति कर्म में पादने का यही सिलसिला है।
मसलन जनसत्ता में अजब लोकतंत्र है।
कागद कारे करेंगे सिरफ प्रभाष जोशी या अननंतर लिखेंगे सिरफ ओम थानवी।
बाकी जो लिक्खाड़ आईएएस परीक्षा की तर्ज पर चुनकर दिशा दिशा से भर लीन्हैं,उन्हें गोदामघर में सड़ाकर उनका अचार बनाने की वैज्ञानिक पद्धति है यहां कि संपादकीय के लोग जनसत्ता में लिख नहीं सकते।
संपादकीय प्रधान प्रभाष जोशी और ओम थानवी जैसे संपादकीय में न हो।वे तो आसमान से उतरे फरिश्ते ही रहे हैं और पाठकों को उनका लिखा,उनके ही चहेते का लिखा परोसते हुए जनसत्ता अब सिर्फ इंटरनेट पर दिखता है,पाठकों के हाथों में कहीं नहीं दीखता है।
कलमचियों का ऐसा कत्लेआम हिंदी में ही संभव है।
खासोखास के लिए ऐसा स्थाई बंदोबस्त बा तो समझ लिज्यो जो फनफनायो हैं कि कला कौशल से हिंदी में मैदान जीतकर रहेंगे ऐसे अंत्यज अछूत प्रजाति के लोग जो न सारस्वत हैं और न सरस्वती के वरद पुत्र हैं कि इस मुख्यधारा में बसेरा का मतलब है अंधी गली में कुकुर की तरह मारा जाना,टुकड़े वे देते जायेंगे कि ससुरा मरे भी नहीं और भौंकने की आजादी भी होगी बहरहाल कि काटे न सकै कबहुं ससुरे।
कुल मिलाकर संघ परिवार के नस्ली रंगभेद का यही तारों का तानाबाना है कि बाकी निनानब्वे को खटमल की तरह जीना है और मरना है।
इस ताने बाने का चरमोत्कर्ष है सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कागज के हर टुकड़े पर या हर फ्रेम में मोदियापा की सेल्फी रक्तबीज की तरह चस्पां होना।
यह वर्चस्व क्या है इस सिलसिलेवार समझने के लिए अपने जनसत्ता में समांतर पर छपे ब्लाग का मूल पाठ पेश हैः
Malcolm X
विकी पीडिया से
Malcolm X (/ˈmælkəm ˈɛks/; May 19, 1925 – February 21, 1965), bornMalcolm Little and also known as el-Hajj Malik el-Shabazz[A] (Arabic: الحاجّ مالك الشباز), was an American Muslim minister and a human rights activist. To his admirers he was a courageous advocate for the rights of blacks, a man who indicted white America in the harshest terms for its crimes against black Americans; detractors accused him of preaching racism and violence. He has been called one of the greatest and most influential African Americans in history.
Malcolm X was effectively orphaned early in life. His father was killed when he was six and his mother was placed in a mental hospital when he was thirteen, after which he lived in a series of foster homes. In 1946, at age 20, he went to prison for larceny and breaking and entering. While in prison, Malcolm X became a member of the Nation of Islam, and after his parole in 1952, quickly rose to become one of the organization's most influential leaders, serving as the public face of the controversial group for a dozen years. In his autobiography, Malcolm X wrote proudly of some of the social achievements the Nation made while he was a member, particularly its free-of-cost drug rehabilitation program. In keeping with the Nation's teachings, he promotedblack supremacy, advocated the separation of black and white Americans, and rejected the civil rights movement for their emphasis on integration.
By March 1964, Malcolm X had grown disillusioned with the Nation of Islam and its leader Elijah Muhammad. Expressing many regrets about his time with them, which he had come to regard as largely wasted, he embraced Sunni Islam. After a period of travel in Africa and the Middle East which included completing the Hajj, he repudiated the Nation of Islam, disavowed racism and founded Muslim Mosque, Inc. and the Organization of Afro-American Unity. He continued to emphasize Pan-Africanism, black self-determination, and black self-defense.
In February 1965 he was assassinated by three Nation of Islam members. The Autobiography of Malcolm X, published shortly after his death, is considered one of the most influential nonfiction books of the 20th century.
Malcolm X | |
Malcolm X in March 1964 | |
Born | Malcolm Little May 19, 1925 Omaha, Nebraska, U.S. |
Died | February 21, 1965 (aged 39) New York City, New York, U.S. |
Cause of death | Assassination (multiple gunshots) |
Resting place | |
Other names | el-Hajj Malik el-Shabazz (الحاجّ مالك الشباز) |
Occupation | Minister, activist |
Organization | Nation of Islam, Muslim Mosque, Inc., Organization of Afro-American Unity |
Height | 6 ft 3 in (191 cm) |
Weight | 180 lb (12 st 12 lb; 82 kg) |
Movement | |
Religion | (converted from Nation of Islam) |
Spouse(s) | Betty Shabazz (m. 1958) |
Children | Attallah Shabazz Gamilah Lumumba Shabazz Malaak Shabazz |
Parent(s) | Earl Little, Louise Helen Norton Little |
Signature |
भारत में 70 के दशक का 'दलित पैंथर आन्दोलन' अमेरिका के 'ब्लैक पैंथर आन्दोलन' से प्रभावित रहा है। 1966 में शुरु हुआ ब्लैक पैंथर आन्दोलन सीधे सीधे वहां के रैडिकल ब्लैक लीडर 'मैल्कम एक्स' के विचारों और उनके व्यक्तित्व से प्रभावित रहा है। ब्लैक पैंथर की स्थापना के ठीक एक साल पहले 21 फरवरी 1965 को मैल्कम एक्स को उस समय 15 गोलियां मारी गयी, जब वे 'हरलेम' में एक लेक्चर देने जा रहे थे। आज 2015 में पूरी दुनिया में उनके चाहने वाले लोग उनकी शहादत की 50 वीं बरसी मना रहे हैं।
