मुंबई, 21 मार्च (एजेंसी)। शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि यूपीए के सहयोगी दलों के बारे में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान से हमें तकलीफ पहुंची है। सिंह ने सोमवार को संसद में इस बात का जिक्र किया था कि नीतियां बनाते समय और अन्य फैसले करते समय एक गठबंधन सरकार को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा था कि गठबंधन की मजबूरी के चलते मुश्किल फैसले लेने में 'और मुश्किले'ं खड़ी हो जाती हैं। कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के विभिन्न मुद्दों पर सहयोगी दलों से सख्त विरोध का सामना करने के मद्देनजर उनका यह बयान आया था। पवार ने कहा-ऐसा एक भी वाकया नहीं है, जहां हमने (राकांपा) सरकार के लिए कोई अड़चन डाली हो। इस तरह के बयान से हमें दुख और बेचैनी हुई है। पवार ने कहा-मैं राकांपा प्रमुख हूं। संसद में हमारे 15 सांसद हैं। हम पिछले सात-आठ साल से इस प्रधानमंत्री और इस सरकार के साथ काम कर रहे हैं। ऐसा कोई मौका नहीं आया जब सरकार ने कोई फैसला किया हो और राकांपा ने दूसरा फैसला किया हो। उन्होंने कहा-हमने गठबंधन धर्म का पालन किया है। यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी से क्या सरकार अस्थिर हो जाएगी, पवार ने कहा कि वह इस तरह की किसी चीज को होते हुए नहीं देख रहे हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने मध्यावधि चुनाव की संभावना से इनकार किया। पवार ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी को सत्तारूढ़ गठबंधन से कोई शिकवा शिकायत नहीं है। उनकी प्रतिक्रिया सिर्फ प्रधानमंत्री के बयान तक सीमित है। उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री को किसी सहयोगी पार्टी से कोई गिला है तो उन्हें इस पर एक रुख अख्तियार करने का पूरा अधिकार है। पर हमें प्रधानमंत्री के बयान से दुख हुआ क्योंकि हमने (राकांपा) इस तरह का काम कभी नहीं किया जिसे गठबंधन धर्म के खिलाफ कहा जाए। उन्होंने कहा कि पिछले मंगलवार को यह फैसला किया गया कि यूपीए के सभी घटक दलों की नियमित तौर पर बैठक होगी। इसके मुताबिक रोजाना बैठक शुरू की गई। |
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