प्रदीप वत्स मेरठ, 20 मार्च। उत्तर प्रदेश में पिछले एक दशक से राज्य के आईएएस व आईपीएस सहित दूसरे अधिकारियों को सत्ता से जुुड़े होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। मायावती ने सत्ता संभालते ही सैकड़ों अधिकारियों के तबादले किए थे। अब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बसपा सरकार के चहेते अफसरों को ठिकाने लगा रहे हैं। हालांकि सपा व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल का कहना है कि सरकार बदले की भावना सेकाम नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार ने मेरठ के कमिश्नर भुवनेश कुमार व कलक्टर अनिल कुमार का तबादला कर दिया है। इससे पहले एसपी (सिटी) डा. बीपी अशोक का भी तबादला कर दिया गया था। अखिलेश यादव ने खाद्य व रसद विभाग के आयुक्त संतोष कुमार यादव को मेरठ का आयुक्त बनाया है। जबकि मेरठ के कलक्टर पद पर गोठवल को तैनात किया है। 2007 में बसपा प्रमुख मायावती ने मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश के सैकड़ों अफसरों के तबादले कर दिए थे। बसपा राज में एक ही साल में डीआईजी के पद पर तैनात पांच अफसरों का तबादला कर दिया गया था। मायावती ने मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद विजय प्रकाश को मेरठ का पुलिस कप्तान बनाया। लेकिन दो साल के भीतर ही ज्योति नारायण, आलोक सिंह, प्रेम प्रकाश व रघुवीर लाल को इधर-उधर कर दिया गया। 2009 में तो डीआईजी एके सिंह, अजय आनंद, ब्रजभूषण व अनिल कुमार को यहां तैनात करने के बाद उनके तबादले कर दिए गए। पुलिस अफसर यहां के हालात संभालते इससे पहले उनके तबादले कर दिए गए। मायावती ने स्थिति को समझने का प्रयास नहीं किया। जिसकी वजह से उनका कानून का राज देने का दावा धराशायी हो गया। राज्य में चुनाव के घोषणा होने के बाद चुनाव आयोग ने कुछ अफसरों के तबादले किए। जिनमें मेरठ के डीआईजी पद पर तैनात प्रेम प्रकाश भी शामिल थे। चुनाव आयोग ने प्रेम प्रकाश के स्थान पर हरिराम शर्मा को यहां तैनात किया। प्रेम प्रकाश मायावती के करीबी अफसरों में थे। यही हाल एसपी बीपी अशोक का हुआ। उन्होंने लखनऊ में सपा आंदोलन के दौरान अखिलेश यादव के साथ बदसलूकी की थी। साथ ही सपा नेता शिवपाल यादव जब यहां अपने विधायक विजय मिश्र से मिलने मेरठ जेल पहुंचे तो वहां भी एसपी सिटी ने गैर जिम्मेदाराना व्यवहार उनसे किया। प्रदेश सरकार ने बीपी अशोक का तबादला चुनार के भर्ती प्रशिक्षण केंद्र में किया है। अभी कुछ और अफसरों पर तबादले की गाज गिरेगी। पिछले एक दशक में सपा व बसपा के शासनकाल पर गौर करें, तो कुछ खास अफसर दोनों दलों के चहेते बने हुए हैं। जिसकी वजह से सरकार बदलते ही उनका जाना भी तय माना जाता रहा है। हालांकि सपा नेता गोपाल अग्रवाल का कहना है कि प्रदेश सरकार किसी भी अफसर के खिलाफ बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं करेगी। बल्कि प्रदेश के काबिल अफसरों को बेहतर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। |
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