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Sunday, April 7, 2013

आंबेडकर जयंती के दिन एसएससी की परीक्षा :बहुजनों के खिलाफ साजिश एच एल दुसाध


आंबेडकर जयंती के दिन एसएससी की परीक्षा :बहुजनों के 


खिलाफ साजिश 


एच एल दुसाध

Dusadh Hari Lal
  • आंबेडकर जयंती के दिन एसएससी की परीक्षा :बहुजनों के खिलाफ साजिश 
    एच एल दुसाध
    असंख्य दलित संगठन जहां 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती मानाने की तैयारियों में जुटे हैं,वहीं दलित छात्र संघ सरकार के एक निर्णय से आहत होकर एक नए आन्दोलन का मन बन बना रहे हैं.वे जिस निर्णय से आहत हैं, वह यह है कि कर्मचारी चयन आयोग ने 14 अप्रैल अर्थात आगामी आंबेडकर जयंती के दिन ही परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है.उन्हें इसमें बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर के अपमान और बहुजनों के खिलाफ साजिश दिखाई पड़ रही इसलिए उनमें इस बात को लेकर काफी आक्रोश है और वे परीक्षा तिथि आगे बढ़वाने के लिए वे संगठित होकर बड़ा अन्दोलन करने का मन बना रहे है.अपने इस आन्दोलन से वे अधिक से अधिक आंबेडकरवादियों को जोड़ने के लिए तरह-तरह का उपक्रम चला रहे हैं.इस आशय का एक परचा इस लेखक को भी मिला है जिसमें लिखा है-
    'कर्मचारी चयन आयोग 14 अप्रैल यानी बहुजनों के मुक्तिदाता बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर के जन्म दिवस को परीक्षा रखकर बाबासाहेब ही नहीं,समस्त बहुजन महापुरुषों का अपमान कर रहा है.तर्क के रूप में एक बेतुकी बात यह कही जा रही है कि कर्मचारी चयन आयोग रविवार के ही दिन परीक्षा लेता और 14 अप्रैल को रविवार है इसलिए उस दिन परीक्षा का आयोजन किया गया है.अब सवाल यह है कि क्या कभी आज तक होली,दीवाली ,दशेहरा या अन्य किसी त्यौहार के दिन रविवार नहीं आया है,यदि आया तो उसी दिन परीक्षा क्यों नहीं रखी गई?बहुजन युवाओं के खिलाफ एक सोची समझी साजिश है,जिसके अंतर्गत मनुवादी एवं बहुजन विरोधी सरकार और प्रशासन मिलकर एक तीर से दो शिकार करना कर रहे हैं.उनकी घटिया सोच यह है कि युवा वर्ग अगर एग्जाम देता है तो जयंती में शामिल नहीं हो पायेगा और अगर जयंती में कम युवा शिरकत करेंगे तो जयंती फीकी हो जायेगी.बहुजन युवा अगर जयंती में शिरकत करते हैं तो एग्जाम नहीं दे पाएंगे और उनकी नौकरियां सवर्णों के हिस्से में चली जायेंगी और बहुजन समाज आर्थिक रूप से कमजोर ही बना रह जायेगा.भारत में 14 अप्रैल राष्ट्रीय अवकाश है यह जानते हुए भी इस दिन परीक्षा रखना बाहुजनों के खिलाफ साजिश नहीं तो और क्या है?एग्जाम की तारीख रखी जा चुकी है लेकिन अब इस साजिश का पर्दाफास कर इसका समाधान करना है.
    बाबासाहेब ने इस देश को एक अनमोल कृति संविधान दिया जोकि विश्व के सर्वश्रेष्ठ संविधानों में एक एवं स्वतंत्रता,बंधुता एवं बराबरी के सिद्धांत पर आधारित है.हमें उनके द्वारा द्वारा हमारे लिए किये गए कार्यों को नहीं भूलना चाहिए और उनके जयंती उत्सव को धूमधाम से मनाना चाहिए.मेरी अम्बेडकरवादी साथियों और संगठनों से अपील है कि वो इस एग्जाम का विरोध कर ,इसे स्थगित कराएं.व्यक्तिगत तौर पर भी आप एक-एक पत्र प्रधानमंत्री,अनुसूचित जाति आयोग ,कर्मचारी चयन आयोग को अवश्य भेंजे .साल भर में यह जयंती उत्सव खुशियों भरा दिन होता है और सरकार एवं प्रशासन मिलकर हमारी खुशी हमसे छीन लेना चाहती है.हम सम्पूर्ण देश में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंप रहे हैं तथा इस एग्जाम को आगे के लिए स्थगित करने का पूर्ण प्रयास कर रहे हैं.आप सभी साथियों से भी सहयोग की आशा करते हैं.-क्रन्तिकारी जय भीम.' 
    दलित छात्र संगठनों द्वारा बनते जा रहे पर्चे का मजमून बतलाता है की आम्बेडकर जयंती के दिन परीक्षा अनुष्ठित कर्राए जाने को घोषणा से उनमें काफी आक्रोश है और वे परीक्षा तिथि आगे बढ़वाने के लिए किसी भी सीमा जा सकते.कारण, देवी देवताओं से काफी हद विमुख हो चले दलितों के दिलों मे अपने मसीहा डॉ आंबेडकर की छवि धीरे-धीरे ईश्वर के रूप स्थापित हो चली है और अब वे उनका अपमान सहन करने की स्थिति से ऊपर उठ चले हैं.ऐसे में जब यह रिकार्ड है कि आज तक होली,दीपाली,दुर्गापूजा या गाँधी जयंती के इत्यादि के दिन इस किस्म की परीक्षाओं का आयोजन नहीं हुआ है तब यदि परीक्षा की तिथि नहीं टलती है तो आंबेडकर जयंती मनाने पर आमादा दलित छात्रों के कारण राष्ट्र को किसी अप्रिय स्थिति का भी सामना करना पड़ सकता है.एसएससी को यह नहीं भूलना चाहिए कि 14 अप्रैल को रविवार की छुट्टी जरुर है पर,उस दिन राष्ट्रीय अवकास भी है जो उस आंबेडकर के नाम पर है जिन्हें देश की कोटि-कोटि जनता अपना मुक्तिदाता मानती है.अतः जनभावना का ख्याल करते हुए एसएससी को परीक्षा की तिथि टालने पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए.
    दिनांक:31 मार्च,2013

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