सर्दियों से इस तरह जूझें…
लेखक : नैनीताल समाचार :: अंक: 07 || 15 नवंबर से 30 नवंबर 2011:: वर्ष :: 35 :December 1, 2011 पर प्रकाशित
आनन्द अग्रवाल
http://www.nainitalsamachar.in/protect-yourselves-from-cold-in-pahar/
25 साल पहले सरकार ने रसोई गैस का पाठ पढ़ाकर पहाड़ की जनता को चूल्हों के धुएँ से निजात दिलाई थी। उस समय गैस सुविधाजनक होने के साथ-साथ किफायती भी थी। अब सरकार ने गैस की दरें ऊँची करने के साथ वर्ष भर में चार से अधिक सिलेंडर उपभोक्त को न देने का मन बनाया है। पाँचवें सिलेंडर पर अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया है। इस पर सब्सिडी न देना पहाड़ के लोगों को महंगा पड़ सकता है। पहाड़वासियों को अपने चूल्हे जिन्दा रखने के लिये एक बार फिर जंगलों पर निर्भरता बढ़ानी पड़ रही है। मगर जंगलों का यह कटान भी सरकार को रास नहीं आयेगा।
पेट्रोल के दामों में पिछले डेढ़ सालों में 12 बार बढ़ोतरी हो चुकी हो तो गैस पर उसका असर पड़ना लाजमी है। सर्दियाँ आ चुकी हैं। अब हमें प्राकृतिक संसाधनों का अनावश्यक दोहन न करते हुए ठंड से बचने के उपाय तलाशने हैं। चीड़ की बहुतायत वाले पहाड़ों में इसके ठीठे काफी मात्रा में मिल जाते हैं। इनके कोयले में 40 डिग्री से. से ज्यादा का तापमान रहता है, अतः हम इनसे पानी आदि गर्म कर सकते हैं। इसी तरह बेकार झाड़ को, जो गर्मियों में आग का कारण बनता है, को भी इकट्ठा कर उसका सदुपयोग कर सकते हैं। अपने स्वास्थ्य का ध्यान अवश्य रखें। गर्म कपड़े, टोपी व दस्तानें पहनें। सम्भावित बीमारियों के मद्देनजर कुछ जरूरी दवाइयाँ अवश्य साथ रखें। कड़कती ठंड में बिस्तर पर जाने का मन नहीं करता, अतः अपने साथ रबड़ या काँच की बोतलों में गुनगुना गर्म पानी भरकर सावधानीपूर्वक बंद कर सोने से पहले बिस्तर में रख सकते हैं। इन सब सावधानियों के बाद आप साहस रखते हैं तो सुबह-सुबह मार्निंग वाक पर जा कर सर्दियों का आंनद ले सकते हैं।
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