Sunday, 22 January 2012 18:15 |
मुंबई...नयी दिल्ली, 22 जनवरी (एजेंसी) महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते :एटीएस: द्वारा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से एक मुखबिर की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ से उसकी तनातनी हो गयी है और मामले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है। नयी दिल्ली के रहने वाले नाकी अहमद को महाराष्ट्र एटीएस ने कथित रूप से जाली दस्तावेजों पर सिम कार्ड हासिल करने के मामले में गिरफ्तार किया था लेकिन उसके परिवार ने अलग ही कहानी बताई है। केंद्रीय एजेंसियों और विशेष प्रकोष्ठ ने एटीएस से उनके अभियान को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की लेकिन आरोप है कि एटीएस ने मुंबई में अहमद के दोनों बड़े भाइयों के अलावा दिल्ली में भी एक भाई को परेशान किया। दिल्ली में नाकी के भाई ताकी ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला से मुलाकात की और पूरा घटनाक्रम सुनाया। हबीबुल्ला ने उसे आयोग के सदस्य केएन दारूवाला के पास भेज दिया, जो महाराष्ट्र से जुड़े मामले देखते हैं। सूत्रों के अनुसार दारूवाला ने मुंबई पुलिस आयुक्त अरुण पटनायक और महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख राकेश मारिया से संपर्क की कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद आयोग ने महाराष्ट्र के गृह सचिव यूसी सारंगी को सख्त लहजे में पत्र लिखकर उनसे पूरे घटनाक्रम पर रिपोर्ट आयोग को देने को कहा। एसएमएस के माध्यम से पटनायक और मारिया की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के प्रयास भी नाकाम रहे। ताकी अपने भाई को न्याय दिलाने के लिए इधर से उधर चक्कर काट रहा है। महाराष्ट्र एटीएस पर पहले भी इस तरह के आरोप लगते रहे हैं। वर्ष 2008 में एटीएस ने आईबी को तथा अन्य राज्य पुलिस बलों को सूचित नहीं किया था कि उसने मुंबई के अपराधी अफजल उस्मानी को पकड़ा है जिस पर जुलाई, 2008 में अहमदाबाद में बम विस्फोट में इस्तेमाल के लिए वाहन मुहैया कराने के आरोपों में मुकदमा चल रहा है। एटीएस ने जर्मन बेकरी विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने का दावा करके गृह मंत्री पी. चिदंबरम को भी नाराज कर दिया था जब पता चला था कि उन्होंने गलत पहचान की थी। |
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7 years ago
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