मैल्कम एक्स के बारे में जानना इसलिए भी जरुरी है कि मैल्कम एक्स का पूरा जीवन व उनके विचार काले लोगो के दूसरे महान नेता 'मार्टिन लूथर किंग' का एक तरह से 'एण्टी थीसिस' रचता है। दोनों के विचारों व व्यक्तित्व की छाया थोड़ा बदले रुप में हमारे यहां के दलित आन्दोलन में भी दिखाई पड़ती है। इसलिए मैल्कम एक्स को समझने का प्रयास कहीं ना कहीं अपने देश के दलित आन्दोलन को भी समझने का प्रयास है।
मैल्कम एक्स का जन्म 19 मई 1925 को अमेरिका के 'ओमाहा' में एक गरीब परिवार में हुआ था। इनके पिता एक राजनीतिक व्यक्ति थे और काले लोगों के आन्दोलन में सक्रिय हिस्सेदार थे। इसके अलावा प्रसिद्ध ब्लैक लीडर और 'ब्लैक इज ब्यूटीफुल' अभियान के जनक 'मारकस गारवे'[ Marcus Garvey] के समर्थक थे। इसी कारण से वे गोरों के प्रतिक्रियावादी गुप्त संगठन 'कू क्लक्स क्लान' [Ku Klux Klan] के निशाने पर थे। अन्ततः जब मैल्कम एक्स महज 6 साल के थे तो 1931 में उनके पिता की हत्या इसी संगठन के कुछ लोगो ने कर दी। इस घटना ने मैल्कम को बुरी तरह झकझोर कर रख दिया और गोरों के प्रति नफरत के बीज बो दिये। इसके अलावा एक अन्य घटना ने मैल्कम को बुरी तरह हिला दिया था। एक बार उनके घर में आग लग गयी। फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। फायर ब्रिगेड वालों ने जब देखा कि आग एक काले के घर में लगी है तो बिना आग बुझाये ही वापस लौट गये। बाद में अमरीकी लोकतंत्र के प्रति उनके जो विध्वंसक विचार बने, उनमें इन घटनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका थी। जब वह किशोरावस्था में थे तो उन्हे किसी छोटे अपराध के लिए 6 साल जेल की सजा काटनी पड़ी। अपनी आत्मकथा में उन्होने लिखा है कि मैंने अपने जीवन की अधिकांश पढ़ाई इसी दौरान की। जेल से निकलने के बाद उनकी राजनीतिक यात्रा शुरु होती है। सबसे पहले उन्होेंने ईसाई धर्म छोड़कर मुस्लिम धर्म ग्रहण कर लिया और काले मुस्लिम लोगो के संगठन 'नेशन आॅफ इस्लाम' के सदस्य हो गये। उस दौरान ईसाई धर्म को गोरों के साथ जोड़ कर देखा जाता था। इसी कारण इस दौरान बहुत से काले लोगों ने सामूहिक तौर पर प्रतिक्रियास्वरुप ईसाई धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म ग्रहण कर लिया। यहीं से मैल्कम एक्स के समाजवाद के प्रति झुकाव की भी शुरुआत होती है। गोरों की राष्ट्रीयता के विरुद्ध 'नेशन आॅफ इस्लाम', 'ब्लैक नेशनलिज्म' की बात करता था। इसलिए नौजवानों के बीच यह बेहद लोकप्रिय था।
नेशन आॅफ इस्लाम के लीडर 'इलीजाह मुहम्मद' की कथनी और करनी में अन्तर देखने और खुद समाजवाद की तरफ झुकने के कारण दोनो में काफी तनाव आ गया और अन्ततः मैल्कम एक्स ने नेशन आॅफ इस्लाम छोड़कर 'मुस्लिम मास्क' की स्थापना की और अन्ततः सेक्यूलर विचारधारा तक पहुचते हुए अपनी मृत्यु के कुछ ही समय पहले 'आर्गनाइजेशन आॅफ अफ्रो-अमरीकन यूनिटी' की स्थापना की।
इसी समय मार्टिन लूथर किंग जूनियर भी सक्रिय थे। उनका 'सिविल राइट्स मूवमेन्ट' अपने उभार पर था। कालों के मताधिकार को व्यवहार में हासिल करने के लिए प्रसिद्ध 'सेल्मा मार्च' 1964 में ही हुआ था। पिछले साल इस मार्च के 50 साल होने पर 'सेल्मा' नाम से एक फिल्म भी रिलीज हुई थी जो काफी चर्चित हुई थी।
बहरहाल 'मैल्कम एक्स' और 'मार्टिन लूथर' दोनो ही समस्या और समाधान को दो विपरीत नजरिये से देख रहे थे।
मार्टिन लूथर किंग को अमेरिकी लोकतंत्र के मूल्यों में काफी विश्वास था और वे इन मूल्यों और अमरीकी राजनीति के बीच एक अन्तरविरोध व तनाव देख रहे थे। सरल शब्दों में कहें तो वे इसी व्यवस्था में अमरीकी लोकतंत्र के 'मूल्यों' को जमीन पर उतारते हुए काले लोगोें के अधिकारों की गारंटी चाहते थे। जबकि मैल्कम ऐसे किसी अमरीकी मूल्य के अस्तित्व से ही इंकार करते थे। बल्कि अमरीकी लोकतंत्र को 'मैल्कम एक्स' एक साम्राज्य के रुप में देखते थे। और इसके विध्वंस में ही काले लोगों की मुक्ति देखते थे। बाद में समाजवाद की ओर झुकने के बाद उन्होने काले लोगों की मुक्ति को गोरे उत्पीडि़त मजदूरों व अन्य शोषित समुदायों के साथ जोड़कर देखना शुरु किया।
मैल्कम एक्स का कहना था कि अमरीका विदेशो में ही नही बल्कि देश के अन्दर भी एक उपनिवेश बनाये हुए है जिसमें मुख्यतः काले लोग और यहां के मूल निवासी 'रेड इंडियन्स' हैं। मैल्कम एक्स का यह कथन सत्य के काफी करीब है। कोलम्बस के आने के समय आज के अमरीका में वहां के मूल निवासियों की संख्या करीब 1करोड़ 50 लाख थी। 1890 तक आते आते यह महज 2लाख 50 हजार तक रह गयी। यानी 98 प्रतिशत लोग यूरोपियन लोगो की क्रूरता के शिकार हो गये। इस पर एक बहुत ही प्रामाणिक डाकूमेन्ट्री 'दी कैनरी इफेक्ट' है। 'हावर्ड जिन' ने अपनी किताब A People's History of the United States में साफ बताया है कि अमेरिकी लोकतंत्र वहां के मूल निवासियों के जनसंहार और काले लोगों की गुलामी पर खड़ा है। मैल्कम एक्स इसी अर्थ में 'भीतरी उपनिवेश' की बात कर रहे थे। ऐसा ही भीतरी उपनिवेश आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैण्ड में भी है। आस्ट्रेलिया के इस भीतरी उपनिवेश पर 'जाॅन पिल्जर' ने बहुत ही बेहतरीन फिल्म 'यूटोपिया' बनायी है।
इसी संदर्भ में मैल्कम एक्स ने अल्जीरिया के क्रान्तिकारी 'फ्रेन्ज फेनन' की बहुचर्चित किताब The Wretched of the Earth का कई बार जिक्र किया है।
इसी अर्थ में एक जगह मैल्कम एक्स ने लिखा है-'' यदि गोरों की वर्तमान पीढ़ी को उनका सच्चा इतिहास पढ़ाया जाय तो वे खुद 'गोरे-विरोधी' हो जायेंगे।'' इस कथन के बहुत ही गहन मायने है। हम भी भारत के संदर्भ में कह सकते हैं कि यदि ब्राहमणों और ऊंची जाति की वर्तमान पीढ़ी को उसका सच्चा इतिहास पढ़ाया जाय तो वे भी 'ब्राहमणवाद विरोधी' हो जायेंगी।
