कश्मीरी छात्रों की देहरादून में गिरफ्तारी कांग्रेस की मुस्लिम विरोधी राजनीति का सबूत – रिहाई मंच
लखनऊ। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा 16 कश्मीरी छात्रों को अफजल गुरू की फांसी का विरोध करने पर गिरफ्तारी पर देशव्यापी विरोध शुरू हो गया है। रिहाई मंच ने कहा है कि पुलिस और बजरंग दल के गुण्डों द्वारा पिटाई और गिरफ्तारी कांग्रेस सरकार की कश्मीरी मुस्लिम विरोधी मानसिकता है। रिहाई मंच ने तत्काल उन्हें रिहा करने की मांग की है।
रिहाई मंच के प्रवक्ता शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने बताया कि देहरादून के उत्तराखण्ड इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के आदिल रशीद, आदिल अजीज भट् (वेरीनाग, अनंतनाग), इरफान अशरफ, वशीद अरहमन पुत्र अब्दुल समद पंडित (डूरु, सोपोर), अंजारुल अहद समेत कुल सोलह छात्रों को उस समय देहरादून पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जब वे अफजल गुरू को बिना निष्पक्ष सुनवाई के फांसी दे दिये जाने का शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन सोलह छात्रों को पुलिस ने देहरादून पुलिस लाइन में रखा है और उन पर शांति व्यवस्था भंग करने का आरोप लगाया है और उन पर अनलॉफुल एक्टीविटीज प्रिवेन्शन एक्ट के तहत फँसाने की लगातार धमकी दी जा रही है।
रिहाई मंच ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने पहले तो अफजल गुरू को फांसी देकर कश्मीर के नाम पर सांप्रदायिक हिंदू वोट बैंक को भाजपा से छीनने की कोशिश की और अब कांग्रेस शासित राज्यों में कश्मीरी मुसलमानों पर हमला करके पूरे देश के हिंन्दुत्वादी जेहनयित को यह संदेश दे रही है कि कश्मीर के मुसलमानों से वह संविधान प्रदत्त हर अधिकार छीन लेगी।
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