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Thursday, April 9, 2015

Mass rally for land rights, forest rights and labour rights in Robertsganj, Sonbhadra UP on 10 April. भू-अधिकार, वनाधिकार एवं श्रमाधिकार के लिए 10 अप्रैल 2015 को रॉबर्ट्सगंज , सोनभद्र चलो

Mass rally for land rights, forest rights and labour rights in Robertsganj, Sonbhadra UP on 10 April. The rally will be the unified struggle of the people of this region against illegal kanhar dam construction in Dudhi,  non implementation of the forest rights Act, atrocities on dalit and adivasi women, withdrawl of more than 10 thousand false cases on the tribal dalit an women in this district, arresting of the rapist kalwant aggarwal, arresting of negligent doctors of hindalco hospital Dr. Pramod yadav and CMO, stopping the corporate loot of the natural resources, protest against the new land bill by the NDA govt, end the atrocity on women. 
The rally will focus mainly on the illegal construction of the Kanhar dam on the Kanhar river in Dudhi despite a stay order by NGT that is given at the end of this handbill. 

Pl do  a good coverage of this rally. we will be sening the photos also. 

Regs
Roma


भू-अधिग्रहण रद्द करो                                                                                                                                भू-अधिकार लागू करो
भू-अधिकार, वनाधिकार एवं श्रमाधिकार के लिए
10 अप्रैल 2015 को रॉबर्ट्सगंज , सोनभद्र चलो
हाईडिल मैदान से जिला मुख्यालय तक
 रैली
समय: 11 बजे सुबह

भू-अध्यादेश को रदद करो! भू-अधिकार लागू करो! हत्यारी कनहर बांध परियोजना को रद्द करो! वनाधिकार कानून लागू करो ! अवैध खनन बन्द करो ! दलित आदिवासियों का उत्पीड़न बंद करो!  बलात्कारी कलवंत अग्रवाल को गिरफ्तार करो ! दलित महिला शोभा के माफियाओं द्वारा तोड़े गए घर का पुनर्निर्माण करो ! ओबरा खनन हादसे के आरोपियों को गिरफ्तार करा!े  हिंडालको के हत्यारे डाक्टर प्रमोद यादव एवं सीएमओ को गिरफ्तार करो ! वनाश्रित समुदायों पर लादे गए 10 हज़ार से भी ऊपर फर्जी मुकदमे वापिस लो ! कम्पनी राज को खत्म करो ! प्राकृतिक संसाधनों की कारपोरेटी लूट को बंद करो ! वन विभाग एवं वन निगम भारत छोड़ो ! महिलाओं पर अत्याचार बंद करो !

साथियों!
''भगतसिंह ने कहा था कि साम्राज्यवाद एक बड़ी डाकेजनी की साजिश के अलावा कुछ नहीं है। साम्राज्यवाद मनुष्य द्वारा मनुष्य के और राष्ट्र द्वारा राष्ट्र के शोषण का चरम है। साम्राज्यवादी अपने हितों और लूटने की योजनाओं को पूरा करने के लिए न सिर्फ न्यायालय व कानूनों का कत्ल करते है, बल्कि भयंकर शोषण को पूरा करने के लिए जंग और खौफनाक अपराध भी करते हैं। वे शान्ति व्यवस्था की आड़ में शान्ति व्यवस्था को भंग करते हैं। '' इसलिए मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे भू-अध्यादेश केवल कम्पनियों के द्वारा ज़मीन को लूटने का अध्यादेश हैं, जो कि हमारी जीविका एवं संस्कृति को पूरी तरह से तबाह कर देगा। इस अध्यादेश के खिलाफ हमें लाखों की संख्या में हस्ताक्षर कर महामहिम राष्ट्रपति को अपना विरोध दर्ज कराना है। तथा राज्य सरकार को भी चेतावनी देनी है कि भू-अध्यादेश की आड़ में वे कनहर की गैरकानूनी बांध  परियोजना को चालू नहीं कर सकते, जबकि इस परियोजना के खिलाफ एनजीटी का स्टे आर्डर है जो कि इस पर्चे के पीछे छपा है। कनहर बांध परियोजना अब प्राकृतिक सम्पदा की लूट के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन का प्रतीक है, जो कि इस क्षेत्र में पूर्व में बनाए गए रिहंन्ध बांध में 144 गाॅवों को डूबोये जाने का हिसाब-किताब चुकता करेगा। रिहन्द बांध में बेहद  निर्ममता से आदिवासियों की उपजाऊ भूमि व हज़ारों हैक्टयर जंगल डूबो दिए गए व कई-कई बार विस्थापन किया गया। आज एक बार फिर इसी रिहन्द बांध के साथ कनहर बांध को जोड़ने की यह हत्यारी साजिश राज्य व केन्द्र सरकार कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आज ज़रूरत है कि एक जुट हो कर सभी आंदोलन जो कि प्राकृतिक संसाधनों की लूट के खिलाफ संघर्ष कर रहे है, वनाधिकार के लिए व श्रमाधिकार के लिए लड़ रहे हैं, वे एक मंच पर आ कर इस साम्राज्यवादी लूट का मुहंतोड़ जबाव दें  और अपने जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए अपनी पूर्वजों की भूमि पर पुनर्दख़ल कायम करें  व अपने आंदोलन को ''जमीन वापसी आंदोलन'' के नाम की पहचान दें। दिल्ली में 2 अप्रैल 2015 को सभी जनसंगठनों ने यह ऐलान किया है, कि वे भू -अध्यादेश जो कि केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया है, उसका विरोध करेंगे व देश भर में सभी आंदोलनों को एकजुट करेंगे  एवं पदयात्राऐं करेंगे । जिससे लोगों में जागरूकता आए व जिससे नई आज़ादी का आंदोलन देश में खड़ा किया जा सके। इस बैठक में निम्न 7 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किये गयेः-
1. यह सामूहिक आंदोलन भूमि अधिकार संघर्ष आंदोलन के नाम से जाना जायेगा।
2. दिनांक 6 अप्रैल 2015 को एनडीए सरकार द्वारा पारित भू-अधिग्रहण अध्यादेश की प्रतियां देश भर में जलायी जायेंगी।
3. 5 मई 2015 को दिल्ली संसद मार्ग पर भूमि अधिकार संघर्ष रैली निकाली जायेगी।
4. सभी राज्यों व जिलों में भू-अधिग्रहण अध्यादेश के विरोध में जनांदोलन, पदयात्रायें, रेल रोको, रास्ता रोको व मानव श्रृंखला  बनाकर जूझारू आंदोलन किये जायेंगे।
5. देश भर से कम से कम 5 करोड़ हस्ताक्षर के लिये हस्ताक्षर अभियान चलाया जायेगा।
6. देश भर में ज़मीन वापसी आंदोलन चलाया जायेगा।
7. 9 अप्रैल 2015 को विजयवाड़ा, 10 अप्रैल को भुवनेश्वर, व 11 अप्रैल को पटना में राज्य स्तरीय आंदोलन होंगे।  

