सुनील दत्त पांडेय देहरादून, 21 मार्च। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मंगलवार को अपने दस मंत्रियों को शपथ दिलवा ही दी। राज्यपाल मार्गरेट आल्वा ने यहां ओएनजीसी के आंबेडकर स्टेडियम में एक समारोह में सभी दस मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय राज्यमंत्री हरीश रावत और नैनीताल के सांसद केसी बाबा और कांगे्रस के छह विधायक नहीं पहुंचे। जबकि हरीश रावत के दाहिने हाथ माने जाने वाले अल्मोड़ा के सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरबंस कपूर सहित कांग्रेस के कई नेता शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे। भाजपा के 29 विधायक शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आए। राज्यपाल ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता डा. इंदिरा हृदयेश को सबसे पहले शपथ दिलाई। उनके अलावा प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह, सुरेंद्र सिंह नेगी, दिनेश अग्रवाल, पौड़ी गढ़वाल से सांसद सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत, निर्दलीय विधायक मंत्री प्रसाद नैथानी, हरीश चंद्र दुर्गापाल, उत्तराखंड क्रांति दल के प्रीतम सिंह पंवार और बसपा के सुरेंद्र राकेश को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई। मंत्रिमंडल में सभी मंत्री कैबिनेट स्तर के है। कोई राज्यमंत्री नहीं बनाया गया है। मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से नाराज टिहरी से निर्दलीय विधायक दिनेश धनई काफी गुस्से में दिखाई दिए। सूत्रों के मुताबिक धनई और उनके दो-ढाई सौ समर्थकों ने बीजापुर गेस्ट हाउस में जम कर हंगामा किया और कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी चौधरी वीरेंद्र सिंह और सोनिया गांधी के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। वीरेंद्र सिंह और धनई में नोकझोंक भी हुई। मारपीट तक की नौबत आ गई। बाद में कांग्रेस के कई नेताओं के बीच-बचाव करने पर मामला शांत हुआ। बाद में धनई ने पत्रकारों से कहा कि वे जब दिल्ली में सोनिया गांधी से कांग्रेस को समर्थन देने के लिए मिले थे तब सोनिया गांधी ने उन्हें उत्तराखंड सरकार में मंत्री बनाने का वादा किया था। लेकिन अब उन्हें मंत्रिमंडल में जगह न देकर वादा खिलाफी की गई है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी उनकी नजर में बेहद कमजोर नेता साबित हुई हैं। धनई ने कहा कि वे जल्दी ही अपने समर्थकों के साथ बैठक कर इस बारे में विचार करेंगे कि बहुगुणा सरकार को समर्थन जारी रखा जाए या नहीं। मंत्रिमंडल में कांगे्रस के वरिष्ठ विधायक और नारायण दत्त तिवारी के दामाद नवप्रभात को भी जगह नहीं मिली है। बहुगुणा नवप्रभात को पसंद नहीं करते हैं। बहुगुणा ने विकासनगर विधानसभा क्षेत्र से नवप्रभात का टिकट काट कर अपने खास रामशरण नौटियाल को टिकट दे दिया था। पंरतु तिवारी के दबाव में नवप्रभात को टिकट दिया गया। मंत्रिमंडल में जगह न मिल पाने के कारण नवप्रभात भी नाराज बताए जा रहे हैं। माना जा रहा था कि बहुगुणा 11 मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। लेकिन 10 मंत्रियों को ही शपथ दिलाई। एक मंत्री पद उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हरक सिंह रावत के लिए छोड़ दिया। हरक सिंह रावत ने बहुगुणा मंत्रिमंडल में मंत्री न बनने की कसम ली है। इसलिए वे मंत्री बनने के लिए राजी नहीं हुए। उन्हें मनाने के लिए कांग्रेस हाईकमान लगा हुआ है। रावत उपमुख्यमंत्री पद से नीचे कोई पद लेने को तैयार नहीं हैं। इस तरह बहुगुणा का मंत्रिमंडल का शपथग्रहण समारोह विवादों के घेरे में निपटा। |
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