मार्टिन लूथर किंग जहां काले लोगों के गोरों के साथ एकीकरण के हिमायती थे वहीं मैल्कम इसके खिलाफ थे। और वर्तमान व्यवस्था में इसे असंभव मानते थे। इसलिए वे हर क्षेत्र में कालों की 'अलग पहचान' के हिमायती थे। काले लोगों में पैदा हुए मध्य वर्ग के वे मुखर आलोचक थे। उनके अनुसार यही वर्ग गोरे लोगों के साथ एकीकरण के लिए लालायित रहता है। भले ही इसके लिए उसे अपनी आत्मा ही क्यो ना बेचनी पड़े। पूंजीवाद और साम्राज्यवाद की तरफ से देखे तो यह एकीकरण काले लोगों के एक हिस्से को राजनीतिक रुप से नपुंसक बनाने की साजिश है। इस सन्दर्भ में मैल्कम एक्स ने एक बहुत ही अच्छा रुपक दिया है। उन्होंने कहा कि जब आप मछली पकड़ने के लिए चारा डालते है तो मछलियों को लग सकता है कि आप उनके दोस्त है और उनके लिए चारा डाल रहे हैं, लेकिन उन्हे नहीं पता होता कि चारे की ऊपर एक हुक भी लगा है जो उन्हे अपने समुदाय से अलग करके उनकी जान ले लेगा। मैल्कम एक्स के इस कथन को हम अपने देश में भी लागू करके इसकी सच्चाई को परख सकते हैं।
हिंसा-अहिंसा के सवाल पर भी इन दोनों के रास्ते अलग थे। मार्टिन लूथर जहां अहिंसा के पुजारी थे। और साधन को साध्य से ज्यादा पवित्र मानते थे वहीं मैल्कम एक्स इस जड़ता से मुक्त थे। और इस संदर्भ में उनका रुख काफी लचीला था। उनका कहना था कि स्वतंत्रता के लिए 'हिंसा सहित जो भी जरुरी साधन हो' उसका प्रयोग किया जाना चाहिए। 'स्व रक्षा' के लिए हथियार बन्द होने का भी नारा मैल्कम एक्स ने दिया। ब्लैक पैंथर पार्टी पर इसका काफी असर हुआ। विशेषकर ब्लैक पैंथर पार्टी के संस्थापक 'बाबी सील' पर इसका काफी असर हुआ। ब्लैक पैंथर पार्टी का पहला ही प्रदर्शन सशस्त्र था जिस पर इन्हे गिरफ्तार कर लिया गया था।
मैल्कम एक्स अपने अन्तिम समय में काले लोगों की मुक्ति को दुनिया के तमाम शोषितों के साथ जोड़ कर देख सके। पूंजीवाद और साम्राज्यवाद की उनकी समझ लगभग वही थी जो उस समय के तमाम कम्युनिस्ट क्रान्तिकारियों की थी। इसीलिए वे कालों व अन्य शोषित लोगों की मुक्ति को इस व्यवस्था में असंभव मानते थे। इस पूंजीवादी-साम्राज्यवादी व्यवस्था के ध्वंस पर ही शोषितों की असली स्वतंत्रता कायम होनी है। इसी संदर्भ में अपनी मृत्यु के कुछ ही समय पहले ही मैल्कम एक्स ने कहा था कि स्वतंत्रता की कीमत मृत्यु है।
मैल्कम एक्स ने अपनी जीवनी 'रूट्स' नामक मशहूर किताब के लेखक 'एलेक्स हेली' को बोलकर लिखवायी जो काफी चर्चित हुई। आप यह किताब[Malcolm_X,_Alex_Haley,_Attallah_Shabazz]_The_Auto(BookZZ.org) डाउनलोड कर सकते है।
http://kritisansar.noblogs.org/
गौरेतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपनी सरकार की पहली सालगिरह की पूर्वसंध्या पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के गांव नगला चंद्रभान में आयोजित जनकल्याण रैली को संबोधित करते हुए पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने लोगों से पूछा कि बीजेपी सरकार बनने के बाद बुरे दिन गए या नहीं? आगे कहा, 'अब जिनके बुरे दिन आए हैं, वे चीख रहे हैं और चिल्ला रहे हैं। जिनके बुरे दिन अब आए हैं, उनके अच्छे दिन आने की अब कोई गारंटी नहीं है।'
'अच्छे दिन आने' के मोदी सरकार के दावे की कांग्रेस द्वारा की जा रही आलोचनाओं के पलटवार में मोदी ने कहा, 'जिनके बुरे दिन आए हैं, उन्हें चीखने चिल्लाने दीजिए। उन्हें तो चीखना ही है, उनकी परेशानियां मैं समझता हूं। और हम ऐसा करेंगे कि बुरा करने वालों के और बुरे दिन आएंगे। बुरा करने वालों के सारे बुरे कारनामे बंद होकर रहेंगे और देश को हम नई उंचाइयों पर ले जाएंगे।'
मसलन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कर अधिकारियों से कहा कि वे देश में समानांतर अर्थव्यवस्था को सही तरीके से कुचलने की कार्रवाई करें। साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि ईमानदार करदाताओं को काला धन के खिलाफ नये कानून से डरने की कोई जरूरत नहीं है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के शीर्ष अधिकारियों के सम्मेलन को आज यहां संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, '' समानांतर अर्थव्यवस्था को कुचलने की जरूरत है और यह काम बहुत उचित तरीके से करना है न कि कटु तरीके से। वरिष्ठ
अधिकारी होेने के नाते आप को यह काम करते समय आपको ईमानदारी के सर्वश्रेष्ठ स्तर को बरकरार रखना है।''
विदेश में जमा कालेधन को वापस लाने से जुड़े नए कानून के संबंध में जेटली ने कहा ''किसी ईमानदार करदाता को इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। इसके निशाने पर सिर्फ वे हैं जिन्होंने विदेश में काला धन सम्पत्ति जमा किया है.. या जो कानून के अनुपालन की अनिवार्यता की उपेक्षा करना चाहते हैं।''
वित्त मंत्री ने कर अधिकारियों से कहा, ''हर नेक मंशा वाला सलाहकार आपसे कहेगा कि कर का आधार बढ़ना चाहिए। काला धन खत्म किया जाना चाहिए और साथ ही यदि आप ऐसा करने के लिए कदम उठाते हैं तो आपको उन सख्त कार्रवाई पर तंज भी सुनने होते हैं।''
मंत्री ने कहा कि सरकार ने काले धन की समस्या से निपटने के लिए कई पहलें की हैं। इनमें संसद द्वारा काला धन कानून पारित करना और घरेलू गैरकानूनी संपत्ति से निपटने के लिए बेनामी सौदा :निषेध: अधिनियम का पेश किया जाना शामिल है।
मसलन हर अखबार में हर बाषा में छपा मोदी महाराज का यह प्रेमपत्रः
PM'S LETTER
मोदी, शाह और जेटली की तिकड़ी का राज़
बीबीसी हिन्दी-1 घंटे पहले
नरेंद्र मोदी, अमित शाह और अरुण जेटली के बीच का रिश्ता तीसरी श्रेणी में आता है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे अरूण शौरी मानते हैं कि मोदी, शाह और जेटली की तिकड़ी ही देश और बीजेपी की सरकार को चला रही है. शौरी ...
