Friday, October 3, 2025

लिखना पृथ्वी के भविष्य के लिए

हम पृथ्वी के भविष्य के लिए लिखते हैं। हमारे हिस्से की जिंदगी छिन्नमूल है।जड़ों से जुड़ने और जड़ों को मजबूती देने का सबसे सही माध्यम निरंतर संघर्ष है तो जीना भी इसी संघर्ष का पर्याय है। लिखना हमारे लिए कुलीन वर्चस्व नहीं है, वंचित,विषम समाज और राष्ट्र और ब्रह्माण्ड में स्वतंत्रता, समानता, न्याय और शांति का लक्ष्य है। जहां,जिनके बीच जन्मा उस वर्ग के प्रति प्रतिबद्धता की सामाजिक जिम्मेदारी है। इसलिए लेखक, साहित्यकार, विशेषज्ञ हुए बिना हर विषय पर आवश्यकता के अनुसार लिखना ही पड़ता है क्योंकि हमारे लोग लिखने पढ़ने में अभ्यस्त नहीं हैं, उनके हिस्से का लेखन भी हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। हम किसी हैसियत से या हैसियत के लिए नहीं लिखते। लिखना हमारे लिए इस देश के सभी वंचितों के जीने मारने का सवाल है। दूसरों के लिए शोध, यश, धन, सम्मान, पद, पुरस्कार, डिग्री का मामला हो सकता है। यह मेरी निरंतर कथायत्रा है,जो अंतिम सांस तक जारी रहेगी।आप चाहे या न चाहे।यह भाषाई दक्षता या कौशल का मामला नहीं, अभिव्यक्ति का प्रश्न है। इतिहास बोध, दृष्टि और वैज्ञानिक चेतना के तहत प्रगति के लिए, मुक्ति संघर्ष के लिए भी अनिवार्य है।

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