इन जनविरोधी नीतियों का व्यापक रूप से विरोध करने के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में 10 अप्रैल 2015 को राबर्ट्सगंज, सोनभद्र में हाईडिल मैदान पर एकत्रित हों  , जहां से विशाल जनसमूह की एक रैली जिला मुख्यालय तक अपना विरोध प्रर्दशन करने जाएगी। इस रैली में हमारे राष्ट्रीय स्तरीय स्वतंत्र ट्रेड यूनियन एन0टी0यू0आई के वरिष्ठ नेता एवं अखिल भारतीय वन-जन श्रमजीवी यूनियन के नेतागण शामिल होंगे ।  इंकलाबी अभिवादन के साथ
कनहर बांध विरोधी संघर्ष समिति, कन्हर बचाओ आंदोलन, कैमूर महिला मज़दूर किसान संघर्ष समिति, कैमूर मुक्ति मोर्चा,  PUCL, अखिल भारतीय वन-जन श्रमजीवी यूनियन AIUFWP, न्यू ट्रेड यूनियन इनिशिएटिव NTUI,
आल इण्डिया पिपुल फ्रंट AIPF भू-अधिकार संघर्ष आंदोलन।


कनहर बांध का निर्माण रोकने के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण का स्टे आर्डर दिनांक 24-12-2014

BEFORE THE NATIONAL GREEN TRIBUNAL

PRINCIPAL BENCH, NEW DELHI

 

M.A  No. 902 of 2014 & M.A No. 903 of 2014

In

Orignial Application No. 521 of 2014

 

IN THE MATTER OF:

 

Om Dutt Singh & Ors. Vs. State of U.P & ors.

 

CORAM : HON'BLE MR. JUSTICE SWATANTER KUMAR, CHAIRPERSON

HON'BLE MR. JUSTICE U.D SALVI, JUDICIAL MEMBER

HON'BLE PROF. A.R. YOUSUS, EXPERT MEMBER

HON'BLE MR. BIKRAM SINGH SAJWAN, EXPERT MEMBER

 

Present : Applicant                                                   Mr. Rahul Choudahry, Adv

Respondent No. 1:                                               Ms. Savitri Pandey and Ms. Richa Dubey, Advs.

Respondent No. 2:                                               Ms. Pachajanya Batra Singh, Adv.


Date and Remarks

Order of the Tribunal

Item no. 05

December 24,2014

A

M.A No. 902 of 2014

 

Learned counsel appearing for Respondents accept Notice, waive service and pray for time to file the Reply. Let the Replies be filed within two weeks from today with advance copies to the Learned counsel appearing for the Applicant who may file Rejoinder(s) thereto, if any within two weeks there after.

 

In the meanwhile, Respondents are restrained from carrying on any construction activity at the site in question and fell any trees if they do not Environmental and Forest Clearance in accordance with law.

 

सरकार की तरफ से उपस्थित अधिवक्ता ने कोर्ट की नोटिस को स्वीकार किया व अपना जवाब देने के लिए कुछ समय की मांग की। माननीय न्यायालय ने 24 दिसम्बर 2014 को यह आदेश ज़ारी किया कि उ0प्र0 सरकार द्वारा 1980 मंे ली गई वन मंत्रालय की अनुमति के दस्तावेज न्यायालय को उपलब्ध कराने के लिए दो सप्ताह की मोहलत दी जाती है। लेकिन अगर उ0प्र0 सरकार के पास पर्यावरण एवं वनमंत्रालय की अनुमति पत्र कानून के अनुरूप नहीं है, तब तक निर्माण स्थल पर किसी भी तरह के निर्माण करने एवं वृक्षों को काटने के लिए पूर्ण रूप से रोक लगाई जाती है।


न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार


 

 

 

 



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