देश में अब है विजिबल सरकार, PM मोदी ने PMO ऑफिस ...
Zee News हिन्दी-47 मिनट पहले
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आज एक साल पूरे कर लिए है। इस मौके पर नई दिल्ली के बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने मोदी सरकार की जमकर सराहना की और कहा कि सरकार ने हर मोर्चे पर ...
Live हिन्दुस्तान-17 मिनट पहले
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मोदी सरकार के एक साल पर युवा भारत का पहला सर्वे
दैनिक भास्कर-6 घंटे पहले
कैसा रहा मोदी सरकार का एक साल? युवा भारत से दैनिक भास्कर ने पूछा। युवा ही क्यों? क्योंकि वे ही गेमचेंजर थे। देश के 83 करोड़ मतदाताओं में 45 करोड़ युवा। इनके वोट से ही तीस साल में पहली बार पूरे बहुमत की सरकार बनी। मगर सरकार चली ...
सरकार की सालगिरह पर PM मोदी ने मथुरा में लोगों से ...
आज तक-9 घंटे पहले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार 26 मई को सत्ता के सिंहासन पर एक साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. जबकि ठीक एक दिन पहले सोमवार को उन्होंने मथुरा में महारैली के मंच से देश को सालभर के कामकाज का ब्योरा दिया. प्रधानमंत्री ने कहा ...
Live हिन्दुस्तान-6 घंटे पहले
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मोदी के इलाक़े में ये कौन वाहवाही लूट रहा है?
बीबीसी हिन्दी-17 घंटे पहले
समाजवादी पार्टी के विधायक सुरेन्द्र पटेल ने बनारस के दूसरे भाजपा विधायकों और नरेंद्र मोदी के 'मिनी पीएमओ' की नींद उड़ा रखी है. सांसद मोदी के चुनाव क्षेत्र में आने वाली सेवापुरी विधानसभा सीट से विधायक और अखिलेश यादव की ...
'मोदी को C+ या B- से ज़्यादा नहीं दे सकता'
बीबीसी हिन्दी-4 घंटे पहले
उन्होंने कहा, "मोदी जी का गुजरात मॉडल गुजरात में ही बेहतर हो सकता है. हालांकि ये मेरे निजी विचार हैं लेकिन यूरोप और दूसरी दुनिया में कभी भी किसी एक शहर को दूसरे की तर्ज़ पर बनाने की कोशिश नहीं की गई. तब बनारस को क्योटो या ...
मोदी: 12 महीने 30 तस्वीरें
बीबीसी हिन्दी-2 घंटे पहले
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में सोमवार को एक साल पूरा कर लिया है. ... कभी लाखों रुपए के सूट की वजह से तो कभी सेल्फ़ी के प्रति अधिक लगाव के कारण मोदी की आलोचना होती रही. 30 तस्वीरों में देखिए मोदी के एक साल का सफ़र.
मोदी सरकार को आज एक साल पूरा, पीएम ने जनता को ...
एनडीटीवी खबर-4 घंटे पहले
नई दिल्ली: 26 मई 2014, यानी आज ही के दिन ठीक एक साल पहले केंद्र में मोदीसरकार आई थी। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन को 336 सीटें हासिल हुईं थीं, जिनमें से 282 सीटें तो सिर्फ बीजेपी की थीं। जनता ने बहुमत दिया तो ...
Webdunia Hindi-2 घंटे पहले
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नरेंद्र मोदी मथुरा में, कुछ ही देर में जनकल्याण ...
एनडीटीवी खबर-19 घंटे पहले
मथुरा: एनडीए सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीआज मथुरा में रैली करेंगे। पीएम मोदी मथुरा पहुंच गए हैं और उन्होंने वहां दीनदयाल धाम में लोगों को संबोधित भी किया। अब पीएम मोदी कुछ ही देर में ...
ABP News-18 घंटे पहले
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मोदी सरकार में ये पांच मंत्री हैं 'बेस्ट'
ABP News-3 घंटे पहले
नई दिल्ली: केंद्र में मौजूद मोदी सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने जा रहा है. एक साल पूरा होने के मौके पर एबीपी न्यूज अपने दर्शकों के लिए एक खास पेशकश लेकर आया है जिसमें हम आपको ये बताएंगे कि बीते 1 साल में मोदीसरकार के ...
Sanjeevni Today-2 घंटे पहले
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एक साल में धरती के चार चक्कर काट चुके हैं मोदी
Live हिन्दुस्तान-2 घंटे पहले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले एक साल में धरती के लगभग चार चक्कर काट चुके हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तो उनसे भी आगे निकल गई हैं। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस मामले में पीछे नहीं थे। अपने कार्यकाल के पहले ...
