Thursday, 03 May 2012 17:00 |
नयी दिल्ली, तीन मई (एजेंसी) अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ दिए जाने का समर्थन करते हुए बसपा सहित अधिकांश दलों ने आज राज्यसभा में इसके लिए संविधान संशोधन की मांग की। पदोन्नति मामले में आरक्षण का लाभ देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था। बसपा सहित विभिन्न दलों का मानना था कि शीर्ष अदालत के फैसले से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए संविधान में संशोधन आवश्यक है अन्यथा हजारों अजा....अजजा कर्मचारियों के हितों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। भाजपा के थावर चंद गहलोत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के खिलाफ या तो पूर्ण पीठ में अपील हो या संविधान में संशोधन किया जाए। अदालत की व्यवस्था की वजह से अजा अजजा वर्ग के अधिकारों का हनन हुआ है। माकपा के टी के रंगराजन ने कहा कि चाहे कितने संविधान संशोधन कर लिए जाएं लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र में अजा अजजा वर्ग के उम्मीदवारों के नामों पर विचार नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि संविधान में संशोधन नहीं बल्कि मानसिकता में बदलाव ज्यादा जरूरी है क्योंकि केवल कानून से ही स्थिति में सुधार नहीं होगा रंगराजन ने कहा कि चयन समितियों में अजा अजजा वर्ग के लोगों को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। पदोन्नति वाली नौकरियों में भी इन वगो' को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही इन वगो' के लिए अतिरिक्त पदों का सृृजन भी किया जाना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि देश को आजाद हुए 60 साल हो चुके हैं लेकिन आज तक हमें आरक्षण के मुद्दे पर संसद में बहस करने की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने कहा कि संसद में ऐसे समुचित कानून बनाए जाने चाहिए जिससे आरक्षण के मुद्दों से जुड़े विभिन्न विवादों का स्थायी समाधान हो सके। सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि उनकी पार्टी पदोन्नति में आरक्षण दिए जाने के सिद्धांत से सहमत है लेकिन ज्येष्ठ वरिष्ठता के मुद्दे पर उसे आपत्ति है। उन्होंने कहा कि ज्येष्ठ वरिष्ठता के सिद्धांत में कई व्यवहारिक खामियां हैं जिसके चलते अजा और अजजा वर्ग के अलावा अन्य कर्मचारियों को पदोन्नति पाने में काफी कठिनाइयां होंगी। |
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