uesday, 13 March 2012 16:36 |
नयी दिल्ली : देहरादून, 13 मार्च (एजेंसी) केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत की बगावत से अविचल कांग्रेस आला कमान ने आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के मामले पर दोबारा विचार करने से इंकार कर दिया। साथ ही यह कहा कि पार्टी सांसद विजय बहुगुणा ही निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राज्य के नये मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। केन्द्रीय मंत्रिमंडल में कृषि और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम की अनदेखी किए जाने से नाराज होकर अपना इस्तीफा भेज दिया। रावत भाजपा के मुरली मनोहर जोशी को हराकर 1980 में लोकसभा पहुंचे थे और उसके बाद तीन बार फिर लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। उन्हें दस वर्ष पहले भी नारायण दत्त तिवारी को तरजीह देते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी से महरूम कर दिया गया था। टम्टा ने कहा कि इस मामले में केन्द्रीय मंत्री के साथ जो 'अन्याय' किया जा रहा है वह राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए भारी निराशा का सबब है। हालांकि उन्होंने इस मामले पर पार्टी में किसी तरह की फूट से इंकार करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उनकी नेता है, ''पार्टी को कोई नहीं तोड़ सकता।'' टम्टा ने कहा, ''हम सिर्फ इतना कह सकते हैं कि इस मामले में जो कुछ हुआ है वह रावत के साथ अन्याय है। वह एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो उत्तराखंड में सब को मान्य हैं और पार्टी का चेहरा हैं।'' हरीश रावत की बगावत के बारे में पूछे जाने पर बहुगुणा ने कहा कि वह एक कांग्रेसी हैं और यह समस्या पार्टी का अंदरूनी मामला है। उन्होंने विश्वास जताया कि आलाकमान सलाह मशवरे से इस मामले को हल कर लेगा। उन्होंने कहा कि मंत्रिमडल में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों पर आला कमान से विचार किया जाएगा। इस मामले पर सहयोगी दलों से भी विचार किया जाएगा। |
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