दैनिक जागरण-1 घंटे पहले
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मोदी सरकार का एक साल पूरा, पीएम बोले सरकार में ...
Live हिन्दुस्तान-20 मिनट पहले
प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल का एक वर्ष पूरा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों का ब्यौरा दिया, जिनमें अर्थव्यवस्था में सुधार लाने से लेकर गरीबों के लिए उठाए जाने वाले कदम तक ...
सरकार के एक साल पूरे होने पर मोदी ने रीलॉन्च की ...
ABP News-2 घंटे पहले
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेबसाइट एक साल के मौके पर री लॉन्च की गई है. पीएम मोदी की वेबसाइट पर सरकार की एक साल उपलब्धियों के बारे में बताया गया है. आज मोदी सरकार का एक साल पूरा हो रहा है. पिछले साल 26 मई को ही ...
मोदी की रैली की 7 खास बातें, जो आपने कहीं नहीं ...
अमर उजाला-2 घंटे पहले
मथुरा में दीनदयाल उपाध्याय स्मारक में जब पीएम मोदी पहुंचे तो उनके बैठते ही चाय आ गई। मोदी अब हासपरिहास के मूड में थे। मोदी ने कहा भाई क्या बात है जहां मैं जाता हूं वहां चाय ही पकड़ा दी जाती है। यहां कोई ठंडाई की बात क्यों ...
मोदी के सपने हकीकत से कोसों दूर: राजबब्बर
ABP News-2 घंटे पहले
कांग्रेस महासचिव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''नरेन्द्र मोदी ने लोगों को सपने दिखाकर सत्ता हासिल की. और एक वर्ष बाद वे सपने दिवास्वप्न बन गए हैं क्योंकि उनके डायलॉग हकीकत से काफी दूर हैं.'' मोदी के चुनाव पूर्व भाषणों पर ...
दिल्ली में दलालों की जगह नहीं: मोदी
बीबीसी हिन्दी-18 घंटे पहले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार का एक साल पूरे होने के मौके पर भी अपनी उपलब्धियां गिनाने से पहले, पिछली यूपीए सरकार की कारग़ुजारी पर ही निशाना साधा. नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब दिल्ली में दलालों की कोई जगह नहीं है.
धन्ना सेठों की जेबों में बैठे लोगों के बुरे दिन ...
बीबीसी हिन्दी-14 घंटे पहले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में अपनी सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर मथुरा में जन कल्याण रैली को संबोधित किया है. उन्होंने पिछली यूपीए सरकार को जमकर लताड़ा और दावा किया कि दिल्ली में अब दलालों की कोई जगह ...
पंजाब केसरी-11 घंटे पहले
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मोदी सरकार की पहली वर्षगांठ, कांग्रेस ने किया ...
प्रभात खबर-13 घंटे पहले
नयी दिल्ली : केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की पहली वर्षगांठ की पूर्वसंध्या पर आज कांग्रेस ने कई मोर्चों से निशाना साधते हुए कहा कि अच्छे दिन सिर्फ सरकार के नजदीकी उद्योगपतियों के आए हैं तथा उसने सरकार पर देश के लोकतांत्रिक ...
मनी कॉंट्रोल-2 घंटे पहले
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गुमनाम जिंदगी से लेकर सत्ता के शिखर तक मोदी ...
दैनिक जागरण-17 मिनट पहले
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने आज सत्ता के सिंहासन पर एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। अच्छे दिनों का सपना दिखाकर भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की और 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पदभार संभाला।
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चिदंबरम का मोदी सरकार पर तंज, कहा- 'अच्छे दिन' तो बस ...
एनडीटीवी खबर-18 घंटे पहले
नई दिल्ली: एक साल पूरा होने पर जहां मोदी सरकार अपनी उपलब्धियों के बखान में जुटी है वहीं कांग्रेस भी सरकार की नाकामयाबियों का पिटारा खोलकर बैठ गई है। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि मोदी सरकार ने पिछले एक साल में ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखी देश के नाम ...
प्रभात खबर-20 मिनट पहले
नयी दिल्ली : अपनी सरकार के एक साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के नाम एक पत्र लिखा है. लगभग सभी अखबारों में छपे अपने इस पत्र में मोदी ने अपनी एक साल की उपलब्धियों के बारे में लिखा है. पीएम मोदी ने इस ...
ABP News-3 घंटे पहले
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जानें मोदी सरकार का एक साल पूरा होने पर क्या बोला ...
एनडीटीवी खबर-3 घंटे पहले
सीआईआई के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश में निवेश करने वालों का मूड बदल दिया है और विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए अहम फैसले लिए हैं। केंद्र सरकार के फ़ैसलों से निवेशकों में भरोसा ...
मोदी 365 पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार : 'यह ...
एनडीटीवी खबर-4 घंटे पहले
अगर आप किसी बात की सरल व्याख्या नहीं कर सकते तो आपने उसे कायदे से समझा नहीं है, यह अल्बर्ट आइंस्टाइन ने कहा था। मोदी सरकार अपना पहला साल पूरा करने जा रही है और सरकार ने हासिल क्या किया है? मोदी सरकार के सबसे मुखर मंत्रियों ...
'मोदी की कथनी और करनी प्रेरणादायी'
बीबीसी हिन्दी-9 घंटे पहले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक नेता के तौर पर उभरने से भारत एक बार फिर बेहतर अर्थव्यवस्था और आकर्षक निवेश की राह पर चल पड़ा है. उनकी कथनी और करनी प्रेरणादायी रही है. उन्होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देशों के नेताओं को ...
LIVE: 44 डिग्री तापमान में भी पीएम मोदी को सुनने ...
Live हिन्दुस्तान-20 घंटे पहले
केंद्र सरकार के एक साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को मथुरा के दीनदयाल धाम में विशाल रैली को संबोधित करते हुए विपक्ष पर हमला बोला। अपने को प्रधानमंत्री के बजाय प्रधानसंतरी संबोधित करते हुए पिछले एक साल को ...
नरेंद्र मोदी की राजनीति: कांग्रेस के प्रतीक हड़पो ...
अमर उजाला-1 घंटे पहले
एक सच की तरह स्थापित हो चुका है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाहर लाल नेहरू को घृणा करने की हद तक नापंसद करते हैं। नेहरू के बरक्स उनकी पसंद सरदार वल्लभ भाई पटेल हैं। उनकी पार्टी भाजपा और उनके मातृ संगठन आरएसएस के लिए महात्मा ...
'एक साल देश बेहाल' मोदी सरकार पर कांग्रेस की बुकलेट
एनडीटीवी खबर-17 घंटे पहले
नई दिल्ली: 26 मई को मोदी सरकार का एक साल पूरा हो रहा है और इसी दिन कांग्रेस केंद्र सरकार पर एक बुकलेट के ज़रिए हमला करने जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ कांग्रेस ने इस बुकलेट का नाम दिया है 'एक साल देश बेहाल'।
दैनिक जागरण-14 घंटे पहले
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बीते 1 साल में ये रहे मोदी सरकार के फेल मंत्री
ABP News-15 घंटे पहले
नई दिल्ली: केंद्र में मौजूद मोदी सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने जा रहा है. एक साल पूरा होने के मौके पर एबीपी न्यूज अपने दर्शकों के लिए एक खास पेशकश लेकर आया है जिसमें हम आपको ये बताएंगे कि बीते 1 साल में मोदीसरकार के ...
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का पीएम नरेंद्र ...
एनडीटीवी खबर-22 घंटे पहले
अपने विधायक पुत्र जयवर्धन सिंह के हाल ही में नई दिल्ली में हुए विवाह के सिलसिले में आयोजित स्वागत समारोह के लिए भोपाल आए सिंह ने कहा, ''मोदीसरकार का पिछले एक साल का प्रदर्शन शून्य रहा है, लेकिन वह (मोदी) अपने मुंह से ही अपनी ...
ABP News-24/05/2015
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मोदी सरकार: उम्मीदों की दीवार से टकराती कोशिशें
Deutsche Welle-16 घंटे पहले
पिछले साल संसदीय चुनाव जीतने के लिए मोदी ने राजनीति, बौद्धिक और मार्केटिंग हुनर का इस्तेमाल किया था. अब एक साल बाद उनकी सरकार को उन्हीं कसौटियों पर तौला जाएगा. जब लोगों ने उच्च पदों पर व्यापक भ्रष्टाचार और अकर्मण्यता के ...
विदेश नीति में नई ऊर्जा डाल दी है मोदी ने
आईबीएन-7-4 घंटे पहले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले एक साल के कार्यकाल का सबसे ज्यादा प्रभाव जहां महसूस किया जा रहा है वो है भारत की विदेश नीति। जब तक मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब तक यह समझा जाता था कि विदेश नीति पर उनकी पकड़ 'सीमित' है ...
जनविरोधी है मोदी सरकार
दैनिक जागरण-6 घंटे पहले
पूर्व सांसद महाबल मिश्रा ने कहा कि एक साल में मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। यह सरकार पूंजीपतियों की है। इसके फैसले पूंजीपतियों के लिए होते हैं। गरीब लोग जैसे पहले थे वैसे ही आज भी हैं। दिल्ली में अपराध चरम पर है। नरेंद्र ...
मोदी विरोध में भूले मर्यादा, किया 'शर्मनाक' काम
अमर उजाला-2 घंटे पहले
उन्होंने गधों के गले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित कई बड़ नेताओं के फोटो लटका रखे थे। सबसे शर्मनाक यह रहा कि जुलूस की तरफ पुलिस ने पीठ घुमा ली तो प्रशासन न चुप्पी साध ली।
मोदी सरकार के एक साल : शेयर बाजार में अडाणी ऊपर ...
Zee News हिन्दी-14 घंटे पहले
मुंबई : केन्द्र में मोदी सरकार के एक साल पूरा होने के साथ स्थानीय शेयर बाजारों में निवेशकों का धन 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़ चुका है। शेयरों में तेजी से जहां टाटा, अडाणी, भारती, एचडीएफसी और सन ग्रुप जैसे उद्योग घरानों को ...
Sanjeevni Today-14 घंटे पहले
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मोदी सरकार से 72 फीसद लोग संतुष्ट
दैनिक जागरण-11 घंटे पहले
नई दिल्ली। केंद्र में एक साल पूरा करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार के प्रदर्शन से 72 फीसद से अधिक लोग संतुष्ट हैं, जबकि 56 फीसद लोगों को कहना है कि मोदी एक प्रभावशाली प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने भारत की वैश्विक छवि सुधारने में ...
आज तक-24/05/2015
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नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज का असर 18-24 महीने ...
प्रभात खबर-2 घंटे पहले
नयी दिल्ली : पिछले एक साल में मोदी सरकार द्वारा की गई पहल की सराहना करते हुए उद्योग मंडल फिक्की ने आज कहा कि जमीन पर परिणाम दिखने में 18-24 महीने लगेंगे. हालांकि, उद्योग मंडल ने कहा है कि कारोबार करने में सुगमता के मामले ...
नवभारत टाइम्स-13 घंटे पहले
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मोदी सरकार के आने से देश का माहौल बदला
दैनिक जागरण-15 घंटे पहले
संप्रग सरकार के समय पूरे देश में निराशा का माहौल था। कंपनियां अपने नए प्रोजेक्ट को शुरू करने में संकोच कर रही थी, जिससे देश में बेरोजगारी बढ़ रही थी, वहीं विभिन्न घोटालों ने देश की छवि वैश्विक पटल पर खराब कर दी थी, लेकिन जब से ...
मोदी सरकार का एक साल : पढ़ें कांग्रेस नेताओं ने ...
एनडीटीवी खबर-24/05/2015
नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार को एक साल पूरा होने को है और पीएम सहित तमाम मंत्री सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं। वहीं विपक्ष मोदी सरकार को नाकाम बता रहा है। सरकार पर सबसे ज्यादा हमले तो मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की ...
आरएसएस, विहिप ने मोदी सरकार पर राम मंदिर बनाने का ...
प्रभात खबर-7 घंटे पहले
नागपुर : मोदी सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर आरएसएस और विहिप ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का दबाव बनाया और भाजपा से कहा कि लोकसभा चुनावों में इस बारे में किए गए वादों को पूरा करे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह ...
News Track-4 घंटे पहले
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LIVE: रैली में पहुंचे मोदी, पेश करेंगे सरकार का ...
अमर उजाला-19 घंटे पहले
यमुना की अविरल धारा और प्रदूषण से मुक्ति के लिए ब्रज की धरा से मुखर आंदोलन करने वाले यमुना भक्तों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रज आगमन पर बड़ी उम्मीदें हैं। इसकी बड़ी वजह पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान मथुरा की चुनावी ...
दैनिक जागरण-12 घंटे पहले
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मोदी सरकार का पहला साल: देखते रहें NDTV इंडिया पर ...
एनडीटीवी खबर-18 घंटे पहले
केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार 26 मई को अपना एक साल का कार्यकाल पूरा कर रही है। अच्छे दिनों के वादे के बीच क्या वाकई अच्छे दिन आए या फिर यह केवल एक मुहावरा बन कर रह गया? एनडीटीवी इंडिया इस पर कर रहा है पड़ताल.
मोदी सरकार का एक साल : विपक्ष के आरोपों के बीच BJP ...
एनडीटीवी खबर-24/05/2015
नई दिल्ली: पीएम मोदी की सरकार का एक साल पूरा हो चुका है और पार्टी सरकार की उपलब्धियां गिनाने की पूरी तैयारी में भी है। इसके लिए पार्टी ने 25 से 31 मई के बीच 'जनकल्याण पर्व' का आयोजन किया है। पार्टी ने चुनाव पूर्व कार्यक्रमों ...
Pressnote.in (कटूपहास) (प्रेस विज्ञप्ति) (सदस्यता)-25/05/2015
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'मोदी जी कामयाब नहीं होंगे'
बीबीसी हिन्दी-24/05/2015
मुझे लगता है कि मोदी स्वच्छ भारत अभियान गांधीवादी तरीके से चलाना चाहते हैं. हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक समस्याओं से जूझना नेक और महत्वाकांक्षी काम है. गांधी ने ये काम निरंतर निजी उदाहरण पेश कर किया, जैसे कि अपना ...
'मोदी ने अपने चीन दौरे में भारत को अपमानित किया'
दैनिक जागरण-3 घंटे पहले
पणजी। कांगे्रस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हाल के चीन दौरे के दौरान अपने नागरिकों की आलोचना करके भारत को अपमानित करने का आरोप लगाया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की मीडिया सेल की प्रभारी प्रणिती शिंदे ने ...
ये हैं मोदी सरकार की 25 बड़ी उपलब्धियां और 25 ...
Live हिन्दुस्तान-24/05/2015
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के एक साल पूरा होन के मौके पर विश्लेषकों ने सरकार की 25 उपलब्धियां और 25 चुनौतियां गिनाईं हैं। आप भी जानिए... उपलब्धियां 1. जन धन योजना के तहत 15 करोड़ से अधिक बैंक खाते खुले, जीवन बीमा और ...
ABP News-24/05/2015
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नमो@365 : अच्छे दिन का हिसाब ; कहां हुए फेल, कहां ...
दैनिक भास्कर-4 घंटे पहले
'अच्छे दिन आने वाले हैं' का नारा देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में आए थे। एक साल के दौरान उन्होंने 18 विदेश दौरे किए। कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई तो पेट्राेल-डीजल सस्ता हुआ। लेकिन फरवरी के बाद कीमतें फिर बढ़ने ...
मोदी, सरकार और 1 साल
आईबीएन-7-20 घंटे पहले
इस शानदार जीत के बाद बीजेपी के तमाम दिग्गज अपने स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदीके आगे नतमस्तक हो गए। बीजेपी नेताओं को आभास था कि ये प्रचंड बहुमत एक व्यक्ति के नाम पर मिला है और इस चमकते सितारे के आगे अभी नहीं झुके तो कहीं देर ...
Jansatta-24/05/2015
विस्तृत रूप से एक्सप्लोर करें (10 और लेख)
एक साल में करिश्माई काम किया है मोदी सरकार ने ...
Zee News हिन्दी-16 घंटे पहले
मुक्तसर (पंजाब) : पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पिछले एक वर्ष में नरेन्द्र मोदी नीत राजग सरकार के कार्यों की प्रशंसा की है और कहा कि उन्होंने कम समय में ही करिश्मा कर दिया जिसे कांग्रेस दो दशक में भी नहीं कर पाएगी।
Dainiktribune-12 घंटे पहले
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गोमांस के मुद्दे पर मोदी से नाराज शंकराचार्य
आज तक-24/05/2015
केंद्र में काबिज नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल के कामकाज पर अलग-अलग धर्मो से जुड़े धर्मगुरुओं और धर्माचार्यो ने संतुलित प्रतिक्रिया व्यक्त की है. ज्यादातर धर्मगुरुओं ने मोदी सरकार के काम की तारीफ की. धर्मगुरुओं का मानना ...
khaskhabar.com हिन्दी-19 घंटे पहले
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बरकरार है पीएम मोदी और सांसद वीके सिंह का जादू
दैनिक जागरण-17 घंटे पहले
राज कौशिक, गाजियाबाद : विरोधियों के तमाम दावों-प्रतिदावों के बावजूद आम जनता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्रेज और भरोसा कम हुआ हो, ऐसा नहीं लगता।मोदी की नीयत और नीति पर लोगों का भरोसा बरकरार है। मोदी सरकार में ...
एक साल बाद, मोदी सरकार के सामने अब भी हैं ये पांच ...
अमर उजाला-24/05/2015
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि पिछले वर्ष जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी, तो उससे काफी उम्मीदें पाल ली गई थीं, जोकि संभवतः अव्यवहारिक या अवास्तविक थीं। वह यह भी कहते हैं कि सरकार ने निवेश के लायक माहौल बनाया ...
मोदी के पहले साल पर अमेरिकी मीडिया का ...
Zee News हिन्दी-1 मिनट पहले
न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार का आज एक साल पूरा हो गया और अमेरिकी मीडिया ने मोदी सरकार की उपलब्धियों पर आलोचनात्मक रूख जाहिर करते हुए कहा है कि उनका महत्वाकांक्षी 'मेक इन इंडिया' ...
मोदी सरकार: एक साल के दावे और हक़ीक़त
Jansatta-19 घंटे पहले
नरेंद्र मोदी ने एक साल पहले मनमोहन सिंह की जिस लुंजपुंज और भ्रष्ट यूपीए सरकार को बुरी तरह हरा कर सत्ता हासिल की थी उसकी तुलना में उनकी सरकार का आगाज ऊर्जावान और गतिशील रहा है। मोदीसरकार न सिर्फ अतिरिक्त आत्मविश्वास के ...
गिफ्ट से तौबा,अब मोदी देते शादियों में आशीर्वाद
Oneindia Hindi-25/05/2015
मोदी का वहां पर स्वागत हुआ। मोदी ने वहां पर नव-दंपत्ती को फूलों का एक बुके दिया। इससे पहले अशोक होटल में ही मुलायम सिंह यादव के पौत्र के लालू यादव के पुत्र से विवाह के अवसर पर भी उन्होंने एक बुके ही नवदंपत्ती को भेंट किया था।
मोदी ने चिट्ठी लिख गिनाई उपलब्धियां, शाह बोले ...
दैनिक भास्कर-23 मिनट पहले
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के एक साल का शासन पूरा होने के उपलक्ष्य में देश की जनता को एक चिट्ठी लिखी है। यह चिट्ठी मंगलवार को सभी प्रमुख अखबारों में प्रकाशित हुई। इसमें मोदी ने अपने ...
मथुरा में मोदी, विपक्ष पर करारा हमला
मनी कॉंट्रोल-16 घंटे पहले
प्रधानमंत्री मोदी आज फिर कैम्पेन मोड में नजर आए। मथुरा में विशाल रैली को संबोधित करते हुआ नरेंद्रमोदी ने अपनी सरकार के पिछले साल के हर अभियान, हर स्कीम, हर उपलब्धि को गिनाया। साथ ही विपक्ष पर करारा हमला साधा। यहां तक कहां ...
मथुरा की जनता से ये वादे किए थे मोदी ने, नहीं हुए ...
Live हिन्दुस्तान-21 घंटे पहले
21 नवंबर 2013, दिन गुरुवार, स्थान- कोठी मीना बाजार, विजय शंखनाद रैली मेंमोदी कांग्रेस पर खूब बरसे थे, उस पर ... आज जब मोदी मथुरा आएंगे तो शायद कोई बड़ी घोषणा करें लेकिन फिलहाल तक तो हकीकत यही है कि मथुरा विकास के लिए तरस रहा है।
एक साल शुरुआत अनेक: नए अवतार में पीएम मोदी की ...
ABP News-2 घंटे पहले
नरेंद्र मोदी की वेब साइट एक साल के मौके पर री लांच की गई है. इसमें सरकार की एक साल उपलब्धियों के बारे में बताया गया है. दिखाने की कोशिश की गई है कि एक साल में कितना बदलाव लाया गया है. देखें पीएम की वेबसाइट के बदलाव की कहानी, ...
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दिग्विजय सिंह के बेटे की शादी में पहुंचे पीएम ...
एनडीटीवी खबर-22/05/2015
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बेटे जीववर्धन सिंह की शादी में आशीर्वाद देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे। वहां पर पीएम मोदीशाम को करीब 8:20 बजे पहुंचे। उनके वहां पहुंच पर खुद दिग्विजय ...
Live हिन्दुस्तान-23/05/2015
ABP News-22/05/2015
प्रभात खबर-22/05/2015
Oneindia Hindi-22/05/2015
विस्तृत रूप से एक्सप्लोर करें (32 और लेख)
मोदी यानी मर्डरर ऑफ डेमोक्रेटिक इंडिया: जयराम ...
आईबीएन-7-16 घंटे पहले
केंद्र में काबिज नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरा होने पर पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने बनारस के छावनी इलाके में स्थित एक होटल में मीडिया के सामने रिपोर्ट कार्ड रखा। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा ...
PM मोदी की रैली में जा रहे 45 लोग घायल
Zee News हिन्दी-2 घंटे पहले
पुलिस के मुताबिक, सभी बस सवार खुर्जा बुलंदशहर से मथुरा के नागला चंद्रभाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली मेें शिरकत करने के लिए जा रहे थे। पुलिस का कहना है कि राया बिचपुरी रोड के पास टायर पंचर होने से बस पलट गई और सभी 45 ...
सालभर बाद मोदी ने पूछा 'बुरे दिन गए या नहीं गए'
अमर उजाला-17 घंटे पहले
दीनदयाल धाम में अपने भाषण की शुरूआत मोदी ने वहीं से की जहां वह पूर्व की रैलियों में अपनी बात छोड़ चुके हैं। यानि पूर्व की यूपीए सरकार पर तीखे हमलों से। भाषण की शुरूआत में मोदी का जोर अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाने से ...
Pressnote.in (कटूपहास) (प्रेस विज्ञप्ति) (सदस्यता)-16 घंटे पहले
विस्तृत रूप से एक्सप्लोर करें (2 और लेख)
मोदी देश की छवि खराब करने के लिए माफी मांगे ...
Live हिन्दुस्तान-24/05/2015
कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशों में लगातार देश की छवि खराब कर रहे हैं और इसके लिए उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि मोदी जहां भी ...
मोदी सरकार किसान विरोधी : कसाना
दैनिक जागरण-14 घंटे पहले
जिला कांग्रेस कार्यालय पर हुई प्रेसवार्ता में जिलाध्यक्ष हरेंद्र कसाना ने कहा किमोदी सरकार किसान विरोधी है और उसका भंडा फूट चुका है। सरकार गरीबों और आम लोगों के खिलाफ एवं पूंजीपतियों के हित में नीतियां बना रही है।
'मोदी के डीएनए में ही जातिवाद'
ABP News-24/05/2015
पटना: बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डीएनए में ही जातिवाद है. उन्होंने कहा कि बिहार में जाति-आधारित राजनीति के खात्मे का उनका आह्वान ...
1 साल में इन 8 विदेशी मंदिरों में मोदी ने टेका ...
नवभारत टाइम्स-21 घंटे पहले
... उनके विदेशी दौरों पर भी साफ झलकती है। पिछले 1 साल में पीएम मोदी विदेशी दौरे पर जहां भी गए वहां वे मंदिरों के दर्शन करने से नहीं चूके। आगे की स्लाइड्स पर क्लिक करें और देखें किन 8 विदेशों मंदिरों में मोदी ने टेका मत्था।
मोदी 'मैं, मैं और सिर्फ मैं' में उलझ चुके हैं तो ...
ABP News-24/05/2015
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्लाह ने विदेशों में पिछली सरकार पर हमला करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा है. उमर ने कहा कि नरेंद्र मोदी मैं, मैं और सिर्फ मैं सिंड्रोम के शिकार हैं.
Zee News हिन्दी-24/05/2015
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मोदी ने की सिर्फ मन की बात, विकास नहीं
दैनिक जागरण-11 घंटे पहले
फीरोजाबाद: कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरीशंकर तिवारी का कहना है कि मोदी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में देश के विकास का पहिया थम सा गया है। पूरे वर्ष केवल मन की बात हुई, विकास कतई नहीं हुआ। वह सोमवार को पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे ...
मसलन
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